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हॉट लेडी सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि मैं दोस्त की बीवी की चुदाई करने उसके घर गया. वो मुझसे चुद चुकी थी. पर वो घर पर नहीं थी तो लौड़ा प्यासा रह गया. फिर मैंने क्या किया?
नमस्कार दोस्तो, मैं आपका राज शर्मा आपका स्वागत करता हूं हिन्दी सेक्स कहानी की सर्वोत्तम वेबसाइट अन्तर्वासना पर।
आज मैं आपके लिए अपनी एक अनोखी हॉट लेडी सेक्स स्टोरी लेकर आया हूं. इस कहानी में मैं आपको बताऊंगा कि मैं अपने दोस्त उस्मान की बीवी अफसाना को चोदने गया था. मगर दोस्त की बीवी की चुदाई के चक्कर में मुझे फिर किसी और को ही चोदना पड़ गया.
अगर आपने मेरी पिछली कहानी नहीं पढ़ी है तो आपको बता दूं कि आप इस कहानी को बेहतर ढंग से समझने के लिए मेरी यह कहानी पढ़ें. दोस्त की बीवी से चैट से चुदाई का सफ़र
तो आपका ज्यादा समय न लेते हुए मैं अपनी स्टोरी शुरू करता हूं. आशा करता हूं कि आपको मेरी यह रियल हिन्दी सेक्स स्टोरी पसंद आयेगी और आप इसका पूरा मजा लेंगे.
अब मैं सीधा आज की हॉट लेडी सेक्स स्टोरी पर आता हूं।
एक दिन मैं अपने दोस्त के घर गया. मैंने सोचा कि आज अफसाना भाभी को सर्प्राइज दूंगा। दोपहर का समय था. मैं घर पहुंचा तो गेट खुला था। मैं अंदर गया और दरवाजा बंद कर दिया।
मैंने अफसाना को आवाज दी. कोई जवाब नहीं आया। मैं सीधा उसके रूम पहुंचा तो वो वहां भी नहीं थी।
मैंने उसे फ़ोन लगाया वो बोली- राज मैं बाहर आई हुई हूं, आज तुम घर मत आना. मैं कल आऊंगी, तुम कल आना. इतना बोलकर उसने फोन काट दिया.
अब मैंने सोचा कि आज तो मेरा लौड़ा भूखा रह जाएगा।
तभी मुझे आंटी की याद आ गई. मैं आंटी के रूम में गया।
आंटी मैगजीन देखने में बिजी थी. मैंने कहा- नमस्ते आंटी, कैसी हो? वो बोली- ठीक हूं. घर में अकेली थी. मैं बोर हो रही थी, अच्छा हुआ कि तुम आ गये. आओ बैठ जाओ.
आंटी ने मैक्सी पहन रखी थी. मैं पास में बैठ गया। आंटी बोली- राज, कुछ खाएगा? मैं बोला- बहुत कुछ खाऊंगा।
इस बात पर आंटी ने मेरी ओर अजीब सी निगाहों से देखा और फिर हल्के से मुस्करा दी. वो बोली- ठीक है, जानती हूं कि तुम क्या क्या खा सकते हो. चलो, तुम आ ही गये हो तो तुम्हारे और अपने लिये चाय बना देती हूं. मैं भी साथ में पी लूंगी.
फिर वो चाय बनाने गयी. मैं वहीं पर बैठा हुआ अपने लंड को सहलाने लगा.
भाभी की चूत तो आज नहीं मिलने वाली थी इसलिए लंड तड़प रहा था. अब उसको किसी न किसी की चूत तो दिलवानी ही थी. इसलिए मैं रुक नहीं सकता था.
कुछ देर में आंटी चाय और स्नैक्स लेकर आ गयी. वो मेरे पास आ बैठी और हम चाय पीते हुए बातें करने लगे. मैं बोला- तो आंटी, खाली समय में क्या करती हो आप, टाइम कैसे पास होता है आपका?
वो बोली- बस ऐसे ही बोर हो जाती हूं. कोई अच्छे से टाइम पास करवाने वाला है ही नहीं. अब मैंने चाय की चुस्की लेते हुए आंटी की जांघों पर हाथ रख दिया. मैं तो बस हवस में पागल हुआ जा रहा था. दिमाग काम ही नहीं कर रहा था.
आंटी ने भी कुछ नहीं बोला. वो चुपचाप चाय पीती रही. आंटी की चूत मेरे लंड का स्वाद जानती थी. उसको पता था कि उसकी चूत आज फिर रगड़ी जाने वाली है.
वो कुछ नहीं बोल रही थी. बस मेरे हाथ को बीच बीच में देख रही थी. अब मेरा हाथ आंटी की जांघों पर ऊपर तक जा रहा था.
मैक्सी में ढकी हुई आंटी की चूत मेरी उंगलियों से बस कुछ ही दूरी पर थी. मेरा लंड मेरी लोअर में पूरा तनकर एक तरफ निकल आया था. आंटी मेरे लंड को भी देख चुकी थी. उनके होंठों पर एक प्यास सी नजर आई मुझे.
चाय खत्म हो गयी और आंटी ने कप एक तरफ रख दिया. मेरा हाथ अभी भी आंटी की जांघ पर ही था. तभी आंटी ने मेरे तने हुए लौड़े पर हाथ रखा और बोली- क्या बात है, कुछ ज्यादा ही गर्म हो रहे हो राज! मैं बोला- हां आंटी, बस आपकी गर्मी से इस गर्मी की काट ढूंढ रहा हूं.
वो कुछ नहीं बोली तो फिर मैंने अपनी हरकत बढ़ा दी। अब आंटी भी गर्म होने लगी और बोली- कितनी गर्मी हो रही है … तू अपने लोवर और टी-शर्ट उतार को उतार ले.
मैंने दोनों कपड़े उतार दिए और मैं बनियान अंडरवियर में आ गया। आंटी मेरे तने हुए लौड़े को देख रही थी. मेरा लंड मेरी फ्रेंची में उछल रहा था.
वो उसको देखकर मुस्करा दी और बोली- ये तो बहुत ही ज्यादा गर्म हो गया है. इसको तो शांत करना पड़ेगा.
अपने लंड को मसलते हुए मैं बोला- हां आंटी, बहुत तड़प रहा है. प्लीज इसको शांत कर दो. वो बोली- यहां नहीं, अंदर चलो.
हम दोनों अंदर बिस्तर पर आ गए. मैंने धीरे धीरे उसकी मैक्सी ऊपर कर दी और उसकी जांघों को सहलाने लगा। मैंने कहा- आंटी, आपको गर्मी नहीं लग रही क्या?
वो बोली- लग रही है. मैंने कहा- तो फिर ये पर्दा किसलिये?
मेरे टोकने पर उसने अपनी मैक्सी उतार दी. अब उसके बड़े-बड़े मम्मे उसकी ब्रा से बाहर आने के लिये बेताब थे. उसकी गान्ड पैंटी में समा नहीं रही थी।
मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसके होंठों को चूसने लगा. वो भी मेरा साथ देने लगी।
मैंने एक हाथ उसकी पैंटी के ऊपर रखकर सहलाना चालू कर दिया। अब दोनों गर्म हो गये थे. मेरा लौड़ा खड़ा खड़ा फटने को हो रहा था.
मैंने उसकी ब्रा उतार कर फेंक दी और उसके बूब्स मसलने लगा।
अब उसके हाथ मेरे लौड़े पर आ गए. वो मेरे लंड को सहलाने लगी। मैंने अपनी अंडरवियर उतार दी और लंड को उसके सामने हाथ में लेकर हिलाने लगा.
वो मेरे लंड के पास मुंह ले आई. ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरा लंड उसके लिए कोई खाने की चीज हो. वो मेरे लंड को ध्यान से देख रही थी.
उसके होंठों पर मुझे मेरे लंड के लिए प्यास दिखाई दी. मैं उसके होंठों पर लंड फिराने लगा.
अगले ही पल उसने मुंह खोला और वो मेरे लंड को अपने मुंह में गप्प से अंदर ले गई. लंड को मुंह में भरकर वो उसे लॉलीपोप के जैसे चूसने लगी.
लंड मुंह में जाते ही मैं तो जैसे हवा में उड़ने लगा. इतना मजा आ रहा था कि मेरे मुंह आह्ह … आह्ह … निकलने लगी और मैं उसके बालों को सहलाता हुआ लंड चुसवाने लगा.
फिर मैं भी उसके बूब्स दबाने लगा। वो मस्ती में लंड को चूसती जा रही थी.
फिर मेरी उत्तेजना बढ़ने लगी. मैंने झटके मारना शुरू कर दिया और उसके मुंह को चोदने लगा।
3-4 मिनट तक उसने मेरे लंड को जमकर चूसा. जब मुझे लगा कि मैं अब ज्यादा देर नहीं टिक पाऊंगा तो मैंने उसको हटा दिया; लंड को उसके मुंह से निकलवा दिया और फिर उसको नीचे लेटाकर उसके ऊपर आ गया.
मैं उसके चूचों को पीने लगा. वो मस्ती में आह्ह आह्ह … करते हुए सिसकारने लगी.
कई मिनट तक मैंने आंटी के बूब्स पीये और फिर हम दोनों 69 की पाजीशन में आ गए.
आंटी की चूत पर एक भी बाल नहीं था। मैंने उसकी चूत में उंगली घुसा दी और अंदर-बाहर करने लगा. वो गपागप … गपागप … लंड चूस रही थी।
मैंने 2 उंगलियों से चोदना शुरू कर दिया. वो लंड को अंदर तक ले रही थी और मजे से चूस रही थी। अब उसकी चूत से अचानक पिचकारी निकल पड़ी और आह्ह … आह्ह … की सिसकारियों के साथ उसकी चूत ने काफी सारा पानी छोड़ दिया.
दो मिनट के बाद वो बिल्कुल शांत सी हो गयी. मेरा लंड अभी भी उसके मुंह में ही था. मैंने उसके मुंह को चोदने की स्पीड और तेज कर दी और तेजी से उसके मुंह में लंड को अंदर बाहर करने लगा.
दो मिनट के बाद मेरे लंड ने भी पिचकारी छोड़ दी और वो मेरे सारे वीर्य को अंदर ही गट गट करके पी गयी.
मैं भी संतुष्ट होकर शांत हो गया. अब दोनों कुछ देर के लिए नॉर्मल हो गये थे. अब हम दोनों लेट गए.
वो बोली- राज … तेरा पानी तो बहुत टेस्टी है. मैंने कहा- हां, तभी तो तुम्हारी बहू और तुम मेरे लौड़े की दीवानी हो।
हम दोनों कुछ देर तक एक दूसरे अंगों को सहलाते रहे. फिर मुझे दोबारा से जोश आने लगा और मैं उसकी चूचियों को फिर से दबाने लगा. उसकी गांड पर हाथ फेरने लगा.
मेरा लौड़ा धीरे धीरे खड़ा होने लगा। मैंने कहा- आंटी चलो, अफसाना के बेडरूम में चलते हैं। हम दोनों अफसाना के बेडरूम में आ गए.
अंदर जाकर मैंने उसे नीचे बैठा दिया और उसके मुंह में लंड डालकर चोदने लगा. उसकी चूचियां दबाने लगा।
अब मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसके ऊपर आ गया। उसके ऊपर आकर मैं उसके होंठों को पीने लगा.
मेरा लंड उसकी चूत पर रगड़ मार रहा था. वो सिसकारियां लेते हुए बोली- कब डालेगा?
मैंने कहा- अभी डालने के लिए ही तैयार कर रहा हूं तेरी चूत को मेरी जान … बस दो मिनट और! वो सिसकारते हुए बोली- जल्दी कर ना … बहुत तरस गयी अब.
फिर मैं अपने लंड पर कॉन्डम लगाने लगा. आंटी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और कॉन्डम लगाने से मना कर दिया. वो बोली- कॉन्डम से मजा नहीं आयेगा. बिना कॉन्डम डाल.
मैंने वो कॉन्मड एक तरफ फेंका और अपने लंड पर थूक लगा लिया. आंटी आज जोरदार चुदाई के मूड में लग रही थी. मैंने थोड़ा सा थूक आंटी की चूत पर भी लगा दिया.
फिर आंटी की चूत पर लंड का सुपाड़ा सेट कर दिया और एक झटके में उसकी चूत में लंड को घुसा दिया. पहले झटके में ही आंटी की चूत में गच से लंड उतर गया.
बिना देरी किये मैं चूत में लंड को अंदर बाहर करते हुए धक्के लगाने लगा. आंटी के मुंह से आह्ह … आह्ह … करके चुदाई के आनंद की आवाजें निकलने लगीं.
उसने मेरे कंधों को पकड़ लिया और उनको सहलाने लगी. कभी मेरी छाती को सहला रही थी तो कभी मेरी पीठ को सहलाने लगती थी. आंटी की चूत में लंड पूरा अंदर बाहर हो रहा था.
अब मैं झटकों की रफ़्तार धीरे धीरे तेज़ करने लगा। अब मैं सटासट सटासट लंड अंदर बाहर करने लगा. उसकी सिसकारियां तेज होने लगीं. अब दोनों पूरी तरह से गर्म हो चुके थे और जमकर चुदाई का मज़ा लेने लगे।
मैंने आंटी से कहा- जान … अब तुम ऊपर आओ, थोड़ा सा मजा मुझे भी दे दो.
वो उठी और मुझे नीचे लिटा लिया. फिर अपनी चूत फैलाकर मेरे लंड पर बैठ गयी और लंड को अंदर लेकर उस पर कूदने लगी. वो तेजी से उछलते हुए चुदने लगी और मैं भी उसकी गांड को थामकर नीचे से धक्के देने लगा.
अब लंड और चूत एक दूसरे को चोदने लगे। वो सिसकारने लगी- राज चोदो … आह्ह … और चोदो … मेरी चूत में लंड का पूरा मजा दे दो. आह्ह … क्या मस्त लौड़ा है तुम्हारा. ले लो मेरी चूत अच्छी तरह!
मैंने झटकों की रफ्तार और ज्यादा बढ़ा दी और लंड पूरी तेजी से अंदर-बाहर करने लगा. वो भी गांड पटक पटक कर चुदवा रही थी। पांच-सात मिनट तक उसने अपनी चूत ऐसे ही रगड़वाई.
अब मैंने उसे लंड से उठाकर बिस्तर पर घोड़ी बना दिया और पीछे से चूत में लन्ड घुसा दिया। उसकी चूचियों को पकड़ कर मैं अब अपने लौड़े को सटासट सटासट अंदर बाहर करने लगा.
वो भी गांड को आगे पीछे करने लगी. अब दोनों की सिसकारियां तेज़ हो गईं और पूरे कमरे में पच्च … पच्च … फच्च … उईईई … ईईई की आवाजें आने लगीं।
आंटी की चूत की पकड़ अब मेरे लंड पर कसने लगी. मैंने झटकों की रफ्तार बढ़ा दी. आंटी बेहाल होने लगी. उसकी सिसकारियां अब चीखों में बदल गयी. वो पगला गयी और मेरी गांड को पीछे हाथ लाकर अपनी चूत पर धकेलने लगी.
दो मिनट बाद ही उसने जोर की चीख ली और मेरे लंड पर गर्म पानी मुझे महसूस होने लगा. उसकी चूत ने गर्म पानी से मेरे लंड को नहला दिया.
अब मेरा गीला लंड फच्च … फच्च … करके चोदने लगा। मैंने और तेज़ तेज़ झटके मारने शुरू कर दिए. मैं भी अपने चरम पर पहुंचने वाला था. मैं आंटी की चूत को फाड़ देना चाहता था.
दो मिनट बाद ही मैंने अपना कंट्रोल खो दिया और अब मेरे लौड़े से ज्वालामुखी फूट पड़ा. आंटी की चूत मेरे वीर्य से भर गई। मैं आंटी के ऊपर वहीं पर निढाल हो गया.
अब दोनों पसीने से लथपथ होकर बिस्तर पर लेट गए।
20 मिनट बाद फिर से आंटी अपने हाथ मेरे बदन पर चलाने लगी. वो मेरे लंड को सहलाने लगी और मेरा लौड़ा खड़ा हो गया।
मैंने आंटी को लंड पर झुका दिया. वो गपागप गपागप करके मेरा चूसने लगी।
मैंने उसे बिस्तर पर उल्टा लिटा दिया. फिर अलमारी से तेल की कटोरी उठाई.
तेल लेकर मैंने आंटी की गांड में 5-6 बूंदें तेल की डालीं और उसकी गांड में उंगली घुसाने लगा. वो उचक गयी और आईई … ऊईई करने लगी.
मैं उसकी गांड में उंगली करता रहा. उसकी गांड का छेद ढीला हो गया.
फिर मैंने 4-5 बूंदें और उसकी गांड में डाल दीं. फिर मैंने अपने लंड को तेल की कटोरी में डुबो दिया. मेरा लंड तेल में पूरा सराबोर हो गया.
फिर मैंने आंटी की गांड पर लंड को लगाया और उसकी गांड पर चिकने लंड के सुपाड़े को फिराने लगा. आंटी की गांड खुलने लगी. मेरे लंड का टोपा हल्का हल्का आंटी की गांड में अंदर जाने लगा.
अब मैंने उसकी कमर को पकड़ कर थाम लिया और एक झटके के साथ आंटी की चीख निकल गयी.
मेरे लंड का सुपारा आंटी की गांड में घुस गया. आंटी कराहने लगी.
मैंने उसकी चूचियों को पकड़ लिया और दबाते हुए आंटी की कमर चूमने लगा. वो दर्द से कराहती रही और मैं धीरे धीरे आंटी की गांड में लंड को धकेलता चला गया.
धीरे धीरे करके मैंने पूरा लंड आंटी की गांड में घुसा दिया. आंटी जोर से चीखने लगी- निकाल ले राज … आआईई … आऊऊ … मर जाऊंगी मैं!
पूरा लंड डालकर मैं रुक गया और आंटी की चूचियों को मस्ती में दबाता रहा. कुछ देर रुकने के बाद मैं अब धीरे धीरे लंड को चलाने लगा.
वो अब धीरे धीरे सिसकारियां भरने लगी. कुछ देर के बाद मैंने झटकों की रफ्तार बढ़ा दी और लंड को पूरा अंदर-बाहर करने लगा।
आंटी को फिर से दर्द होने लगा मगर फिर कुछ देर के बाद वो गांड चुदाई का मजा लेने लगी.
फिर अब मैं फुल स्पीड से आंटी को चोदने लगा. आंटी की गांड में लंड की पच पच की आवाज होने लगी.
अब आंटी भी गांड को आगे पीछे करके चुदाई में मेरा साथ देने लगी. अब वो अपनी गांड चुदवाने का मजा ले रही थी. मेरे झटकों का जवाब वो अपने झटकों से दे रही थी.
मैं उसे अब जमकर चोद रहा था. उसे भी पूरा मजा आने लगा था।
अब मैंने उसे बिस्तर के नीचे किया और झुकाकर गांड में लन्ड डालकर चोदने लगा। चुदाई की आवाज कमरे में तेज हो गई थी। कुछ देर चोदने के बाद मेरे लंड की नसें फूल गयीं और मेरे लंड का कड़ापन अपने चरम पर आ गया. अब मैं नहीं रुक पाया और मैंने चोदते हुए आंटी की गांड में वीर्य छोड़ दिया.
आंटी की गांड मेरे वीर्य से भर गयी और हम दोनों बेड पर लेट कर एक दूसरे से चिपक गये. फिर शाम को मेरी नींद खुली. आंटी भी मेरे साथ ही रुक गयी. उसके बाद हम दोनों बाथरूम में गया.
वहां पर एक बार फिर से मेरा लंड खड़ा हो गया. मैंने फिर से आंटी की चूत में लंड पेल दिया और उसको वहीं बाथरूम में चोद दिया. चोदकर मैंने एक बार फिर उसकी चूत अपने लंड के वीर्य से भर दी.
आंटी की चुदाई के बाद हम दोनों फिर साथ में नहाये. उसके बाद मैंने अपने कपड़े पहने और आंटी को बाय बोला. उसके बाद मैं अपने घर आ गया. इस तरह से मैं गया तो था उसकी बहू को चोदने लेकिन मगर सास की चुदाई करके आ गया.
तो दोस्तो, ये थी उस हॉट लेडी सेक्स स्टोरी. आपको स्टोरी अच्छी लगी या नहीं … बताना. जल्दी ही मैं आपके लिए अपनी और भी कहानियां लेकर आऊंगा. मेरी कहानी पसंद आए तो कमेन्ट जरूर करें। मेरा ईमेल है- [email protected]
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