शादीशुदा मर्द से पहली चुदाई का मज़ा -2

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दोस्तो, मैंने अपनी पिछली कहानी में बताया था कि कैसे मुझे रोहन ने आधा अधूरा चोद दिया और उसके बाद हम दोनों अपने-अपने घर चले गए। घर जाकर मैं रोहन और आज की घटना के बारे में सोचने लगी।

तभी रोहन मेरे छोटे भाई के साथ घर आया.. वे दोनों कुछ बातें कर रहे थे और दोनों खुश लग रहे थे।

मैंने पीछे से जाकर सुना तो रोहन मेरे भाई से बोल रहा था- आज मेरा एक फ्रेंड लड़की को ले आया तो मैंने उसे तेरी गाड़ी में चुदवा दिया और मैंने भी उसको चोद दिया। मुझे उस पर गुस्सा आया कि वो मेरे भाई से मेरी चुदाई की बात कर रहा है। फिर मैंने सोचा कि गनीमत है कि इसने मेरा नाम नहीं लिया.. और मैं उसे देखते हुए फिर से चुदाई के बारे में ही सोचने लगी।

थोड़ी देर बाद रोहन पानी लेने के बहाने मेरे पास आया और बोला- आज रात को मिलने आऊँगा। मैं- नहीं.. सब यहीं मेरे पास सोते हैं। रोहन- तुम आज रात को दूध मत पीना। मैं- वो तो ठीक है.. लेकिन मेरे भाई से क्या बोल रहे थे?

तभी भाई की आवाज आई- रोहन खान रह गया यार अब तक पानी ही नहीं ला पाया। रोहन ने मुझे किस किया और चला गया।

उसके कहने के अनुसार मैंने दूध नहीं पिया.. थोड़ी देर बाद पता चला कि उसने दूध में नींद की दवा मिलाई हुई थी। मैं समझ गई कि यह रोहन की कारस्तानी है। रात को 11 बजे रोहन मेरे कमरे में आया और मेरे साथ बिस्तर पर लेट गया।

मैं- तुमने दूध में दवाई कब मिलाई? रोहन- जब तेरा भाई गाय का दूध निकाल रहा था.. तब। मैं- आइ लव यू रोहन.. रोहन- यू टू बाबू..

मैं- यार मेरी इच्छा थी कि अपने पति के सिवाए किसी और से नहीं चुदना है.. पर तुमने तो मेरी इच्छा ही खत्म कर दी। रोहन- कोई बात नहीं.. पति ही कौन सा किसी स्पेशलिस्ट से मरवा कर आता है वो भी हममें से ही एक होता है.. तुम मुझे पति ही समझ लो। मैं- पर…!

तभी रोहन ने मेरी होंठों की चुम्मियां लेनी शुरु कर दीं और हम दोनों बाहर चारपाई पर चले गए और किस करते रहे। मैं- रोहन तुम मुझे कभी छोड़ोगे तो नहीं? रोहन- नहीं मेरी जान..

वो मेरे कपड़े उतारने लगा.. मैं अब केवल ब्रा और पैन्टी में रह गई थी.. तो रोहन भी अपने कपड़े उतारने लगा।

कुछ ही पलों में रोहन सिर्फ अंडरवियर में था और उसका मोटा लण्ड साफ नजर आ रहा था। फिर रोहन ने मेरी ब्रा और पैन्टी भी उतार दी.. और मैंने उसको भी बिना कपड़ों का कर दिया।

हम दोनों लिप किस करते जा रहे थे.. तभी वो बोला- तूने दोपहर में कुछ वायदा किया था.. मैं समझ गई और रिरयाई- दर्द तो नहीं होगा? रोहन- ज्यादा नहीं होगा। मैं- देख लेना.. होगा तो नहीं करवाऊँगी। रोहन- तो ठीक है.. उलटी लेट जा।

मैं औंधी लेट गई और रोहन ने मेरी गाण्ड पर और अपने लण्ड पर खूब सारा तेल लगा लिया। फिर लण्ड अन्दर डालने लगा। मुझे दर्द होना शुरु हो गया था.. लेकिन मैं सहन करती रही और रोहन ने एक साथ अपना पूरा लण्ड मेरी गाण्ड में डाल दिया। मेरी तो जान ही निकल गई… मैं चिल्ला उठी। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

मैं- निकालो.. प्लीज़.. बहुत दर्द हो रहा है.. रोहन- थोड़ी देर होगा.. फिर नहीं होगा.. मैं- तो थोड़ी देर बाद ही कर लेना..

लेकिन वो करता रहा और मैं भी शांत हो गई और चुपचाप मरवाती रही। काफ़ी बाद वो मेरी गाण्ड में ही झड़ गया और मेरे ऊपर ही लेटा रहा। फिर मैंने उसका पकड़ा और बोली- साले.. अब मेरी चूत को कौन मारेगा?

वो मुस्कुरा दिया और उसने अपना मुझय हुआ लौड़ा मेरे आगे कर दिया। मैंने समझ लिया कि अब इसको खड़ा करना पड़ेगा तभी ये मेरी चूत चोदने लायक होगा और मैं उसके लण्ड को हिलाती रही..

फिर कुछ मिनटों में उसका लौड़ा खड़ा हो गया और वो बोल उठा- चलो हम रसोई में चलते हैं।

हम रसोई में चले गए.. उधर उसने मेरे चूचे खूब मसले.. फिर मुझे रसोई की पट्टी से घोड़ी बना कर खड़ा कर दिया और मेरी चूत में पीछे से अपना मुसद्दीलाल ठोक दिया।

मैंने एक आह भरी मुझे जरा दर्द हुआ पर उसने मेरी चूचियों को अपनी मुठ्ठी में भर खूब मसला और मुझे चूमता रहा। कुछ ही देर बाद मुझे अपनी चूत में मजा आता महसूस हुआ। अब मैं भी उसकी ठापों का जबाव अपने चूतड़ों को पीछे करके उसके लौड़े पर चूत की ठोकर मारने लगी।

बस कुछ बीस मिनट बद मुझे एक अकड़न सी हुई और मैं ‘आह..’ करते हुए रसोई की पट्टी पर ढेर हो गई पर रोहन मेरी चूत का बाजा बजाता रहा। फिर कुछ ही पलों बाद मेरी चूत उसके लौड़े की ठोकरों से फिर से जागृत हो उठी और फिर से चुदाई का मजा आने लगा।

करीब दस मिनट और चोदने के बाद मैं और रोहन एक साथ ही झड़ गए।

उसके बाद तो जैसे चूत ने चुदवाने की कला में महारत हासिल कर ली थी, मैंने उससे उछाल उछाल कर खुल कर खूब चुदवाया। उसने भी मेरी चूत को अलग-अलग तरीकों से खूब बजाया। उस रात हमने करीब 6 बार चुदाई की और फिर अपने-अपने बिस्तरों में जाकर सो गए।

उसके बाद रोहन ही मेरी प्यास बुझाने का जरिया हो गया.. उसके साथ ऐसे ही चलता रहा। कुछ सालों तक उसने मुझे खूब बजाया और मैंने भी उसके साथ अपने दोनों छेदों को अखंड तृप्त करवाया। कुछ दिनों में उसकी बीवी भी गर्भ से हो गई थी और उसको एक बच्चा भी हो गया है.. अब मेरी भी शादी हो गई है..

लेकिन मेरा पति ज्यादा सेक्स नहीं करता है वो हफ्ते में सिर्फ एक या दो बार मुझे चोदता है.. इसलिए मुझे अपनी चूत की आग बुझाने के लिए रोहन को बुलाना ही पड़ता है या अब एक पड़ोसी को भी सैट कर लिया है उसको बुला लेती हूँ।

अगर आपको मेरी कहानी से सम्बंधित कुछ पूछना हो तो मुझे ईमेल कीजिएगा। [email protected] प्लीज़ कोई तो मुझसे बात करो। धन्यवाद

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