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हैलो दोस्तों मैं दीप पंजाब से एक बार फेर से अपनी नई कहानी लेके हाज़िर हूँ। जिसमे आप पढेंगे के मेनेे हमारे पड़ोस के लड़के की कैसे गांड मारी !
सो ज्यादा बोर न करते हुए सीधा कहानी पे आते है।
ये बात 2013 के जून महीने की है । जब हर साल की तरह इन दिनों में स्कूलों में गर्मियों की छुटियाँ होती है। मैं अपने घर पे अपने कमरे जो के एक चुबारा है, (चुबारा समझते हो ना, छत पे कमरा) उसमें आराम कर रहा था के माँ बोली,” बेटा दीप रसोई में गैस ख़त्म हो गई है। यह लो पैसे और खाना खाके बाज़ार से सीलेंडर ले आओ, नही तो आज शाम का खाना नही बनेगा !
मेने खाना खाया और जल्दी से तैयार हुआ और सिलेंडर को कपड़े में लपेट कर बाइक के पीछे सीट पे बांध लिया और घर से बाज़ार की तरफ निकल गया।
घर से थोड़ी दूर जाके बस स्टैंड है वहां से होकर बाज़ार जाना पड़ता है, तो वहां मेरे पड़ोस का लड़का सोनू दिखा, वो भी शायद बाज़ार ही जा रहा था। उसने हाथ सेे रुकने का इशारा किया और मेने बाइक रोक ली।
मेने पूछा, ” हेलो सोनू कैसे हो और यहाँ कैसे ?
वो बोला,” यार मैं बाज़ार जा रहा हूँ, घर का कुछ सामान लेने के लिए, कब का खड़ा हूँ बस के इन्तज़ार में, बस आई नही।
मेने कहा,” बस इतनी सी बात पे परेशान हो रहे हो, मेरे साथ चलो। मैं भी बाज़ार जा रहा हूँ। जिस से तुम्हारा आने जाने का किराया भी बच जायेगा और बस का इंतज़ार भी नही करना पड़ेगा। तुम ऐसा करो के स्लेंडर को अपनी जांघो पे रखके बैठ जाओ।
जिस से हम आसानी से पहुँच जायेंगे। वो मान गया और मेरे साथ ही बाज़ार की और रवाना हो गया । बाज़ार जाकर उसने अपना समान लिया और मेने भी नया सिलेंडर बदल के लिया और घर की और चल पढे।
(यहां सोनू के बारे में बता दूं आपको के, वो एक 20 साल का गोरा सा लड़का है और 9वी कक्षा का विद्यार्थी है और काम से गांडू है। मेने अपने दोस्तों से सुना था के सोनू लड़कियो की तरह सेक्स में मज़ा देता है )
मेने रास्ते में सोचा क्यों न आज इसका बाजा बजाया जाये। वेसे भी काफी दिन हो गए है कोई शिकार नही मिला।
मेने बात शुरू की,”सोनू आज शाम को क्या कर रहा है ?
वो बोला,” कुछ नही यार फ्री हूँ, कल ही स्कूल की छुटियों का काम खत्म किया है । मेरे सारे दोस्त छुटिया मनाने कही न कही गए हुए है। अकेला मैं ही घर पे बोर हो रहा हूँ।
मेने बोला,” तो फिर आज शाम को मेरे घर आना हम पीसी पे फ़िल्म देखेंगे। तो वो मान गया। इतने में हम हमारे घर आ गए और उसे बिठाया और मेने माँ को 2 कप चाय का आर्डर दिया। मेने फ्रीज़ से पानी की बोतल निकाली और दो गिलासों में पानी डाला एक सोनू को दिया एक खुद ले लिया।
वो पानी का गिलास पीके बोला,” दीप यार चाय फेर कभी पिऊंगा फ़िलहाल चलता हूँ ये समान भी घर पर देना है और हाँ शाम को आऊंगा 7 बजे इतना कह के वो चला गया।
माँ दो कप चाय के लेकर आई और बोली,” वो सोनु कहाँ गया ।
मैंने कहा,” माँ उसे थोड़ी जल्दी थी, इस लिए पानी पीकर ही चला गया।
माँ ने एक कप मुझे दिया और दूसरा वापिस ले गयी, चाय पीकर मैं कमरे में जाके सो गया । ठीक 5 बजे माँ ने मुझे जगाया और बोली,” उठ जा बेटा शाम हो गयी है, तेरी चाय टेबल पे रखी है पी लेना, इतना बोल के माँ निचे आँगन में चले गए ।
मेने उठ के चाय पी और सोचा थोडा बाहर घूमाँ जाये। घर से बाहर आके देखा, कुछ बच्चे घर के पास वाले खाली मैदान में क्रिकेट खेल रहे थे। उनके पास चला गया। थोडा उनके साथ टाइमपास किया और इतने में शाम हो गयी।
फिर घर आया और नहाया, खाना खाया और अपने कमरे में चला गया।गर्मियों में मैं सोते वक्त निकर और बनियान ही पहनता हूँ सो वही नाईट ड्रेस पहनी और इतने में सोनू का फोन आया के वो आ रहा है मेरे घर पे, तो मेने उसे दो किताबे लेके आने को कहा.
वो बोला,” क्यों किताबो का क्या करना है? मेने कहा लेके तो आ यहाँ फेर बताऊंगा। उसने कहा ठीक है और फोन काट दिया।
मेने अपनी माँ को बोला के जब सोनू आये तो मेरे कमरे में ऊपर भेज देना। माँ ने कहा,” ठीक है और अपना काम करने लगी। मेने अपने कमरे में जाके कम्पयुटर को चालू किया और वीडियो गाने सुन ने लगा। इतने में सोनू भी आ गया और बोला,” ओऐ किताबे लाने का क्यों बोला तूने।
मेने उसे बैठने को जगह देते कहा,” बुधू क्योके माँ को लगे के बच्चे पढ़ाई कर रहे है और हमे कोई डिस्टर्ब भी नही करेगा।
मेरी बात पे वो हंसने लगा और बोला, यार तू है बड़ा जुगाड़ी है। मेने उसे दरवाजा बन्द और अंदर से लॉक करने का बोला तांके कोई सीधा अंदर न आ सके । उसने ऐसा ही किया और वापिस बेड पे आके मेरी तरफ गांड करके पीसी वाली साइड लेट गया।
थोड़ी देर बाद बोला, यार कोई सेक्सी फ़िल्म है, तुम्हारे पास क्या ? बहुत दिन हो गए देखे हुए। मैं उसके कहने का इशारा समझ गया और सनी लिओनी की लेटेस्ट एच् डी मूवी प्ले करदी। फिलम देखते देखते वो सिसकिया लेने लगा और मेरे जांघ सहलाने लगा। मैं तो यही चाहता ही था कब से । अँधा क्या चाहे दो आँखे वाली बात हो गई।
मेने उसका हाथ पकड़ के अपने लण्ड पे लगा लिया ओर वो सहलाने लगा। जिस से उस सोये हुए प्राणी में जान आ गयी और खड़ा होकर निकर में ही फुंकारे मारने लगा। मैं उसके कमीज़ में हाथ डाल के उसके बूब्स (जो के एक लड़की के बूब्स की तरह उभरे से थे) को मसलने लगा। उसकी गाल पे किस किया।
उसे हग करके उसके होंठ चूसने शुरू किये। मेरी इस हरकत ने आग पे घी का काम किया और उसने गर्म होकर मेरी निकर और अपनी निकर दोनों को उतार दिया। मेने उसके सामने लण्ड किया।
जिसे देख के उसकी आँखे में चमक आ गयी। उसे मेने लण्ड चूसने को कहा, तो उसने मना कर दिया। थोडा ज़ोर दिया तो बोला के मैं जाता हूँ ऐसा करवाओगे तो। अब भला मैं कैसे हाथ में आया शिकार जाने देता।
उसकी मेने भी मान ली और बोला, जैसा दिल करे करलो। उसने कहा के अपने कपड़े पूरे निकाल दो और बोला के पीठ के बल लेट जाओ।
मेने वैसा ही किया । उसने भी अपने बचे हुए कपड़े निकाल दिए । वो मेरे ऊपर आया और मुझे किस करने लगा। कभी होंठो पे, कभी गालों पे, कभी छाती पे, कभी पेट पे।
साला पहले मुझे लगा के लेने के देने न पढ जाये मतलब मेरी ही गांड न मार ले। मेने उसे निचे आने का बोला, और मैं उसके ऊपर आ गया । मैंने उसको बोला के यार आज कंडोम तो है नही कैसे करे?
वो बोला,” कुछ नही होता ऐसे ही चलने दे। मेने उसकी टांगो को अपने कन्धों पे रखा और तने हुए लण्ड को उसकी गांड के मुह पर रखके जरा सा थूक लगाके, जोर लगाया पहले तो लण्ड फिसल गया मेने फेर सम्भल के दुबारा कोशिश की तो इस बार जरा सा लण्ड उसकी गांड में धंस गया। उसे थोडा दर्द हुआ और उसने रुकने का बोला। मैं रुक गया थोड़ी देर बाद फेर धक्का लगाया तो आधे से ज्यादा लण्ड महाराज अपनी गुफा में घुस गए।
इस बार मेने और कस के शॉट मारा तो पूरे का पूरा लण्ड उसकी गांड में था और वो दर्द से घुटी सी आवाज़ में चिल्ला रहा था। इधर मेने भी महसूस किया के मेरा लण्ड किसी तंग मुँह वाली पाइप में फंस गया है और गर्मी से उसमे जलन हो रही है।
उसने कहा,'” यार अब धीरे धीरे हिलो और मुझे किस करो मुझे बहुत मजा आएगा ऐसा करने से। मैं उसकी बात मान गया और शॉट्स लगाने लगा। थोड़ी देर बाद मुझे लगा के उसकी गांड खुल गयी है, जिसकी वजह से आसानी से लण्ड अंदर बाहर हो रहा था। उसे निचे पड़े को भी बहुत मज़ा आ रहा था और बोल रहा था और ज़ोर से लगाओ बहुत मज़ा आ रहा है एक असीम सुख मिल रहा है।
करीब 10 मिनट बाद मेरा काम होने वाला था मेने कहा सोनू मेरा काम होने को है, कहाँ निकालू तो बोला अंदर ही निकाल दे। मेने लम्बी साँस लेके सारे का सारा वीर्य उसकी गांड में निकाल दिया और निढाल होकर उसके ऊपर गिर गया। थोड़ी देर बाद ऐसे ही लेटे रहने के बाद जब हम नॉर्मल हुऐ तो उस से पूछा के कैसे लगा।
हस के बोला के जन्नत का नज़ारा आ गया आज तो।
इतना मज़ा कभी नही आया। अब जब भी तेरा सेक्स को दिल करे मुझे बुला लेना।आज की तरह तेरी काम अग्नि ठण्डी कर दूँगा। अब मुझे जाने दो। अंधेरा भी हो रहा है । घर वाले इंतज़ार कर रहे होंगे।
मैंने उसे हंसके बोला,” साला सेक्स के चक्र में फ़िल्म तो देखी ही नही । वो भी ठहाके लगाके हसने लगा । फेर मेने उसे जाने दिया उसने अपने कपड़े पहने और अपने घर चला गया।
मैं भी पीसी बन्द करके टॉयलेट चला गया। वहां अपना लण्ड धोया और फ्रेश होके अपने कमरे में आके सो गया।
सो दोस्तों ये था मेरी कहानी केसी लगी बताना, मेरी मेल आई डी है “[email protected]”.
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