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यह कहानी मुझे ऋषभ जैन ने ईमेल में भेजी है इस आग्रह के साथ कि इसे हिन्दी में लिख कर प्रकाशित करवाने में मदद करें! तो कहानी पेश है रिषभ के ही शब्दों में:
मेरा नाम ऋषभ जैन है, मैं एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ। मेरी उम्र 34 साल है.. मेरी शादी हुए दस साल हो चुके हैं। मेरे वाइफ का नाम जूही जैन है.. उसकी उम्र 31 साल है.. लेकिन लगती 25 की है। वो बहुत ही सेक्सी दिखती है। गोरा रंग.. ऊंचा कद.. बड़े-बड़े बूब्स.. पतली कमर और उभरे हुए नितंब यानि चूतड़.. उसकी बात ही कुछ और है, उसे जो भी देखे.. उसका लण्ड तन जाए.. और उस देखने वाले के मन में उसे चोदने की इच्छा हो जाए।
अपने जीवन की एक रोचक कामुकता भरी घटना अन्तर्वासना डॉट कॉम के पाठकों के लिये लिख रहा हूँ। उस वक्त मेरी और जूही की शादी हुए 4 साल चुके थे, हमारी लाइफ बड़े आराम और मस्त चल रही थी। जूही एक सीधी-सादी घरेलू औरत थी, अपने पति यानि कि मेरा पूरा ख्याल रखती थी।
हमारी लाइफ में अलग मोड़ आया और हमारी लाइफ और भी रंगीन हो गई। मेरा ट्रान्सफर दूसरे शहर में हो गया, मैंने अपने दोस्त रवि की मदद से उसके घर के बाजू में ही एक घर किराये पर ले लिया। घर बहुत बढ़िया था.. हॉल.. रसोई और बेडरूम..
हमने वहाँ शिफ्ट कर लिया, उसी दिन हमने पूरे घर की साफ-सफाई करके सारा समान सैट कर दिया। घर की सफाई करते वक़्त जूही को वहाँ पर एक सीडी का एलबम मिला, वो मेरे पास लेकर आई और उसने मुझे दिखाया। मैंने देखा और सोचा कि पुराने किराएदार का छूट गया होगा, मैंने उसको साइड में रख दिया।
हमें घर का समान सैट करते-करते रात हो गई, मैंने होटल से खाना मंगवाया और हमने खाना खाया और सोने लगे। तभी मुझे वो सीडी एलबम की याद आई और मैंने उसे टीवी पर लगाया.. और जो हमने देखा हमारी दोनों की आँखें फटी की फटी रह गईं। वो ब्लू-फिल्म की सीडियाँ थीं। इसके पहले हम दोनों ने साथ में कभी ब्लू-फिल्म नहीं देखी थी।
ब्लू-फिल्म देखने के बाद हमारी जबरदस्त चुदाई हुई।
उस दिन से हमारा जीवन ही बदल गया। अब हम हर रोज वो सीडियां देखने लगे और चुदाई करने लगे, हमें चुदाई में बहुत मज़ा आने लगा। इसके पहले हम खामोशी से चुदाई करते थे और सो जाते थे, अब हम सेक्सी बातें करने लगे।
एक दिन ऐसे ही सेक्स करते समय मैंने जूही से कहा- जूही जब तुम्हें कोई मर्द प्यासी नज़रों से देखता है.. तो मुझे बहुत मज़ा आता है। जूही मेरी बात सुनकर हैरान हो गई.. वो बोली- क्या जानू.. अक्सर मरदों को उनकी वाइफ को कोई देखे.. तो गुस्सा आता है.. और आप हैं कि आपको मज़ा आता है?
मैंने कहा- क्या करूँ जान.. मैं हूँ ही ऐसा.. वैसे भी तुम्हें नहीं अच्छा लगता अगर तुम्हें कोई प्यासी नज़रों से देखे तो.. सच सच बताना? वो मेरी बात सुन कर चुप हो गई।
‘बताओ ना जान.. चुप क्यों हो गईं?’ उसने मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देखा और बोली- सच कहूँ तो मुझे भी बड़ा अच्छा लगता है.. मैंने कहा- यह हुई ना बात.. मुझे भी मज़ा आता है और तुम्हें भी.. फिर क्यों ना मज़े किए जाएं।
हम दोनों हँसने लगे और चुदाई करके सो गए।
दूसरे दिन सबेरे जब मैं उठा.. तो जूही रसोई में काम कर रही थी.. मैं उठा और रसोई में गया.. जूही को पीछे से बाँहों में भर लिया और किस किया- जूही मेरी चाय.. जूही बोली- जानू चाय के लिए तुम्हें थोड़ा रुकना पड़ेगा.. मैंने कहा- क्यों? जूही- वो दूध वाला अभी तक आया नहीं है.. बस अभी आता ही होगा।
यह बात सुनकर मेरे दिमाग़ में एक आईडिया आया और मैं जूही का हाथ पकड़ कर सीधा उसे बेडरूम में लेकर गया। वो बोली- अरे यह क्या कर रहे हो.. मुझे काम करने दो.. रात में दिल नहीं भरा क्या? मैंने कहा- तुम पहले यह गाउन उतारो। वो- तुम क्या चाहते हो? मैं- जल्दी करो जानू.. तुम्हें बाद में समझाता हूँ.. अभी सिर्फ़ वैसा करो.. जैसा मैं कह रहा हूँ।
उसने गाउन उतारा.. जूही ने काले रंग की पैन्टी और ब्रा पहनी हुई थी। मैंने उसे ब्रा भी उतारने के लिए कहा। उसने अपनी ब्रा भी उतार दी। मैंने कपबोर्ड में से एक ट्रांसपेरेंट पिंक कलर की नाईटी निकाली और उसे पहनने को कहा। उसने झट से नाइटी पहन ली।
वाउ.. क्या बताऊँ दोस्तों.. उस नाईटी में जूही क्या माल लग रही थी.. उसके बड़े-बड़े चूचे उसमें से साफ नज़र आ रहे थे। वो नाईटी उतनी ट्रांसपेरेंट थी.. कि वो ना के बराबर थी। ऐसा लग रहा था कि जूही मेरे सामने सिर्फ़ ब्लैक-पैन्टी में खड़ी है। उसे ऐसा देखकर तो मेरा भी लण्ड खड़ा हो गया।
तभी हमारे दरवाजे की घण्टी बजी, मैंने कहा- जूही.. लो जिस समय का मैं इंतज़ार कर रहा था.. वो आ गया… दूध वाला आ गया.. जाओ दूध ले लो.. वो बोली- ऐसे ही? इस हालत में? मैंने कहा- हाँ जानू.. ऐसे ही.. आज दूध वाले का मज़ा लेना है।
जूही मेरे तरफ़ देखकर मुस्कराई और दूध लेने चली गई, मैं बेडरूम में से छिपकर देख रहा था।
जैसे ही जूही ने दरवाजा खोला.. दूधवाला उसे देखते ही रह गया। जूही- क्या देख रहे हो भईया.. दूध दे दो.. ‘हाँ मेमसाब… आज आप बहुत सुंदर लग रही हो..’
और वो जूही के संतरों को घूरते हुए दूध देने लगा और साथ ही एक हाथ से अपने लण्ड को भी मसल रहा था। मैंने देखा कि उसके पैन्ट में टेंट बन चुका था, उसका लण्ड ऊपर से देखने में काफ़ी बड़ा लग रहा था। जूही भी उसके लण्ड को देख रही थी.. और मुस्कुरा रही थी।
जूही ने दूध ले लिया और पीछे मुड़ गई.. दूधवाला अभी भी वहीं खड़ा था और जूही की उभरी हुई गाण्ड को निहार रहा था। तभी जूही फिर से मुड़ी और कहा- हाँ भैया.. कल जल्दी आना.. आज तुम देर से आए हो। ‘ज्ज…जी मेमसाब..’ यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
दूध वाला लण्ड मसलते हुए चला गया।
जैसे ही वो गया.. मैं बाहर आया और जूही को गले लगा लिया और कहा- जूही तुमने तो दूधवाले का बुरा हाल कर दिया। देखा तुम्हें देख कर कैसे लण्ड मसल रहा था.. उसका लण्ड भी काफ़ी बड़ा लग रहा था.. ‘हाँ जान.. उसका काफ़ी बड़ा लग रहा था.. उसका लण्ड का नाप देख कर तो मेरी चूत में भी कुछ-कुछ होने लगा था..’
मैंने कहा- क्या हो रहा था जान? वो बोली- मेरा मन कर रहा था कि उसको छूकर देखूं। मैं मुस्काराया और बोला- चिंता मत करो जान.. बहुत जल्द मौका आएगा कि वो लण्ड तुम्हें छूने के लिए ही बल्कि चूसने और तुम्हारी चूत में डालने के लिए भी मिलेगा।
हम दोनों काम-पिपासु हो चले थे.. जल्दी से बेडरूम में गए और मैंने जूही की जमकर चुदाई की।
इसी तरह हम दोनों मजा लेते हुए अपनी जिन्दगी का लुत्फ़ लेते हैं..
आप अपने विचार कहानी के नीचे जरूर लिखिएगा।
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