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अब तक आपने पढ़ा..
अनुराधा- ओह्ह.. अब परेशान मत हो आप.. वो जल्दी आ जाएंगे और आप भी ना.. जब आपको पता है कि ये बच्चे लापरवाह हैं तो क्यों कोई ज़मीन इनके नाम पर लेते हो? संजय- अरे खून है मेरा.. इनके नाम ज़मीन नहीं लूँगा तो किसके नाम पर लूँगा.. हाँ.. अब तुम जाओ मेरा दिमाग़ ना खराब करो। संजय का गुस्सा देखकर अनुराधा वहाँ से अपने कमरे की तरफ़ चली गई.. कुछ ही देर बाद सुनीता ऊपर से नीचे आई और सोफे पर बैठ गई।
अब आगे..
अनुराधा की विधवा देवरानी सुनीता को देख कर लगता है नहीं कि यह विधवा है.. क्योंकि सुनीता ने ग्रीन कलर की बहुत ही फैंसी साड़ी पहनी हुई थी और चेहरे पर मेकअप.. होंठों पर लाली.. जैसे नई-नवेली दुल्हन हो और वो चल भी बड़ी अदा के साथ रही थी। सुनीता- क्या हुआ भाईसाहब.. बहुत टेन्शन में लग रहे हो? संजय- मैंने तुमसे कितनी बार कहा है कि मुझे भाई मत कहा करो.. क्या तुम्हें समझ में नहीं आता? सुनीता- अरे वो तो अकेले में बोलने से मना किया था.. अब मैं यहाँ हॉल में थोड़ी वैसे बोलूँगी..
संजय- अच्छा.. अच्छा.. ठीक है.. वैसे इतनी सजधज के कहाँ जा रही हो? सुनीता- कहीं नहीं.. बस ऐसे ही थोड़ी शॉपिंग करनी थी.. संजय- ठीक है जाओ.. मगर मुझे अकेला छोड़ दो.. सुनीता ने एक मुस्कान संजय को दी और बाहर को निकल गई।
कुछ देर बाद पुनीत और रॉनी लगभग भागते हुए घर के अन्दर आए.. उनको देख कर संजय की जान में जान आई। उन्होंने ज़्यादा बात नहीं की.. बस टेबल से पेपर लिए और पुनीत को साइन करने को कहा।
जैसे ही पुनीत ने साइन किए.. संजय जल्दी में बाहर निकल गए.. और जाते हुए वो दोनों को हिदायत दे गए- लंच के टाइम घर में ही रहना.. मुझको तुम दोनों से जरूरी काम है। पापा के जाने के बाद दोनों ऊपर अपने अपने कमरों में चले गए।
दोस्तो.. वहाँ टोनी और उसके दोस्तों ने अपने काम को अंजाम देने के लिए कुछ लड़कों से बात कर ली और बस वो उस पल के इंतजार में बैठ गए।
गर्ल्स हॉस्टल में भी सुबह से गहमा-गहमी थी.. आज कुछ और लड़कियाँ अपने घर जा रही थीं.. जिनमें पूजा और पायल भी शामिल थीं। पूजा- अरे पायल, तू अकेली जाएगी या कोई लेने के लिए आएगा? पायल- नहीं यार.. मैंने बताया था ना.. मैं रिक्शा लेकर चली जाऊँगी.. तू अपनी बता.. तुम्हें लेने कौन आ रहा है.. कहीं पुरू तो नहीं आ रहा ना? पूजा- अरे नहीं यार.. वो कहाँ आएगा.. अब वो तो नौकरी के लिए लंदन चला गया है.. मेरे अंकल आएँगे.. ये दोनों यूँ ही नार्मली बातें कर रही थीं और बाकी लड़कियाँ भी अपने आप में व्यस्त थीं। दोस्तो, यहाँ अभी कोई फायदा नहीं.. वापस खन्ना हाउस में चलते हैं।
फ़ोन की घंटी बज रही थी.. मगर हॉल में कोई नहीं था। कुछ देर बाद अनुराधा रसोई से बाहर आई और उसने फ़ोन को उठाया। कुछ देर बात करने के बाद फ़ोन रख दिया और वो सीधी ऊपर पुनीत के कमरे की तरफ़ गई।
पुनीत- हाय मॉम.. क्या हुआ..? आप ऊपर क्यों आईं.. मुझे बुला लिया होता.. अनुराधा- कोई बात नहीं बेटा.. वो हॉस्टल से फ़ोन आया था छुट्टियाँ शुरू हो गई हैं तुम्हारी बहन पायल भी आज घर आ रही है। तुम जाकर उसको ले आओ ना… वो कहाँ रिक्शा में धक्के खाती हुई आएगी।
अनुराधा जब बोल रही थी तब रॉनी भी वहाँ आ गया था और उनकी बात सुनकर रॉनी ने पुनीत से कहा- चलो भाई दोनों साथ चलते हैं।
पुनीत- नहीं पापा ने कहीं भी जाने से मना किया है.. मॉम आप टेन्शन मत लो.. वो आ जाएगी.. वैसे भी उसको पसन्द नहीं कि कोई उसके काम में टांग अड़ाए.. आप जाओ उसके पसन्द की कोई चीज बनाओ.. बहुत टाइम बाद आ रही है आपकी लाड़ली बेटी.. अनुराधा ने दोबारा कहा.. मगर पुनीत ने उनको टाल दिया और वो वहाँ से वापस चली गई।
रॉनी- क्या भाई.. चलते है ना.. गुड्डी से मिले बहुत टाइम हो गया हमको.. साथ में आते तो मज़ा आता.. पुनीत- पागल मत बनो.. टोनी की नज़र हम पर ही होगी.. इस तरह गुड्डी के साथ बाहर घूमना ठीक नहीं.. रॉनी- ओह.. सॉरी यार ये तो मेरे दिमाग़ में आया ही नहीं.. भाई आप बहुत माइंडेड हो.. सच में..
पुनीत- अभी तुमने मेरे दिमाग़ का खेल देखा कहाँ है.. आगे-आगे देख.. कैसे उसकी बहन को घोड़ी बना कर चोदता हूँ.. साली की गाण्ड बहुत भा गई है मुझे.. रॉनी- हाँ भाई.. जरूर करेंगे.. मगर सन्नी से बात तो कर लेते हैं कि उसने लड़की का बंदोबस्त किया या नहीं.. पुनीत- हाँ ये भी सही है.. तू ऐसा कर.. सन्नी को फ़ोन लगा अभी.. उसको पूछ.. कुछ हुआ क्या?
रॉनी ने सन्नी को फ़ोन लगाया और लड़की के बारे में पूछा। सन्नी- अरे.. कैसे हो.. आ गए क्या तुम दोनों.. यार कहाँ हो अभी? रॉनी- अरे आ गए यार.. अभी घर में ही हैं तू कहाँ है? सन्नी- अरे में तो मार्केट में हूँ.. तुम दोनों घर पर क्या कर रहे हो?
रॉनी- अरे यार कुछ नहीं.. पुनीत के पापा को तू जानता है ना.. गुस्सा हैं किसी वजह से.. अब लंच तक हम कहीं नहीं जा सकते.. समझा तू.. जल्दी लड़की का बंदोबस्त कर यार.. सन्नी- अरे हाँ यार, शाम तक देखता हूँ हम साथ में चलेंगे..
रॉनी- यार जो करना है.. जल्दी करो और शाम ही ठीक रहेगी.. वैसे भी अभी हम बाहर जा नहीं सकते। आज गुड्डी भी घर आ रही है.. उसको लेने भी नहीं जा सके.. बेचारी अकेली आएगी। सन्नी- ओह.. अच्छा यह बात है.. चलो ठीक है शाम को मिलते हैं। सन्नी के फ़ोन काटने के बाद दोनों बातें करने लगे कि आगे सब कैसे करना है और लड़की कोई ठीक ढूँढनी होगी।
दोस्तो, अब ज़बरदस्त ट्विस्ट आपका हॉस्टल के बाहर इन्तजार कर रहा है.. तो वहीं चलते हैं!
पूजा ने अपना बैग तैयार किया और जाने के लिए तैयार हो गई। वो पायल का इन्तजार कर रही थी कि वो बाथरूम से बाहर आए.. तो उससे मिलकर वो निकल जाए, इसीलिए वो वहीं बिस्तर पर बैठ गई।
उधर बाहर टोनी अपने दोस्तों के साथ पायल का इन्तजार कर रहा था और उससे कुछ दूरी पर टोनी के भाड़े के गुंडे भी खड़े उसके इशारे का इन्तजार कर रहे थे।
विवेक कोल्ड ड्रिंक लेने गया तो उसे दूर सन्नी खड़ा हुआ दिखाई दिया.. वापस आकर उसने टोनी को बताया।
टोनी- अच्छा उन कुत्तों का चमचा हम पर नज़र रख रहा है.. वैसे उसने पहना क्या है.. यह बता जल्दी? विवेक- इससे क्या फ़र्क पड़ेगा बॉस? टोनी- सवाल मत कर.. जल्दी बोल.. अभी बिग बॉस का फ़ोन आने वाला है.. विवेक- ब्लू शर्ट और ब्लैक जीन्स.. ये बिग बॉस कौन है बॉस? टोनी- अरे वही.. जिसे आज तक मैं भाई बोलता था.. आज से बिग बॉस कहूँगा..
टोनी की बात भी पूरी नहीं हुई थी कि उसका फ़ोन बजने लगा। टोनी- हाँ बिग बॉस.. बोलो क्या कहना है.. आपको मैं हॉस्टल के बाहर ही मिलता हूँ। भाई- वो दोनों नहीं आ रहे.. तो दूसरा प्लान ही करना होगा। वो लड़के कहाँ पर हैं? टोनी- डोंट वरी बिग बी.. हम सब यही हैं आप बस देखते जाओ.. फ़ोन कट जाने के बाद विवेक ने पूछा कि आपको कैसे पता फ़ोन आएगा।
टोनी- हा हा हा.. मैंने कहा था ना.. टाइम आने पर भाई का नाम बता दूँगा। यह साला हरामी सन्नी ही भाई है.. अब बस 5 मिनट रूको.. खुद समझ जाओगे कि यही भाई है। सुनो जब मैं पायल से बात करूं.. तुम उस पर नज़र रखना और मेरे जाने के बाद उसके पास चले जाना। विवेक- उसके पास जाकर क्या कहें? टोनी- कुछ मत कहना.. बस उसके सामने चले जाना.. अगर वो बात करे तो ठीक.. नहीं उसको देख कर आगे निकल जाना.. समझे..
पायल रेडी होकर जब बाहर आई.. तो पूजा ने उससे कहा- मैं जा रही हूँ.. तुमसे मिले बिना कैसे जाती.. तो यहीं बैठ गई। पायल- अरे अच्छा किया.. मैं भी बस निकल ही रही हूँ.. चलो साथ-साथ जाते हैं तुम अपने अंकल के साथ निकल जाना.. मैं बाहर से रिक्शा ले लूँगी।
दोनों साथ में बाहर निकलीं.. तभी टोनी के फ़ोन पर भाई का फ़ोन आया.. उसने बताया कि पायल ने पीली शर्ट और वाइट जीन्स पहनी हुई है.. जो करना संभाल कर करना..
पूजा के अंकल टैक्सी ले आए थे.. बाहर आकर पूजा ने पायल को गले लगाया और गाड़ी में बैठ कर चली गई। उसी टाइम टोनी ने उन लड़कों को इशारा कर दिया कि यह ही वो लड़की है..
लड़का 1- हाय जानेमन.. कहाँ जा रही हो.. ये बिजलियाँ गिराते हुए? लड़का 2- अरे रुक ना जान.. अपना नाम तो बता कर जा..
उनकी बातों से पायल गुस्सा हो गई मगर उनके मुँह लगना उसने ठीक नहीं समझा.. तो वो चुपचाप आगे आकर रिक्शा को रोकने लगी।
लड़का 3- अरे जान.. कहाँ जाना है.. हम छोड़ देंगे.. आ जा..
पायल कुछ कहती.. इसके पहले एक लड़के ने उसका हाथ पकड़ लिया।
दोस्तो, उम्मीद है कि आपको कहानी पसंद आ रही होगी.. तो आप तो बस जल्दी से मुझे अपनी प्यारी-प्यारी ईमेल लिखो और मुझे बताओ कि आपको मेरी कहानी कैसी लग रही है।
कहानी जारी है। [email protected]
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