This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
दोस्तो, मैं सन्नी आहूजा रोहतक से.. एक बार फिर से हाज़िर हूँ आपके सामने एक सच्ची कहानी लेकर.. मुझे लगता है कुछ लोगों को यह कहानी सच ना लगे.. मगर यह बिल्कुल सच्ची कहानी है। मुझे खुद विश्वास नहीं कि ऐसा कैसे हो गया.. हुआ ऐसा कि अपने बिजनेस के चक्कर में मुझे जम्मू जाना था.. तो मैंने अपने मामा के लड़के के साथ फर्स्ट एसी की टिकट बुक कराई.. क्योंकि वहाँ एसी मस्त चलता है और कोई आता-जाता नहीं है। मेरी ट्रेन दिल्ली सराय रोहिल्ला से जम्मू की थी.. मगर उसी दिन मेरे मामा के लड़के की तबियत ज़्यादा खराब हो गई.. तो उसने जाने से मना कर दिया। जाना ज़रूरी था तो मैं अकेला ही चल पड़ा..
स्टेशन पहुँचा तो टिकेट कैन्सल कराने के लिए गया.. मगर जब मैं लाइन में खड़ा हुआ था.. मेरे पीछे एक 30 साल की खूबसूरत भाभी अपनी किसी बूढ़ी औरत के साथ स्टेशन पर रिज़र्वेशन के लिए आई हुई थी। उस भाभी के बारे में अगर, दोस्तो, मैं आपको बताऊँ तो वो एकदम माल किस्म की चीज थी.. उसका फिगर 34-30-36 का होगा। इतनी गोरी कि हाथ लगाने से मैली हो जाए।
क्या मस्त माल लग रही थी.. जब मुझे पता लगा कि उसे सीट चाहिए.. तो मैंने उससे पूछा- आपको कहाँ जाना है? तब उस बूढ़ी औरत ने बोला- ये मेरी पोती है.. और इसे जम्मू जाना है.. मगर रिज़र्वेशन नहीं है और जाना इसे अकेले है.. तो जनरल में भी नहीं बिठा सकती। दोस्तो, भाभी चालू लग रही थी.. वो हँस के बात कर रही थी.. तो मैंने उन्हें अपने टिकेट कैन्सलेशन के बारे में बताया। भाभी तो खुश हो गईं.. मगर आंटी को पता नहीं था कि फर्स्ट एसी क्या होता है।
ट्रेन का वक्त होने वाला था.. तो भाभी अपने साथ जो बैग लेकर आई थी.. वो उठाकर मेरे पीछे चल पड़ी।
भाभी ने डीप गले का सूट डाला हुआ था.. जैसे ही हम अपने एसी केबिन में आए.. मैंने उसे लॉक कर दिया। हम दोनों नीचे बैठ कर बातें कर रहे थे.. भाभी ने मुझसे पूछा- मुझे चेंज करना है.. मैं बाहर चला गया और जब वापिस आया तो भाभी को देख कर मस्त सा हो गया। भाभी ने टॉप और लॉन्ग स्कर्ट डाली हुई थी। मैंने कहा- भाभी, आप बहुत अच्छी लग रही हैं..
तभी टीटी आया.. हमने टीटी को टिकट दिखाया और केबिन लॉक कर लिया। टीटी ने ध्यान ही नहीं दिया कि टिकट किस के नाम कू है और कौन बैठा है, ना ही उसने आइडी मांगा। मैंने सोच लिया था कि अगर टीटी ने कुछ बोला तो पैसे देकर उसका मुँह बन्द कर दूंगा।
दोस्तों अन्तर्वासना पर मैंने ट्रेन की बहुत कहानियाँ पढ़ी होंगीं.. मगर मुझे वे सब झूठी लगती थीं.. आज अपनी लिख रहा हूँ.. तो लगा कि लोग सच ही लिखते होंगे..
ट्रेन चल रही थी.. हम नीचे ही बैठे थे। भाभी अपने साथ आलू पूड़ी लाई थी। हमने एक साथ खाई और आराम से नीचे बैठ कर बातें कर रहे थे.. मगर मैं तो भाभी के जिस्म को निहार रहा था.. क्या बला की खूबसूरत थी वो..
बात करते-करते भाभी ने मुझसे पूछा- आप मेरे साथ बाहर चलोगे.. मुझे वॉशरूम जाना है।
मैं उनके साथ गया.. वापिस आकर वो ऊपर की बर्थ पर जाने लगी.. कि उनका पैर स्लिप हो गया और वो नीचे गिर गई। थोड़ा लगा भी उसे.. फिर मैंने उन्हें नीचे सोने के लिए कहा.. वो नीचे सोने लगी और मैं ऊपर चला गया। दोस्तो, फर्स्ट एसी में ऊपर बहुत ठंड होती है.. तो भाभी को शायद इस बात का पता लग गया। उन्होंने मुझसे बोला- आप नीचे आ जाओ.. मैं ऊपर चली जाऊँगी।
शायद उसका दर्द खत्म हो गया था। मैं ऐसे ही नीचे आ गया और थोड़ी अड्जस्टमेंट करके नीचे ही उनके साथ लेट गया। ठंडा इतना था कि शायद उन्हें भी गर्मी चाहिए थी।
हम इस तरह लेटे थे कि उनके पैर मेरी तरफ थे। मेरा लौड़ा पैन्ट से निकलने को बेताब था। मैं सोने का नाटक करने लगा शायद वो भी.. भाभी की स्कर्ट ऊपर उठी और मेरे हाथ उनकी जाँघों पे.. भाभी मस्त हुए जा रही थी। अब मेरे हाथ भाभी के शरीर पर थे, मैंने अपना लोवर उतार दिया। भाभी भी जागी हुई थी.. उन्होंने मुझसे पूछा- ये क्या कर रहे हो? मैंने कहा- भाभी सर्दी में गर्मी चाहिए..
भाभी तो जैसे मेरे जवाब का इंतज़ार कर रही थी.. वो मुझसे लिपट गई.. मैंने उनका टॉप उतार दिया और देखा कि भाभी ने नीचे ब्रा नहीं पहनी थी।
उनके मोटे चूचे मेरे सामने थे.. मैं उनके चूचों को बेतहाशा चूमने लगा। भाभी सिसकारियाँ ले रही थी, भाभी भी मुझे छाती पर.. पेट पर.. हर जगह चूमने लगी। भाभी ऐसे चढ़ रही थी.. जैसे कब से प्यासी रही होगी.. मैंने भाभी के.. और उन्होंने मेरे सारे कपड़े उतार के मुझे नंगा कर दिया।
मैंने भाभी को हर जगह चूमा और हम जल्दी ही 69 की पोज़िशन में एक-दूसरे को चूस रहे थे। मैं उसके मुँह में और वो मेरे मुँह में झड़ गई। भाभी ने फिर से मेरा लौड़ा मुँह में लिया और फिर से लौड़ा खड़ा होने लगा।
भाभी मेरे ऊपर आ गई और क्या धक्के लगाए भाभी ने.. आह्ह.. मज़ा आ गया। भाभी ‘आ.. आहह..’ की सिसकारियों के साथ मज़े ले रही थी, इतनी मस्त चुदाई हो रही थी कि मज़ा आ गया। भाभी मस्त चीखें मार रही थी। दोस्तो, ट्रेन में बहुत मज़ा आया।
मैंने सुबह तक भाभी के चूचे चूसे और मैंने उन्हें लाल कर दिए। उन्होंने मेरे लौड़े को चाट-चाट के लाल कर दिया। दोस्तो, सुबह 6 बजे मैंने भाभी को फिर से चोदा..
मुझे 3 दिन वहाँ रहना था और हम वहाँ नहीं मिले.. मगर आने का रिज़र्वेशन भी वैसा ही था.. तो आते टाइम भी चुदाई का वैसा ही दौर चला.. फिर उसने मुझे अपने घर बुलाया और मैंने उसे बाँध के चुदाई का मज़ा लिया।
हुआ यूँ कि उसने मुझे घर बुलाया, कुछ देर प्यार करने के बाद हम दोनों नंगे हो गए, वो मेरा लंड हिला रही थी.. मैंने उसे आँखें बंद करने को कहा और बेड पर बांध दिया। ऐसा मैंने एक ब्लू-फिल्म में देखा था..
मैं फ्रिज में से जैम की बोतल लेकर आया और उसके चूचों उसके पेट और उसकी योनि पर लगाया। जब मैंने जैम को चाटना शुरु किया। क्या सिसकारियाँ ले रही थी वो.. उसका शरीर कांप रहा था.. उसकी सिसकारियों की आवाजें पूरे कमरे में गूँज रही थीं। मैंने उसके पेट में चूमा और फिर उसकी योनि को चाटना शुरू किया तो वो पागलों की तरह छटपटाने लगी। वो कहने लगी- प्लीज़ सन्नी मुझे चोद दो.. मत तड़पाओ..
मैंने भी फोरप्ले किया.. वो 2 बार पानी निकाल चुकी थी, मैंने उसे खोल दिया और वो लपक कर मेरे ऊपर चढ़ गई। उसने बोला- जान आपको मेरी कसम है आँखें मत खोलना। और मैं भी उसकी बात मान गया।
उसने अपना बदला मुझसे लिया और मेरे हाथ बाँध दिए.. उसने मेरे पैरों से इतने सेक्सी तरीके से चूसना शुरू कर दिया कि मैं अपना होश खोने लगा.. क्या मस्त लंड के पास चाट रही थी.. मेरा लंड पैन्ट फाड़ने को तैयार था। वो ऐसे लंड चबा रही थी.. जैसे उसे खा जाएगी। फिर मैंने हाथ खोले और उसके ऊपर आ गया और मैंने उसकी चूत पर अपना लंड सैट किया और घुसा दिया।
वो ‘आह.. आहह..’ की आवाजें निकालने लगी। मैंने उसे ऊपर-नीचे करके हचक कर चोदा.. बहुत मज़ा आया। मैंने अपना सारा माल अन्दर ही छोड़ दिया।
हम ऐसे चिपक कर लेटे रहे, मेरा लंड सोने को तैयार नहीं था.. वो फिर खड़ा होने लगा। मैंने तेल की शीशी उठाई और तेल अपने लंड और उसकी गाण्ड में लगाया। उसने कहा- यहाँ नहीं.. यहाँ दर्द होता है। मगर मैं नहीं माना.. जब मैंने लंड उसकी गाण्ड में घुसाया तो उसकी आँखों में पानी आ गया। मगर कुछ देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा। ‘फॅक.. फॅक..’ की आवाज़ पूरे कमरे में गूँज रही थी।
उस रात हमने 2 बार और सेक्स किया और सुबह 7 नज़े नहाते समय भी हमने सेक्स किया। फिर मैं अपने घर चला गया.. हमारी चुदाई एक साल तक चलती रही। कैसे मैंने उसकी बहन और उसके साथ ‘आईस-सेक्स’ किया.. वो अगले भाग में..
तब तक आपके ईमेल का इंतज़ार रहेगा। लड़कियाँ भाभियाँ जरूर ईमेल करें। लव यू ऑल.. ऊऊंम्माअहह.. [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000