This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
मैं अब झांसी में ही एक सरकारी विभाग में असिस्टेंट मैंनेजर की जॉब करता हूँ और अब अपने खुद के मकान में अकेला ही रहता हूँ। मैं एक 5 फ़ीट 9 इन्च लम्बा गोरा आकर्षक.. 6 इन्च लम्बे लण्ड वाला.. और रेगुलर जिम करने वाला व्यक्ति हूँ। मेरा लन्ड काफ़ी मोटा है और उसका सुपारा लड़कियों को बहुत पसन्द आता है।
यह मेरी पहली कहानी है.. कहानी सन 2005 की है जब मैंने झांसी के एक इन्जीनियरिंग कालेज में कंम्पयूटर इन्जीनियरिंग में दाखिला लिया। उस समय मेरे पास लैपटॉप था.. जो 2005 में बहुत कम लोगों के पास होता था। जिसकी वजह से मैं अपने दोस्तों और सीनियर्स में फ़ेमस हो गया था।
हम सारे दोस्त पढ़ाई के साथ-साथ मेरे लैपटॉप पर ही मूवी और ब्लूफिल्म देखा करते थे। हम सभी किसी न किसी लड़की को गर्लफ्रेन्ड बनाने के बारे में चर्चा करते रहते थे.. लेकिन सत्य यह था कि उस साल दीवाली तक मेरा कोई चक्कर न चला।
जब मैं दीवाली की छुट्टियों में अपने घर जा रहा था.. तो बुन्देलखन्ड एक्सप्रेस में मेरी पास वाली सीट पर एक मस्त लड़की बैठी थी.. जिसकी लम्बाई कम थी पर चेहरा.. गाण्ड और चूचियों के उभार बड़े मस्त थे।
वो 4 फ़ीट 11 इन्च लम्बी मेरी सीनियर सरिता (बदला हुआ नाम) थी। मैंने उसे ‘गुड-इवनिंग मैम’ कहा। उसने अपने सर को जुम्बिश देते हुए मुझसे मुस्कुरा कर कहा- तुम भी घर जा रहे हो? मैंने कहा- यस..
हम दोनों बातें करने लगे, बातों-बातों में पता चला कि उसका घर मेरे घर से लगभग 10 किलोमीटर दूर है। फ़िर मैंने कहा- आप मुझे अपने पुराने नोट्स दे देना.. परीक्षा के समय मेरे काम आ जायेंगे। उसने मुझे अपना नम्बर दिया और कहा- जब जरूरत हो तो फ़ोन करके बता देना और नोट्स ले जाना।
जब मैं घर पहुँचा तो दीवाली पर उसे फोन किया और विश किया।
फ़िर जब हम कॉलेज लौटे तो कुछ दिनों के लिए उन्होंने मेरा लैपटॉप माँगा और मैंने भी दे दिया। अब हमारी रोज फोन पर बात होती थीं। दो दिन बाद उसने मेरा लैपटॉप लौटाया और कहा- फ़िल्में बहुत देखते हो तुम? मैंने पूछा- आपको कौन सी पसन्द आई?
तो वो मुसकुरा दी और चली गई.. मैं समझ गया कि उसने ब्लूफ़िल्म भी देख ली हैं.. जो मेरे लैपटॉप में थीं।
वो मेरी सीनियर थी.. फ़िर भी मैंने मौका देख कर उसे फ़ोन पर ही ‘आई लव यू’ बोला.. वो थोड़ी नाराज हुई और उसने कहा- मिस्टर मेरा पहले से ब्वॉयफ्रेंड है। लेकिन फ़िर भी हमारी रोज बातें होती थीं.. धीरे-धीरे सेक्सी बातें भी होने लगीं। उसने बताया- मैंने झूठ कहा था कि ब्वॉयफ्रेंड है।
फ़िर हम दोनों ने कहीं अकेले मिलने का प्लान बनाया और पहुँच गए झांसी का किला.. सर्दियों का मौसम था.. इतने बड़े किले में हमें कोई नहीं दिख रहा था.. कोहरा भी बहुत था और हम हाथ में हाथ लिए घूम रहे थे। फ़िर एक सुरक्षित कोना देखा और वहीं बैठ गए।
मैंने उसे गले लगा लिया.. अब हमारी धड़कने बढ़ने लगी थीं। धीरे से मैंने उसे किस किया.. वो भी मेरा साथ दे रही थी और मैं उसकी जैकेट में हाथ डाल कर उसकी मस्त-मस्त चूचियों को दबा रहा था।
मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लन्ड पर रखा तो वो शर्मा गई.. पर वो उसे ऊपर से ही सहलाने लगी। मैं अब उसकी चूत को उसके जीन्स के ऊपर से ही दबा रहा था। मैंने उसकी पैन्ट का बटन खोलने की कोशिश की.. तो उसने कहा- कोई देख लेगा..
फ़िर हम दोनों वहाँ से खड़े हुए और मैं उसे किले में बिल्कुल अन्दर बने कमरे की तरफ़ ले गया।
बहुत देर बाद मुझे किले में नीचे की तरफ़ एक अन्धेरा और बहुत बड़ा कमरा दिखा.. उस कमरे के आखिरी कोने में हम दोनों बैठ गए। अअन्धेरे और कोहरे की वजह से वहाँ हमें कोई नहीं देख सकता था।
हम दोनों ने इससे पहले कभी किसी के साथ सेक्स नहीं किया था.. पर ब्लू-फ़िल्म बहुत देखी थीं।
मैंने उसे कस कर पकड़ लिया और उसके होंठ चूसने लगा.. वो भी मेरा लन्ड सहला रही थी। मैंने उसकी जीन्स का बटन खोला और उसकी चूत में उंगली डाल कर सहलाने लगा।
सरिता अब जोर-जोर से सिसकारियाँ ले रही थी और उसने भी मेरा लन्ड बाहर निकाल लिया था। मेरा लवड़ा देख कर उसने कहा- अरे ये तो बहुत मोटा है.. ठन्ड भी बहुत है यहाँ.. हम सेक्स कैसे करेंगे। अब तो कन्ट्रोल भी नहीं हो रहा.. मैंने कहा- एक उपाय है.. तो वो बोली- जल्दी करो ना..
फ़िर मैंने उसे झुकाया और उसका पैन्ट और पैन्टी थोड़ी नीचे की और पीछे से अपना लन्ड उसकी चूत पर रख कर रगड़ने लगा।
उसकी चूत भी गीली हो चुकी थी.. उसकी गर्मी से मेरा लन्ड और सख्त होता जा रहा था।
मैंने उसकी पतली सी कमर पकड़ी और अपना मोटा लन्ड उसकी चूत पर रख कर दबाया.. उसकी ‘आह्ह्ह..’ निकल गई.. पर लन्ड की सिर्फ़ टोपी ही अन्दर गई।
वो जोर-जोर से सिसकारियाँ ले रही थी। फ़िर हमने धीरे-धीरे कोशिश की.. अब लन्ड पूरा अन्दर जा चुका था और उसे भी मजा आ रहा था। मुझे ऐसे लग रहा था कि जैसे मैं एक छोटी सी गुड़िया को चोद रहा हूँ। मैं लगतार 15 मिनट तक उसकी चूत में लन्ड के झटके मारता रहा।
तभी वो अकड़ी और सिसका पड़ी- उई.. माँ.. मैं गई.. उसी के साथ मैं भी झड़ गया। हमने वहाँ खड़े-खड़े तीन बार और सेक्स किया.. उसे बहुत मज़ा आया।
फ़िर कुछ दिन बाद मैंने हॉस्टल छोड़ कर बाहर एक रूम ले लिया.. जिसका गेट मकान मालिक से अलग था और घर से मोटरसाईकल ले आया। अब जब भी मौका मिलता.. वो मेरे रूम पर आ जाती और हम खूब मज़े करते। कई बार वो रात को भी मेरे रूम पर रुक जाती।
एक दिन उसने बताया- मैं अपन दोनों की सेक्सी बातें अपनी एक सहेली को बताती हूँ.. और मेरी सहेली भी एक बार सेक्स करना चाहती है.. क्या तुम एक बार उसके साथ सेक्स कर सकते हो। मैंने पूछा- उसका कोई ब्वॉयफ्रेंड नहीं है क्या?
वो बोली- नहीं.. पर वो मुझसे भी ज्यादा सुन्दर है.. एक साल पहले उसके एक पैर की हड्डी टूट गई थी.. इसलिए वो अब भी एक स्टिक के सहारे चलती है.. इसलिए कोई ब्वॉयफ्रेंड नहीं है.. और वो अपनी खुजली के वजह से परेशान भी रहती है.. लेकिन दो-तीन महीनों में सही से चलने लगेगी। मैंने कहा- ठीक है होली की छुट्टियों में मेरे मकान मलिक पूरे परिवार के साथ अपने गाँव जा रहे हैं। मैं यही रहूँगा.. और तुम भी अपनी सहेली के साथ आ जाना। तीन-चार दिन खूब मज़े करेंगे।
सब होली की छुट्टियों में जा चुके थे। उस दिन शाम सात बजे सरिता अपनी सहेली रीना के साथ मेरे रूम पर आ गई।
क्या मस्त लड़की थी रीना.. लगभग 5 फ़ीट 5 इन्च लम्बी.. दूध सी गोरी.. उसका 34-26-36 का मस्त साइज़.. उसे देख कर ही मेरा लन्ड खड़ा हो गया। वो मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी।
मैंने उन्हें अन्दर बुलाया और सरिता को पकड़ कर किस करने लगा। सरिता ने कहा- आज तुम सिर्फ़ रीना के साथ सेक्स करोगे.. मेरे पीरियड कल खतम हो जायेंगे.. फ़िर कल रात से हम तीनों सेक्स करेंगे।
फ़िर मैंने झटके से रीना को पकड़ा और किस करने लगा।
मैं धीरे-धीरे उसकी चूचियों को दबा रहा था और फ़िर उसके कपड़ों के साथ ब्रा और पैन्टी को उतारकर उसकी चूचियों को चूसते हुए उसके हाथ में अपना लन्ड पकड़ा दिया। वो बोली- उफ़्फ़.. ये तो काफ़ी मोटा है। तो सरिता ने कहा- चिन्ता ना कर.. आराम से चला जाएगा और तेरी चूत को मज़ा भी बहुत देगा.. चल अब चूस तो उसे..
अब रीना मेरा लन्ड चूस रही थी और मैं उसकी चूत.. अब उसके मुँह से जोर-जोर से सिसकारियाँ निकलने लगी थीं। मैंने उसे नीचे लिटाया और उसकी चूत पर अपना लन्ड रख के धीरे-धीरे दबाने लगा। वो ‘उह्ह.. आह्ह..’ कर रही थी। जब आधा लन्ड अन्दर चला गया.. तो मैं धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करने लगा।
फ़िर एक झटके में पूरा अन्दर डाल दिया.. तो वो चीख पड़ी।
मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रखे और उसे चोदने लगा। अब उसके मुँह से मस्त ‘उस्स.. आह्ह..’ की आवाज़ आ रही थी। कुछ देर में वो झड़ गई लेकिन मैं चोदता रहा और उसकी चूत में ही झड़ गया। फ़िर उसने मेरा लन्ड चाट कर साफ़ किया।
रीना के साथ सरिता से भी ज्यादा मज़ा आया।
इधर सरिता भी गरम हो चुकी थी लेकिन वो आज सेक्स नहीं कर सकती थी। वो मेरा लन्ड पकड़ कर चूसने लगी और मैं रीना को किस कर रहा था। साथ ही उसकी चूत और गाण्ड भी सहला रहा था।
फ़िर मैंने रीना की गाण्ड पर सरसों का तेल लगाया.. तो वो बोली- नहीं वहाँ मत डालो.. दर्द होगा। लेकिन सरिता के कहने पर वो मान गई।
फ़िर मैंने धीरे-धीरे अपना लन्ड उसकी टाइट गाण्ड में डाला.. उसे दर्द हुआ.. पर कुछ देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा। मैं उसकी गाण्ड को चोद रहा था और सरिता उसकी चूचियों को चूस रही थी और उसकी चूत सहला रही थी। बीच-बीच में रीना भी सरिता की चूचियों को चूस रही थी।
रीना के एक तरफ़ मैं लेटा था और दूसरी तरफ़ सरिता। मैं उसकी गाण्ड में ही झड़ गया।
फ़िर हम साथ साथ नहाए.. खाना खाया और रात भर मस्ती की।
रीना बहुत खुश थी.. उसने मुझे अगले दिन एक जीन्स टी-शर्ट गिफ़्ट की और सरिता अनार का जूस भी लेके आई थी।
उस रात और अगले दो दिन मैंने सरिता और रीना दोनों को खूब चोदा। उन दोनों ने भी खूब मज़े किए.. जूस पिया.. चिकन खाया और होली के दिन तीनों ने खूब बियर पी और जमके सेक्स किया।
रीना झाँसी की ही रहने वाली है और वो एक अमीर बाप की अकेली लड़की है, वो अभी भी जब समय मिलता तो मेरे पास आती है, मेरे लिए बहुत सारे गिफ़्ट लाया करती है और हम दोनों खूब मज़े करते हैं।
सरिता अब बैग्लोर में जॉब करती है और दोनों की ही शादी हो चुकी है।
आगे की कहानी में बताऊँगा कि कैसे सरिता की चार सहेलियाँ मुझसे बारी बारी चुदवाती थीं और बदले में मुझे गिफ़्ट और खर्चा पानी के लिए रुपए देती थीं।
आप लोग बताइएगा कहानी कैसी लगी.. खासकर झाँसी की लड़कियों के ईमेल्स का इन्तजार रहेगा।
[email protected] है।
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000