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गरम सेक्स की कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरे मौसेरे भाई ने मेरी आगे पीछे से चुदाई करके मेरे साथ सुहागरात मना कर मजा दिया. इतनी जोरदार चुदाई मेरी पहले नहीं हुई थी.
गरम सेक्स की कहानी के पिछले भाग भाई मेरा यार मेरा प्यार में आपने पढ़ा कि मेरे भाई के साथ मेरी सुहागरात की शुरुआत हो चुकी थी.
सन्नी ने मुझे तेल की एक छोटी सी शीशी दी और बोला- दीदी, इससे मेरे लन्ड की मालिश कर दो। मैं बोली- ये कैसा तेल है? और तेल क्यों … तब से तो अपने मुँह में लेकर मालिश कर ही रही हूँ ना! पर वो बोला- मेरी रानी, तुम बस मालिश कर दो ताकि तेरी चूत फाड़ने में मजा आ जाये।
अब आगे की गरम सेक्स की कहानी:
मैं उस शीशी को खोलकर अपने भाई के लन्ड की अच्छे से मालिश करने लगी। मालिश करते करते उसका लन्ड जैसे मानो एक जलता हुआ रॉड बन गया हो।
मुझे तो ये बाद में पता लगा कि ये पावर बढ़ने वाला तेल था जो कि मैं लगा चुकी थी। अब उसका लन्ड मुझे छोड़ने के लिए बिल्कुल तैयार था।
वो बोला- मेरी रानी, आज चाँद की सैर करने के लिए तैयार हो जाओ। मैं उसे चूमते हुए बोली- मेरे राजा, मैं तो हमेशा ही चाँद की सैर करती हूं।
तो वो बोला- अच्छा तो आज चाँद के साथ साथ तारों की भी सैर कराता हूं। और उसने मेरी गांड पर जोर की चपाट लगा दी।
मैं बोली- आउच … क्या कर रहे हो? फिर उसने हंस कर मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी चूत सहलाते हुए बोला- कितनी सॉफ्ट है मेरी बहन की चूत! ऐसी चूत किसी की नहीं होगी।
मैंने मन ही मन सोचा कि ‘भाई तुम्हें क्या पता … तुम्हारी बहन इस चूत की निखारने के लिए अभी चूत और गांड दोनों मरवा कर आयी है एक नए लंड से!’
फिर मेरे भाई ने मेरी चूत पर ढेर सारी क्रीम लगा दी और अपने लन्ड को मेरी चूत के मुँह पर रखकर निशाना बनाया।
अब भाई ने एक जोर का झटका लगाया। भाई का आधे से थोड़ा कम लंड मेरी चूत में प्रवेश कर गया और मेरी चूत में जोर का दर्द हुआ।
मैं सम्भल पाती … इतने में फिर उसने एक और जोर का झटका मारा और लन्ड आधे से ज्यादा मेरी चूत में समाहित हो गया। और मैं दर्द से तिलमिलाने लगी जोर जोर से चिल्लाने लगी।
मैं अपने भाई सन्नी को धक्का देकर हटाने की कोशिश करने लगी। लेकिन उसे कुछ असर नहीं पड़ा।
मैं जोर जोर से चिल्ला रही थी- निकाल साले … मेरी चूत फट जाएगी। मैं ये सब बोल ही रही थी कि इतने में वो फिर से एक झटका मारा और पूरा का पूरा लन्ड मेरी चूत में सेट हो गया।
भाई का लंड मेरी बच्चेदानी के मुँह को धक्का मारने लगा। मैं तो जैसे बेहोश सी हो गयी थी; मेरे आँखों से आँसू निकलने लगे थे।
अब मैं जोर जोर से रोने लगी थी। साथ में मैं उसे गालियाँ भी देने लगी थी- साले बहनचोद … निकाल अपना लन्ड … मर गयी मैं! मेरी चूत फट गई. साले हरामी छोड़ मुझे!
ये सब बोल बोलकर मैं थक चुकी थी लेकिन उसके कोई फर्क नहीं पड़ रहा था।
फिर वो लन्ड आगे पीछे करने लगा। जिससे मेरी चूत का दर्द और बढ़ गया। लेकिन वो रुका नहीं और मेरी चूत की कुटाई करता रहा।
इस दौरान वो मेरी चूचियों को तो बिल्कुल नोचे जा रहा था। कभी वो मेरी बूब्स चूसता तो कभी मेरी गाल तो कभी होंठों को चूसने लगता।
करीब 10 मिनट बाद अब मुझे भी थोड़ा थोड़ा मजा आने लगा। मेरे चूतड़ भी उछल उछल कर उसके हर शॉर्ट का साथ देने लगे थे।
अब मैंने भी उसे चूमना शुरू कर दिया। और सन्नी तो बस मेरी चूत फाड़ने में लगा था। वह गपागप मेरी चूत में आगे पीछे करके चोदे जा रहा था।
तकरीबन 15 मिनट बाद मेरा शरीर अकड़ने लगा और मैं फिर से झड़ने को आई और अपनी गांड तेजी से उचकाने लगी।
और मेरे मुंह से गालियों की धारा बहने लगी। मेरे मुंह से अपने आप निकलने लगा- फाड़ दे मेरी चूत को, रंडी बना रे मुझे अपनी, साले कुत्ते अपनी बहन की चूत फाड़ दे … भोसड़ा बना दे मेरी चूत का साले बहनचोद!
ये सब बोलते बोलते मैं झर गयी और वहीं ढेर हो गयी।
लेकिन सन्नी पर तो जैसे भूत सवार हो … वो तो बस मेरी चूत बजाए जा रहा था और मेरी चूचियों को अपने दांतों से चबा रहा था।
वो इसी स्पीड में लगातार मेरी चुदाई कर रहा था। इतनी स्पीड से उसने आज तक मेरी चुदाई नहीं की थी। इतनी स्पीड के कारण मेरी चूत में जलन होने लगी थी जो बर्दाश्त से बाहर थी।
वो मेरी चूचियों के साथ इस तरह से खेल रहा था कि चूत की जलन को भी भूल जाती थी और अपने आप गर्म हो जाती थी।
लेकिन अब चूत की जलन बर्दाश्त नहीं हो पा रही थी और फिर कुछ मिनट बाद मैं फिर से झरने को आ गयी। और अब फिर से मैं अपने भाई को गालियां देने लगी और गांड उचका कर चुदवाने लगी।
इसी दौरान मेरी चूत ने एक बार फिर पानी छोड़ दिया। मैं फिर से निढाल हो गयी. लेकिन सन्नी की स्पीड में कोई फर्क नहीं था। उस पर मानो कोई जिन्न आ गया हो।
अब मानो जैसे मेरी चूत में कोई मिर्च डाल दी हो ऐसे जलन करने लगी थी। आज तक मेरे साथ ऐसा नहीं हुआ था।
और हो भी क्यों ना … सन्नी को मेरी चूत में लन्ड आगे पीछे करते हुए 40-50 मिनट हो गये थे। अब उसका लन्ड मैं बर्दाश्त नहीं कर सकती थी।
लेकिन वो पूरे जोश में था।
मैंने उसे रोकना चाहा लेकिन वो तो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था। फिर मैंने जैसे तैसे उसे अपने जिस्म से अलग किया और बोली- आज क्या हो गया है तुम्हें?
वो मेरी गाल को काटते हुए बोला- रानी, अभी तो बस शुरुआत है. आगे देख आज तेरी हालात खराब हो जाएगी।
मैं सोचने लगी कि सही में आज मेरी हालत खराब होने वाली है।
फिर वो मुझे कमर से उठाया और पलँग पर घोड़ी की तरह झुका दिया।
मेरे भाई ने मेरी गांड पर क्रीम लगा ददी और लन्ड छेद पर डालकर जोरदार धक्का मारा। भाई के लन्ड का टोपा ही अभी मेरी गांड में घुसा था कि मैं जोर से चिल्लाने लगी- साले ने मेरी गांड फाड़ दी। और छटपटाने लगी।
मैं पलँग पर गिर गयी और सन्नी ने मुझे बेड पर ही दबोच लिया और उठने नहीं दिया। और तभी उसने एक और झटका मारा और लन्ड आधे से ज्यादा मेरी गांड को चीर कर अंदर घुस गया।
मैं तो जोर जोर से चिल्लाने लगी और जोर से गाली भी देने लगी- साले बहनचोद … छोड़ मुझे … तूने मेरी गांड फाड़ दी। साले कुत्ते … अपनी बहन विन्नी को क्यों नहीं चोदता? छोड़ मुझे।
और फिर तभी उसने अपना लास्ट और सबसे जोरदार झटका मारा. सन्नी का पूरा का पूरा लन्ड मेरी गांड में घुस गया। मैं दर्द से बेहोश सी हो गयी।
लेकिन सन्नी को इस बात से फर्क नहीं पड़ा। और वो खचाखच मेरी गांड मार रहा था।
तकरीबन 10-15 मिनट बाद जब मेरा दर्द थोड़ा कम हुआ तो मुझे होश आया। मैंने देखा कि मेरा भाई अभी भी उसी रफ्तार से मेरी गांड चोदे जा रहा है।
मैं बोली- आज तुझे क्या हो गया है साले? बहन हूँ तेरी … रण्डी नहीं हूं। वो मेरी चूचियों को दबाते हुए बोला- साली तू तो एक नम्बर की छिनाल है। और रही बात चुदाई की … तो एक बात बता दूँ … तू इस सुहागरात को हमेशा याद रखेगी।
और फिर वो मेरी गांड और तेजी से मारने लगा और नीचे हाथ घुसा कर मेरी चूत में उंगली करने लगा।
अब मुझे भी उसके हर झटके में मजा आने लगा।
मेरी चूत फिर से गर्म होने लगी थी। मैं इस चीज को न जाने कब से मिस कर रही थी।
अब सन्नी मेरी पीठ को चाट रहा था जिससे मैं और मदहोशी के चरम सीमा पर थी। और थोड़ी देर में मेरी चूत से पानी छूट गया। मैं फिर से निढाल हो गयी।
लेकिन सन्नी तो अभी भी लगा था।
और अब मेरी गांड में भी जलन होने लगी थी।
मैं सन्नी को मेरी गांड से लंड निकालने के लिए बोली. लेकिन वो नहीं माना.
फिर मैंने जबरदस्ती उसका लंड निकाल दिया और हाथ में पकड़ लिया।
अभी उसका लन्ड एकदम आग की तरह गर्म था।
फिर उसने मेरे हाथ लन्ड हटाया और मेरी चूत पर निशाना लगाया. फिर जोर का झटका मारा. भाई के लन्ड ने एक ही बार में मेरी फ़टी चूत को और फाड़ते हुए मेरी बच्चेदानी को चूम ली। और मैं दर्द से एकबार फिर कसमसाने लगी।
थोड़ी ही देर में मैं भी सन्नी का साथ देने लगी।
लेकिन कुछ देर बाद मेरी चूत में फिर से जलन होने लगी थी जो बर्दाश्त से बाहर थी। फिर मैं जैसे तैसे उसको अपने आप से अलग करके बोली- अब बस भी करो, मैं अब नहीं चुद सकती।
लेकिन वो तो मानो जैसे नशे में हो। उसने मुझे घुटनों के बल बिठा दिया और मेरी दोनों चूचियों को जोड़कर मेरी चूचियों की चुदाई करने लगा। उसके गर्म गर्म लन्ड से मेरी चूची की चुदाई हो रही थी।
वो 5 मिनट बाद उसने फिर से मेरी गांड में लंड डाल दिया और गांड मारने लगा।
वो ऐसे ही कभी मेरी चूत मारता तो कभी गांड … तो कभी बूब्स!
ऐसे काफी देर तक उसने मेरी चूत, गांड और बूब्स को बुरी तरह जख्मी किया। मेरी तो हालात खराब हो चुकी थी।
फिर वो बोला- मेरी बहना रानी, मैं झरने वाला हूं।
यह बात सुनकर मैं मन ही मन खुश हुई कि अब ये शांत होगा। और फिर उसने मेरी चूत में अपना लन्ड घुसा दिया।
इस बार मैं भी उसका फुल जोर से साथ दे रही थी। करीब 10 मिनट बाद मैं फिर से झरने को आई और अपनी गांड तेजी से उचकाने लगी। मैं भी उसे चूमने लगी।
उधर सन्नी ने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी और बोला- मेरी रानी मैं आ रहा हूँ। इतने में मैं बोली- मैं भी आ रही हूँ मेरे राजा।
और इसके साथ ही हम दोनों ने गालियों की बौछार कर दी। वो मुझे उस दिन रंग बिरंगी गालियां दे रहा था। मैं भी उसके हर गाली का जवाब गाली में ही दे रही थी।
वो बोला- मेरी रांड, तेरी चूत का भोसड़ा … साली रण्डी कुतिया … तेरी गांड फाड़ दूँगा। मैं बोली- साले कुत्ते … बहनचोद फाड़ दे मेरी चूत को … बना दे इसका भोसड़ा।
फिर सन्नी बोला- साली कमीनी छिनाल … आज तेरी चूत के चीथड़े उड़ा दूंगा। मैं बोली- बहन के लौड़े … तो उड़ा न चीथड़े … और बना दे भोसड़ा।
इतने मैं मेरा शरीर अकड़ने लगा। और जल्दी ही मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया। सन्नी बोला- मेरी रानी मैं भी आ रहा हूँ। ये बोलकर उसने अपनी स्पीड और बढ़ा दी।
तकरीबन 100 किलोमीटर की रफ्तार से वो मेरी चूत मार रहा होगा। और फिर मुझे गाली देते देते उसका लन्ड ज्वालामुखी की तरह फटा। एक तेज पिचकारी मेरी बच्चेदानी पर जा लगी. आज मेरी बच्चेदानी भी स्पर्म से नहा ली होगी। स्पर्म की बाढ़ मेरी चूत में आ गयी।
और फिर रिस रिस कर मेरी चूत से स्पर्म निकलने लगा। मेरा भाई अपनी बहन के ऊपर निढाल होकर ऐसे धराशायी हो गया जैसे पड़ोसी देश की माँ चोद कर आया हो।
मेरी चूत से अभी भी स्पर्म निकल रहा था।
थोड़ी देर में वो मेरे बगल में लेट गया। हम दोनों थक चुके थे और न जाने कब हम दोनों नींद के आगोश में चले गए।
मेरी नींद अगले दिन सुबह 10 बजे खुली तो मैंने अपने आप को देखा। मैं बिल्कुल ही रण्डी की तरह दिख रही थी। मेरी चूत गांड पर वीर्य सूख चुका था।
जब मैं खड़ी हुई तो देखा बहुत दूर में स्पर्म फैला हुआ था। मैं इतना स्पर्म देखकर हैरान थी कि किसी का इतना स्पर्म कैसे निकल सकता है। शायद ये उस आयल का कमाल था।
जब मैंने अपने आप को देखा तो मेरे पूरे शरीर पर रंग बिरंगे निशान बन चुके थे। लेकिन मैं भी सन्नी के साथ सुहागरात मनाकर बहुत ही खुश थी।
इसके बाद सन्नी मुझे रोज अलग अलग तरीके से चोदने लगा और मैं बहुत खुश रहने लगी थी। अब हम दोनों यहाँ बिल्कुल खुल कर जी रहे थे क्योंकि कोई हमें नहीं जानता था। हम बिल्कुल कपल की तरह रहते थे और जहाँ दिल करे वहीं चुद लेती थी।
प्रिय पाठको, मैं उम्मीद करती हूं कि आप लोगों को मेरी यह गरम सेक्स की कहानी अच्छी लगी होगी। जैसी भी लगी … कमेंट्स में बताइएगा जरूर।
लेखक के आग्रह पर इमेल आईडी नहीं दिया जा रहा है.
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