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हाय फ्रेंड्स.. मैं जुनेद भोपाल से हूँ। आज मैं आप सबको अपने कॉलेज टाइम की मेरी सेक्स स्टोरी बताता हूँ। मेरी यह चूत चुदाई कथा मेरी जोया मैडम के साथ की है। जोया मैडम कॉमर्स की प्रोफेसर हैं, वो देखने में बहुत गोरी हैं उनके मोटे-मोटे चूचे और मोटे चूतड़.. उम्र करीब 30 साल की होगी। मैं अकाउंट में थोड़ा कमज़ोर हूँ.. तो मैं मैडम से कोचिंग से लेता हूँ।
एक दिन मैडम का फोन आया, मैडम किसी रिश्तेदारी में शादी में गई थीं और रास्ते में उनकी कार खराब हो गई थी। मैडम ने मुझे फोन पर कहा- जुनेद गाड़ी लेकर जल्दी से कतरा रोड पर पहुँचो.. मैंने कहा- मैडम मेरे पास बाइक है। मैडम ने कहा- कोई बात नहीं.. बाइक से ही जल्दी से आओ..
शाम होने वाली थी, मैडम ने बताया कि उन्होंने कार पेट्रोल पंप के पास पार्क की हुई थी, मैडम ने मैकेनिक को फोन कर दिया था। मैं बाइक लेकर मैडम के पास पहुँचा, मैडम काली साड़ी में बहुत सेक्सी लग रही थीं। मैंने उनको बाइक पर बिठाया और शादी वाले घर के लिए चल पड़ा, मैडम ने ड्राइवर को वहीं पर रहने को कहा।
मैडम मेरे से बहुत सट कर बैठी थीं, उनके चूचे पीछे से मेरी पीठ से छू रहे थे, जहाँ भी स्पीड ब्रेकर आता.. तो मैं ब्रेक लगाता.. तो मैडम का मोटा चूचा.. मेरे पीछे टकराता। रास्ते में मजे लेता हुआ मैं मैडम को लेकर शादी में पहुँच गया। रात में मैं भी उनके रिश्तेदार के घर पर ठहरा।
अगले दिन मैडम की कार भी रिपेयर होकर आ गई लेकिन मैडम ने ड्राइवर कहा- मैं तो बाइक पर जाऊँगी.. तुम गाड़ी लेकर पहुँच जाना!
हम दोनों बाइक से आने लगे.. मैं बाइक को 80 और 90 की स्पीड में चला रहा था। मैडम बोलीं- जुनेद.. कल तो जल्दी थी.. आज आराम से चलाओ न.. मैंने बाइक की स्पीड कम कर दी।
हम दोनों ने रास्ते में एक रेस्टोरेंट में बर्गर और हॉटडॉग खाया और साथ में कोल्ड ड्रिंक पी। फिर हम घर वापस पहुँच गए, मैंने मैडम को उनके घर ड्रॉप किया, मैडम ने मुझे स्माइल दी और टाटा किया। इस तरह में मैडम के घर आता-जाता रहता था।
एक दिन की बात है कि बहुत तेज बारिश हो रही थी। दो-तीन दिन तक बारिश बंद होने का नाम नहीं ले रही थी और एक तो मेरी कोचिंग भी मिस हो गई। मैडम ने मुझे फोन किया- जुनेद आज कोचिंग पढ़ने ज़रूर आना.. घर में कोई नहीं है।
मैं मैडम की बात नहीं समझा। मैडम घर पर एकदम अकेली थीं.. घर के सारे लोग कहीं गए हुए थे। घर में सिर्फ़ कामवाली बाई और मैडम थीं। मैं अकाउंट की बुक लेकर स्टडी रूम में पहुँचा। मैंने मैडम का 10 मिनट तक़ इन्तजार किया, मैंने सोचा कि मैडम कहीं सो तो नहीं गईं.. यह सोच कर मैंने उनके मोबाइल पर रिंग मारने के लिए मोबाइल निकाला।
मैंने उन का नंबर डायल किया.. एक मिनट तक मैडम ने फोन नहीं उठाया। मैंने सोचा कि पक्का मैडम मोबाइल साइलेंट करके सो गई होंगी। मैं धीरे-धीरे मैडम के कमरे में जाने लगा तो मैंने देखा कि वो कमरे में नहीं थीं पर बाथरूम में शावर की आवाज आ रही थी.. मैं रिलेक्स हो गया कि मैडम बाथरूम में हैं और मैं उनका इन्तजार करने लगा।
थोड़ी देर बाद मैडम कमरे में आईं। जब मैंने मैडम को देखा तो मेरे होश उड़ गए। मैडम झीने से बाथगाऊन में थीं.. उनकी ब्रा और पैन्टी भी थोड़ी-थोड़ी दिख रही थी।
मैंने उनको विश किया और मैडम मेरे सामने बैठ गईं। मैडम ने अकाउंट की बुक खोलने को कहा और मैंने मैडम से पूछा- घर वाले कहाँ गए हैं? मैडम ने कहा- सारे घर वाले घूमने गए हैं.. और वो सब परसों तक आएंगे। मैंने कहा- आप अकेले इतने बड़े घर में रहोगे.. आपको डर नहीं लगता? मैडम ने कहा- नहीं तो.. तुम जो हो यहाँ पर मेरे साथ रहोगे। ‘क्या मतलब मैडम आपका?’
मैडम ने मेरे गाल पर किस किया.. मैं बोला- मैडम यह मेरे साथ क्या कर रही हो? मैडम कुछ नहीं बोलीं और उन्होंने मेरे लंड पर हाथ रख दिया। मैं जाने लगा तो मैडम ने मुझे खींच कर सोफे पर बैठा दिया.. और बोलीं- मुझे मेरी गुरु दक्षिणा तो दो.. ‘वो क्या होती है..?’
मैडम ने कहा- यह वो होती है कि गुरू अपने स्टूडेंट से कुछ भी माँग सकता है। मैं बोला- मैडम मैं कुछ भी दे सकता हूँ.. पर.. मैं यह सब नहीं कर सकता। फिर मैडम ने कहा- जब तुम मेरा इतना काम करते हो.. तो एक काम ये भी कर दो.. तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो। मैंने कहा- मैडम आप मेरी मजबूरी का फायदा उठा रही हो। मैडम ने कहा- कोई मजबूरी नहीं है..
और मैडम मेरे होंठ पर किस करने लगीं.. मैंने उनको पीछे किया.. मैडम गुस्से से बोलीं- जुनेद में तुम्हें अकाउंट में कभी पास नहीं होने दूँगी.. अपने घर पर फोन कर दो.. आज की रात तुम नहीं आ रहे हो। अब मैं मजबूर था.. मैंने घर पर फोन कर दिया।
जबकि मैं तो इसी तरह के मौके की तलाश में था.. पहले मैंने सोचा कि मौका कहीं चला न जाए.. मेरी ओवरएक्टिंग कहीं ज्यादा तो नहीं हो गई.. पर सब कुछ ठीक रहा। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मैंने टेबल को आगे किया और मैडम की तरफ़ मोड़ कर उनको किस करना शुरू किया, मैडम के होंठों पर.. उनके चिकने गालों पर.. और सुराहीदार गर्दन पर.. किस करता रहा, नाइटी के ऊपर से ही मैडम के निप्पलों को मैं मसलने लगा।
मेरा लंड खड़ा हो गया.. मैंने पैन्ट को खोल दिया और मैडम ने अंडरवियर भी खोल दी। अंडरवियर को जैसे ही खोला मेरा लंड 90 डिग्री का एंगल बनाते हुए सीधे 6 इंच का एक मोटे सरिए की तरह तन गया। मैंने मैडम को मेरे लंड को चूसने को इशारा किया.. मैडम मेरा लंड चूसने लगीं।
दस मिनट तक मैडम मेरे लंड को चूसती रहीं.. लंड चुसवाने के बाद उनको मैंने खड़ा किया और मैंने नाइटी को खोल दिया। मैंने उनसे ब्रा और पैन्टी को भी उतारने को कहा। उन्होंने एक पल में सब कुछ उतार फेंका।
मैंने मैडम को उल्टा लेट कर घोड़ी बनने को कहा.. मैडम बिस्तर को अच्छी तरह पकड़ कर घोड़ी बन गईं। पहले तो मैं उनकी गाण्ड में और चूत में उंगली डालने लगा। करीब 5 मिनट तक मैं अपनी दो उंगलियाँ मैडम की गाण्ड और चूत में एक साथ डालता रहा। बाद में मैंने अपने लंड को थूक लगाकर एक हाथ से मैडम की कमर को पकड़ा और दूसरे हाथ से अपने लंड को उनकी चूत में लगा दिया और अन्दर डालने की कोशिश करने लगा।
मैडम ने अपने हाथ से मेरे लंड को चूत का रास्ता दिखाया और मैं अपना मोटा लंड मैडम की चूत में डालने लगा। सुपारा घुसा ही था कि वे थोड़ी-थोड़ी आवाज़ निकालने लगीं। फिर घचाक से पूरा अन्दर पेल दिया जन मैंने तो जोया मैडम मस्त हो गईं। फिर 15 मिनट तक मैंने मैडम की चूत में अपना लंड पेलता रहा.. जब मैंने अपना लंड बाहर निकाला तो मैं और मैडम बिस्तर पर बैठ गए।
मैडम बोलीं- यह स्टाइल तुमने कहाँ से सीखी? मैंने कहा- मैंने एक ब्लू फिल्म देखी थी जिसमें यह स्टाइल थी। मैडम ने पूछा- और भी स्टाइल मालूम हैं? ‘हाँ..’ ‘उन सब में करोगे..?’ ‘क्यों नहीं..’
यह बोलने के बाद मैंने मैडम के होंठ पर किस किया और खुद बाथरूम में टायलेट करने चला गया। टायलेट करने के बाद मैंने उनके पैर पर किस किया और मैडम की रसीली चूत में पहले उंगली अन्दर-बाहर करने के बाद मैं अपनी जीभ से उनकी चूत को अच्छी तरह चाटने लगा। मैडम अपनी उंगली चूत में डाल कर चूत को खोदने लगीं.. लगभग 15 मिनट तक मैंने उनकी चूत को चाटा। मैडम ‘आहा.. आह.. आहह..’ की आवाज़ निकालने लगीं।
और बाद में मैं मैडम के ऊपर चढ़ गया और अपने मोटे लंड को उनकी गान्ड में डालने लगा। मैडम जोर-जोर से चिल्लाने लगीं.. पर मैं नहीं रुका, उनकी उठी हुई गाण्ड में अपना लौड़ा ठोक कर मैं जोर-ज़ोर से धक्का देने लगा। दस मिनट तक गाण्ड चोदने के बाद मेरा लंड मैडम की गाण्ड में जड़ तक घुस गया और इसके साथ ही साथ उनके झूलते चूचों के निप्पलों को मींजता रहा।
मैंने मैडम के सेक्सी निप्पलों को अच्छी तरह दबाया और अच्छी तरह मसला, मैंने उनको अपने लंड पर बैठने को कहा। मैंने अपने लंड को हाथ से पकड़ा और मैडम की चूत में लौड़ा बैठा कर जोर से धक्का मारने लगा। बाद में मैंने मैडम को उल्टा लेटा कर उनकी गाण्ड को थोड़ा ऊपर किया और बारी-बारी से गाण्ड और चूत में लंड डालता रहा।
बाहर बारिश बहुत जोर से हो रही थी अन्दर लौड़ा बरसने को तैयार था। मैंने मैडम को बाहर चल कर सेक्स करने को कहा, मैडम बोलीं- मुझे उठा कर ले चलो..
मैं उनको बाहर लेकर आया.. बाहर बारिश बहुत जोर से हो रही थी.. मैंने मैडम को जमीन पर लेटाया और अपने मोटे लंड को मैडम की चूत में डालने लगा। बाहर ही हम दोनों देर तक एक-दूसरे को किस करते हुए चोदते रहे। फिर हम दोनों ने एक-दूसरे के जिस्मों को पोंछा और सो गए। मैं और मैडम एक-दूसरे से चिपक कर सोये हुए थे।
सुबह उठे.. तो पहले तो मैडम ने मुझे किस किया.. फिर मैडम चाय ले कर आईं.. हम दोनों ने साथ में चाय पी और एक-दूसरे से बात करते रहे।
मैडम रसोई में नाश्ता बनाने गईं.. तो मैं मैडम के पीछे से चला गया। मैंने मैडम की गाण्ड के ऊपर हाथ फेरा और गाण्ड को शहद की तरह चाटने लगा।
मैडम ने अपनी टांगों को खोल दिया और गाण्ड को चाटने के बाद में नीचे लेट गया। मैडम ने मेरे होंठ के ऊपर अपनी चूत को किया.. मैंने अपने दोनों हाथ से उनकी गाण्ड को पकड़ा और चूत को चाटने लगा।
फिर मैडम पूरी तरह लेट गईं और मेरे लंड को चूसने लगीं। मैंने मैडम को उठाया और कमरे में लाकर बेड पर लेटा दिया। उनकी दोनों टांगों को ऊपर किया और चूत को चाटा.. और लंड को पेल कर अन्दर-बाहर करने लगा। बाद में मैंने मैडम की टांगों को सोफे पर रखा और उनकी टांग के नीचे अपने लंड को चूत में डालने लगा और उनके निप्पलों को चूसने लगा।
मैंने मैडम के निप्पलों को इस तरह से चूसा कि जैसे कोई भूखा बच्चा माँ के दूध को पीता है। मैंने चूसने के साथ ही उनके गुलाबी निप्पलों को अच्छी तरह मसला भी..।
करीब 20 मिनट तक मैंने मैडम की चूत को चोदा और झड़ने के बाद में हम दोनों बाथरूम में गए। उधर बाथटब में पानी के साथ खेलने लगे।
मैंने मैडम को बाथरूम में लेटाया.. शावर चालू किया। शावर का पानी मैडम की चूचियों के ऊपर पड़ रहा था। अपने लंड को मैडम के सेक्सी मम्मों के बीच में रख कर उनकी चूचा चुदाई करने लगा। मैंने मैडम को खुल कर प्यार किया, मैडम ने भी अपने हाथों से मेरे लंड को खूब हिलाया और वीर्य निकाल कर उनके मुँह पर गिरा दिया। इस तरह मैंने मैडम को रात दिन प्यार किया।
अब मैं मैडम के पास अकेला पढ़ता हूँ और पढ़ने का स्टाइल भी चेंज हो गया है। हम दोनों कपड़े खोल कर पढ़ते हैं.. मैं लन्ड निकाल कर और मैडम पूरी नंगी होती हैं मैडम अपने पास एक लम्बा गाऊन रखती हैं ताकि जब भी कोई कमरे की तरफ आए.. तो हम जल्दी से कपड़े पहन सकें। हमारा यह प्यार कब तक चलेगा कोई पता नहीं.. पर मैडम की प्यास को मैंने शांत जरूर कर दिया है।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी.. ज़रूर ईमेल करें.. [email protected]
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