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नमस्कार दोस्तो.. मैं कन्हैया उप्र से हूँ। मेरी पहली कहानी पड़ोसन भाभी की मचलती चूत की चुसाई चुदाई आप लोगों ने खूब पसंद की.. मुझे बहुत सारे मेल्स आए.. इसके लिए मैं आप सबका धन्यवाद करता हूँ।
यh कहानी भी यहीं से शुरू होती है। मेरी पिछली कहानी से मुझे एक लड़की के कई मेल आए थे.. बस वहीं से हम रोज चैट करने लगे। तब मुझे पता लगा कि वह कानपुर की एक 35 वर्षीया तलाकशुदा औरत है। फिर हमारी फ़ोन पर भी बात शुरू हो गई.. हम फ़ोन सेक्स भी करने लगे।
फिर एक दिन उसने मुझसे मिलने की इच्छा जताई, उसने कहा- मैं तुमसे अपनी चूत की प्यास बुझाना चाहती हूँ.. मुझे भी चूत की जरूरत थी.. सो मैंने भी ‘हाँ’ कर दी। मैंने कहा- मैं 2 दिन बाद कानपुर आ रहा हूँ।
मैं 2 दिन बाद कानपुर पहुँच गया.. स्टेशन से मैंने उसे कॉल किया, थोड़ी ही देर में वो वहाँ आ गई। जब मैंने उसे देखा.. तो देखता ही रह गया क्योंकि वो एक बहुत ही सुन्दर माल किस्म की औरत थी। फिर मैं उसकी एक्टिवा पर बैठ कर उसके घर की तरफ चल दिए।
घर पहुँचते ही उसने मुझे बाहर हॉल में बिठाया.. मेरे लिए पानी लेकर आई, मैंने पानी पिया.. फिर वो मेरे पास आकर बैठी। थोड़ी देर हम दोनों ने इधर-उधर की बातें की.. बातों ही बातों में वो मुझे चुम्बन करने लगी। मैं आपको उसके बारे में तो बताना भूल ही गया.. वो 5’4″ लंबी थी उसके बड़े-बड़े काले बाल थे.. एकदम गोरी थी और उसका फिगर 34-30-36 का रहा होगा।
मैं भी उसे चुम्बन करने लगा। वो मेरे होंठों को ऐसे चूस रही थी.. जैसे बहुत दिन से प्यासी हो। कभी वो मेरी जीभ चूसती.. कभी होंठ चचोरती..
मैं भी उसको चुम्बन करते-करते उसके ब्लाउज के ऊपर से ही उसके मम्मों को दबा रहा था और वो भी मेरे पैन्ट के ऊपर से मेरे लण्ड को सहला रही थी। उसने कहा- चलो बेडरूम में चलते हैं। मैंने कहा- चलो..
उसने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे खींचती हुई बेडरूम की तरफ चल दी। बेडरूम में पहुँचते ही मैंने उसे बिस्तर पर पटक दिया और उसके ऊपर आ गया। ऊपर आते ही मैंने उसे चुम्बन करना चालू कर दिया।
सबसे पहले मैंने उसके माथे को चूमा.. फिर उसके कान को.. और गाल को चूमने के बाद.. मैंने उसको होंठों को अपने होंठों से मिला लिया। मैंने उसके होंठों का सारा रस पी लिया। एक बार मैंने उसकी जीभ को होंठों से पकड़ लिया था.. तो उसकी तो सांस ही अटक गई थी। जब मैंने उसे छोड़ा.. तो वो हाँफने लगी और बोली- अगर थोड़ी देर और न छोड़ते.. तो मैं तो मर ही जाती। मैं हँसने लगा।
फिर मैंने उसकी साड़ी उतार दी, मैंने एक-एक करके उसके सारे कपड़े उतार दिए, उसको एकदम नंगी कर दिया मैंने.. फिर उसने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिए।
अब हम दोनों ही बिल्कुल नंगे थे, मैं तो उसके नंगे शरीर को देखकर पागल ही हो गया था यारो.. उसके जिस्म पर एक भी दाग नहीं था। उसकी चूत ‘पाव-रोटी’ की तरह थी एकदम फ़ूली हुई। एकदम साफ़.. एक भी बाल नहीं था उसकी चूत पर.. मैंने उसकी आँखों में झाँका तो उसने बताया कि सुबह ही बनाये हैं। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
वो मेरे लण्ड को पकड़ कर चूसने लगी, वो लण्ड चूसने में अनुभवी महिला थी, वो लण्ड को बहुत ही अच्छी तरह से चाट रही थी। फिर मैंने उससे कहा- हम 69 की अवस्था में चुसाई करते हैं। उसने कहा- ठीक है।
दस मिनट की चुसाई के बाद मैंने उसे सीधा लिटाया, सीधा लिटाने के बाद मैंने उसे फिर चुम्बन करना चालू कर दिया। अबकी बार मैं उसकी गर्दन को चूसते-चूसते नीचे बढ़ रहा था, गर्दन के बाद मैं उसके मम्मों को दबाने लगा तो वो ‘आहें’ भरने लगी- आआह.. आआअह्ह ह्हह्ह.. ह्म्म्म्म अम्म..
फिर मैं उसके मम्मों को एक-एक करके चूसने लगा। कभी दाएं मम्मे को चूसता.. तो कभी बाएं मम्मे को चूसता। वो सीत्कार करने लगी- आआह्ह्ह.. ह्म्म्म.. और जोर चूसो.. आआह्ह्ह.. ओफ़्फ़्फ़.. बहुत मज़ा आ रहा है.. क्या मस्त चूसते हो तुम.. हाँ.. पी जाओ.. इसका सारा रस.. आज निचोड़ दो मुझे.. आआह्हहह..
फिर मैं उसके पेट को चूसने लगा, मैं उसकी नाभि में अपनी जीभ डाल कर चूसने लगा। उसके बाद मैं उसकी जांघ को चाटने लगा, वो तो पागल हुए जा रही थी। उसके बाद मैंने उसकी चूत पर अपना मुँह लगा दिया और उसकी चूत को चाटने लगा।
मैं कभी उसके छेद में पूरी जीभ डाल देता.. तो कभी उसके दाने को होंठों से पकड़ कर चूसने लगता। उसने अपने दोनों हाथों से मेरे बाल पकड़ लिए और अपनी चूत में घुसाए जा रही थी और बड़बड़ा रही थी- आआअह्ह.. मेरे राजा.. चूसो.. मेरी चूत चूस-चूस कर आज इसका सारा रस पी जाना.. इसने मुझे बहुत परेशान किया है.. हाँ.. चूसो.. और चूसो.. आअह्ह्ह.. और वो जोर-जोर से ‘आहें’ भरने लगी।
उसने कस कर मेरे सर को अपनी चूत पर दबाया और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया। मैंने थोड़ा सा पानी पी कर देखा उसका स्वाद नमकीन सा था। फिर मैंने उसकी चूत को रूमाल से साफ़ किया।
उसने कहा- मुझे भी तुम्हारा पानी पीना है.. मैंने लौड़े को उसके मुँह की तरफ ठेला.. उसने मेरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। लगभग 5 मिनट चूसने के बाद मैंने उसके मुँह में ही अपना सारा माल छोड़ दिया.. जिसे वो पी गई, फिर वो मेरे सीने पर अपना सर रखकर लेट गई और मेरे लण्ड को सहला रही थी और मैं भी उसकी चूत को सहला रहा था।
थोड़ी ही देर में मेरा लण्ड फिर से खड़ा होने लगा, मैं उसकी टाँगों के बीच में आ गया और उसकी चूत की चाटने लगा, चूत चाटते-चाटते मैं उसके मम्मों को भी दबा रहा था। जब मैं अपनी जीभ उसकी चूत के छेद में घुसाता.. तो वो ‘आहें’ भरती।
‘आआह्ह्ह्ह.. उफ्फ्फ.. ह्म्म्म्म..’
अब वो मचलने लगी- कान्हा.. अब और मत तड़पाओ.. अपने लण्ड को मेरी चूत में घुसा कर इसकी गर्मी शांत कर दो.. आह्ह.. मैंने कहा- ठीक है मेरी जान.. मैंने उसकी तरफ लौड़े को किया और उसे कहा- मेरे लण्ड को चूस कर खड़ा करो। और वो मेरे लण्ड को चूसने लगी।
थोड़ी ही देर में मेरा लण्ड अपने असली रूप में आ गया, उसने मुझे एक धक्का दिया और मैं बिस्तर पर पीठ के बल गिर गया। वो मेरे खड़े लण्ड पर अपनी चूत को सैट करके बैठने लगी। धीरे-धीरे मेरा लण्ड पूरा उसकी चूत में समां गया।
अब वो धीरे-धीरे मेरे लण्ड पर कूदने लगी और सीत्कार भरती जा रही थी आआह्ह.. आआह्ह.. ओफ़्फ़.. ह्म्मम्म.. थोड़ी देर में वह हट गई और मेरे सामने घोड़ी बन गई और कहने लगी- पीछे से अपना लन्ड मेरी चूत में घुसाओ।
मैंने वैसा ही किया.. मैंने अपना लण्ड चूत पर सैट किया और धीरे से धक्का लगाया, एक ही बार में पूरा लण्ड उसकी चूत की गहराइयों में उतर गया। फिर मैं धक्के लगाने लगा। वो मस्त हो उठी और कहने लगी- और तेज.. और तेज..
तो मैंने भी स्पीड बढ़ा दी और जोर-जोर से धक्के लगाने लगा। तो वो धीरे-धीरे चिल्लाने लगी- आआह्हह.. आअह्हह.. ओफ़्फ़..
मैंने उसे सीधे पीठ के बल लिटा लिया और मैं उसके ऊपर आ गया, ऊपर आते ही मैंने उसकी चूत में लण्ड घुसा दिया और उसकी चूत की चुदाई करने लगा। उसने भी अपनी दोनों टांगें मेरी पीठ पर कैंची की तरह लपेट लीं और अपने दोनों हाथों से मेरी पीठ सहलाने लगी। जैसे ही मैं उसकी चूत में धक्का लगाता.. वैसे ही वो भी अपने चूतड़ उठा कर नीचे से धक्का लगा देती।
मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और जोर-जोर से उसे चोदने लगा। वो ‘आअह्ह ह्हह.. आअह्ह ह्हह.. चोदो.. और जोर से चोदो.. ह्म्म्म्.. उफ्फ्फ्फ़.. सीईईईई.. आज मेरी प्यार बुझा दो.. राजा.. आअह्ह ह्हह… बोल रही थी। मैंने 5 या 6 झटके जोर-जोर से लगाए और उसकी चूत में मैंने अपने वीर्य से भर दी और निढाल होकर उसके ऊपर ही लेट गया। वो मुझे चुम्बन करने लगी। थोड़ी देर में हम बाथरूम गए और साथ में नहाए, फिर मैं अपने कपड़े पहन कर नाश्ता करके वहाँ से चल दिया।
दोस्तो, आपको मेरी कहानी कैसी लगी। कृपया अपने विचार मुझे मेरी ईमेल कीजिये। [email protected]
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