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हैलो, मेरा नाम पंकज है और मैं काला पीपल (म.प्र.) से हूँ, मेरी उम्र 22 साल, मेरे लंड का नाप 6 इंच लम्बा और 2 इंच मोटा है। यह कहानी मेरी और मेरे पड़ोस में रहने वाली भाभी नयना (नाम बदला हुआ है) की है, उसकी उम्र 24 साल की होगी, वो दिखने में तो दुबली-पतली है.. और सांवले रंग की भी है पर उनका फिगर बड़ा मस्त है लगभग 30-28-32 का होगा।
वो हमारे घर के बगल में ही रहती है, हम दोनों की अच्छी जमती थी और हम दोनों ही एक-दूसरे से बात करने का बहाना ढूंढते रहते थे। वो दरअसल पढ़ी-लिखी नहीं थी और वो मुझे मेरे मोबाइल से उनके पति से बात करवाने के लिए बोलती थी। मैं अपने मोबाइल से उनके पति को कॉल करके उनकी बात करवा दिया करता था।
हुआ यूं कि एक दिन.. उन्होंने मुझे उनके पति को फ़ोन करने को कहा और मैंने फ़ोन लगाकर दे दिया। शायद उस दिन उनमें और उनके पति में किसी बात को लेकर लड़ाई हो गई थी.. तो उनके पति को उन्होंने कुछ बोल दिया ‘तुम्हारी अम्मा की चूत..’ तो मैं सुनकर हँसने लगा.. वो शर्मा गई.. और फ़ोन मुझे वापस देकर चली गई।
थोड़ी देर बाद.. भाभी ने मुझे आवाज लगाई- अभिषेक मुझे मोबाइल रिचार्ज के लिए कार्ड लाकर दे दो। मैंने पैसे लिए और कार्ड लेने चला गया जब कार्ड देने को वापिस आया.. तो उस वक्त घर में कोई नहीं था।
तभी मुझे बाथरूम से पानी की आवाज़ आई.. तो मैं समझ गया कि भाभी नहाने गई है। उनके बाथरूम के गेट में कुण्डी नहीं थी.. तो गेट आधा खुला हुआ था। मैं धीरे-धीरे बाथरूम की तरफ बढ़ा और अन्दर झाँकने की कोशिश करने लगा।
मैंने देखा, भाभी एकदम नंगी होकर अपने शरीर पर साबुन लगा रही थी, वो अपनी चूत को मसल रही थी। यह देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया और हड़बड़ाहट में मेरा हाथ गेट से लग गया। गेट हिलने की वजह से भाभी समझ गई कि कोई है, फिर शायद उन्हें समझ आ गया होगा कि ये मैं हूँ तो उन्होंने कुछ नहीं कहा।
मैं उनके कमरे में आकर बैठ गया। जब भाभी नहाकर आई.. वो तौलिये में ही थी। क्या गदर माल लग रही थी.. पानी की बूँदें उनके कामुक बदन पर.. मोती सी झिलमिला रही थीं। वो मुझे आते ही घूरने लगी और बोलने लगी- तुम अभी बाथरूम के पास क्या कर रहे थे? तो मैं कुछ नहीं बोला। भाभी बोली- तुम्हारी मम्मी से शिकायत करूँगी.. तुम मुझे नहाते हुए देख रहे थे। तो मैं डर गया और उनसे बोला- प्लीज भाभी.. ऐसा मत करना.. अब आगे से ऐसी गलती नहीं करूँगा.. प्लीज.. वो थोड़ा मुस्कुराई और बोली- फिर.. जो मैं बोलूंगी.. वो तुम्हें करना पड़ेगा। मैंने मज़बूरी में ‘हाँ’ कर दी।
भाभी बोली- तुमने मुझे नंगा तो देख लिया.. अब मुझे भी कुछ अपना दिखाओ। तो मैं अनजान बनाकर पूछने लगा- क्या दिखाना है? तो भाभी ने मेरे लंड की तरफ इशारा किया.. जोकि अभी तक तना हुआ था। वो बोली- ये दिखाओ.. इतना कहते ही एकदम से भाभी ने मेरे लंड को पकड़ लिया और मसलने लगी।
मैंने भी देर ना करते हुए, भाभी के गालों को पकड़ कर उन्हें किस करना चालू कर दिया। थोड़ी ही देर में.. भाभी सिसकारियाँ भरने लगी थी ‘अहह.. अहह.. म्मम्म म्मम्म आआआहह..’
फिर मैंने एक हाथ से उनकी तौलिया खोल दी और वो पूरी तरह से नंगी हो गई। मेरी आँखों के सामने उनके 30 इंच के मम्मे लहरा रहे थे, उनकी काली चूत जिस पर बहुत बाल थे.. मुझे बिलकुल भी पसंद नहीं आई। मुझे तो केवल क्लीन चूत ही पसंद थी। मैंने भाभी को बोला- चलो भाभी, आज आपके बाल साफ़ करते हैं.. वो राजी हो गई।
मैंने भाभी को जमीन पर लेटने के लिए और टाँगें फैलाने के लिए बोला। मैं उनके बाल साफ़ कर रहा था.. थोड़ी देर बाद.. उनकी चूत के बाल साफ़ हो गए और उनकी चूत चमकने लगी।
उसके बाद.. मैंने अपनी टीशर्ट उतारी और हाफ पैन्ट भी उतार दी, अब मैं सिर्फ अंडरवियर में था। भाभी अपने घुटनों पर बैठ गई और मेरे अंडरवियर को नीचे सरका दिया.. जिससे मेरा लंड भाभी की आँखों के एकदम सामने था। मैंने भाभी से कहा- चूसो इसको.. और भाभी ने मेरे लंड को मुँह में लेकर ‘गपागप’ चूसना शुरू कर दिया, ऐसा लग रहा था कि जैसे आज तो वो मेरा लंड खा ही जाएगी।
उसके बाद.. मैंने भाभी को 69 की पोजीशन में किया और अपना लंड उनके मुँह में देकर उनकी चूत चाटने लगा। भाभी कसमसाने लगी थी और 5 मिनट बाद ही.. वो मेरे मुँह में झड़ गई। थोड़ी देर बाद.. मैं भी भाभी के मुँह में ही झड़ गया, वो मेरा सारा माल पी गई।
उसके बाद नयना भाभी बोली- अभिषेक बस अब और मत तड़पा.. चोद दो मेरी चूत को.. बहुत प्यासी है.. तुम्हारे भैया को चोदना आता ही नहीं है.. जरा सा लंड है उनका.. मैंने अब उनको बेड के ऊपर लिटाया और उनकी चूत पर थोड़ा सा थूक लगा कर.. एक उंगली अन्दर डाल दी.. जिससे चूत के अन्दर का हिस्सा चिकना हो गया।
फिर अपने लंड को भाभी की चूत के छेद पर टिकाया और धक्का लगा दिया.. तो लंड चूत के अन्दर भाभी समां गया और भाभी चीख उठी- आअहह.. आआह्ह.. मर..गईई ईईस्स.. अभिषेक निकालो इसे.. बहुत मोटा है ये.. मेरी चूत फट जाएगी.. ओह्ह.. मैंने कहा- भाभी तुम तो चुद चुकी हो.. फिर भी इतना दर्द क्यों हो रहा है?
वो बोली- तुम्हारे भैया का लंड छोटा है और चूत के लंड के हिसाब से ही खुली हुई है.. उनका लंड जितना अन्दर जाता है.. उतनी ही चूत की गहराई टूटी हुई है.. तुम्हारा लंड उनसे बहुत बड़ा और मोटा है.. तो मेरी चूत के लिए एकदम नया ही है.. उनकी बात सुनकर मैं थोड़ा रुक गया और थोड़ी देर बाद.. मैंने एक और जोर से धक्का मारा.. तो मेरा पूरा लंड भाभी की चूत में उतर गया।
अब भाभी ने चादर मुठ्ठी में पकड़ ली और वो बिस्तर पर तड़पने लगी थी- अह्ह.. ह्हह.. ह्ह्हआआ.. बाहर निकाल लो.. प्लीज इसे बाहर निकालो.. मुझे नहीं चुदना.. प्लीज छोड़ दो मुझे.. आहाह्ह आआअह्ह… अभिषेक तुमने तो मुझे मार ही डाला.. ऊओह्हह.. आअह्हह.. मैंने उनकी एक ना सुनी और उन्हें किस करने लगा।
थोड़ी देर बाद.. जब वो नार्मल हो गई और गांड हिलाने लगी.. तो अब मैंने भी देर ना करते हुए.. जोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए और वो अब पूरे मज़े लेने लगी थी- आआ ऊओह्ह्ह… चोदो और जोर से चोदो मुझे.. फाड़ दो मेरी चूत ..आआअह्हह.. आजा मेरे राजा.. अपनी बना लो मुझे.. आज मुझे रंडी की तरह चोदो.. आहाहहाह…
नयना पूरी ताकत से नीचे से अपनी गांड ऊपर की तरह उछाल रही थी और अपनी जोरदार चुदाई का मज़ा उठा रही थी। करीब दस मिनट बाद वो झड़ गई.. पर मैं अभी बाकी था और मैंने अपने धक्कों की बारिश को बनाए रखा। मैं लगातार शॉट्स मार रहा था.. उसकी चूत में उसका पानी भरा हुआ था और जब लंड अन्दर जा रहा था.. तो अन्दर से ‘पुच– पुच’ की आवाजें आ रही थीं।
वो गरम आवाजें सुनकर बहुत मस्त लग रहा था। फिर कुछ मिनट बाद.. मेरा भी होने वाला था.. तो मैंने पूछा– कहाँ डालूँ? उसने कहा- चूत में ही डाल दो.. मैंने पानी को चूत में ही गिरा दिया और फिर हम दोनों निढाल हो गए।
बस अब तो भाभी की चूत मेरे लण्ड पर न्यौछावर हो चुकी थी। गाहे बगाहे जब मन होता और मौका मिलता भाभी चूत खोल देती और मेरा लवड़ा उनकी चूत का बाजा बजा देता।
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