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हैलो दोस्तों मैं दीप पंजाबी, पंजाब से हूँ उम्र 30 साल, कद 5 फ़ीट 3 इंच, रंग गेंहुआ है।
आप सब दोस्त मित्रो के बहुत सारे मेल मिल रहे है। जो एक सबूत है के हमारी कहानियो को कितना प्यार मिल रहा है। इसके लिए आपका बहूत बहुत आभारी हूँ। सो दोस्तों इसी तरह प्यार बनाये रखना, ताजो आगे से भी आपके मनोरंजन के लिए ऐसी और मज़ेदार कहानिया लेकर आता रहूँ।
सो ज्यादा इंतज़ार न करवाते हुऐ सीधा कहानी पे आते है। जो के मेरे और एक साथ काम करने वाली लेबर वाली लड़की की है । यहां उसका नाम बदला है। जिसे आप पायल के नाम से जानोगे।
बात थोड़ी सी पुरानी है। मेने जब स्कूल में 12वीं की परीक्षा दी थी। तो बोर्ड की कक्षा होने के कारण नतीजा आने में कुछ वक्त लगना था। तो मैं घर पे ही फ्री रहता था।
एक दिन मेरा एक दोस्त रवि जो के राज मिस्त्री है। वो मेरे घर आया और बोला,” यार दीप मैंने साथ वाले गांव में ज़मीदार के यहां कोठी बनाने का ठेका लिया है और उसके लिए लेबर की भी जरूरत है और एक हेल्पर भी चाहिए। मैं अकेला बहुत मुश्किल से काम सम्भालता हूँ।
तू भी घर पे फ्री ही रहता है न तो तुम मेरे साथ हैल्पर बन कर चला कर। एक तो तेरा टाइमपास भी हो जायेगा और थोड़े पैसे भी इकठे कर लेगा। जिस से मुझे उसकी बात अच्छी लगी और मेने उसे साथ जाने के लिए हाँ बोल दिया।
अगले दिन मेने घर से अपना टिफन पैक कराया और उसके साथ उसकी बाइक पे बैठ के चला गया। पूरा दिन काम किया और शाम को घर आ गए। इस तरह कई दिन चलता रहा।
काम ज्यादा देखते हुए रवि ने और लेबर बढ़ाने का निर्णय लिया और आस पास के घर के काम काज से फ्री 2-3 लड़को से बात की। वो मान गए लेकिन फेर भी लेबर में 2 आदमी कम थे।
एक दिन रवि ने मुझे बोला के दीप तुम पास वाले गांव में जाओ और लेबर का प्रबन्ध करो। मैं बाइक पे गया। कई लोगों से बात की। आप तो जानते हो के पंजाब में गेंहू की कटाई के समय लेबर नही मिलती। सो सभी लोग खेतो में व्यस्त थे।
मेने एक दुकान वाले से बात की के भाई ! आप तो इस गांव के हो, आपकी नज़र में कोई आदमी है? जो मेरे साथ काम पे जा सके। उसने कहा के फिलहाल तो कोई नही है नज़र में अपना फोन नम्बर दे जाओ। जब कोई आया बता दूंगा। मेने उसे अपना नम्बर दिया और काम पे चला गया। उसी दिन शाम को मुझे एक काल आया।
जब मेने फोन रिसीव किया तो सामने से एक लड़की की स्वीट सी आवाज़ आई,” हैल्लो आप दीप बोल रहे हो क्या” ?
मेने कहा,” हांजी दीप ही हूँ, लेकिन आप कौन, माफ़ करना मैंने आपको पहचाना नही।
वो हंस के बोली,” अरे आप पहचानेंगे कैसे? हम कोन सा पहले कभी आपस में मिले है।
मेने कहा,” तो बताइये ना कौन हो आप और किस से बात करनी है आपको ?
वो बोली,” मैं पायल हूँ और आपसे ही बात करनी है। मैं आपके साथ वाले गांव से बोल रही हूँ। जहां आपने हमारे पड़ोसी दुकान वाले को
अपना मोबाइल नम्बर ये कह के दिया था के लेबर के लिए 2 व्यक्ति चाहिए।
मेने बात काट ते हुए कहा,” हांजी याद आ गया, आगे बोलिये ?
मैंने सोचा शायद अपने भाई या पति को काम पे भेजने का पूछेगी !
वो बोली,” देखो दीप जी, आज कल काम का सीज़न है तो आपको मर्द कोई नही मिलेगा साथ में जाने वाला। अगर आपको कोई आपत्ति न हो तो हम दो लडकिया काम पे जाने के लिए तैयार हैं। हमें काम और पैसे की जरूरत है। इसमें हम दोनों का ही फायदा है। हमे पैसे मिल जायँगे और आपको लेबर मिल जायेगी।
मेने उसे 10 मिनट बाद में कॉल करने का बोल के फोन काट दिया और रवि को कॉल किया के ऐसे करके दो लडकिया मिली है काम पे जाने के लिए। उन्हें हाँ बोलू या ना । रवि बोला, “ले आ यार, पहले ही काम बहुत लेट हो गया है। वो ज़मींदार भी थोड़ा कड़क स्वभाव का है। सो जल्दी से इसका काम समाप्त करें ।
मैंने ठीक है कह के फोन काट दिया और पायल के फोन का इंतज़ार करने लगा। महज़ 10 मिनट बाद वापिस उसका कॉल आ गया और बोली,” तो क्या निर्णय लिया आपने ?
मेने उसे आने की मंजूरी दे दी और मेहनताना भी बता दिया। वो खुश हो गयी और मैंने अगले दिन काम पे आने का कह दिया | सब कुछ ठीक था।
लेकिन अब दिक्कत इस बात की थी के वो दोनों काम पे कैसे आये? मतलब काम वाली जगह उसके गांव से भी 10 किलोमीटर आगे थी। जो के इतनी गर्मी में पैदल जाना भी मुश्किल काम था और उस टाइम बस भी नही आती कोई उस गांव की और तो उन्हें रोज़ाना सुबह लेके और शाम को छोड़ के जाने की जिम्मेवारी मैंने लेली थी।
अगले दिन उन्हें लेने गया तो वहाँ दो लड़कियां निश्चित की जगह पे खड़ी थी और आपस में बाते कर रही थी । मेने पास जाके बाइक रोकी और पूछा। क्या आप ही पायल और इसकी दोस्त हो। उन्होनो ने अपनी बातो को बीच में ही रोक कर मुझे नमस्ते बोला और कहा हांजी मैं ही पायल और ये मेरी दोस्त रेखा है हमने ही आपको फोन किया था।
दोस्तों यहां उन दोनों का परिचय भी दे दूं। रेखा की उम्र 20 साल के आसपास होगी, शरीर भी ठीक सा, रंग थोड़ा सांवला सा था। जबके पायल भी 20 साल की बिलकुल रेखा से उल्ट रंग गोरा, भरे और गदराये बदन की मालकिन, कातिल हंसी और नशीली आँखों वाली लड़की थी। जो एक बार उसे देख ले बार बार मुड के देखना पसन्द करेगा। पहली बार देखनी में ही उसको दिल दे बैठा।
अब थोड़ी बाते करने के बाद मेने उन्हें बाइक पे बिठाया और काम वाली जगह पे ले गया और काम समझा दिया और निःसंकोच काम करने का कह कर उनकी अजनबियो वाली शर्म दूर करने की सोची। थोड़े दिनों में ही वह दोनों पूरी तरह से मेरे से खुल गयी और हंसी मज़ाक भी करने लगी मैं भी उनसे हंसी मज़ाक कर लेता था
फेर एक दिन पायल अकेली ही अपने गांव के बाहर उस जगह पे खड़ी थी। जहां से उन्हें लेके या छोड़ के जाता था ।
मेने उसे पूछा,” पायल, आज रेखा क्यों नही आई ?
वो बोली, “वो आज बीमार है और 3-4 दिन नही आएगी।
मेने पूछा, ” क्यों ऐसा क्या हुआ यार ?
पायल ;- अब चलो रस्ते में बताउंगी और हंस पड़ी।
मैंने बाइक को काम वाली जगह की तरफ मोड़ ली और जब उनके गांव से बाहर आ गए तब मेने कहा,”बोलो न क्या हुआ है और हंस क्यू रही हो ?
पायल ;- मुझे नही बताना, मुझे बताते हुऐे शर्म आती है ।
मेने बोला,” बताओ भी इसमें शर्माने वाली कोनसी बात है?
वो बोली उसे महीना आया है
(हमारे साइड महीने का मतलब औरत को पीरियड आना या शुद्ध भाषा में डेट आना बोलते है) इस लिए वो नही आई।
मेने कहा ठीक है और उसका चेहरा देख के हंसी आ गयी। उसने हँसते हुए मेरे जांघ पे चिकोटी काट ली, तो मेने भी हाथ पीछे करके बिन देखे चिकोटी काटली। बाद पे पता चला उसके बूब्स पे कट गयी। इस तरह हम हंसते खेलते काम वाली जगह पे पहुँच गए।
मेने कई दिनों बाद नोटिस किया के वो मुझमे कुछ ज्यादा ही इंट्रस्ट ले रही है। आते जाते वक़्त चिपक के बैठना और शरारत से अपने नुकीलेे बूब्स पीठ पे चिभोना ऐसीे कई बाते नोट की जिस से लगता था के वह प्यासी है सेक्स के लिए ।
एक दिन किसी वजह से मुझे आधे दिन की छूटी लेके घर आना पड़ा । तो उस दिन पायल ने आपमे घर फोन करके बोल दिया के शाम को ले जाना । बताने वालो के मुताबिक इसी दिन बाद में साथ वाले किसी लड़के ने उसे किसी बात के लिए छेड़ दिया जोके बाद में पता चला के मेरे बारे में बात थी।
वो लड़का उसे दोस्ती के लिए प्रपोज़ कर रहा था पर पायल मना कर रही थी। उसने पायल से कहा के मुझे पता है तेरी दीप के साथ सेटिंग है। जिस से पायल आग बाबुला हो गई और बोली हाँ है कर ले जो करना है तेरे को, बोल दे जिसे बोलना है।
अगले दिन जब उसको लेने उसके गांव गया तो मुझसे बोली,” मैं काम पे नही आउंगी ! आप मेरा हिसाब करदो। मेने पूछा क्या हुआ है। मुझे लगा शायद घर वाले कुछ कहते होंगे। वो बोली,” बस कुछ नही आप मेरा हिसाब करदो मुझे नही रहना वहां । दो कौड़ी के लोग ऐसी ऐसी बाते करते है। इतना कह कर वो रोने लगी और ज़ोर से हग करके मुझसे लिपट गई और अपने गाल आंसुओ से भिगोने लगी। मेने उसके ऐसे करने से सेहम सा गया और उसे गले लगाके उसे चुप करवाने लगा और बोला आप चिंता न करो चुप हो जाओ पूरी बात बताओ क्या हुआ है ?
अब कोई नही कुछ बोलेगा आपको हम उसे काम से हटा देंगे ऐसे बच्चों को रिझहाने वाले सांत्वना देने लगा। पर वो चुप नही हो रही थी। मैं डर भी रहा था के यदि किसी ने हमे इस हाल में देख लिया तो अनर्थ हो जायेगा।
जितना उसे चुप करने का कहता वो ज्यादा रोती और अपनी बाँहो की जकड़न मज़बूत कर लेती। उस दिन उसे छोडने उसके गांव गया तो वह बोली आज मेरे घर चलो आप, चाय पानी पीते जाना। शयद उसे पहले से ही पता था के वोे घर पे आज अकेली रहेगी ।
मेने पूछा क्यों कोई खास बात है क्या?
वो बोली हाँ ऐसा ही समझलो
उसके घर की तरफ बाइक मोड़ डी।
उसके घर में उस वक़्त कोई नही था। गेट पे ताला लगा हुआ था। उसने आस पड़ोस से पता किया तो पता चला के दूर की रिश्तेदारी में किसी की मौत हो गयी है उसके माता पिता वही गए है और कल तक आये हैं और उनको चाबी देके गए है। पायल ने पड़ोस वालो से घर की चाबी ली और मुझे भी अंदर आने का कहा।
मैं बाइक को बाहर ही लॉक करके उसके साथ उसके घर के अंदर चला गया। मुझे बेड पर बैठने का इशारा किया और पंखा चला दिया और घड़े से दो गिलास पानी ट्रे में लेके आई और साथ ही बैठ गयी। एक गिलास मुझे दिया एक गिलास खुद उठाया और एक साँस में ही पी गयी।
मुझे बोली,” आप बैठो मैं चाय बनाके लाती हूँ फेर बाते करेंगे। जेसे ही वो उठने लगी मेने बाजु पकड़ के खिंच लिया और न जाने का बोला। वह बोली,” छोडो न प्लीज चाय बनानी है। मेने कहा,” मुझे नही चाय पीनी।
यही बैठो बाते करो । वो मान गयी और साथ मर चिपक के बैठ गयी और बोली,” मुझे आपसे सॉरी बोलना है”
मेने बोला,” क्यों किस बात के लिए ?
वो बोली,” उस दिन के लिए जिस दिन आप नही आये थे उस लड़के से मेरा झगड़ा हो गया था तो मेने उसे बोला के हाँ मेरी सेटिंग दीप से है करलो जो करना। जब के हम में ऐसा कुछ भी नही है और न ही था इतने दिनों में । मुझे माफ़ करदो प्लीज।
और फेर रोने लगी ओर मेरे गले से लिप्ट गयी। इस बार उसकी जकड़न में एक खास बात थी ओर बोली आपको सुनके शायद अजीब लगे पर आपको दिल ही दिल में चाहती हूँ और पागलो की तरह चूमने लगी।
उसके एकदम से हमले से मुझे सम्भलने का मौका नही मिला और उसके ऐसे करने से मेरे अंदर का काम देव भी जाग गया और उसकी पीठ को सहलाने लगा और उसके होंठ चूमने लगा।
उसे उठा के बेड पे लिटा दिया और उसके ऊपर आ गया और उसके कानो से शुरू करके उसे चूमने लगा। उसकी आँखे बन्द हो गई थी और सिसकिया ले रही थी। फेर धीरे धीरे गले के तरफ चूमता हुआ आ रहा था उसकी सिसकीया और तेज़ हो रही थी और उसकी बाँहो की जकड़न खुल गयी थी और बेड की शीट को नोच रही थी। मेने उसे छोड़ दिया और बैठ के अपनी कमीज़ के बटन खोलने लगा।
जिस की वजह से उसकी बन्द आँखे खुल गयी और बोली,” क्या हुआ रूक क्यों गए। मेने उसे उठने का बोला और अपनी कमीज़ उतरने का बोला थोड़ा सोच के वह मान गयी और अपनी कमीज़ उतार दी। उसने निचे कुछ भी नही पहना था मतलब न ब्रा न अंडर शर्ट। कमीज़ उतरते ही उसके आमो जेसे बूब्स झूलने लगे।
उसे लिटा के मैं उन आमो पे टूट पड़ा और उनका रस पिने लगा। वो काम तेज़ से कराहने लगी और मेरी पीठ में नाख़ून गड़ाने लगी। जिस से लग के उसे बहुत मज़ा आ रहा है। फेर थोडा निचे होते हुए उसकी सलवार का नाडा खोल दिया। उसने लेटे हुए ही गांड उठा के अपने पैरों से सलवार निकाल दी।
उसने निचे भी कुछ नही पहना था। एक दम दूध जैसा गोरा शरीर मेरे सामने बिलकुल नंगा पड़ा था। उसकी छोटी सी चूत पे थोड़े से रोयेदार बाल थे। मेने दायने हाथ से चूत को सहलाया और वह सिसकिया ले रही थी और बड़बड़ा रही थी के दीप मैं बहुत दिनों से प्यासी हूँ।
प्लीज़ मेरी प्यास भुजा दो। बहुत तंग करती है यह चूत मेरी। इसे फाड़ के भोसड़ा बना दो। पता नी और क्या क्या अजीब अजीब सा बोल रही थी। मेने उसकी चूत के पास मुह करके कर उसे जीभ से चाटने लगा
जिस से वोह और मस्ती में आने लगी और अपने हाथ मेरे बालो में सहलाने लगी।
थोड़ी देर बाद मेने महसूस किया कि उसके सहलाने वाले हाथ ही अपनी ज़कड़ मज़बूत बना रहे है और उसका शरीर अकड़ रहा है ओर वो गांड उठा उठा के अपनी चूत चटवा रही है। फेर एक लम्बी आहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह लेके उसने मेरा सर अपनी जांघो में भींच लिया और उसकी चूत के नमकीन पानी का फवारा मेरे मुँह पे आके पड़ा।
उसका स्वाद थोडा अजीब था लेकिन फेर भी थोडा सा पी गया उसने बाद में जांघो को ढीला छोड़ा और आराम करने वाली हालात में आ गयी और लम्बी लम्बी सांसे लेने लगी। थोड़ी देर बाद बोली,” ह्म्म्म्म मज़ा आ गया आज दीप, पहली बार चूत चटवाई है आज आपसे, जन्नत का नज़रा महसूस किया।
अब मेरा तो हो गया चलो अब आपका भी कर दूं। मैं बेड से निचे उत्तर के खड़ा हो गया। वो भी निचे उतरी और निचे फरश पे बैठकर मेरे पेंट का हुक खोलने लगी फेर बाद में मेरा अंडरवियर भी टांगो तक निचे कर दिया और मुझे बेड पे लेटने का बोला
मैं आज्ञाकारी बच्चे की तरह उसका हर हुक्म मान रहा था।
मैं अपनी बाँहो को अपनों सर के निचे तकिये कि तरह करके लेट गया। वह मेंरे ऊपर आई और होंठों को चूमने लगी मैं भी उसका साथ देने लगा। फेर मेरे शरीर को सहलाती हुयी मेरी छाती पे आ गयी और मेरे दुधुओँ को चूमने लगी।जिस से मन में अजीब सा क्रंट दौड़ने लगा। अब धीरे धीरे मेरे तने हुए लण्ड की तरफ जा रही थी।
उसे हाथो से सहलाने लगी और मैं आँखे बन्द करके सब कुछ महसूस कर रहा था। जब उसने लण्ड को थोडा सा मुँह में लिया तो मेरे मूहसे आह्ह्ह्ह्ह्हह भरी सिसकारी निकल गयी। जिसे देख के वह हंस पड़ी ओर बोली क्या हुआ जी अच्छा नही लगा क्या?
मेने कहा,” नही नही, ऐसी कोई बात नही है आप लगे रहो मज़ा आ था बहुत। वो अपने काम में लग गयी। जब मेरा लण्ड उसके थूक से पूरा गिला हो गया वह हट गयी पर मेरे ऊपर आ गयी और लण्ड के ऊपर आके हाथ से सेट करके बेठ गयी।
जिस से थोडा सा लण्ड उसकी चुत में घुस गया। मेने अपनी बांहे सर से निचे से निकाल के अपने हाथ से लण्ड सेट किया और उसे बैठने का इशारा किया। इस बार आधे से ज्यादा लण्ड घुस गया और उसकी चीख निकल गयी और मेने महसूस किया के चूत टाइट होने की वजह से मेरा लण्ड भी थोडा छिल गया है।
वह ऊपर बैठी ही दर्द को बर्दाश्त करती रही और जब दर्द कम हुआ तो खुद ही हिलने लगी और आगे को झुक के सर पकड़ के अपने बूब्स मेरे मूह में डालने लगी ऊपर बैठी हिल रही थी और लण्ड अंदर बाहर हो रहा था।
फेर थोड़ी देर बाद थक गयी और मुझे ऊपर आने का बोलके खुद निचे लेट गयी। मैने हाथ से लंड सेट किया और उसकी टांगो को अपने कन्धों पे रख के शाट लगाने लगा।
उसे बहुत मज़ा आ रहा था शायद वो और तेज़ और तेज़ ऐसे बोल रही थी फेर अचानक लम्बी साँस लेकर उसके ऊपर ही लेट गया और चूत में ही झड़ गया, काफी देर बाद हम ऐसे ही लेटे रहे और जब उनकी दीवार घड़ी पे नज़र पड़ी तो देखा के करीब डेढ़ घण्टा हो गया हमें आये हुए।
मैं जल्दी से उठा और कपड़े पहने और जाने की इज़ाज़त मांगी। उसन कहा आज उसके माँ बाप नही आयेगे । सो आप आज यही रहो। खुल के रात भर मस्ती करेंगे।
मेने कहा,” नही आज के लिए इतना ही काफी है बाकी किसी दिन फेर सही और कल को काम पे भी जाना है और देर रात को अपने घर पहुंचा।
सुबह जब पायल को लेने गया तो वो अभी तक तयार नही हुई थी। आज वोह आँख नही मिला पा ही थी।
उसने बोला कल के मम्मी पापा आए नही है। बस नहाना बाकि है खाना तो तयार है।
आप बैठो मैं अभी आई। मेने शरारत सर कहा मैं भी आउ। बोली हट बदमाश कही का कल बोला था रुक जाते, और वह तयार होकर मेरे साथ काम पे चली गयी। जब उस ज़मीदार की कोठी पूरी तरह से बन गयी। तब पायल से मेरी दूरी बन गयी। वो कभी कभार फोन पर बात कर लेती थी।
और इस तरह हमारे बीच सम्बन्ध बने फेर काफी समय बाद पता चला उसकी शादी हो गयी है और अब दो साल के बच्चे की मम्मी भी है।
सो यह थी मेरा एक और अनुभव, केसा लगा बताना जरूर, मेरी मेल आई डी है “[email protected]”
जल्द ही नई कहानी के साथ फेर हाज़िर होऊंगा तब तक के लिए नमस्कार, आदाब, छबा खैर!!!
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