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हाय, दोस्तो, मेरा नाम प्रकाश है। मैं बीएसएनएल ऑफिस में कार्य करता हूँ। मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। मैंने अभी तक आप लोगों की लगभग सभी कहानियां पढ़ ली हैं। सब एक से बढ़ कर एक हैं। अब मुझे भी अपना साथ बीती हुई घटना बताने को मन कर रहा है।
मेरी उम्र 22 वर्ष है। एक बार मैं अपने पीसी पर सेक्सी चुदाई की कहानी पढ़ने में इतना मगन था कि मुझे यह भी पता नहीं चला कि कोई मेरे पीछे खड़ा है।
बस मैं तो कहानी पढ़ने में लगा हुआ था और अपने लंड को भी सहलाता जा रहा। तभी मुझको ऐसा महसूस हुआ कि कोई यहाँ से निकला है। मैंने तुरंत उठकर देखा तो मेरी ऑफिस की एक साथी थी.. जिसका नाम पूजा है। पूजा बहुत ही सुन्दर और खुले विचारों वाली बिंदास लड़की है.. उसकी उम्र 25 वर्ष है.. उसका फिगर 30-28-30 का है।
वो मुझे बाहर जाती हुई दिखी तो मैं समझ गया कि यही होगी। मैं फिर से वापिस आ गया और फिर से अन्तर्वासना की कहानी पढ़ने लगा। मुझे ये कहानियां इतनी पसन्द हैं कि मैं इनमें खो सा जाता हूँ.. आज भी मुझे पता ही नहीं चला कि 6 बज चुके हैं, मेरे सभी साथी अपने घर जा चुके थे।
मैं भी अपना पीसी बंद कर रहा था कि पूजा फिर से मेरे केबिन में आई। तो मैंने उससे कहा- तुम घर नहीं गई? बोली- नहीं.. मुझे तुमसे कुछ काम है.. मेरे कंप्यूटर में कुछ खराबी है.. तो क्या मैं कुछ देर तुम्हारे पीसी पर वर्क कर लूँ? मैंने ‘हाँ’ कर दी..
कुछ देर वर्क करने के बाद पूजा मुझसे पूछने लगी- पहले तुम पीसी पर क्या कर रहे थे? मैं- कुछ नहीं.. काम कर रहा था। पूजा- कौन सा काम.. कहानियाँ पढ़ना? यह काम करते हो? मैं- कौन कहता है? पूजा- मुझे न बनाओ.. मैंने देख लिया था कि तुम कौन सी कहानी पढ़ रहे थे।
इतना सुनते ही मेरा पसीना छूटने लगा, मैंने सोचा कि यह कहीं बॉस से ना कह दे।
तो पूजा बोली- क्या सोच रहे हो.. मैं किसी से नहीं कहूँगी। मैंने अन्तर्वासना की साईट पर कहानी खोली और मैं अभी आता हूँ कहकर बाहर आ गया। थोड़ी देर बाद वापस आकर छुपकर देखने लगा कि देखें ये क्या करती है।
उसको पता ही नहीं चला कि मैं चुपचाप देख रहा हूँ, वह कहानी पढ़ने में मस्त थी और एक हाथ से अपने मम्मों को दबा रही थी।
उत्तेजना से उसका चेहरा लाल हो गया था.. वह काँप सी रही थी। वैसे मैं उसे चोदना भी चाहता था, मैंने धीरे से उसकी चेयर के पास जाकर उसके कंधे पर हाथ रख दिया.. तो वह हड़बड़ा गई और जल्दी से पीसी बंद करने लगी। तो मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और कुछ ही पलों में हम दोनों साथ-साथ दूसरी कहानी पढ़ने लगे।
अब मैंने धीरे से अपना हाथ उसके जांघों पर रख कर सहलाना चालू किया.. तब भी वक कुछ नहीं बोली.. तो मैं समझ गया कि मेरा मामला फिट हो गया है। बस फिर क्या था.. मैंने तुरंत उसको बाँहों में जकड़ कर उसके होंठों को चूमने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी।
तो मैं उसके मम्मों को मसकने लगा मेरे दबाते ही वह सिसियाने लगी ‘आआह्ह.. ईइस.. और दबाओ.. मजा आ रहा है..’
मैं समझ गया कि अब यह चुदने को बेताब हैं। अब मैं उसका मजा लेने के लिए खड़ा हो गया तो पूजा बोली- अब कहाँ जा रहे हो.. मुझसे सहा नहीं जा रहा है.. कुछ तो करो। मैं- क्या करूँ? पूजा- और दबाओ.. मजा आ रहा था। मैं- बस दबवाना ही है या और आगे भी।
इधर मेरी भी हालत ख़राब होती जा रही थी, मेरा लंड फटा जा रहा था। मैंने उसके टाप में हाथ डाल कर उसके मम्मों को दबाना और भंभोड़ना चालू कर दिया.. साथ ही एक हाथ से उसकी जींस की चैन खोलकर उसकी चूत का दाना मसलना शुरू कर दिया।
तो उसने भी मेरा लंड पैन्ट की जिप खोलकर बाहर निकाल लिया.. खड़े लौड़े को वो देखती ही रह गई। पूजा- अरे कितना बड़ा है.. एकदम लोहे जैसा कड़क है.. वो लंड के चमड़े को आगे-पीछे करने लगी। ऑफिस का मामला था.. ज्यादा कुछ करते नहीं बनता था।
बस दस-पंद्रह मिनट तक हम एक-दूसरे को हस्त मैथुन करने लगे.. इसी तरह से हम दोनों फुर्सत हो गए। उसने मेरे लंड को अपने दुपट्टे से पोंछकर अपनी चूत को साफ किया। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मैं- पूजा मजा नहीं आया.. क्यों न तुम्हारे घर चल कर मजा लें। मेरे इतना कहने से पूजा ने ‘हाँ’ कर दी और मेरे गले से लिपट गई।
हम दोनों फिर ऑफिस से बाहर निकल आए तो मैंने पूजा से कहा- अगर थोड़ा सा मूड बना लें तो और ज्यादा आनन्द आएगा। मेरे कहने पर उसने बियर लेने को कहा तो उसको घर छोड़कर मैं बियर लेने चला गया और साथ में खाना भी पैक करवा कर उसके घर पहुँच गया।
मेरे घंटी बजाते ही उसने दरवाजा खोला तो मेरी आँखें फटी की फटी रह गईं। उसने मात्र एक गाउन पहना हुआ था जिसमें से उसका एक-एक अंग दिख रहा था। जिसे मैं देखता ही रह गया। पूजा- अन्दर तो आ जाओ.. क्या बाहर ही खड़े रहने का इरादा है? मेरे अन्दर आते ही वो दरवाजा लॉक करके मुझसे लिपट गई।
पूजा- अब रहा नहीं जाता.. जल्दी से करो.. मेरे अन्दर बहुत जलन हो रही है.. इसे जल्दी से ठंडा करो। मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था, मैंने जल्दी से उसका गाउन निकाल दिया। अब उसके तन पर एक भी वस्त्र नहीं था। पूजा ने भी मेरे शर्ट-पैंट निकाल दिए अब मेरे तन पर बनियान और अंडरवियर रह गई थी।
तने हुए लंड के कारण अंडरवियर फूला हुआ था। तब पूजा ने मेरा अंडरवियर भी नीचे सरका दिया और नीचे बैठ कर मेरे लंड को आगे-पीछे करने लगी। तो मैंने उसको लंड को चूसने के लिए कहा.. तो वो मना करने लगी। तब मैंने उसको गिलास लेकर आने के लिए कहा और वह दो गिलास और साथ में नमकीन भी लेकर आ गई।
उसको अपनी गोद में बैठा कर पैग पीने के साथ मैं उसकी चूत में भी फिंगरिंग कर रहा था और वह मेरे लंड को हाथों से सहला रही थी। कुछ देर में मैंने उसको लंड चूसने के लिए कहा.. तो झट से मेरे लंड को चूसने लगी।
तभी मैंने बियर को अपने लंड पर डालना चालू किया और वह चूसती रही.. कुछ देर चुसाई के बाद मैंने अपने लंड की मालिश करने को कहा और वह करने लगी। पूजा- इतना बड़ा मैं कैसे ले पाऊँगी.. मेरी तो फट जाएगी.. अभी पहली ही बार है, मुझे डर लग रहा है।
कुछ देर मालिश करने के बाद मैंने उठाकर पलंग पर लिटा दिया और उसकी जाँघों को फैलाकर लंड को उसकी चूत के मुँह पर लगाया तो उसने अपना हाथ से चूत को ढक लिया। मैं- क्या हुआ? पूजा- मुझे डर लग रहा है.. क्या हाथों से काम नहीं चलेगा.. मैं तो मर ही जाऊँगी।
अब मुझे होश नहीं था.. मैंने उसका हाथ हटाकर एक धक्का मारा.. तो मेरा आधा लंड अन्दर चला गया। उसकी आँखों में आंसू आ गए- अरेss बाप रे.. मर गई.. बाहर निकालो.. बहुत दर्द हो रहा है.. मुझे नहीं करवाना…
पर मैं कहाँ रुकने वाला था.. मैंने एक जोर का झटका दिया.. तो पूरा लंड अन्दर जा चुका था। पूजा- आहहss.. मार दिया भोसड़ी के मादरचोद.. फाड़ दी मेरी.. निकालो देखो.. खून निकलने लगा है। ‘कुछ नहीं होगा.. पहली बार ऐसा होता है थोड़ी देर में मजा आने लगेगा.. तुम अपने को थोड़ा ढीला रखो।’
मैं लगातार धक्के लगता रहा.. अब उसको भी मजा आने लगा और वह नीचे से अपने चूतड़ उचकाने लगी- हाय अब मजा आ रहा है.. इस्स्स् हायss फाड़ दोs.. हम्म..
मुझे उसकी बातों से और उत्तेजना आने लगी। पूजा नीचे से धक्का लगा रही थी और मैं ऊपर से कुछ देर में पूजा ने अपनी टाँगों से मुझे कस लिया। पूजा- और जोर से.. हाय मेरा होने वाला है.. और करो.. रुको नहीं.. करते जाओ हाआआय… मैं म..मैं.. मेरा तो तो तो हो गया.. आह्ह.. मेरा भी होने ही वाला था तो मैंने पूछा- कहाँ करूँ? पूजा बोली- अन्दर ही कर दो.. कुछ नहीं होगा.. मैंने गोली ले ली है..
एक-दो धक्कों का बाद मेरा भी हो गया और उसके ऊपर लेट गया। थोड़ी देर में हम दोनों उठे और बाथरूम से फुर्सत हो कर सोफे पर बैठ गए।
हम दोनों ने एक-एक पैग लेकर खाना खाना शुरू किया। खाना खाने के बाद मैंने बियर का एक जाम और उसे दिया। अब उसको नशा सा छाने लगा था, मैंने पूछा- मजा आया? पूजा- हाँ.. यार अभी मेरा मन नहीं भरा। ‘अब हम और मजेदार करते हैं..’ मैंने उसको अपनी बाँहों में उठाकर बिस्तर पर लिटा दिया।
इसके बाद मैंने लाई हुई रसमलाई को अपने लंड पर लगा लिया और रसमलाई का गोला उसकी चूत के अन्दर डाल लिया.. तो पूजा बोली- ये क्या कर रहे हो?
तो मैंने कहा- तुम्हारे लिए कुल्फी तैयार कर रहा हूँ.. अपने लिए आइसक्रीम तैयार कर रहा हूँ।
फिर 69 की स्थिति बनाकर वह मेरा लंड चूसने लगी और मैं उसकी चूत को चाटने लगा। अब वह अपने चूतड़ हिलाने लगी। पूजा- उम्म्म्म तुम्हारा लंड बहुत मीठा लग रहा है। आआआअ और चाटो, रगड़ दो मसल दो.. साली का भुरता बना दो.. बहुत परेशान करती है।
मैं उसके मुँह में लण्ड जोर-जोर से डालने लगा.. जिससे मेरा लंड उसके गले तक जाने लगा.. वो बड़े आराम से मेरा लंड को चूस रही थी। करीब 10-15 मिनट तक ऐसा करने के बाद मैंने उसको घोड़ी बनने के लिए कहा तो वो तुरत घोड़ी बन गई। उसके घोड़ी बनने के बाद जब मैंने उसकी गाण्ड को देखा.. तो अब मुझे उसकी गाण्ड मारने की इच्छा होने लगी।
मैं धीरे-धीरे उसके चूतड़ पर हाथ फिराने लगा और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया। इसके साथ ही एक हाथ से उसके मम्मों दबाने के साथ-साथ उसकी गाण्ड में भी एक उंगली डाल दी। पूजा- अई.. ये क्या कर रहे हो.. निकालो ये गन्दी जगह है.. मैं- सेक्स में कुछ गन्दा नहीं होता.. मुझे तुम्हारी गाण्ड अच्छी लग रही है.. मुझे अब तुम्हारी गाण्ड मारनी है।
पूजा- नहीं.. अभी नहीं.. बाद में फिर कभी मार लेना.. सारा मजा अभी ही ले लेना है क्या..? कुछ बाद के लिए तो छोड़ो.. आह्ह.. हा.. ईय.. इस्स्स्स जोर से.. चुदाई..करोsss.. पूरा डाल दो पूरी खुजली मिटा दो.. उई अम्माss.. हाय.. मेरा होने वाला है तुम चालू रखो.. रुको नहीं.. हाय.. जब तक करना है.. पेलते रहो.. ओह..
मेरा भी काम फिनिश होने वाला था.. मैंने अपना लंड निकाल कर उसके मुँह में दे दिया और झटके देने लगा। तभी मेरा वीर्य उसके मुँह में निकल गया.. जिसे वह पी गई और उसने मेरे लंड को चाट चाट कर साफ कर दिया।
इस तरह हम दोनों ने 4 बार चोदन किया। उसकी गाण्ड की चुदाई की कहानी बाद में लिखूंगा।
दोस्तो, कहानी कैसी लगी जरूर बताएं.. आपका प्रकाश [email protected]
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