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दोस्तो.. मैं गौरव जैन.. 25 साल उम्र.. बहुत आकर्षक तो नहीं.. लेकिन एकदम मासूम.. आज पहली बार अपना सेक्स अनुभव आप सभी के साथ शेयर कर रहा हूँ। मैंने पहले भी कई बार सोचा.. फिर सोचा छोड़ो रहने दो.. लेकिन आज मूड बनाकर लिख ही रहा हूँ।
दोस्तो, मैं नोएडा में रहता हूँ और सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूँ.. मेरा लौड़ा 8 इंच लम्बा और 3.4 इन्च गोलाई में मोटा है, मेरा नापा हुआ है।
लड़कियों, भाभियों को इंप्रेस करने के लिए कहानी लिखने में 90% लोग अपना ज्यादा ही बताते हैं.. लेकिन विश्वास कीजिए.. यह मेरा असली आकार ही है और मुझे मेरे इसी लंड के आकार के वजह से ही ज्यादातर चूतें मिलीं। यह आपको आगे कहानी में पता चल जाएगा।
घटना एक साल पहले की है.. जब मैं इन्जीनियरिंग के अंतिम साल में था और किराए पर दो कमरे का फ्लैट लेकर रहता था.. उस फ्लैट में हम 4 लड़के रहते थे। दो कमरे मकान मलिक के यहाँ एक आंटी.. उम्र लगभग 60 साल.. भैया 40 साल.. भाभी 33 साल.. और उनके 2 बच्चे रहते थे।
भाभी का फिगर ठीक-ठीक था.. 32-28-30.. भैया हम लोगों के अच्छे फ्रेंड बन गए थे। भाभी के साथ भी हम सब मजाक कर लेते थे.. लेकिन कभी ऐसा नहीं लगा कि भाभी हम लोगों को कुछ दिखा रही हों या कुछ ऐसे-वैसे इंडिकेशन.. मतलब सब कुछ सही चल रहा था। फिर अचानक कुछ समय बाद भाभी मुझमें ज्यादा इंटरेस्ट लेने लगीं.. मेरे सामने अपने बदन के कामुक अंग दिखाने लगीं। हर वक्त मुझसे टच होती थीं.. मम्मों को दिखातीं.. मेरे पैन्ट के नीचे लंड पर अपनी नजरें घुमातीं.. मुझसे गर्ल-फ्रेंड के बारे में पूछतीं.. फिर धीरे-धीरे वो सेक्सी बातें करने लगीं..
मैं भी हूँ एक लड़का कब तक कंट्रोल करता.. मेरे अन्दर भी सेक्स जाग गया। मैं भी उनके मम्मों देखने लग गया.. उन्हें छूने लग गया.. मेरे छूने पर भाभी ऐसे ही कंटीली स्माइल दे देती थीं..
एक दिन मैं नीचे उनके कमरे में गया.. तो देखा कि वो अल्मारी में अपने कपड़े ठीक कर रही थीं.. वहाँ उनकी ढेर सारी ब्रा पड़ी हुई थीं।
मुझे देख कर वो खुश हो गईं.. और बोलीं- प्लीज़ मेरी हेल्प कर दोगे? मैंने बोला- हाँ जी क्यों नहीं..
मैं उनके साथ उनके कपड़े ठीक करने में लग गया.. क्योंकि कपड़े बहुत सारे थे.. उस समय आंटी दूसरे कमरे में सो रही थीं।
इतने में वो एकदम से बोल पड़ीं- इनमें से कौन सी ब्रा तुम्हें अच्छी लग रही है। मैंने कहा- ब्लैक और वाइट..
मैंने भी मौका देख कर चौका मार दिया.. और कहा- भाभी आपकी ब्रा का साइज़ तो बहुत बड़ा है। वो हँसने लगीं और कहने लगीं- तुम्हें साइज़ नहीं पता क्या?
मैंने कहा- मैंने देखा ही कहाँ है? वो दो कदम और आगे बढ़ कर बोलीं- तो देखकर नाप लो ना.. रोका किसने है? यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
इतने में मेरा हैण्डपंप खड़ा होने लगा। उन्होंने शायद ये देख लिया था.. इसलिए और इतनी सेक्सी बातें कर रही थीं। मैं समझ गया था कि आज ये चुदने के मूड में हैं.. मैंने भी तुरंत उन्हें अपनी ओर खींचा और उनकी कमर में हाथ डाल कर किस करने लगा।
पहले तो वो थोड़ा हिचकिचाईं फिर बाद में साथ देने लगीं.. लेकिन मेरी किस्मत खराब थी उसी वक्त आंटी जाग गईं। हम दोनों एकदम से अलग हुए और मैं उधर से चला गया। लेकिन अब तक मेरा हैण्डपंप पूरी तरह से टाइट हो चुका था।
मेरी सफ़ेद रंग की फ्रेंची जॉकी में उसकी हालत खराब हो रही थी। मैंने ऊपर अपने कमरे में जाकर उसे ठीक किया। फिर कुछ दिनों तक हम दोनों को कुछ भी करने का मौका नहीं मिल पाया।
फिर एक दिन मुझे मौका मिला.. तो मैंने भाभी से कहा- साइज़ नापने का अधूरा काम आज पूरा कर लें? तो वो हँस दीं और बोलीं- हट बदमाश.. मैंने कहा- अभी आपने मेरी बदमाशी देखी ही कहाँ है। वो बोलीं- अच्छा जी.. तो दिखाओ अपनी बदमाशी.. हम भी तो देखें.. आप कितने बड़े बदमाश हैं या सिर्फ़ बोलने के ही हैं..
उस टाइम आंटी मंदिर गई थीं और भैया ऑफिस गए थे.. मेरे सभी साथी कॉलेज गए थे। मेरा उस दिन लेक्चर नहीं था.. सो मैं फ्लैट पर ही रुक गया था।
उस दिन भाभी ने ब्लू साड़ी पहनी हुई थी.. ब्लू ब्लाउज.. मैंने पैन्ट और शर्ट.. पहना था।
मैंने भाभी को पकड़कर अपनी तरफ़ खींचा और किस करने लग गया। मैं उन्हें 10 मिनट तक किस करता रहा। वो बोलीं- गौरव जी.. जो बदमाशी करनी है जल्दी कीजिए.. मम्मी जी आती ही होंगी..। मैं उन्हें किस करते-करते उनके चूतड़ दबाने लगा, साड़ी का पल्लू पीछे गिरा दिया।
कसम से क्या मम्मे थे.. मैंने ब्लाउज के ऊपर से ही दबाना चालू कर दिया… इधर मेरा लंड टाइट हो गया था.. पैन्ट के ऊपर से पूरा फूल गया था.. जो भाभी देख रही थीं। मैंने कहा- भाभी क्या देख रही हो? कहने लगीं- गौरव, तुम्हारा ये तो बहुत मोटा और लंबा लग रहा है। कह कर वे उसको टच करने लगीं.. मैंने कहा- निकाल लो ना भाभी.. ये बाहर आने को तड़प रहा है..
इतने में मैंने उनका ब्लाउज और साड़ी उतार फेंकी.. भाभी ने मेरी पैन्ट उतार दी.. और फ्रेंची भी उतारने लगीं.. जैसे ही उन्होंने मेरा अंडरवियर उतारा.. मेरा 8 इंच लंबा लंड और 3.4 इंच मोटा अजगर सांप.. उनके मुँह के सामने आ गया.. वो तो देख कर हक्की-बक्की रह गईं।
वो कहने लगीं- ओ माय गॉड.. इतना लंबा और मोटा.. ये तो मेरे कलाई से भी मोटा है.. गौरव, प्लीज़ मुझे आज जल्दी से चोद दो.. मैं इतने मोटे लम्बे लंड से कभी नहीं चुदी.. तुम्हारे भैया का तो 6.5 इंच लंबा और 2.5 इंच मोटा है.. मुझे उसी से बहुत दर्द होता है.. फिर इससे चुदने में कितना मजा आएगा..
इतने में मैंने उनके सारे कपड़े उतार दिए और बिस्तर में पटक कर उनके मम्मों को चूसने लगा। धीरे-धीरे में उनकी झांटोंदार चूत में अपना मुँह ले आया, मैं उनकी दोनों टाँगें फैला कर चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा। जैसे मैंने जीभ चूत के मुँह पर रखी.. वो चिल्ला पड़ीं- आआआ आअहह..
मैं और जोश में आ गया और ज़ोर-ज़ोर से चूत चाटने लगा। मैंने अपनी उंगली चूत में डाल दी वो फिर से चिल्ला पड़ीं- आआआहह.. गौरव.. प्लीज़ अब जल्दी से मुझे चोदो.. डाल दो अपना लंड.. अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है.. मैंने कहा- डालूँगा मेरी जान.. आज अपने लंड से तेरी चूत का सारा पानी निकाल दूँगा..
फिर मैंने उनको उठाया और अपना लंड उनके मुँह में दे दिया.. वो ‘घपाघप’ लौड़ा चूसने लगीं.. मेरा लंड उनके मुँह में पूरा आ ही नहीं रहा था।
करीब 10 मिनट तक वो लण्ड चूसती रहीं फिर बोलीं- तू तो असली मर्द है.. तेरा तो माल निकल ही नहीं रहा है! मैंने कहा- अभी तो मैंने घुसाया ही नहीं आपकी चूत में.. जब चोदना चालू करूँगा तब आपको पता चलेगा कि मैं कैसा मर्द हूँ.. हम दोनों को आंटी के आने के डर से जल्दी भी हो रही थी।
मैंने भाभी के टाँगें खोलीं और अपना लंड उनकी चूत में घुसा दिया.. वो चिल्ला पड़ीं- आआआहह.. ओ माय गॉड.. गौरव निकालो बाहर.. साला कितना मोटा है.. फाड़ दी तूने तो मेरी..
मैं और जोश में आ गया और पूरी ताकत से पेलता चला गया.. वो चिल्ला रही थीं- ऊऊह ऊऊई.. आआ आआअहह.. नो नो.. ओह माय गॉड.. बहुत बड़ा है.. आआअहह.. गौरव प्लीज़ बस करो प्लीज़.. आआआहह..
इतने में वो 2 बार झड़ चुकी थीं.. मेरा भी निकलने वाला था.. सो 10 मिनट बाद मैंने ज़ोरदार चुदाई शुरू कर दी और अपना पानी उनकी चूत में निकाल दिया। दस मिनट में उनका 3 बार पानी निकल गया था।
कुछ पलों बाद भाभी ने बताया- मैंने एक बार तुझे घर के सामने रोड के किनारे पेशाब करते हुए तेरा लंड देख लिया था.. मुझे तभी पता चल गया था कि तेरा बहुत लंबा और मोटा है.. तभी से ही मैंने तुझसे चुदने की सोच ली थी।
यारो, यह घटना बिल्कुल सत्य है.. प्लीज़ मुझे मेल के जरिए अपने कमेंट्स दीजिएगा.. फिर मैं आगे बताऊँगा कि कैसे मैंने उनकी दूसरी चुदाई में गाण्ड मारी और वो झेल नहीं पाईं। [email protected]
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