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मैं उसकी चूत से अपना मुँह लगा कर चूस रहा था, कभी पूरी चूत अपने मुँह को पूरा खोल कर अन्दर ले रहा था तो कभी अपने दोनों हाथों से उसकी बुर को फैला के जीभ अंदर डाल रहा था। सोनिया की बुर फैलाने पर अंदर का गुलाबी नज़ारा पागल कर देने वाला था। अब मैं चूत के ऊपरी हिस्से को अपने होटों में लेकर खींच रहा था तो कभी दांतों से काट रहा था।
अब मुझे भी अपना लंड चुसवाने का मन हुआ तो मैं 69 पोजीशन में आ गया। तो सोनिया ने भी देर न करते हुए मेरे लंड पर ढेर सारा थूक लगा के मुठ मारने लगी। नीचे मैं भी सोनिया का चूत चाट चूस कर उसे बेहाल किये हुए था।
अब मैंने अपना लंड उसके होठों पे रख दिया जिसे वो अपना मुँह खोल कर खाने को तैयार हो गई। सोनिया पूरी खिलाड़िन जैसे मेरा लंड चूस रही थी, कभी लंड के टोपे को कभी पूरा लंड अपने गले तक ले रही थी, साथ में मेरी गोटियों को भी सहला रही थी।
नीचे मैं अब उसके चूत में ऊँगली डाल चुका था और चूत के दाने को सहला रहा था जिससे सोनिया अपने चूतड़ खूब हिला हिला कर मज़ा ले रही थी, ऐसा लग रहा था कि वो कभी भी झड़ सकती है। जितना उसे मज़ा आ रहा था उतनी ही तेजी से में वो मेरा लंड चूस रही थी और गांड को उछाल उछाल के चुसवा रही थी।
अचानक उसकी जांघों ने मेरे सर को कस लिया, वो अचानक अपने शरीर को इधर उधर करने लगी, वो पूरी तरह से झड़ चुकी थी। उसकी बुर से निकली मलाई मैंने चाट कर साफ़ कर दी। आअह… दोस्तो, किसी भी अपने सेक्स पार्टनर को इतना संतुष्ट देख कर सच में बड़ी ख़ुशी मिलती है।
पर अभी तक मेरा माल निकलना बाकी था। खैर मैंने उसकी परवाह नहीं की, सोनिया के मुँह से अपना लंड निकाल कर सोनिया को अपने बाँहों में लेकर लेट गया। ऐसे ही नंगे लेट कर हम लोग एक दूसरे से छेड़ छाड़ कर रहे थे, कभी सोनिया मेरे निप्पल को खींचती तो मैं उसके निप्पल को दांत से हक्का काट देता।
ऐसे ही एक दूसरे से छेड़छाड़ करते हुए सोनिया फिर से जोश में आने लगी। अब मैं उसकी चूत को हाथ से सहला रहा था वो मेरे लंड को मुठिया रही थी। मैंने भी देर न करते हुए सोनिया को हल्का तिरछा किया और उसका एक पैर ऊपर उठा कर बुर पे लंड रख दिया। बुर गीली होने के कारण हल्के धक्के में ही मेरा लंड उसकी बुर में आधा चला गया। अब मैं सोनिया के होटो को चूस रहा था और नीचे हल्का हल्का चोद रहा था।
तभी मैंने अपना लंड चूत से निकाला, केवल टोपा रहने दिया और एक तेज़ शॉट से पूरा लंड अंदर पेल दिया। सोनिया के मुंह से हल्की सिसकारी निकली- आआह्हह… आराम से… कही भागी नहीं जा रही हूँ। थोड़ी देर वैसे ही चुदाई करने के बाद बुर में लंड लगाये हुए मैं उसे लेकर पलट गया जिससे सोनिया मेरे ऊपर आ गई थी।
अब वो अपना दोनों पैर मोड़ के मेरे लंड पर बैठ गई, पूरा लंड अंदर जड़ तक जा घुसा था, वो उछल उछल कर मुझे चोद रही थी। उसके हर धक्के पर उसकी चूची मस्त ऊपर नीचे उछल रही थी जिन्हें देख कर मुझे और मस्ती आ रही थी। नीचे से मैं भी अच्छे से अपने कूल्हे उठा उठा कर अब तेज़ी से उसे चोद रहा था।
उसने मेरे ऊपर झुक कर अपनी एक चूची मेरे मुँह में दे दी। अब सोनिया के निप्पल को चूसते हुए नीचे मैं बहुत तेजी से उसे चोद रहा था। कुछ देर बाद वो कहने लगी- अजय, तुम ऊपर आओ अब! मैं ऊपर आ गया सोनिया के, एक कमाल की सेक्सी माल को अब मैं बहुत जंगली तरीका से चोदने वाला था।
उसके चूतड़ों के नीचे एक मोटा तकिया लगा दिया जिससे उसकी चूत ऊपर हो गई, अब सोनिया के दोनों पैर को ऊपर की ओर उठा कर अपना लंड उसकी चूत की गहराइयों तक पेल दिया। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
अब तो मैं सोनिया को बहुत तेज़ी से चोद रहा था आअह्ह्ह… सोनिया के मुख से केवल सिसकारी निकल रही थी ‘आअह्ह ऊआह्ह्ह… फ़क मी अजय… आआह्ह… ह्हह्हह्ह…’ उसकी आवाज़ भी साफ़ नही निकल रही थी इतनी मदहोश थी मेरी जान! मैं भी लंड को उसके बच्चेदानी तक पेल रहा था।
सोनिया ने अपनी जांघें मेरी कमर में लपेट ली और मुझे कस लिया, कहने लगी- और कस के अजय जान… और कस के चोदो। फाड़ दो मेरी चूत को मेरी जान। वो पागलों की तरह बकने लगी, कहने लगी- आ रही हूँ मैं… अजय और कस के चोदो मुझे!
तभी सोनिया का शरीर अकड़ने लगा, वो कहने लगी- कस के पकड़ लो मुझे अजय, मेरा शरीर कांप रहा है। और सोनिया मेरे पीठ पर अपने नाख़ून गड़ा रही थी।
कुछ देर बाद वो पूरी तरह से शांत हो गई थी पर मैं अभी कहाँ शांत हुआ था तो मैंने सोनिया को घोड़ी बनने को कहा। वो झट से अपने कूल्हे उठा कर मेरे सामने कुतिया के रूप में चौपाया खड़ी हो गई। मैंने भी उसकी कमर पकड़ी और पीछे से लंड डाल के चोदने लगा।
दोस्तो, क्या बताऊँ, मुझे डॉगी स्टाइल बहुत पसंद है। अब मैं सोनिया को सटासट पेलने लगा, कभी कमर पकड़ के, कभी कूल्हों पर चांटे मार मार कर! उसे भी अब मज़ा आने लगा था, सोनिया भी अपने चूतड़ आगे पीछे करके फ़ुद्दी चुदवाने का मज़ा पूरा ले रही थी।
आअह्हह… सच में मैं अब सातवें आसमान पर था, अब ऐसा लग रहा था कि मेरा भी माल निकल जायेगा। मैंने सोनिया से कहा तो बोली- अभी कंटोल करो 2 मिनट, मैं भी ओर्गस्म पर आ ही रही हूँ! तो मैंने अपना स्पीड थोड़ी कम की लेकिन चूत की जड़ तक मैं अपना लन्ड पेल रहा था।
जैसे ही मैंने अब तेज़ चोदना चालू किया, सोनिया फिर से कहने लगी- हाँ अजय… अब और तेज़… फ़क मी हार्ड अजय! मैं भी पूरे जोश में करता रहा। अब कंट्रोल नहीं हुआ तो सोनिया की चूत में ही अपने लंड का लावा छोड़ दिया।
मेरा छुटना था कि सोनिया भी आनन्द के चरम शिखर पर पहुँच गई, उसकी चूत ने रस छोड़ दिया और मेरे साथ ही बह निकली। ‘आआआह ह्हह्ह…’ मैंने अपना लंड बाहर निकाला तो हम दोनों का रस मिल कर उसकी चूत से बाहर आ रहा था।
फिर सोनिया और मैं एक साथ बाथरूम गए और साफ़ कर के एक दूसरे की बाहों में आराम करने लगे। उसके बाद हम दोनों ने कई बार चुदाई की।
दिल्ली के सफ़र को मेरी सोनिया ने यादगार बना दिया था।
तो दोस्तों कैसी रही मेरी चुदाई की कहानी… मेल करके बताना! [email protected]
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