This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
नमस्कार दोस्तो.. मैं सोनू एक बार फिर हाज़िर हूँ अपनी नई कहानी लेकर। मेरी पहली कहानी को आप लोगों ने बेहद सराहा उसका बहुत धन्यवाद।
अब कहानी पर आते हैं… बात उस समय की है.. जब मैं अपने फर्स्ट इयर के एग्जाम देकर मेरठ से वापस अपने घर गाजियाबाद गया था। जैसा कि मैं पहले बता चुका हूँ कि मेरे माताजी और पिताजी दोनों डॉक्टर हैं।
जिस कॉलोनी में हम लोग रहते हैं वहाँ पर सभी हॉस्पिटल के कर्मचारी रहते हैं। हमारे बगल वाले घर में काफी नर्सें भी रहा करती थीं, उन्हीं में से एक का नाम था रिया। उसी उम्र लगभग 24 साल.. तीखे नैन-नक्श.. कसा हुआ शरीर.. 34 इंच के खड़े हुए चूचे.. 36 इंच की फूली हुई गांड और बलखाती हुई पतली कमर.. मानो जैसे किसी को चुदाई के लिए आमंत्रित कर रही हो।
जब भी वो चलती थी तो उसके चूचे और गांड हिलते हुए बड़े कामुक लगते थे। मैं उसे पहले से जानता था.. कभी-कभी बात भी हो जाती थी लेकिन इस बार जब भी वो मेरे सामने आती.. तो उसके चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कान होती थी। ये सब देख कर मुझे भी अच्छा लगने लगा था। मैं भी उसे आते-जाते देख कर उसके चूचे या चूतड़ निहारने लगता।
लगभग 10 दिनों में हम दोनों आपस में काफी खुल चुके थे। जब भी वो मुझे देखती.. तो मुस्कुरा देती और मैं भी अनायास ही वापस मुस्कुरा कर या आँख मार कर उसे जवाब दे देता। मेरे आँख मारने पर वो शर्मा जाती।
एक दिन यूँ ही शाम को मैं अपने घर के बाहर सड़क पर घूम रहा था.. मेरी माताजी और पिताजी दोनों हस्पताल गए हुए थे। तभी मैंने देखा के रिया बाहर बाल्कनी में खड़ी थी और मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी।
उसकी ये प्यार भरी मुस्कान मेरे अन्दर के शैतान को जगाने के लिए और हवस के पुजारी को बाहर लाने के लिए ही काफी थी। क्योंकि मैं पहले ही कई बार चुदाई का स्वाद चख चुका था.. तो अब मैं इसका आदी हो चुका था। मन तो किया कि वहीं पकड़ कर चोद डालूँ साली को.. पर मैंने ठंडा करके खाना ठीक समझा। तो मैंने चुदाई की मंशा से उससे जाकर बात करनी शुरू की।
बातों बातों में उसने बताया कि उसे मुझसे कोई काम है और उसने मुझे ऊपर बुलाया।
मैंने सोचा कि इसे ज़रूर चुदाई का चस्का लगा है और आज मेरी किस्मत मेरे साथ है.. यही सोचते हुए मैं ऊपर जाने लगा। ऊपर पहुँचा तो वो अपनी रूममेट के साथ खड़ी थी। मेरे तो खड़े लंड पर धोखा हो गया।
मैंने उससे काम पूछा.. तो उसने बोला कि उसके मोबाइल में बैलेंस नहीं है और मैं उसके लिए ये काम कर दूँ। मेरे दिमाग में एक आईडिया आया और मैंने फट से उसका नंबर और पैसे ले लिए।
मैंने नीचे जाते ही उसका नंबर अपने फोन में फीड कर लिया और मार्केट से उसका नंबर रीचार्ज भी करवा दिया।
मैंने बड़ी हिम्मत करके रात को उसे मैसेज किया- हैलो रिया.. दस मिनट बाद उसका जवाब आया- आप कौन?? मैंने उसे अपना नाम लिख भेजा- मैं हूँ.. सोनू..
उसका तुरंत जवाब आया- ओह्ह.. तुम हो.. मैं तो डर ही गई थी। बताओ मुझे कैसे याद किया? मैंने उससे बोला- मुझे आपसे फ्रेंडशिप करनी है।
इसके बाद उसका जो जवाब आया उसे पढ़कर मैं ख़ुशी से झूम उठा। उसने लिखा था- मैं तो सोचती थी कि हम पहले से ही दोस्त हैं.. इसमें पूछने की क्या ज़रुरत थी यार.. वी आर फ्रेंड्स!
अब हमारी रोज़ ही बातें होने लगी। हम आपस में काफी खुल चुके थे। वो मुझसे सब शेयर करती थी।
तभी करीब 6 दिन बाद दोपहर में मुझे उसका मैसेज आया। मैंने भी जवाब में मैसेज कर दिया। उसने कहा कि वो मुझसे कुछ कहना चाहती है। मेरे पूछने पर उसने जो कहा उससे मेरे होश उड़ गए।
उसने बोला- मैं तुम्हें बेहद पसंद करती हूँ सोनू और तुम्हें अपना ब्वॉयफ्रेंड बनाना चाहती हूँ। क्या तुम मेरे ब्वॉयफ्रेंड बनोगे ?? क्या तुम्हें मैं पसंद हूँ..??
मैंने भी जवाब में उसे ‘हाँ’ लिख भेजा- मेरी जान.. मैं तो तुम्हें पहले से ही पसंद करता था.. पर कहने में डर लगता था कि कहीं तुम नाराज़ हो गई तो मैं तुम्हारी दोस्ती भी खो दूँगा।
अब मछली खुद जाल में फंस चुकी थी। मैं उसे चोदने की सैटिंग करने लगा। अब हमारे बीच में सेक्स चैट भी होने लगी थी। मैंने कई बार उसे मिलने के लिए भी बुलाया.. पर वो हर बार ये कहकर टाल देती- अभी मेरी रूममेट है.. जब मौका मिलेगा तो मैं खुद बता दूँगी।
अब तक मैं समझ चुका था कि आग दोनों तरफ बराबर लगी है। उसने मुझे बताया था कि उसने पहले कभी सेक्स नहीं किया है और उसे सेक्स करने से डर भी लगता है.. पर मेरे समझाने पर वो शांत हो जाती।
अब मैं बस बेसब्री से उसके अकेले होने का इंतज़ार करने लगा और भगवान ने मेरी सुन भी ली। एक दिन सुबह 9 बजे उसका फोन मेरे पास आया.. उसने मुझे बताया कि आज उसकी छुट्टी है.. और वो रूम में अकेली है। मैं इशारा समझ गया.. मैंने उससे कहा- मैं आ रहा हूँ और वो अपने रूम का दरवाज़ा खुला रखे।
मैं फटाफट उसके रूम पर पहुँच गया और अन्दर जाकर कुंडी लगा दी। कमरे का नज़ारा बेहद कातिल था दोस्तो.. लाइट बंद थी.. मोमबत्तियों की रोशनी में पूरा कमरा जगमगा रहा था। रिया बिस्तर पर पैर फैला कर लेटी हुई थी, उसने लाल रंग का टॉप और काले रंग की स्कर्ट पहन रखी थी। उसके बाल खुले हुए थे और वो मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी।
मैंने समय न गंवाते हुए अपने कदम रिया की तरफ बढ़ाए, मैं सीधा उसके होंठों पर टूट पड़ा.. वो भी बराबर मुझे चूमने लगी। सच में.. क्या रसीले होंठ थे उसके..
फिर मैंने झट से उसका टॉप और स्कर्ट उतार दिया.. अन्दर का नज़ारा और भी कामुक था, उसने लाल और काले रंग की ब्रा और पैन्टी पहन रखी थी। उसने भी मेरी टी-शर्ट और लोअर निकाल दिया था। मेरा 7 इंच लम्बा 2.5 इंच मोटा लंड बाहर आने को बेताब हुआ जा रहा था। मैंने अपना लंड रिया के हाथ में थमा दिया… रिया मेरे लंड को बड़े प्यार से हिला रही थी।
थोड़ी देर बाद मैं रिया के चूचे चूस रहा था और वो मेरा बालों में हाथ डाल कर मस्ती में सिसकारी ले रही थी।
दस मिनट बाद हम दोनों नंगे थे। हम 69 की अवस्था में थे। मैं उसकी चिकनी और शायद कुंवारी चूत को चाट रहा था और वो बेमन से मेरा लौड़ा चूस रही थी.. पर मुझे अच्छा लग रहा था।
अब तक रिया बेचैन हो चुकी थी और 2 बार झड़ भी चुकी थी। मैंने समय न गंवाते हुए उठ कर उसकी टांगों के बीच में आते हुए पोजीशन बनाई। प्यार से उसकी टाँगे फैलाईं और अपना लंड उसकी चिकनी चूत के ऊपर रगड़ने लगा। मेरे ऐसा करने से वो और भी उत्तेजित हो गई। अब वो खुद अपनी चूत को उछाल-उछाल कर मेरे लंड पर दबाने लगी।
मैंने उसके होंठ अपने होंठों में दबा कर एक जोर का धक्का मारा और मेरा आधा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अन्दर चला गया। रिया की चीख मेरे मुँह में दब कर रह गई। रिया दर्द के मारे छटपटा रही थी, उसकी आँखों से आंसू बह निकले थे.. पर चेहरे पर संतुष्टि थी। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
थोड़ी देर बाद मैंने फिर एक तगड़ा झटका मारा और इस बार मेरा पूरा लंड रिया की चूत में घुस गया। इस बार रिया को इतनी तकलीफ़ नहीं हुई। करीब 5 मिनट बाद वो शांत हो चुकी थी। अब वो खुद ही नीचे से अपनी कमर हिला-हिला कर मेरा लंड अन्दर-बाहर करने की कोशिश कर रही थी।
मैं समझ गया था.. मैंने भी देर न करते हुए ताबड़तोड़ धक्कों की बारिश कर दी। रिया तो कामभोग से मानो पागल हुई जा रही थी।
मैंने काफ़ी देर तक रिया की खूब चुदाई की.. तभी मैंने अचानक अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसकी टाँगें अपने कंधे पर रख कर फिर से अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया।
अब तक रिया 5 बार झड़ चुकी थी और इस वजह से उसे दर्द भी हो रहा था.. पर मुझे अत्यंत सुख मिल रहा था.. तो मैंने उसका दर्द अनदेखा कर दिया।
उसकी चूत गीली होने की वजह से और मेरे खून से सने लंड के अन्दर-बाहर होने से कमरे में ‘फच.. फच..’ की आवाज़ हो रही थी… जो मुझमें और जोश भर रही थी। साथ ही रिया की कामुक आवाजें मुझे सनसनी दे रही थीं।
‘आह.. और ज़ोर से जान.. फाड़ दो मेरी फुद्दी को.. भुर्ता बना दो इसका.. रगड़ दो इसे.. और अन्दर डालो.. आह मज़ा आ गया..’ लगभग आधे घंटे बाद मेरा शरीर अकड़ने लगा और मैंने रिया की चूत अपने वीर्य से भर दी और में बस निढाल सा होकर रिया से चिपक गया.. वो मुझे प्यार से चूमने लगी। जब मैंने अपना लंड बाहर निकाला.. तो वो खून से सना हुआ था और बिस्तर पर भी खून लगा हुआ था।
थोड़ी देर बाद हम दोनों उठे और साथ मिलकर नहाए.. नहाते वक़्त मुझे फिर जोश आ गया और मैंने उसे घोड़ी बना कर उसकी गांड भी मारी। सच कहूँ तो दोस्तो, गांड मारने में चूत मारने से ज्यादा मज़ा आता है। उसके बाद हम लगभग रोज़ सेक्स करने लगे, उसने मुझे काफी गिफ्ट भी दिए।
यह मेरी सत्य कहानी है। आपके ईमेल सादर आमंत्रित हैं। [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000