पैसे नहीं चूत चुदाई ही सही

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कहते हैं कि दाने-दाने पर खाने वाले का नाम लिखा होता है.. उसी तरह चूत पर भी लण्ड का नाम लिखा होता है। मेरा नाम अहिलेश चौहान है.. मैं लुधियाना से हूँ। अन्तर्वासना पर यह मेरी दूसरी कहानी है।

बात उन दिनों की है.. जब मैं ऊना (हिमाचल प्रदेश) में रहता था। मेरा एक दोस्त था राहुल.. राहुल ने मुझसे करीब 15000 रूपए उधार लिए थे.. पर देने का नाम नहीं लेता था। उसकी एक सौतेली बहन थी मनी… वैसे उसका असली नाम माधुरी था।

मनी का शरीर बहुत सुडौल था। मनी का कद ज़रा कम था.. वो 4 फुट 8 इंच के लगभग की थी.. पर यह कद उस पर जंचता था। उसकी उम्र अभी 18 की हुई ही थी.. उसका रंग गोरा.. आँखें काली, चूचे हल्के उभार लिए हुए थे। फिगर साइज 32-28-32.. चूतड़.. एकदम गोल और उठे हुए थे।

मेरी पहले दिन से उस पर नजर थी। मगर वो बहुत डरती थी.. पता नहीं क्यों..? मुझे दो बार ‘ना’ भी कर चुकी थी। उसका भाई पैसे नहीं दे रहा.. बहन चूत नहीं दे रही थी। क्या करूँ.. मैं तो फंस गया था।

फिर एक दिन मैं उनके घर गया, तब माधुरी नहा रही थी। घर में और कोई नहीं था। नहा कर आई तो उसका पैर फिसल गया और वो पास पड़े पानी के टब में गिर गई। उसके पैर में मोच आ गई थी, वो रोने लग गई। मैंने उसे उठाया और कमरे में ले आया, तौलिये से उसका शरीर पोंछने लगा। उसका बदन पोंछते हुए मैं उसके चूचे दबाने लगा.. वो मेरी तरफ देख रही थी कि मैंने उसके शबनमी होंठों पर अपने होंठ रख दिए और किस करने लगा।

तभी राहुल आ गया, उसने मुझे पंच किया और घर से निकाल कर धमकियाँ देने लगा।

मैं वहाँ से आया और सारी बात अपने एक दोस्त को बताई। उसे गुस्सा आ गया कि एक तो पैसे नहीं दिए और ऊपर से मुझे पीटा भी, हम 6-7 लड़के लेकर गए और राहुल की जम कर पिटाई की.. मैंने कहा- अब बोल.. साले फिर कभी मेरे ऊपर हाथ उठाएगा? वो सहम गया।

दो हफ्ते बाद वो मुझे एक सुनसान रास्ते पर मिला.. मैंने सीधा पूछा- मेरे पैसे कब देगा बे? वो चुप था.. फिर वो बोला- क्या तुझे मनी पसंद है? ‘हाँ..’ मैंने बोला। राहुल बोला- मैं तुझे उसके साथ कुछ भी करने से नहीं रोकूँगा.. पर फिर तुझे अपने पैसे भूलने होंगे। ‘ठीक है..’ मैंने कहा।

एक हफ्ते बाद राहुल का फोन आया- घर आ जा.. मम्मी-पापा शादी में गए हैं। मैं साथ में 5-6 कन्डोम ले कर उसके घर पहुँचा.. तो मनी ने बेबी पिंक कलर का सूट पहना हुआ था, वो मुस्कुरा रही थी। राहुल बोला- मनी बियर ले आ..

हमने पार्टी की.. फिर हम तीनों ऊपर के कमरे में आ गए। हम दोनों को छोड़ कर राहुल नीचे चला गया।

हम दोनों को थोड़ा-थोड़ा नशा हो चुका था। मैंने मनी को अपनी बाँहों में लिया और उसके होंठों पर अपने होंठ जड़ दिए और उसे किस करने लगा। उसके हाथ मेरे बालों में थे.. वो मेरा पूरा साथ दे रही थी। मैं जोश में आ गया.. मैंने उसका कुर्ता उतार दिया। अन्दर उसने सफेद समीज पहनी थी.. जो कुरते के साथ ही उतर गई थी।

अन्दर का नजारा तो बेहद मस्त कर देने वाला था.. वाह.. क्या निप्पल थे उसके दूध के जैसे रूई के गोलों पर पर जैली रखी हो। उधर पास ही एक पुराना सोफा पड़ा था। मैंने उसे सोफे पर गिराया और मैं उस पर लेट गया। मैं उसे लगातार किस कर रहा था और मेरे हाथ उसके चूचों को मसल रहे थे।

फिर मैंने उसकी एक चूची अपने मुँह में ली और आम की तरह चूसने लगा। वो सिसकारियाँ लेने लगी- आहहह.. आहहह.. आहह.. म..मा..हहह.. उसकी कामुक आवाजों से मेरी उत्तेजना और बढ़ गई, मैं उसे और अच्छी तरह मसलने लगा, वो मेरा पूरा साथ दे रही थी।

फिर मैंने उसकी सलवार उतार दी। उसने काली पैन्टी डाली हुई थी, मैंने एक झटके में उसे उतार दिया, अब वो मेरे सामने पूरी नंगी पड़ी थी। उसकी चूत पर छोटे-छोटे बाल थे।

मैं उसकी चूत चाटने लगा, वो सिसकारियाँ ले रही थी- आहहह.. आहहह.. आहहम.. ईईई.. ईआहह.. आहहह.. आहहम.. फिर मैंने उसकी चूत में उंगली डाली, वो हिचक गई और थोड़ा पीछे हट गई। मैं फिर चूत चाटने लगा।

मैंने फिर उंगली डाली और अन्दर-बाहर करने लगा। वो पूरा मजा ले रही थी- आहहह.. आहहह.. आहहम.. ईईई.. ईआहह.. आहहह.. आहहम.. ओहह.. ओहहहा..

फिर मैं खड़ा हो गया और अपने सारे कपड़े उतार फेंके। अपना लण्ड हिलाते हुए मैंने उसके मुँह के सामने किया तो वो मुँह घुमाने लगी। मेरे जोर देने पर जब वो नहीं मानी.. तो मैंने उसे जरा आँखें दिखाई और उसके मुँह में लण्ड घुसेड़ दिया।

बाद में वो मेरा साथ देने लगी और बड़े प्यार से मेरा लण्ड चूसने लगी। दस मिनट बाद मैंने कन्डोम पहना और उसकी चूत पर निशाना लगाया। तो वो भी जोर-जोर से बोलने लगी- जल्दी करो.. मुझे कुछ हो रहा है.. अब मत तरसाओ.. डाल दो अपना लण्ड.. और फाड़ दो मेरी चूत को.. आज फाड़ दो..।

मैंने उसकी दोनों टाँगें उठाकर अपने कंधों पर रखी और एक जोरदार झटका दिया। मेरा सुपारा उसमें घुस चुका था। वो चीख पड़ी.. उसकी आँखों से आँसू बहने लगे। उसकी चीख सुनकर राहुल भी वहाँ आ गया।

आते ही राहुल ने अपने सारे कपड़े उतार दिए। वो रोने लगी और मुझे पीछे हटाने लगी।

तभी राहुल ने उसके दोनों हाथ पकड़ लिए और मैंने उसे पोजिशन में लेते हुए एक जोरदार झटका दिया.. मेरा आधा लण्ड उसके चूत में समा गया। वो दर्द के मारे झटपटाने लगी।

मैंने एक और झटका दिया और लण्ड ने अपना पूरा घर बना लिया। तभी राहुल अपना लौड़ा उसके मुँह पर फिराने लगा और अपने दोनों हाथों से उसके मम्मे दबाने लगा। थोड़ी देर में मनी का दर्द शांत हो गया और वो मजा लेने लगी, वो सिसकारियाँ ले रही थी- आहहह.. आहहह.. आहहम.. ईईई.. ईआहह.. आहहह.. आहहम..

करीब 15 मिनट की मस्त चुदाई होने के बाद मनी झड़ गई और मैं भी झड़ने वाला था.. तो मैंने अपना लण्ड निकाल कर मनी के हाथ में पकड़ा दिया.. वो मेरी मुट्ठ मारने लगी। मैं भी झड़ गया.. मैंने अपना सारा माल उसकी चूचियों और उसके मुँह पर गिरा दिया। उसने मेरा लण्ड चाट कर बिल्कुल साफ कर दिया।

फिर मैं आराम करने लगा और राहुल अपनी बहन की रण्डियों की तरह चूत मारने लगा। दस मिनट बाद राहुल भी झड़ गया और मैं चुदाई के लिए फिर से तैयार हो गया। मैंने मनी को कुतिया बनाया और उसकी गाण्ड पर अपना थूक लगा कर मसलने लगा। मैंने अपना लण्ड उसकी गाण्ड पर टिकाया और एक शानदार झटका दिया.. एक ही झटके में वो मेरा पूरा लण्ड ले गई। नशे की मस्ती में चूर होने के कारण उसको दर्द का कोई एहसास नहीं हुआ, वो पूरा मजा ले रही थी ‘आहहह.. आहह.. आहम्म.. ईईई.. ईआहह.. आहहह.. आहहम.. ओहह.. ओह…’

उसकी सिसकारियों से मुझे बहुत उत्तेजना हो रही थी, मैं दबा-दबा कर उसकी गांड मार रहा था। करीब 20 मिनट में मेरा काम हो गया। फिर मैं उसे और वो मुझे चुम्बन करने लगी। हम तकरीबन आधा घण्टा एक-दूसरे के साथ लिपटे पड़े रहे। फिर हमने अपने-अपने कपड़े पहने और मैं घर आ गया। इसके बाद मैंने कई बार मनी को चोदा।

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