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अन्तर्वासना के पाठको, आप सभी को मेरा नमस्कार, मैं अन्तर्वासना पर प्रकाशित सभी कहानियों को पढ़ता हूँ। मुझे यहाँ से बहुत कुछ सीखने को मिला। मेरी पहली कहानी मेरे और मेरे चाची के बीच की कहानी है.. शायद आप सभी लोगों को पसंद आए।
मेरा नाम बिट्टू है और चाची का नाम शीला है। बात तब की है जब मेरे चाचा की नई नई शादी हुई थी, उसके दो सालों के बाद मैं अपने चाचा के पास रहने लगा, मेरी और चाची की बहुत बनती थी। मेरी उम्र अब 18 साल हो चुकी थी।
एक बार रात को मेरी नींद खुली.. तो मैंने अपनी खिड़की से देखा कि चाची वहीं पेशाब कर रही थीं.. उनकी गाण्ड मेरी तरफ को थी। मुझे बहुत अच्छा लगने लगा और अब मैं रोज़ उनको रातों को छुप कर देखने लगा। मैं उनके पीछे पागल सा होने लगा, मैं उनके और पास जाने लगा।
एक दिन की बात है.. मेरे स्कूल बंद था। मैं घर पर ही था और चाचा अपने दुकान पर गए हुए थे। घर पर बस मैं, चाची और उनकी छोटी सी बेटी ही थी।
मैं नाश्ता करके फिर से अपने कमरे में जाकर सोने लगा, कुछ देर बाद मुझे किसी के नहाने की आवाज आई, अँधेरा होने के कारण कभी-कभी हम लोग आँगन में ही नहा लेते हैं।
मैंने अपनी खिड़की से देखा तो मैं देखता ही रह गया.. मेरे सामने मेरी चाची शीला नंगी नहा रही थीं। मैं शीला की जवानी चुपके से देख रहा था.. तभी मेरे हाथ से खिड़की खुल गई और चाची की नज़र मुझ पर पड़ गई। उन्होंने जल्दी से अपने आपको ढक लिया और कमरे में भाग गईं।
मैं अब उनसे नज़रें नहीं मिला पा रहा था, किसी तरह एक-दो दिन बीत गए। एक दिन मेरे चाचा को कहीं कुछ सामान लाने बाहर जाना था। उस दिन घर पर बस हम तीन लोग ही थे, हम दोनों न खाना खाया और अपने अपने कमरे में सोने चले गए।
कुछ देर बाद चाची मेरे कमरे में आईं और उन्होंने मुझे जगाया.. मैं डर गया। उन्होंने मुझसे पूछा- ये सब कब से चल रहा है?
तो मैंने उनको बता दिया और रोने लगा। यह देख कर वो मेरे और पास आ गईं और मुझे अपने तरफ खींच लिया और मुझे चुप कराने लगीं, उन्होंने मेरे सर के ऊपर हाथ फेरा और मुझसे बोलीं- मैं किसी को कुछ भी नहीं बताऊँगी.. पर एक शर्त है।
मैंने ‘हाँ’ कर दिया.. उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अपने कमरे में ले गईं। उन्होंने सबसे पहले मुझे लिटाया और मेरे बगल में ही खुद भी लेट गईं! मुझे सब अजीब सा लग रहा था।
उन्होंने मुझसे कहा- अगर तुम चाहते हो कि मैं यह बात किसी से नहीं कहूँ तो तुम्हें मुझसे से एक वादा करना होगा कि तुम भी एक बात किसी से नहीं कहोगे? मैंने कहा- क्या? तो उन्होंने कहा- पहले वादा करो। मैंने अपने डर के कारण उनसे वादा कर दिया।
उन्होंने मुझसे कहा- हम दोनों जो भी करेंगे वो तुम किसी को बताना मत.. मैंने ‘हाँ’ कर दी।
उन्होंने मेरे पैन्ट के ऊपर से ही मेरे लण्ड को पकड़ लिया। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं ! मैंने कहा- यह आप क्या कर रही हो? तो उन्होंने मेरे मुँह पर हाथ रख दिया और कहा- चुप रहो.. तुम भी मेरा साथ दो। मैं अक्सर रात को हाफ पैन्ट और गंजी पहन कर ही सोता हूँ। चाची भी साड़ी पहन कर सोती हैं। उन्होंने मेरे कपड़े उतारना चालू किए और मुझे नंगा कर दिया।
फिर उन्होंने मेरा लण्ड पकड़ा और उसे हिलाने लगीं और कुछ देर बाद मेरे लंड का साइज़ बड़ा हो गया। वो आश्चर्य से मेरा लौड़ा देखने लगीं.. वे तना हुआ लण्ड देख कर खुश हो गईं और उसे जोर-जोर से हिलाने लगीं। कुछ मिनट बाद मेरा पानी गिर गया और उन्होंने पूरा पानी पास रखे एक कपड़े से पोंछ दिया।
अब वो मेरे पास आकर लेट गईं और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख कर चूसने लगीं।
मुझे बहुत मज़ा आने लगा, मैंने भी चाची को नंगी होने के लिए बोला.. तो उन्होंने मना कर दिया.. कहा- अभी नहीं। मैंने उनसे ज़िद की.. तो वो बोलीं- आज नहीं.. फिर कभी। मैं मान गया लेकिन उनकी एक चूची को ऊपर से ही दबाने लगा।
इतने में ही उनकी बेटी उठ गई और वो उसको चुप कराने लगीं.. पर वो चुप नहीं हो रही थी.. तो चाची ने उसे दूध पिलाने की सोचा। उन्होंने मुझसे कहा- तुम अपने कमरे में जाओ। मैंने मना किया और कहा- आपने मेरा देखा है.. और वैसे ही मैं भी आपको नंगे देख ही चुका हूँ.. तो आप मेरे सामने ही दूध पिला दीजिये न.. वो मान गईं और अपने ब्लाउज का बटन खोल कर उसे दूध पिलाने लगीं।
मैं यह सब देख रहा था.. चूँकि लाइट जलने की वजह से सब कुछ साफ़ दिखाई दे रहा था। चाची के क्या मस्त सफ़ेद बड़े-बड़े चूचे थे.. मेरा तो नीचे से खड़ा होने लगा। मैं उन्हें घूरे जा रहा था।
चाची ने मेरी तरफ देखा और पूछा- क्या हुआ? मैं कुछ नहीं बोला और देखता रहा। चाची ने मुझे अपने पास खींचा, मैं उनके बिल्कुल बगल में सट गया, चाची मुझे ध्यान से देखनी लगीं।
मैं- चाची मुझे भी आपका दूध पीना है। चाची- अच्छा मेरे मुन्ने को भी भूख लग गई। मैं- हाँ चाची पिलाओ ना.. चाची ने अपना दूसरी साइड वाला कप भी हटा दिया और कहा- ले पीले.. अपनी चाची का दूध..
उन्होंने अपने दूसरे हाथ से मेरा सर पकड़ कर अपनी चूची पर लगा दिया। एक तरफ मेरी छोटी बहन और दूसरी तरफ मैं.. चाची का दूध पीने लगे। चाची के मुँह से कुछ आवाजें निकलने लगीं।
कुछ देर ऐसे ही चलते रहा.. फिर मुन्नी सो गई.. तो चाची ने उसे सुला दिया और मुझसे अपने कपड़े उतारने को कहा। मैंने भी देर न करते हुए झट से अपने कपड़े उतारे और चाची के पास आकर बैठ गया। चाची ने मुझे फिर से समझाया- यह बात अपने किसी दोस्त को भी नहीं बताना। मैंने ‘हाँ’ में सर हिलाया।
चाची अपने कपड़े उतारने लगीं.. और एकदम नंगी होकर मेरे बगल में सट कर बैठ गईं।
मैं उनको देखता रहा.. पहली बार पूरी नंगी लड़की को देखा था। क्या मस्त बॉडी थी चाची की.. बड़े-बड़े चूचे और गोरी गाण्ड.. हाय.. मैं तो देखता ही रह गया। तभी चाची ने कहा- चलो स्टार्ट करें। मैं- क्या? चाची- तुम्हें कुछ नहीं पता। मैंने कहा- नहीं.. तो उन्होंने कहा- जैसा मैं कहूँगी.. वैसे करना।
उन्होंने मुझे लिटाया और मेरे होंठ पर अपने होंठ रख कर चुम्बन करने लगीं। मैं भी उनका साथ दे रहा था। धीरे-धीरे वो एक हाथ से मेरे लण्ड को पकड़ कर हिलाने लगीं और चुम्बन भी करती रहीं। फिर मुझक़ो चुम्बन करते-करते नीचे को गईं और मेरे लण्ड को अपने मुँह में ले कर चूसने लगीं और जोर-जोर से हिलाने लगीं।
दस मिनट तक वो यही करती रहीं, फिर उन्होंने मुझे उठाया और कहा- अब तुम मेरी चूत को चाटो। मैंने मना किया.. तो उन्होंने कहा- करो, अच्छा लगेगा.. मैं मान गया और उनकी चूत पर अपना मुँह रख दिया।
तभी चाची ने अपने हाथ से मेरे सर को दबा दिया और दबाए रखा। उनके मुँह से अजीब सी आवाजें आ रही थीं और मुझे भी अब मज़ा आने लगा। मैं भी उनकी चूत को मस्ती से चाटने लगा।
कुछ देर बाद वो बैठ गईं और मुझसे कहा- जानू.. तुम मुझे चोदना बाद में.. पहले तुम सीख लो कि लड़की को गर्म कैसे करते हैं। मैंने ‘हाँ’ में इशारा किया।
फिर चाची ने मुझे 69 की पोजीशन में होने को कहा और हम दोनों उसी पोजीशन में हो गए, चाची ने मेरे लण्ड को अपने मुँह में लिया और मैं उनकी चूत को चाटने लगा।
चाची की चूत बिल्कुल मक्खन की तरह थी एकदम मुलायम.. मेरा मन तो कर रहा था कि खा जाऊँ। मैंने चाची की चूत पर दांत से काट दिया तो चाची जोर से चिल्ला उठी और मैं हँसने लगा। तभी चाची ने भी मेरे लण्ड पर काट दिया और वो हँसने लगीं।
लगभग आधे घंटे तक यही चलता रहा और अब सुबह के 4 बज चुके थे। फिर चाची ने कहा- चलो सोते हैं। मैंने मना कर दिया और कहा- अभी नहीं.. कुछ देर और.. तो फिर चाची ने कहा- अरे मेरे राजा मैं कहाँ जा रही हूँ.. अब तो मैं तेरी ही हूँ।
अब उन्होंने मेरा सर अपने चूचों के पास रख लिया और दबाने लगीं। तभी उन्होंने झटके से मुझे हटाया और कहा- चलो कुछ और करते हैं। मैं खुश हो गया।
तभी चाची जमीन पर उतर आईं और मुझे भी उतारा। अब वो तुरंत जमीन पर लेट गईं और मुझसे कहा- तुम मेरी चूत में उंगली डालो। मैंने कहा- इससे क्या होगा? तो वो बोलीं- करो तो पहले…
तो मैं शुरु हो गया और अपनी दो उंगलियों को उनकी चूत में डाल दिया.. इससे वो चिल्ला दीं। मैंने अपनी उंगलियों को निकाल लिया.. तो वो बोलीं- कुछ नहीं.. तुम करते रहो.. मैंने फिर चालू कर दिया, चाची के मुँह से अजीब-अजीब आवाजें सुनकर मुझे मज़ा आने लगा।
तभी चाची भी मेरे लंड को पकड़ कर हिलाने लगीं और मैं भी उनकी चूत में उंगली करता रहा। कुछ देर बाद मुझे कुछ अजीब सा लगा मेरे लौड़े से कुछ निकलने ही वाला था.. तब मैंने और तेज करना शुरू किया तो चाची की चूत से भी पानी निकलने लगा। मैं भी रुका नहीं.. मैं अपना काम करता रहा और चाची अपना।
मेरे लौड़े से जैसे ही कुछ निकला.. मुझे कुछ अजीब सा लगा.. तभी चाची ने भी वहीं पर पेशाब कर दी। हम दोनों कुछ देर तक वैसे ही पड़े रहे।
फिर चाची ने मुझे उठाया और खुद भी उठीं और फिर हम दोनों बिस्तर पर आकर लेट गए। वो मुझे पकड़ कर सोई थीं और मैं उन्हें जकड़े हुए था।
बस इसके बाद दूसरे दिन चाची ने मुझे चोदना सिखाया, वो फिर कभी लिखूँगा।
दोस्तो, कैसा लगा मेरा अनुभव.. आप इस पर जरूर से कमेंट कीजिएगा.. ताकि मैं अपनी अगली कहानी रोचकता से लिख सकूँ। आप मुझे अपने विचारों से अवगत कराने के लिए मुझे ईमेल अवश्य कीजिएगा। [email protected]
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