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अब तक आपने पढ़ा.. मैंने पिंकी को नीचे लेटा कर उसकी चूत में लंड डाल कर फुल स्पीड में उसकी चुदाई करना शुरू कर दिया। करीब 25-30 जोर-जोर के धक्के मारे उसी में पिंकी की आवाज जोर-जोर से आने लगी। ‘ओहो.. यश.. और जोर से.. ह्ह्ह्ह्ह..’ और पिंकी झड़ गई। पर मैंने पिंकी की चुदाई जारी रखी। कुछ 40-50 धक्के मारने के बाद मैंने सारा माल उसकी चूत में ही डाल दिया। अब आगे..
इस बीच पिंकी ने बताया- अभी तक चार बार उसकी चूत का पानी निकल गया था। मैं ऐसे ही उसकी चूत में लंड डाल कर आराम करने लगा।
अभी 20 मिनट ही हुए होंगे कि मेरा मन फिर से उसको चोदने को हो गया, मैंने लेटे-लेटे ही उसको अपनी बाँहों में ले लिया और फिर से होंठों चुम्बन करने लगा। पिंकी- अब रहने दो.. रात में या कल कर लेना। मैंने कहा- बस 10 मिनट लगेंगे.. प्लीज.. पिंकी ने कहा- ओके.. ठीक है।
इस बार मेरा इरादा पिंकी की गाण्ड मारने का था, पिंकी और मैं दोनों ही बाथरूम में गए, मैंने उसकी चूत को साफ़ किया.. उसने मेरे लंड को चूस कर साफ़ किया।
फिर क्या था मैंने फव्वारा ऑन किया उसमें हल्का गरम पानी आ रहा था। अब मैंने पिंकी को अपने पास खींचा और उसको होंठों पर चुम्बन करने लगा, वो भी मेरा साथ दे रही थी, मैं चुम्बन करते हुए उसके पूरे बदन पर हाथ चला रहा था और उसकी गाण्ड को मसल रहा था।
एकदम से मैंने पिंकी के चूचे जोर से दबा दिए.. वो जोर चिल्ला पड़ी- ऊऊऊईईईईई.. क्या कर रहे हो.. आराम से करो ना.. अब मैंने उसके गले पर.. उसके पेट पर.. चूचों पर.. चुम्बनों की बारिश कर दी और एक हाथ से उसके चूत के दाने को मसल रहा था। क्या मस्त टाइम था.. हम दोनों पानी में नहा भी रहे थे और मजे भी कर रहे थे।
इतने में वो फिर से गरम हो गई, अब मैंने उसको लंड चूसने की कहा.. वो मेरा लंड पकड़ कर जोर-जोर से चूसने लगी, मुझे भी बहुत मजा आ रहा था। मैंने उसकी एक टांग उठा कर अपनी कमर पर रखी और आगे से ही उसकी चूत में लंड डाल दिया। पिंकी की चूत गीली होने से मेरा लंड एक बार में आधे से ज्यादा अन्दर चला गया था।
मैं रुका नहीं.. जल्दी से दूसरा धक्का मार दिया.. इस बार उसकी चीख निकल गई। फिर मैं जोर-जोर से पिंकी की चुदाई करने लगा और लण्ड की ठोकरों से पिंकी की सिसकारियाँ पूरे बाथरूम में गूंज रही थीं।
करीब 10 मिनट पिंकी की चुदाई की.. फिर मैंने पिंकी को घोड़ी बना कर पीछे से ही उसकी चूत और गाण्ड दोनों को ही चाटने लगा। इतने में पिंकी बोली- तुम क्या कर रहे हो? मैंने कहा- चूत को चाट रहा हूँ।
फिर मैंने उसकी चूत में और गाण्ड में एक एक उंगली डाल दी। पिंकी कहने लगी- उई.. गाण्ड में उंगली मत करो। मैं कहाँ मानने वाला था, मैंने 2 उंगलियाँ उसकी गाण्ड में डाल कर जोर-जोर से उसकी गाण्ड में उंगली चलाने लगा।
उसे भी थोड़ा शक हुआ.. तो उसने बोला- यश गाण्ड में मत डालना.. मैंने कहा- ठीक है।
फिर मैंने पिंकी की चूत में लंड डाल दिया 20 से 30 धक्के मारे ही होंगे कि मैंने पिंकी की गाण्ड पर थूक लगा कर अपना लंड एकदम झटके से पिंकी की गाण्ड में डाल दिया। पिंकी भी एकदम से चौंक गई, अभी बस सुपारा ही अन्दर गया होगा और जोर से चीखी ‘ऊऊऊऊ.. मुझे नहीं करवाना.. प्लीज बाहर निकालो.. मैं मर जाऊँगी.. मैं मर जाऊँगी.. ओह्ह.. बहुत दर्द हो रहा है..’ मैंने कहा- ठीक है.. बाहर निकालता हूँ..
पर मैंने लंड को निकाला नहीं.. बल्कि धीरे-धीरे झटका देने लगा। उसकी गाण्ड इतनी कसी हुई थी.. कि मैं ठीक से झटके भी नहीं दे पा रहा था, मेरे लण्ड में भी जलन सी हो रही थी। मैंने सोचा कि अगर मैंने लंड बाहर निकाल लिया.. तो फिर यह गाण्ड कभी नहीं मारने देगी इसलिए मैं थोड़ी देर ऐसे ही लगा रहा। वो कुछ शांत हुई.. फिर मैं धीरे-धीरे आगे-पीछे करने लगा।
वो फिर छटपटाने लगी और छूटने की कोशिश करने लगी.. वो दर्द के मारे कराहने लगी.. तो मैंने उसके दर्द की परवाह किए बगैर.. एक झटका और मारा और अबकी बार मेरा आधा लण्ड उसकी गाण्ड में जा चुका था। अभी साला आधा लंड ही अन्दर गया था और उसके दर्द के मारे प्राण गले में आ गए थे, उसकी साँसें एकदम ऊपर को खिंच गईं और वो चीखें मारने लगी- प्लीज यश बाहर निकाल लो।
पर थोड़ी देर बाद ‘आह..आह..’ बस मैंने एक और झटका मारा और एक जोर की आवाज आई- आह हा..हह ह.. मर गई..रे.. मैं धक्के लगाता रहा.. उसके मुँह से एक बहुत जोर की चीख निकल गई- ओ..ओ.. आह्ह्ह्ह्ह.. मर गई रे मम्मी.. उसकी आँखों से आंसू आने लगे। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मैंने बिना उसकी परवाह किए पिंकी की गाण्ड में लौड़े को हल्के-हल्के से अन्दर-बाहर करने लगा। पिंकी अभी भी ‘आहें..’ भर रही थी.. पर उसकी आवाज कमजोर हो गई थी। अब मैंने स्पीड थोड़ी बढ़ा दी। मैंने उसके दोनों हाथ पकड़ कर जोर-जोर से उसकी गाण्ड में अपना लंड अन्दर-बाहर करने लगा।
इस पर पिंकी की चीख अब मादक सिसकारियों में बदल गई थी.. उसे भी मजा आने लगा और वो अपनी गाण्ड को आगे-पीछे करने लगी। पूरे बाथरूम में उसकी मादक सिस्कारियां गूंज रही थीं। ‘आह्ह्ह्ह्ह्.. ओआह्ह् आह्ह्ह्हज.. ह्हम्म म्मम्म..’ पिंकी बोले जा रही थी- यश और जोर से चोदो.. मुझे.. और जोर से मारो मेरी गाण्ड.. आह्ह्ह्ह्ह..
पिंकी 2 बार और झड़ गई थी.. दस मिनट पिंकी की गाण्ड मारने के बाद भी मेरा पानी निकल ही नहीं रहा था। मैं भी थोड़ा थक सा गया था।
मैंने पिंकी को उठा कर अपने कमरे में ले गया और मैं लेट गया और पिंकी मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी।
बहुत मजा आ रहा था.. 5 मिनट पिंकी ने मेरा लंड चूसा, मेरी थकान भी कम हो गई। फिर मैंने पिंकी को पेट के बल लेटा दिया और उसकी गाण्ड में नारियल का तेल डाला और अपने लंड पर लगा कर उसकी गाण्ड में डाल दिया। अब जो मैंने उसकी फुल स्पीड में गाण्ड चुदाई करी तो उसकी गाण्ड में मानो मजा भर गया था।
मैंने लंड डाल कर दम से पिंकी की गाण्ड मारी और उसकी आवाज तो पूछो मत.. दोस्तो.. मजा आ गया।
इस बार मैंने इतनी जोर-जोर से पिंकी की चुदाई की.. कभी उसके बाल पकड़ कर कभी उसके संतरे भंभोड़ कर.. सच्ची मेरा तो लौड़ा मस्त हो गया। मेरी उँगलियाँ उसकी चूत को मजा दे रही थीं।
करीब 15 मिनट हुए थे.. पिंकी अब अकड़ने लगी और बोलने लगी- यश मेरा होने वाला है। फिर मैंने पिकी की गाण्ड से लंड निकाला और पिंकी को पीठ के बल लेटा दिया और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया।
पिंकी फिर से बोलने लगी- प्लीज यश अन्दर मत डालना.. मैं भी कहाँ मानने वाला था, मैंने फुल स्पीड में 15 से 20 धक्के मारे होंगे और पिंकी और मैं दोनों साथ में ही झड़ गए। सारा माल मैंने पिंकी की चूत में डाल दिया और मैं पिंकी के ऊपर ही लेटा रहा। हम दोनों इतना थक गए थे कि उठ भी नहीं पा रहे थे, ऐसे ही हम दोनों लेटे रहे।
करीब 30 मिनट बाद हम उठे, मैंने घड़ी में देखा तो 5 बज रहे थे। फिर पिंकी उठी.. उसकी गाण्ड दर्द हो रही थी। वो बाथरूम गई और फ्रेश होकर उसने अपने कपड़े पहने मैंने भी पहन लिए।
पिंकी थोड़ा लगड़ा कर चल रही थी, उसने कहा- आज तो तुमने बहुत मजा दिया.. पर मेरी जान भी निकाल दी। मैंने पिंकी को सहारा दिया.. उसे पकड़ा और होंठों चुम्बन कर दिया।
इतने में घंटी बजी। मैंने टीवी चालू कर दी थी। कुछ खाने का सामान टेबल पर रख दिया। दरवाजा खोला.. तो देखा सोनी थी।
सोनी ने काला टॉप और कैपरी पहनी हुई थी। मेरा मन तो किया कि इसको भी अभी अन्दर ले जाकर इसकी भी चुदाई कर दूँ। सोनी बोली- क्या हुआ हॉटशॉट? क्या देख रहे हो? मैंने कहा- आज तो तू बहुत मस्त लग रही है। सोनी ने कहा- थैंक्स जी!
वो अन्दर आई और पिंकी से कहा- दीदी घर चलो कुछ काम है। पर पिंकी को लंगड़ाता देख कर सोनी समझ गई कि आज फिर हम दोनों में कुछ हुआ है। दोनों ने ‘बाय’ किया और दोनों प्यारी सी स्माइल दे कर चली गईं।
तो दोस्तो, कैसा लगा.. जो मैंने पिंकी के साथ किया.. और हाँ दोस्तो.. अब मेरे पास एक रात और 2 दिन बचे थे। उसमें मैंने दोनों बहन की मस्त चुदाई की। वो सब और कभी लिखूँगा। दोस्तों अपने मेल भेज कर मुझे बताना जरूर। [email protected]
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