This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
अब तक आपने पढ़ा..
बुआ की चूत की फाँकों में पैन्टी का आगे का हिस्सा दब सा गया था और साइड से रेशमी सुनहरे बाल दिखाई पड़ रहे थे। जब मैं पेशाब करके वापस आया.. तब तक शायद आहट से बुआ जाग गई थी.. और झुक कर अपने बैग में से कुछ ढूँढ़ रही थी। तब उसके बड़े-बड़े बोबे लटकते हुए बड़े सेक्सी लग रहे थे। मैंने अपना लण्ड सहलाते हुए पूछा तो बोली- मैं चूचियों का पंप ढूंढ रही हूँ.. जिससे कि मेरे बोबों का दूध निकालना पड़ता है। मेरे दोनों बोबे बहुत दुख रहे हैं। इनका दूध नहीं निकाला तो इनमें से खून आने लगेगा। यह सुन कर मैं घबरा सा गया.. लेकिन चूचियों का पंप नहीं मिला.. शायद किसी और बैग में रख दिया होगा। अब आगे..
तब मैंने पूछा- अब क्या होगा? तो वह बोली- हाथों से निकालने की कोशिश करती हूँ..
वो हाथ में एक काँच का खाली गिलास ले कर अपने दूध से भरे मम्मों को दबाने निचोड़ने लगी.. तब उनमें से थोड़े से दूध की फुहार सी निकली।
लेकिन जब उसे आराम नहीं मिला तो बोली- काश.. अभी यहाँ तेरे फूफाजी होते तो मुझे इतना परेशानी ही नहीं होती। तो मैं बोला- बुआ यदि मैं कुछ कर सकता हूँ.. तो मुझे ज़रूर बतलाना.. कोई दबा या नया पंप खरीद लाऊँ? तो बोली- तू चाहे तो मुझे अभी इस दर्द से आराम दिलवा सकता है।
‘कैसे..?’ उसने मुझे अपने पास बुलाया और बोली- तू मेरा थोड़ा सा दूध पी ले.. मैं उठ कर खड़ा हो गया और शर्मा कर बोला- धत्त.. मुझे शरम आती है। तो वो बोली- इसमें शरमाने की क्या बात है? क्या तूने अपनी माँ का दूध नहीं पिया.. या कभी तू अपनी औरत के मम्मे नहीं चूसेगा? यह कह उसने मेरा हाथ खींच कर पलंग पर गिरा लिया और अपने मम्मों को हाथों से पकड़ कर मेरे मुँह में दे दिया।
एक बार तो मैंने बचने की कोशिश की.. लेकिन इतने मुलायम मम्मों को अहसास पा कर मैं पड़ा रहा।
पहले के एक-दो घूँट दूध तो बड़े बेस्वाद लगे.. लेकिन जैसे ही मैंने अपनी जीभ से बुआ के निपल्स को सहलाया तो मेरा लण्ड तन कर पजामे में से बाहर आने को होने लगा।
अब तो मैं भी अपने दोनों हाथों से दबा-दबा कर उनके सफेद पपीतों का आखरी बूँद तक दूध पीना चाहता था लेकिन बुआ ने मेरा मुँह दूसरे स्तन में लगाते हुए कहा- चल अब थोड़ा सा छोटू के लिए भी छोड़ दे।
बुआ भी मेरी बराबर में ही लेटी हुई थी.. और उसका पेटीकोट वापस घुटनों के ऊपर तक आ चुका था। बुआ ने बड़ी सफाई से मेरे कड़क हो चुके लण्ड को टटोलते हुए मुझसे पूछा- क्या इससे पहले कभी किसी माल के बोबों को चूसा है? तो मैंने कहा- हाँ.. बहुत बार.. तो वो हैरत से बोली- कौन है वो? मैं हँस कर बोला- बुआ मेरी माँ के और किस के? तो वो बोली- साले बदमाश.. इसके अलावा और कौन? मैं बोला- पिया तो नहीं.. लेकिन पीने की इच्छा ज़रूर रखता हूँ। ‘किसके?’
उसके बहुत पूछने पर भी मैंने नाम नहीं बताया तो वह बोली- समझ गई जरूर तेरी बहन होगी। मैं बोला- आप कैसे समझ गई? तो वह बोली- तू घर के अलावा और कहीं मुँह नहीं मार सकता.. क्योंकि यदि तुझमें हिम्मत होती.. तो तू मुझे देख कर यूँ ही नहीं सो जाता.. बल्कि अब तक तो मुझे ‘निपटा’ चुका होता।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं ! यह सुन कर मैं बोला- तो अभी कौन सी देर हुई है..
ऐसा कह कर मैं बड़ी आहिस्ता से अपना एक हाथ बुआ के पेटीकोट में डाल कर उसके चूतड़ों को सहलाने लगा।
तब बुआ ने आँखें बंद कर लीं और गहरी साँसें लेने लगी। मैं अपनी उंगलियों को धीरे-धीरे बुआ की जाँघों के जोड़ों में घुसाते ही जा रहा था और फिर मैंने अपनी दो उंगलियों को बुआ की मांसल चूत.. जो कि रेशमी सुनहरी बालों से ढकी हुई थी.. उसमें घुसा दी। तो बुआ अपने होंठों को दाँतों से भींचते हुए बोली- आह्ह.. अब देर मत कर.. डाल दे अपना.. मेरी चूत का भोसड़ा बना दे..
बुआ ने तेज़ी से अपनी पैन्टी उतार फेंकी और पेटीकोट उँचा करके दोनों टाँगों को चौड़ी करके अपनी चूत को फैला कर लण्ड घुसड़ने का कहने लगी।
यह देख मैंने भी तुरंत अपना मोटा और लंबा लण्ड बुआ की चूत में पेल दिया। वैसे तो यह मेरे लिए पहला अनुभव था.. लेकिन बुआ ने बड़ी होशियारी से मुझे उत्साहित करके मेरा जोश कम नहीं होने दिया और हम दोनों ने एक लंबी अवधि तक चुदाई का खूब मज़ा लिया। बुआ ने मेरी बहन को भी फंसाने के कई तरीके समझाए.. ताकि बाद में भी मैं चूतों के मज़े ले सकूँ। इस तरह बुआ ही मेरी पहली सेक्स गुरू बनी..
उसके बाद बुआ हमारे घर दो दिन और रुकी लेकिन इस बीच मैं बुआ को बस चूम-चाट ही सका.. इसके अलावा हमें मज़े मारने का कोई मौका नहीं मिला।
लेकिन बुआ ने रात मे मेरी बहन को ना जाने क्या पट्टी पढ़ाई कि उस दिन के बाद से मेरी बहन का मेरी तरफ रुख़ ही बदल गया। अब वह मेरे सामने और ज़्यादा खुले गले के कपड़े पहनने लगी, जिसमें से उसकी बड़ी-बड़ी छातियाँ देख कर मैं पागल होता रहता। कई बार वह टाइट स्कर्ट और टी-शर्ट पहनती.. जिससे उसके बदन का पूरा भूगोल दिखता.. लेकिन ऐसा कोई मौका ही नहीं मिल रहा था कि मैं अपना कोई दांव चला सकूँ।
तभी मेरे दिमाग़ में एक आइडिया आया और मैंने पापा का नोकिया-6230 मोबाइल दराज से निकाल लिया। पापा ऐसे भी उसे इस्तेमाल नहीं कर रहे थे। इस फोन के अन्दर दो जीबी का मैमोरी कार्ड लगा था और इसकी वीडियो शूटिंग क्वालिटी वाकयी बड़ी ग़ज़ब की है। जब मेरी बहन बाथरूम में नहाने के लिए जाने लगी.. तो मैंने बड़ी सफाई से इस फोन को वीडियो मोड पर आन करके बाथरूम की छत पर लगे बिजली के सॉकेट के बॉक्स में छुपा कर लगा दिया। फोन में कोई सिम नहीं होने से उसकी घंटी बजने का भी कोई डर नहीं था।
जब मेरी बहन नहा कर वापस बाहर आ गई.. तो मैं फोन ले आया और उसे चैक किया। उसमें मेरी बहन की नग्न फिल्म उतर चुकी थी, किस तरह वह अपने कपड़े खोल कर अपने मोटे-मोटे मम्मों को रगड़-रगड़ कर नहा रही थी। इसे देखने के बाद तो मैं और ज़्यादा बेचैन रहने लगा.. क्योंकि एक बार बुआ की चूत का जो स्वाद लग गया था। वहीं अब हस्तमैथुन से मन नहीं भरता था।
इससे प्रेरित होकर मैंने अपनी मम्मी और बहन के कई नंगे वीडियो शूट किए और उनको अपने सिस्टम में हिडन फाइल्स बना कर सेव कर दिया। कुछ दिनों बाद एक दिन जब मम्मी-पापा दोनों किसी कार्यक्रम में गए थे और दो-तीन दिनों बाद लौटने वाले थे। घर पर मैं और मेरी बहन ही बचे थे। मैं भी कुछ प्लान करके मजा लेने की जुगाड़ में था कि किसी तरह से अपनी बहन की चूत के मज़े मार सकूँ।
उन दिनों गर्मी बहुत तेज थी और आस-पास पानी गिरने के कारण उमस बहुत बढ़ गई थी। इस कारण मेरी बहन और मैं पसीने में नहा चुके थे। हवाओं की तेज़ गति के कारण लाइट भी बंद थी.. जिस कारण हमारी हालत खराब हो रही थी।
मेरी बहन पीठ पर हुई घमोरियों के कारण परेशान थी… जिस कारण वह बार-बार पीठ खुजला रही थी। उस समय मैंने उससे कहा- तू नहा ले और कोई कॉटन का ढीला सा कपड़ा पहन ले।
तो वह बोली- मैं दो बार नहा चुकी हूँ और कॉटन की टी-शर्ट ही पहने हूँ.. लेकिन तू कहता है तो चल तू अपना कोई पुराना कॉटन का शर्ट दे दे।
मैंने उसे अपना एक पुराना महीन कॉटन का शर्ट दे दिया.. जिसमें से उसकी ब्लैक कलर की ब्रा साफ़ दिखाई पड़ रही थी और उसके मोटे-मोटे मम्मों के कारण भी शर्ट टाइट फिट हुआ था। जिसके कारण शर्ट के बटन खिंच से रहे थे.. और उस गैप में से उसका सफेद सीना और काली ब्रा साफ़ दिखाई पड़ रही थी। इसके बाद भी जब उसे आराम नहीं मिला.. तो मैंने उससे कहा- पीठ पर पाउडर लगा ले।
लेकिन वह आलस के कारण उठना नहीं चाहती थी.. थोड़ी देर बाद मुझसे बोली- भैया ऐसा कर.. तू ही मेरी पीठ पर पाउडर लगा दे।
तब मैं जानबूझ कर एक बार तो मना कर गया.. लेकिन उसके फिर से रिक्वेस्ट करने पर राज़ी हो गया। उस समय उसने मेरी शर्ट और घुटनों तक का स्कर्ट पहन रखा था.. जिसमें से उसकी सफेद चिकनी टाँगें दिखाई पड़ रही थीं।
इस समय वह ज़मीन पर उल्टी पेट के बल लेटी हुई थी और मैं ठीक उसके पास के सोफे पर लेटा हुआ था। मैं पाउडर का डब्बा हाथ में लेकर बोला- ऐसे कैसे लगाऊँ.? तो उसने अपनी शर्ट को आधी पीठ तक ऊँचा उठा दिया और बोली- ले.. जल्दी से लगा दे..
मैंने अपनी हथेलियों में ढेर सा पाउडर लिया और उसकी मांसल पीठ पर बड़े ही कामुक अंदाज़ मे हाथ फिराने लगा। लेकिन उसकी ब्रा की स्ट्रिप के कारण पाउडर लगाने में दिक्कत हो रही थी।
तो उसने खुद ही हाथ पीछे कर उसे खोलने की कोशिश की.. लेकिन शर्ट टाइट होने के कारण उसे सफलता नहीं मिली। तभी मैं बोला- तुम शर्ट और उँचा करो मैं इसका हुक अभी खोल देता हूँ। तो उसने भी बिना किसी संकोच के ब्रा का हुक खुलवा लिया। अब मैं बड़ी मस्ती के साथ अपने हाथों से उसकी मांसल पीठ पर हाथ फेर रहा था।
दोस्तो, मुझे उम्मीद है कि मेरी यह कहानी आप सभी की अन्तर्वासना को जगाने में पूर्ण रूप से सफल होगी। आप सभी मुझे अपने विचारों से अवश्य अवगत कराएं मुझे ईमेल लिखियेगा.. इन्तजार रहेगा। [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000