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हैलो फ्रेंड्स, मैं नागपुर से सन्नी हूँ.. मेरी उम्र 22 साल है और मैं दिखने में काफ़ी हैण्डसम हूँ। मेरा कद 5 फ़ीट 9 इंच है और मैं औसत जिस्म का एक जवान लड़का हूँ।
मैं अपनी पहली कहानी आप सभी से साझा कर रहा हूँ। यह घटना करीब आज से कुछ तीन महीने पहले घटी थी। इस कहानी में मैं आपको बताना जा रहा हूँ कि मैंने कैसे अपनी गर्ल-फ्रेण्ड की नई भाभी की चूत मारी और उसे एक रंडी बना दिया।
मेरी गर्ल-फ्रेण्ड.. जिसका नाम स्नेहा है.. उसकी उम्र 20 साल है.. अभी-अभी कॉलेज से पास करके एमसीए का कोर्स कर रही है। मैं आपको बता दूँ कि मेरी गर्ल-फ्रेण्ड के घर मेरा हमेशा आना-जाना होता रहता है.. क्योंकि उसके घर वाले.. मेरे और स्नेहा के बारे में सब जानते हैं। स्नेह के घर वालों ने मुझे अपने घर के दामाद के रूप में स्वीकार कर लिया था।
मेरी गर्ल-फ्रेण्ड के घर में उसकी माँ और उसके भैया और भाभी रहते हैं। एक दिन जब मेरी गर्ल-फ्रेण्ड स्नेहा और उसकी मॉम दोनों दो दिन के लिए बाहर एक रिश्तेदार के घर गए थे.. और वो ग़लती से अपने साथ एटीएम कार्ड भी ले गए थे। भैया जेट एयरवेज में काम करता था और वो ड्यूटी में इंडिया से बाहर गया हुआ था और उस वक्त भाभी ही घर पर अकेली थीं।
एक दिन बाद स्नेहा ने मुझे फोन किया और कहा- तुम जाओ और जल्दी से रिया भाभी को 5000 रूपए दे आओ.. क्योंकि स्नेहा ने फ्लिपकार्ट से कुछ सामान मंगवाया था.. जो की घर पर डिलीवरी करने आदमी आया था और भाभी के पास उस वक्त इतने पैसे नहीं थे.. इसलिए मैं पैसे लेकर उनके पास गया।
जब मैं उनके घर पहुँचा.. तो मैंने देखा कि घर का दरवाजा खुला था और भाभी अन्दर बैठे कर टीवी देख रही थीं। उस वक्त उन्होंने एक नाईटी पहनी हुई थी जो कि बहुत पतली थी और उसमें से उनके मम्मों का साइज़ और आकार साफ़-साफ़ समझ आ रहा था।
मैंने डोर नॉक किया तो उन्होंने मेरी तरफ देखा और मुस्कुरा कर कहा- डोर नॉक करने की जरूरत क्या है.. तुम तो घर के ही हो.. अन्दर आ जाओ। मैंने अन्दर जाकर पूछा- फ्लिपकार्ट वाला कहाँ है? तो उन्होंने कहा- वो तो चला गया और वो शाम के 5 बजे आएगा।
अभी एक बज रहे थे.. तो मैंने उनको पैसे दे दिए और कहा- ठीक है.. मैं चलता हूँ।
रिया भाभी ने मेरी तरफ देखते हुए कहा- तुम्हें अगर कोई दिक्कत ना हो तो तुम मेरे साथ लंच करके शाम को घर चले जाना.. क्योंकि मैं घर में अकेली हूँ और सुबह से बोर हो रही हूँ। मैंने कहा- ओके..
फिर हमने साथ बैठ कर खाना खाया और हम इधर-उधर की बातें करने लगे। रिया भाभी की शादी को अभी तीन महीने ही हुए थे, मैंने उनसे पूछा भाभी- शादी करके कैसा लग रहा है? तो उन्होंने कहा- ठीक ही है।
मैंने उनके मुख पर उदासी महसूस की.. और मैं उनको बार-बार पूछने लगा- क्या कोई बात है? यदि आपको कोई दिक्कत है.. तो आप मुझे बता सकती हो.. उन्होंने बात टाल दी और कहा- कोई बात नहीं है..
फिर खाना खा कर हम सोफा कम बिस्तर पर बैठ कर टीवी में इंग्लीश मूवी देखने लगे और बात करने लगे। बात करते-करते उन्होंने मुझसे कहा- तुम मुझे रिया बुला सकते हो.. क्योंकि मैं तुमसे एक साल छोटी हूँ। तब मैंने कहा- नहीं.. ऐसा करने से बाकी लोगों को दिक्कत होगी। तो उन्होंने कहा- ठीक है.. पर जब हम अकेले हों.. तो तुम मुझे रिया कह कर ही बुलाना। मुझे थोड़ा अजीब लगा फिर भी मैंने कहा- ओके भाभी.. तब उन्होंने मेरा कान पकड़ कर कहा- भाभी नहीं.. रिया.. मैंने कहा- ओह्ह.. सॉरी रिया..
फिर हम मूवी देखने लगे। मूवी देखते-देखते मैंने रिया भाभी से फिर पूछा- भाभी जब मैंने आपसे पूछा- आप शादी करके खुश है या नहीं? तब आपने ठीक से जवाब क्यों नहीं दिया। तो फिर से वो कुछ नहीं बोल कर चुप हो गई।
मैंने उनसे कहा- देखिए भाभी, मैंने आपको एक फ्रेंड समझ करके रिया कहा है और आप भी मुझे एक दोस्त समझते हो.. तो आप मेरे साथ सब शेयर कर सकते हो। मेरा थोड़ा जिद करने पर उन्होंने मुझे जो बताया वो सुनकर मैं दंग रह गया।
वो रोती हुई आवाज़ में बोलने लगी- स्नेहा के भैया का दूसरी लड़कियों के साथ जिस्मानी रिश्ते हैं। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
भाभी ने स्नेहा के भैया के मोबाइल में उनको किसी और लड़की के साथ साथ सेक्स करते हुए एक वीडियो देखी थी। जब उन्होंने ने भैया से पूछा तब भैया ने कहा कि क्योंकि मैं एयरलाइन्स में काम करता हूँ.. तो मुझे कई लड़कियों के साथ सोना पड़ता है और हमारी इंडस्ट्री में यह कोई बड़ी बात नहीं है.. तो तुम इसको स्वीकार कर लो.. वरना मैं तुमको डाइवोर्स दे दूँगा।
रिया भाभी एक लोवर मिड्ल क्लास फैमिली से आई थीं.. इसलिए उनके अन्दर सब कुछ चुपचाप बर्दाश्त करने के अलावा कोई रास्ता नहीं था। मैं रिया भाभी को रोता हुआ देख कर उनके आँसू पोंछने लगा और उनकी पीठ सहलाने लगा, वो मुझसे लिपट कर रोने लगी।
उनकी पीठ सहलाते-सहलाते मेरी उंगली उनकी ब्रा की स्ट्रिप पर अटक गई और उनकी ब्रा खुल गई। मैंने देखा कि उन्होंने कोई आपत्ति नहीं की और वो रोती ही रही। मेरा लंड जीन्स के अन्दर खड़ा हो गया।
रिया भाभी देखने में ठीक-ठाक थीं.. लेकिन उनका फिगर कमाल का था। उनके मम्मों का नाप 36 इंच का था। उनकी कमर 30 इंच की थी और उनकी गाण्ड का साइज़ 34 इंच का था।
मैंने उन्हें चुप कराने की कोशिश की.. और उनका चेहरा पकड़ कर उनके आँसू पोंछने लगा.. उनके आंसू पोंछते-पोंछते मैं उनके होंठों के ऊपर हाथ फेरने लगा। वो मेरी आँखों में आँखें डाल कर देखने लगीं और हम दोनों ही एक-दूसरे को कंट्रोल नहीं कर पाए।
मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ जमा दिए और उनको बाँहों में भर कर किस करने लगा।
अब रिया भाभी से भी रहा नहीं गया और वो मेरा साथ देने लगीं। किस करते-करते वो मुझे अपने बेडरूम में ले गईं और कमरे में जाते ही मैंने उनके मम्मों को पकड़ लिया और ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा।
वो कहने लगी- प्लीज़ आज मुझे अच्छे से चोदना.. मेरा पति तो बाहर से इतना चुदाई करके आता है कि उसको मेरी चूत और मेरी चूचियों में कोई रूचि ही नहीं है। मैं रिया भाभी की ऐसी बातें सुन कर हैरान हो गया और उनकी तरफ देखने लगा।
उन्होंने मेरी तरफ देखते हुए कहा- मैं सेक्स करते वक़्त एक रंडी बन जाती हूँ और मैं चाहती हूँ कि तुम मुझे एक रंडी की तरह ही ट्रीट करो। मुझे तो अपने नसीब पर विश्वास ही नहीं हो रहा था कि आज मुझे एक और चूत मारने को मिलेगी.. वो भी एकदम रंडी किस्म की लुगाई की चूत चोदने को मिलेगी।
सच में.. एक मर्द को और क्या चाहिए.. एक मस्त चुदाने वाली चूत लौड़े के नीचे आ जाए। जो यह स्टोरी पढ़ रहे हैं मुझे पूरा विश्वास है कि उनको सुबह एक पतिव्रता नारी चाहिए और रात को बिस्तर गरम करने के लिए एक रंडी चाहिए.. जो गंदी-गंदी गालियाँ दे.. और मार खाते-खाते चुदवाए।
मैंने रिया भाभी के चूत के बाल उनकी नाईटी के ऊपर से पकड़ कर तान दिए और उनके मुँह से ‘आअहहय…’ की आवाज़ निकल गई। फिर मैंने उनको एक जोर का धक्का मार कर बिस्तर पर धकेल दिया और कहा- चल रंडी.. आज मैं तुझे जन्नत की सैर कराता हूँ।
यह कहते हुए मैंने उनकी नाईटी पकड़ कर फाड़ दी और उनकी ब्रा जो पहले से खुली हुई थी.. खींच कर एक तरफ फेंक दी। मैं जानवरों की तरह उनके मम्मों को चूसने लगा और नोंचने लगा।
अब उनसे भी रहा नहीं गया और वो कहने लगी- अबे स्नेहा के दलाल.. तुझे स्नेहा ने कभी चोदने नहीं दिया क्या.. भोसड़ी के.. जो तू मुझे ऐसे नोंच नोंच कर खा रहा है। मैंने कहा- नहीं.. वो साली तो सिर्फ़ टाँगें उठा कर मेरा खाती है.. बस जल्दी से डालो और निकल लो। ‘अरे साली खुल कर मजा नहीं लेती है?’ मैंने कहा- आपके 36 साइज़ के मस्त मम्मे और कहाँ उसके 32 साइज़ के चीकू।
रिया भाभी हँसने लगी और बोली- कोई बात नहीं साले भड़वे.. आज जैसे तेरी इच्छा.. वैसे कर.. मैं कुछ नहीं बोलूँगी चुपचाप एक रंडी की तरह सब सहन कर लूँगी। मैं उनके मम्मों को चूसने लगा और एक हाथ से उनकी चूत के ऊपर से उनकी पैन्टी हटा कर उनकी बुर में उंगली करने लगा।
रिया भाभी से रहा नहीं गया और वो मेरी जीन्स खोल कर मेरा लंड बाहर निकाल कर एक हाथ से हिलाने लगी और कहने लगी- अरे वाह भेनचोद.. तेरा लौड़ा तो मेरे पति के लौड़े से भी बड़ा और मोटा है। मैं एक हाथ की दो उंगलियाँ उनकी चूत के अन्दर-बाहर कर रहा था और एक उंगली बार-बार उनकी गाण्ड में डालने की कोशिश कर रहा था। क्योंकि कभी भी स्नेहा ने मुझे उसकी गाण्ड नहीं मारने दी थी और आज मैं रिया भाभी की गाण्ड मारना चाहता था।
रिया भाभी यह समझ गई और बोली- साले कुत्ते.. गाण्ड में उंगली क्यों डाल रहा है।
मैंने हँसते हुए कहा- रंडी साली अभी तूने ही तो मुझे कुत्ता कहा था और कहा था कि कैसे भी चोद ले.. और अब कह रही है कि गाण्ड में क्यों उंगली डाल रहा है। अरे मेरी छिनाल.. कुत्ता तो गाण्ड ही मारेगा ना..
यह कहते हुए मैंने उनकी कमर पकड़ कर उनको उल्टा किया और उनको एक कुतिया की तरह बैठा कर उनकी गाण्ड में जीभ डालकर चूसने लगा और हाथ बढ़ा कर ज़ोर-ज़ोर से उनके मम्मों को दबाने लगा। वो तो जैसे पागल ही हो गई और ज़ोर-ज़ोर ‘आआहह..’ की आवाजें निकालने लगी।
फिर मैंने अपने लंड में बहुत सारा तेल लगाया और उनकी गाण्ड के छेद में भी तेल की शीशी खाली करके अपना लंड उनकी गाण्ड के छेद पर घिसने लगा.. तब रिया भाभी बोल उठी- राजा, ज़रा आराम से करना.. अभी तक मैं गाण्ड से कुंवारी हूँ।
मैंने हँसते हुए उनके मम्मों को दबाते हुए कहा- मेरी रानी, पहली बार थोड़ा दर्द तो होगा ही.. लेकिन फिर तुझे बहुत मज़ा आएगा।
बस उनसे यूँ ही बात करते-करते मैंने अचानक से उनके पिछवाड़े में अपने लंड का टोपा डाल दिया। जैसे ही वो अन्दर गया.. वैसे ही उसकी जान बाहर आ गई। वो ज़ोर से चिल्ला उठी- प्लीज़ सन्नी प्लीज़, लंड बाहर निकालो.. बहुत दर्द हो रहा है।
मैंने उनकी कमर सख्ती से पकड़ रखी थी ताकि वो मेरा लंड निकाल ना पाए। मैं इसी पोजीशन में कुछ देर खड़ा रहा और एक हाथ नीचे करके उसकी चूत को मसलने लगा.. ताकि उसको थोड़ा आराम मिले और वो दर्द को भूल जाए। वही हुआ.. थोड़ी देर में जब वो अपनी चूत में उंगली का मज़ा ले रही थी.. तो मैंने फिर एक ज़ोर का धक्का मारा और पर्ल अंड उनकी गाण्ड की गहराई में घुसा दिया।
वो ज़ोर से चीखी और मुझे गंदी-गंदी गालियाँ देने लगी, रोते हुए कहने लगी- साले मादरचोद.. भेनचोद निकाल अपना लौड़ा सुअर की औलाद.. साले भड़वे… मैं कोई छिनाल हूँ क्या.. जो मेरी गाण्ड में ऐसे लंड पेल रहा है.. भोसड़ी के.. अपना लौड़ा निकालता है या नहीं?
यह सुन कर मुझे और भी जोश आ गया और मैं उसके बाल पकड़ कर ज़ोर-ज़ोर से उसकी गाण्ड मारने लगा। उसकी गाण्ड से खून निकलने लगा… फिर भी मैं नहीं रुका। मैं उसको चोदता गया.. थोड़ी देर में जब उसको भी मज़ा आने लगा तो वो भी बड़े मज़े से अपनी गाण्ड मरवाने लगी।
अब दस मिनट हो चुके थे और मैंने उसको सीधा करके उसकी चूत में अपना लौड़ा डाल कर उसकी गुलाबी चूत में लंड पेलने लगा। साथ ही उसके मुलायम-मुलायम मम्मों को दबाने लगा।
क्या बोलूँ दोस्तों.. क्या चूत थी साली की.. पूरी गुलाबी.. मानो जैसे गुलाब के फूल की पंखुड़ियाँ.. अब उनके चूचे दबाते-दबाते उनको चोद रहा था और मुझसे रहा नहीं जा रहा था। मैंने उनकी चूत से लंड निकाल और सीधा उसके मुँह में डाल कर उनके मुँह को चोदने लगा और अपना सारा माल उनके मुँह में डाल दिया।
फिर हम दोनों बिस्तर पर नंगे पड़े रहे और एक-दूसरे के बदन से खेलते रहे.. कुछ देर बाद बेल बजी.. तो मैंने देखा कि फ्लिपकार्ट वाला डलिवरी देने आया है।
दोस्तो, मैं आपको अपनी अगली कहानी में बताऊँगा कि कैसे मैंने रिया भाभी को फ्लिपकार्ट के डेलिवरी ब्वॉय से चुदवाया। तब तक के लिए नमस्ते। आपके ईमेल का इन्तजार रहेगा। [email protected]
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