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रवि ने धीरे से आँख खोल कर देखा तो ड्रेसिंग टेबिल के सामने शालू भाभी खड़ीं थीं, उनके बालों से पानी की बूंदें टपक रहीं थीं, भाभी ने अपने नंगे बदन को एक बड़े तौलिये से ढक रखा था। भाभी की चिकनी पतली टांगों से पानी की बूंदें नीचे बह रहीं थी। भाभी नहा कर आईं थी और रवि को सोता देखकर कमरे में चलीं आईं थीं।
शालू भाभी दिल्ली में पढ़ी लिखी बेहद मॉडर्न महिला थीं लेकिन उनकी शादी रवि के रिश्ते के भाई मयंक के साथ हो गई। मयंक सीधा साधा स्कूल का टीचर था। मयंक की पोस्टिंग पिछले तीन साल से एक गांव के स्कूल में हो गई थी। शालू भाभी गांव में कभी नहीं गई। वो दिल्ली में ही एक नामीगिरामी स्टोर में नौकरी करने लगीं। मुझे भी शालू भाभी और मयंक भैया की जोड़ी कभी नहीं जमी लेकिन जैसी बड़ों की करनी।
भाभी पिछले तीन दिन से हमारे ही घर में थीं। रवि सुबह ही दफ्तर चले जाते थे, इसके बाद मैं और शालू भाभी घर में ढेरों बातें करती रहती थी। भाभी की बातों से लगता था कि भैया के साथ उनका जीवन जैसे तैसे कट रहा है, भाभी सैक्स लाइफ में नयापन चाहती थीं लेकिन मयंक भैया इसके लिये तैयार नहीं थे।
भाभी का शरीर एकदम गठा हुआ था, पतली कमर और 36 इंच की चूचियाँ.. उनके चलने का अंदाज ही किसी को पागल करने के लिये काफी था। फिर मयंक भैया को उनकी खूबसूरती पता नहीं क्यों नहीं दिखती थी।
कल मैंने देखा कि मेरे पति रवि भी कनखियों से भाभी को घूर रहे थे। इसे देखकर मेरे भी दिमाग में आया.. चल रवि बेटे.. तुझ पर भी एक अहसान कर देते हैं।
मेरी योजना के मुताबिक रवि ने दफ्तर से छुट्टी ली, सुबह के समय मैंने रवि को जगाया और उससे सोते रहने का नाटक करने को कहा। इसके बाद मैंने बाथरूम का दरवाजा खटखटाया और भाभी को बताया कि मैं मंदिर जा रही हूँ, थोड़ी देर में आ जाऊँगी।
शालू भाभी ने पूछा- रवि कहाँ है? तो मैंने जवाब दिया- आपके देवर गहरी नींद में सो रहे हैं।
हमारे घर में मेरे ही कमरे में ड्रेसिंग टेबिल थी और भाभी को नहाने के बाद ड्रेसिंग टेबिल जरूर चाहिये थी। मुझे पता था कि नहाने के बाद भाभी मेरे ही कमरे में आएँगी और वो भी तौलिया पहने हुये। इसके बाद रवि को अपना हुनर दिखाना था।
भाभी से बात करने के बाद मैं मंदिर के लिये निकल गई। इधर शालू भाभी ने मेरी बात को सही माना और नहाने के बाद अपने नंगे बदन पर तौलिया लपेट कर रवि के कमरे में आ गईं।
भाभी धीरे धीरे गुनगुना रहीं थी। नहाने की वजह से उसकी खूबसूरती में चार चाँद लग गये थे। रवि ने चुपचाप बिस्तर छोड़ा और उनके पीछे जाकर खड़ा हो गया। अपने पीछे रवि को देखकर शालू भाभी चौंक उठीं। उन्होंने अपने दोनों हाथों से शरीर को छिपाने की कोशिश की लेकिन इससे कहीं जवानी छिप पाती है।
रवि धीरे धीरे मुस्करा रहे थे और भाभी कह रहीं थी- अपनी आँखें बंद करो रवि… शर्म नहीं आती भाभी को इस तरह देखते हुए? यह सुनकर रवि ने कहा- …और आप जो बिजली गिराती हुई मेरे कमरे में खड़ी हो… उसका कुछ नहीं? भाभी बोली- वो तो रेनू ने कहा था कि तुम गहरी नींद में सो रहे हो? रवि ने कहा- ..ये भी तो रेनू के कहने पर कर रहा हूँ।
भाभी बुरी तरह से चौंक उठी, बोली- ..झूठ बोल रहे हो.. रेनू ऐसा कर ही नहीं सकती है। रवि ने भी कहा- ठीक… तो फोन करके पूछ लो, लेकिन कपड़े नहीं पहन सकती हो।
भाभी को लगा कि मुझे फोन करेंगी तो मैं रवि को डाटूँगी लेकिन मैंने भी कह दिया- क्या भाभी… देवर ही तो है तुम्हारा.. थोड़ा बहुत तो उसका भी हक बनता है, सब कुछ मयंक भैया का ही तो नहीं है।
भाभी ने हथियार डाल दिये लेकिन फिर भी बोली- पूरी छूट नहीं मिलेगी। रवि ने भी कहा- ठीक है तौलिये से शरीर को छुपा लो.. जो छुप गया वो तुम्हारा.. जो दिखेगा वो मेरा।
अब भाभी ने तौलिये से शरीर को छिपाना शुरू किया… रवि गौर से भाभी को देख रहा था, उनके चेहरे पर पसीना आने लगा था। रवि ने कहा- भाभीम नीचे का इलाका तौलिये से बाहर हो गया है। यह सुनते ही भाभी ने तौलिया नीचे किया तो उनकी चूचियाँ तौलिये से बाहर आ गईं। थक हार कर भाभी बोली- ठीक है… ये चूचियाँ अब तुम्हारी! यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
रवि ने कहा- ठीक है, चूचियाँ और आपके मखमली होंठ दोनों अब मेरे हैं। रवि आगे बढ़ा और भाभी की एक चूची को अपने मुंह में भर लिया। उसने भाभी की चूची को हल्के हल्के चूसना शुरू कर दिया, उसका दूसरा हाथ भाभी की दूसरी चूची पर था। वो भाभी के प्वाइंट कस कर दबाने लगे, भाभी की सांसें तेज होने लगीं थी, दोनों चूचियों को जम कर पीने के बाद रवि बोला- भाभी, पेट भर गया।
भाभी को लगा कि अब रवि उनको छोड़ देगा लेकिन रवि का इरादा तो कुछ और ही था। इस बार उनसे भाभी के होंट पर अपने होंट रख दिये, थोड़ी देर तक रवि उनके होंठों का रस पीता रहा। भाभी अब तक काफी गर्म हो चुकी थीं लेकिन भाभी और रवि के बीच तौलिये की रुकावट बनी हुई थी।
अचानक रवि ने कहा- भाभी फ्रेंच किस करना है… भाभी थोड़ा हैरान हुईं लेकिन उनकी चूत में भी सनसनी होने लगी थी वो लड़खड़ाते हुए बोली- सैक्स का यह स्टाइल मुझे पसंद है। इस बार भाभी ने ही रवि के होंठ दबोच लिये, उनकी जीभ रवि की जीभ से टकरा रही थी।दोनों की आँखें बंद थी और भाभी का तौलिया कब नीचे गिर गया, पता ही नहीं चला।
कमरे का माहौल काफी गर्म था। अचानक रवि भाभी को लेकर बिस्तर पर गिर गया। भाभी की चूत नदी बन चुकी थी और रवि का लंड हथौड़ा… बिस्तर पर गिरते ही रवि का लंड भाभी की चूत में घुस गया।
भाभी की हालत पागलों जैसी हो गई थी, वो पूरी ताकत से लंड को टक्कर मार रही थी। चूत के झटके की रफ्तार लगातार तेज होती जा रही थी- …चोद दो रवि… फाड़ डालो मेरी चूत…
लंड चूत तेजी से अपना काम कर रहे थे लेकिन भाभी ने रवि के मुंह को नहीं छोड़ा था, उनका फ्रेंच किस अभी भी चल रहा था। दोनों के चेहरे पसीने से सने हुए थे..
एक तेज आवाज के साथ शालू भाभी कटे पेड़ की तरह ढह पड़ीं, उनकी तेज तेज सांसें.. ऊपर नीचें होतीं चूचियाँ… धीरे धीरे शांत हो रहीं थी।
थोड़ी देर सुस्ताने के बाद शालू भाभी बोली- शरीर को रोज नहलाती थी.. चूत को पूरे एक महीने बाद नहलाया है… रेनू सच ही कह रही थी कि भाभी की चूत पर देवर के लंड का भी अधिकार होता है।
कहानी जारी रहेगी। [email protected]
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