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अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरे खड़े लंड का नमस्कार। मेरा नाम आकाश है और मैं पुणे में इंजीनियरिंग के तृतीय वर्ष में पढ़ रहा हूँ। एक बात आपको बताता हूँ कि इंजीनियरिंग में एग्जाम्स के पहले तैयारी के लिए छुट्टियाँ मिलती हैं। कॉलेज में बहुत सारी लड़कियाँ मेरी दोस्त हैं और मैं पढ़ाई में अच्छा होने की वजह से क्लास की सारी लड़कियाँ मेरे से कुछ ना कुछ पूछती रहती हैं। मैं दिखने में भी काफी आकर्षक और चुस्त दुरुस्त हूँ।
प्रिया मेरी सबसे अच्छी दोस्त है.. वो दिखने में बहुत सुंदर और सेक्सी है। उसका फिगर 38-26-34 है। हम एक-दूसरे से सब बातें शेयर करते हैं। कॉलेज के सारे लड़के उस पर मरते हैं। हर कोई उसको चोदने के लिए बेताब है.. लेकिन वो मेरे अलावा किसी और को घास नहीं डालती थी।
हम दोनों एक साथ पढ़ाई वगैरह करते थे.. लेकिन मैंने कभी उसको चोदने का सोचा नहीं था। बात करीब एक साल पहले की है.. ठण्ड का मौसम था और हमारे फायनल एग्जाम भी नजदीक थे.. इसलिए मैं और प्रिया पढ़ाई में जुटे हुए थे, वो पढ़ाई के लिए मेरे घर पर आती थी।
मेरे किसी रिश्तेदार के घर शादी थी तो मेरे मम्मी-पापा 2-3 दिन के लिए गाँव चले गए.. तो मैंने प्रिया को मेरे घर पर ही सोने के लिए बोला। पहले उसने मुझे मना कर दिया.. लेकिन उसको मनाने के बाद वो तैयार हो गई और हम साथ में रह कर पढ़ाई करने लगे।
कुछ देर बाद मुझे पढ़ाई में मन नहीं लगा.. तो मैंने प्रिया से कहा- मेरा मन नहीं लग रहा है.. तुम पढ़ाई चालू रखो.. मैं अपने बेडरूम में चला गया। मैंने बेडरूम में अपना कम्प्यूटर चालू किया.. कोई नई मूवी नहीं थी.. तो मैंने ब्लू-फिल्म चालू कर दी।
कुछ समय बाद हलचल हुई.. तो मैंने पीछे देखा और एकदम से हक्का बक्का रह गया, मुझे क्या करना चाहिए.. कुछ भी समझ नहीं आया। एकदम से मैंने कैसे भी करके कम्प्यूटर बंद किया..
मेरे पीछे प्रिया खड़ी थी.. शायद उसने भी मुझे देखा था। मैंने उससे पूछा- अरे प्रिया.. तुम कब आईं?
उसने जो जवाब दिया वो सुनकर मैं दंग ही रह गया। वो बोली- जब तुम खुद को गरम कर रहे थे तब..
मैंने उसको मजाक में लेते हुए बोला- अरे प्रिया.. आज ठण्ड ज्यादा थी तो खुद को गरम कर रहा था.. तुम तो मुझे गरम होने का मौका कभी देती नहीं हो। ये सुनते ही वो भागते हुए पास आकर मुझसे लिपट गई.. बोली- आकाश, मैं तुमसे बेहद प्यार करती हूँ लेकिन तुमने मुझे बताने का कब चान्स दिया।
उसने मेरे होंठ पर होंठ रख दिए। मैं तो अन्दर ही अन्दर बहुत खुश हुआ और ‘आई लव यू प्रिया..’ कह कर जोर से किस करने लगा। मानो मैं तो सातवें आसमान पर था।
मैं फिर से उसे किस करने लगा, वो भी गर्म होते हुए मेरा साथ दे रही थी। हमारी ये चुम्मा-चाटी करीब 15 मिनट तक चली।
फिर धीरे से मैंने मेरा हाथ उसके सख्त मम्मों पर रख दिया और ऊपर से ही उन्हें सहलाने लगा। उसकी और मेरी धड़कनें तेज होने लगी थीं। धीरे से मैंने अपना हाथ उसकी कमीज के अन्दर डाला और उसकी चूचियों को हौले से मसलने लगा।
वाऊ.. क्या मस्त भरे हुए मोटे चूचे थे उसके.. एकदम गोल मम्मे उसकी कसी हुई ब्रा से बाहर आने के लिए मचल उठे थे। उसने बड़ी कामुक अदा के साथ अपना सीना उठाते हुए एक-एक करके सारे कपड़े उतार दिए।
वो अब सिर्फ ब्रा-पैन्टी में थी, मैंने भी जल्दी से उसकी पैन्टी के अन्दर हाथ डाल दिया.. उसकी पैन्टी गीली हो गई थी। मैं उसकी चूत को सहलाने लगा.. फिर उंगली चूत में डाल दी.. और अन्दर-बाहर करने लगा।
अब मानो वो पागल सी हो रही थी और उसके मुँह से ‘आआहह उउह्ह्ह..’ की आवाज आने लगी थी.. वो पूरी गर्म हो गई थी.. उसने मेरी टी-शर्ट उतार दी और मुझे किस करने लगी। वो भी क्या शातिर चुदक्कड़ थी.. उसी स्टाइल में उसने भी कुतियागिरी दिखाते हुए मेरा अंडरवियर खींच कर उतार दिया।
मेरा अंडरवियर उतरते ही उसने मेरा लंड ‘गप्प’ से अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी।
दोस्तो.. वो लौड़ा ऐसे चूस रही थी.. जैसे उसे खा ही जाएगी। करीब 5-7 मिनट बाद मेरा माल उसके मुँह में छूट गया.. वो भी आराम से उसे पी गई।
अब बारी मेरी थी.. मैं उसकी चूत चाट रहा था.. और हाथों से उसके चूचे दबा रहा था। जब मैं उसके निप्पल को दबाता.. तो उसकी सिसकारियाँ बढ़ जातीं, दोनों ही कामुकतावश ‘आह्हह.. स्श्श्श्शाः स्स्श्श्शा आआआ.. साआहह्हा..’ करके साँसें ले रहे थे, हम दोनों इतनी ठण्ड के बाद भी पसीने में भीग गए थे.
मैं बहुत जोश में आ गया था। मैंने उसे लिटाया और उसके ऊपर मैं लेट गया। मैं अपना लण्ड उसकी चूत में डालने लगा.. पर मैं पहली बार चुदाई कर रहा था.. तो मुझे पता ही नहीं था कि कहाँ डालते हैं।
मैंने उससे कहा- कहाँ डालूँ? तो कहने लगी- पहले क्रीम या तेल लगा ले!
मैंने झट से अपने लण्ड पर तेल लगाया और फिर डालने की कोशिश करने लगा.. फिर भी नहीं गया.. तो उसने हाथ में लौड़ा पकड़ कर छेद पर लगाया और बोली- अब ज़ोर लगा। मैंने वही किया, मैंने धीरे से अपना लण्ड उसकी चूत पर रखा और एक अच्छा झटका मारा और उसको बहुत दर्द हुआ.. मेरा आधे से ज़्यादा लण्ड उसकी चूत में जा चुका था, वो फिर चीख उठी- आआअह्ह.. स्स्स.. तुम्हारा बहुत बड़ा है.. बहुत दर्द हो रहा है.. आह्ह.. आज छोड़ दे.. स्स्स्स स्स्स्स.. फिर कभी डाल लेना..
वो दर्द से बिलख रही थी, मैंने थोड़ा रुकने के बाद एक ज़ोर का धक्का मारा.. अबकी बार मैंने पूरा का पूरा लण्ड उसकी बुर में ठेल दिया और धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करने लगा। इसी के साथ ही मैं उसे चूमे भी जा रहा था।
पहली बार होने के कारण मैं बहुत जल्दी झड़ गया और प्रिया के नंगे बदन पर गिर पड़ा। कुछ देर बाद जब मैं उठा तो प्रिया कपड़े पहन रही थी.. तो मैंने पीछे से उसको जकड़ लिया और उसे किस करने लगा.. उसके सख्त निप्पल रगड़ने लगा। प्रिया भी पूरी तरह से मेरा साथ दे रही थी.. वो भी अब फिर से चुदने के लिए तैयार थी और मेरा 7.5 इंच का लौड़ा उसकी गुलाबी चूत को सलामी देने लगा।
मैंने देर न लगाते उसको बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी चूत पर टूट पड़ा। उसकी चूत को चाटने लगा। क्या मक्खन सी मुलायम चूत थी उसकी.. दोस्तों.. मैं तो पूरा पागल हुआ पड़ा था। उसकी चूत की सुगंध मुझे मदहोश कर रही थी।
फिर मैंने उसको कुतिया बनाया और मेरा लंड उसकी चूत पर रख दिया। उसके मुँह से चीखें निकल रही थीं- प्लीज़.. जानू आह्ह.. मजा आ गया.. आह.. फक मी.. जल्दी करो अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है..
अब वो गाण्ड ऊपर करके हो गई थी.. मैं उसकी चूत में लण्ड डालने के लिए उसको तैयार करने लगा। उसकी इतनी खूबसूरत चूत देखकर तो बुड्ढे का लण्ड भी खड़ा हो जाए.. इतनी मस्त माल और इतनी मस्ती भरी चूत.. अरे यार.. इतनी अच्छी चूत मैंने अब तक अपनी जिंदगी में नहीं देखी थी। आज तो इसकी चूत को चोदने के बाद मजा ही आने वाला है..
मैंने उसकी चूत के छेड़ पर लंड रखा और एक जोर का धक्का मार कर पूरा लण्ड उसकी बुर में पेल दिया। वो एक पल को लड़खड़ा गई.. पर मैंने उसे गिरने नहीं दिया। मैंने उसका कुछ भी सुना नहीं और धीरे-धीरे झटके देने लगा। कुछ देर बाद वो भी अब नॉर्मल हो गई और उछल-उछल कर मेरा साथ देने लगी। वो बड़े मज़े से चुदाई के मज़े ले रही थी।
‘आ..आहह.. आहह.. आहह.. आहहा..’ उसकी मादक आवाजें लगातार उसके मुँह से निकल रही थीं।
कुछ तक उसको धकापेल चोदने के बाद वो अकड़ने लगी और उसकी चूत ने पूरा पानी छोड़ दिया। लेकिन मैं अभी भी लगा हुआ था। मैंने भी स्पीड तेज कर दी और उसकी चूत में ही पानी निकाल दिया। अब हम दोनों भी थक चुके थे तो वैसे ही नंगे सो गए। जब सुबह उठ कर मैंने देखा तो प्रिया अपने घर जा चुकी थी.. पर कुछ भी कहो दोस्तो, इससे ज्यादा मजा मुझे अभी तक मिल नहीं पाया। मैं फिर से ऐसे मजे की तलाश में हूँ।
दोस्तो, मेरी कहानी कैसी लगी मुझे जरूर बताइएगा, मुझे ई-मेल करें.. [email protected]
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