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प्रिय अन्तर्वासना पाठको अगस्त महीने में प्रकाशित कहानियों में से पाठकों की पसंद की पांच कहानियां आपके समक्ष प्रस्तुत हैं…
मेरा नाम ताबिदा है। मेरी शादी को कोई 8-9 महीने हुए हैं। मेरे शौहर का नाम फैजान है.. वो मेरे ऑफिस में मेरे साथ ही काम करते थे.. लेकिन शादी के बाद मैंने जॉब छोड़ दी और घर पर ही रहने लगी हूँ।
फैजान कोई बहुत ज्यादा अमीर आदमी नहीं हैं। उसकी फैमिली शहर के पास ही एक गाँव में रहती है.. उधर थोड़ी सी ज़मीन है.. जिस पर उसके घर वाले अपना गुज़र-बसर करते हैं। गाँव में उसके बाप.. माँ.. बहन और एक छोटा भाई रहते हैं। उसका छोटा भाई अपनी बाप के साथ जमीनों पर ही होता है। गाँव के स्कूल में ही बहन पढ़ रही थी.. वो बहुत ही प्यारी लड़की है.. जाहिरा.. यानि वो मेरी ननद हुई।
मैं अपने शौहर फैजान के साथ शहर में ही रहती हूँ। हमने एक छोटा सा मकान किराए पर लिया हुआ है.. इसमें एक बेडरूम मय अटैच बाथरूम.. छोटा सा टीवी लाउंज और एक रसोई है।
घर के अगले हिस्से में एक छोटी सी बैठक है.. जिसका एक दरवाज़ा घर से बाहर खुलता है.. और दूसरा टीवी लाउंज है.. घर के पिछले हिस्से में एक छोटा सा बरामदा है। बस.. तक़रीबन 3 कमरे का घर है.. ऊपर की छत बिल्कुल खाली है। मेन गेट के अन्दर थोड़ी सी जगह गैराज के तौर पर जहाँ पर फैजान अपनी बाइक खड़ी करता है।
मैं और फैजान अपनी शादी से बहुत खुश हैं और बड़ी ही अच्छी लाइफ गुज़र रही थी। अगरचे.. फैजान का बैक ग्राउंड गाँव का था.. लेकिन फिर भी शुरू से शहर में रहने की वजह से वो काफ़ी हद तक शहरी ही हो गया था। रहन-सहन.. ड्रेसिंग वगैरह सब शहरियों की तरह ही थी.. और वो काफ़ी ओपन माइंडेड भी था।
घर पर हमेशा वो मुझसे फरमाइश करता के मैं मॉडर्न किस्म के कपड़े ही पहनूं.. इसलिए घर पर मैं अक्सर टाइट लैंगिंग्स और टॉप्स.. स्लीव लैस शर्ट्स और हर किस्म की वेस्टर्न ड्रेसस पहन लेती थी।
मैं अक्सर जब भी बाहर जाती.. तब भी मेरी ड्रेसिंग काफ़ी मॉड ही होती थी। मैं अक्सर जीन्स और टी-शर्ट पहनती थी या सलवार कमीज़ पहनती तो.. वो भी फैशन के मुताबिक़ ही एकदम चुस्त और मॉडर्न ही होती थी। घर से बाहर भी वो मुझे अक्सर लेगिंग पहना कर ले जाता था.. घर आ जाता तो मुझसे सिर्फ़ ब्रेजियर और लेगिंग में ही रहने की फरमाइश करता था..
मैं पिछले 4 साल से अन्तर्वासना की पाठिका हूँ.. यहाँ पोस्ट की हुई कुछ कहानियाँ अच्छी व सच्ची होती हैं.. तो कुछ बिलकुल ही झूठी प्रतीत होती हैं.. तब भी उनको पढ़ कर उत्तेजना बहुत बढ़ती है।
तो दोस्तो, पहले मेरा थोड़ा सा परिचय.. मैं वंशिका कपूर हूँ.. मेरी उम्र 29 साल है.. दिल्ली में रहती हूँ। मेरी शादी को 7 साल हो गए हैं.. मेरा रंग साफ़ है और फिगर 34-30-34 की है। एक बेटी के जन्म के बाद थोड़ी सी मोटी हो गई हूँ। मेरे पति वरुण दिखने में बहुत ही आकर्षक हैं.. जरा शौकीन मिजाज आदमी हैं। घूमना-फिरना.. नए लोगों से मिलना.. आदि उनके शौक हैं। मेरे पति वरुण बिज़नेस में हैं, दिल्ली में हमारा अपना फ्लैट.. गाड़ी.. सब कुछ है।
मेरे पति वरुण सेक्स में भी काफी अच्छे हैं। इनके ऑफिस के स्टाफ में भी ज्यादातर लड़कियाँ ही हैं। शादी के लगभग दो साल बाद मुझे शक हुआ कि इनके अपने ऑफिस में किसी के साथ शारीरिक सम्बन्ध हैं.. हालांकि इस बात का फर्क हमारी शादीशुदा लाइफ या सेक्स लाइफ पर नहीं पड़ा… पर मुझे यह बात सही नहीं लग रही थी।
एक दिन वरुण ने मेरे साथ सेक्स करते हुए.. किसी और के साथ सेक्स करने की इच्छा ज़ाहिर की। मैंने उनकी यह बात पकड़ ली और बाद में अगले दिन डिनर करते हुए यही बात छेड़ दी.. वरुण ने कहा- देखो वंशिका.. ज़िन्दगी बहुत छोटी है और हमें इसे एन्जॉय करना चाहिए.. मेरे ऑफिस में लड़कियाँ हैं.. मेरा भी मन करता है और तुम भी जवान हो.. तुम्हें भी लाइफ के मज़े लेने चाहिए। किसी अन्य के साथ सिर्फ सेक्स करने से हम किसी और के नहीं हो जायेंगे.. हम दोनों एक हैं और हमेशा एक रहेंगे।
इस बात पर मुझे लगा कि अगर वरुण चाहे तो जैसे अब तक मुझसे छुपा कर बाहर मज़े लेते रहे.. आगे भी ले सकते हैं.. पर यह इनका प्यार है.. जो ये मुझे बता कर सब करना चाहते हैं और इसीलिए मुझे भी इसमें शामिल कर रहे हैं।
मुझे सही लगा.. पर मैंने इन्हें कोई जवाब नहीं दिया। खाना खा कर मैं अपने बिस्तर पर आकर लेट गई.. पर नींद तो कोसों दूर थी। दिमाग में नए-नए ख्याल आ रहे थे कि जब ये मेरे सामने किसी को चुम्बन करेंगे.. किसी के मम्मों को भींचेंगे या चूसेंगे.. तो मुझे बुरा लगेगा या मज़ा आएगा और कोई और मेरे साथ ऐसा करेगा.. तो इन्हें कैसा लगेगा। इसी उधेड़बुन में मैं देर रात तक जागती रही… फिर अंततः सो गई।
फिर एक दिन वरुण ने मुझे बताया कि उन्होंने अपने स्टाफ के लिए इस रविवार को एक पार्टी रखी है। मेरे पूछने पर कि कौन-कौन होगा इस पार्टी में.. इन्होंने मुझे कुछ मिले-जुले नाम बताए.. जिनमें ऑफिस के कुछ लड़के.. कुछ लड़कियाँ.. कुछ इनके मिलने-जुलने वाले.. दोस्त वगैरह थे।
मुझे इस पार्टी में वरुण क्यों ले जाना चाहते हैं.. यह मैं समझ चुकी थी। तो रविवार को मैं भी अच्छे से तैयार हुई। मैंने कट स्लीप सफ़ेद ब्लाउज.. उसके नीचे डिज़ाइनर ब्रा.. और नाभि से नीचे बाँधी हुई सफ़ेद साड़ी.. हाथों में अपना शादी वाला चूड़ा.. हाई हील के सैंडल्स.. डार्क लिप्स्टिक.. छोटी सी बिंदी.. और गले में सिर्फ एक नेकलेस पहना।
बात उन दिनों की है.. जब मेरी साली हमारे साथ रहने आई थी, उसका नाम चांदनी है, नाम बदला हुआ लिख रहा हूँ ताकि गोपनीयता बनी रहे। उसकी उम्र 20 साल की है व फिगर 30-30-32 का है वो ऐसी खूबसूरत माल लगती कि किसी का भी ईमान ख़राब हो जाए।
हमारे घर पर बहुत सारे मेहमान आए हुए थे.. दिसम्बर का महीना था.. सर्दी काफी पर रही थी। शाम को हम सबने खाना खाया और सोने चले गए.. मैं और मेरी पत्नी भी अपनी कमरे में आ गए। इतने में चांदनी भी हमारे कमरे में आ गई और वो अपनी बहन से बोली- दीदी मैं कहा पर सोऊँ? तो मेरी पत्नी बोली- यहीं पर सो जा..
वो हम लोगों के साथ सो गई.. मेरी रात को नींद खुली.. तो मैं चांदनी को देखकर कामुक हो उठा और मेरा मन ख़राब हो गया.. क्योंकि उसकी स्कर्ट ऊपर उठी हुई थी और उसकी काली पैन्टी दिखाई दे रही थी। मैं उसको 5 मिनट तक देखता रहा फिर मैं उसके बगल में जाकर लेट गया।
मेरी पत्नी मेरे बगल में सोई हुई थी इसलिए उसके साथ कुछ भी करने में डर लग रहा था.. लेकिन क्या करें.. मेरे दिमाग में तो वासना के कीड़े काट रहे थे। फिर मैं हिम्मत करके उसकी जाँघों को सहलाना शुरू किया.. तो उसने कोई रिस्पोंस नहीं दिया।
इससे मेरी हिम्मत और बढ़ गई और मैंने धीरे-धीरे उसकी चूचियों की तरफ अपनी हाथ को ले गया और उसके टॉप के ऊपर से ही उसके दूधों को सहलाने लगा। फिर भी वो कुछ ना बोली.. तो मेरी हिम्मत और बढ़ गई और मैं उसकी चूची को जोर-जोर से दबाने लगा।
अब तक वो जग चुकी थी और मेरे से चिपक गई थी.. इतने में मेरी पत्नी उठ गई.. तो मैं आख बंद कर के सोने का नाटक करने लगा।
मेरा नाम सुनील है, 38 साल का हृष्ट पुष्ट व्यक्ति हूँ, 33 साल की पत्नी है, नाम है सविता! 15 साल की खुशगवार ज़िंदगी में सविता ने मुझे दो सुंदर बच्चों का तोहफा दिया है। मैंने भी अपनी तरफ से उसे प्यार करने में कभी कोई कसर नहीं छोड़ी।
मगर हर इंसान के अंदर एक शैतान छुपा बैठा होता है। आदमी अपनी शादीशुदा ज़िंदगी से कितना भी संतुष्ट क्यों न हो, अंदर बाहर तांक झांक करता ही रहता है। तो ऐसे ही मुझे भी थोड़ा बहुत इधर उधर झाँकने की आदत थी, तो सविता ने मुझसे कहा- मुझे पता है आप मेरे सिवा और औरतों में भी रुचि रखते हो, पर मैं यह बर्दाश्त नहीं कर सकती कि आप मुझसे झूठ बोल कर मुझे धोखा देकर किसी और औरत के साथ संबंध बनाओ। अगर आप का दिल करता है तो मुझे बताइये मैंने आप के लिए उस औरत या लड़की जो भी, उसे मना लूँगी।
जानते हो दोस्तो, आप यकीन नहीं करोगे, अपनी बीवी के अलावा मैंने अपनी साली और अपनी एक पड़ोसन के साथ सेक्स किया है। साली के साथ सेक्स पत्नी की जानकारी में और रिंकू के साथ तो मैंने अपनी पत्नी के सामने सेक्स किया है। तभी तो मैं कहता हूँ कि मेरी बीवी का जवाब नहीं और ऐसी बीवी तो बहुत किस्मत वालों को मिलती है, जो खुद भी आपकी सेवा में हाजिर हो और औरों को आपकी सेवा में ले आए।
फिलहाल आप मेरा और रिंकू का किस्सा सुनिए! रिंकू हमारे पड़ोस में रहने वाली एक लड़की थी, देखने में अच्छी ख़ासी थी, कभी कभी मैं उसे चोरी से ताड़ लेता था, मन में उसे चोदने के सपने पालता था। छुट्टी के ऐसे ही एक दिन बैठे बैठे मैं अपनी पड़ोसन रिंकू को देख रहा था कि ऊपर से बीवी आ गई।
मैं थोड़ा सकपका गया। ‘क्या देख रहे थे?’ सविता ने पूछा। मैंने झूठ ही कह दिया- कुछ नहीं, बस वैसे ही मौसम देख रहा था। ‘मौसम देख रहे थे या रिंकू को देख कर मौसम बना रहे थे?’ सविता बोली। ‘अरे यार तुम बात को क्या से क्या बना देती हो?’ मैं थोड़ा नकली गुस्से से बोला, जबकि बात उसने सच कही थी।
‘एक बात बताओ, मान लो अगर रिंकू तुम्हारे साथ बिस्तर में आने को मान जाए तो क्या करोगे?’ उसने पूछा। मेरी तो बांछें खिल गईं मगर थोड़ा नाटक सा करके बोला- अरे रहने दो, मुझे तुम ही काफी हो। मगर सविता ने फिर पूछा- सच बताओ, मैं गुस्सा नहीं करूंगी।
मैंने बोल ही दिया- यार मज़ा आ जाए ज़िंदगी का, मैं तो कब से उसे पटाने की कोशिश कर रहा हूँ। सविता बोली- अगर मैं आपके लिए रिंकू को पटा दूँ तो? ‘मगर वो मान जाएगी?’ मैंने पूछा।
यह मेरी बीवी की चुदाई का सच्चा वाकिया है। हर इंसान की एक ठरक होती है। मैं जब भी अपनी बीवी के साथ चुदाई करता था.. तो सोचता था कि मैं ये चुदाई नहीं कर रहा हूँ.. बल्कि कोई दूसरा इंसान है जो मेरी बीवी को चोद रहा है।
लेकिन अब तक मैंने इस बात को किसी से भी साझा नहीं किया है। मैंने कभी सोचा भी ना था कि मेरा ये सपना सच में पूरा हो जाएगा।
मेरी बीवी का नाम शबनम है.. वो एक कम्पनी में नौकरी करती है। शबनम देखने में काफी मस्त और कामुक महिला है। शबनम का कद साढ़े पांच फुट है.. यानि वो मुझसे दो इंच अधिक ऊँची है। उसका जिस्म भी मांसल और गदराया हुआ है वो बहुत ही सुडौल है.. जबकि मैं काफी मरियल सा हूँ। उसके मम्मे भरे हुए और एकदम गोल है उसके चूतड़ों का आकार भी बहुत ही मस्त है।
हम लोग लखनऊ की एक आभिजात्य वर्ग की कॉलोनी में रहते हैं। हमारे फ्लैट के पास एक ज्वैलरी का बड़ा शोरूम है। उसका मालिक गजेन्द्र सिंह है।
हम लोग अक्सर उसके शोरूम पर जाते रहते हैं।
गजेन्द्र एक विवाहित मर्द है। उसकी बीवी मेघा भी उसके साथ ही शोरूम में रहती है। वो दोनों रंग-रूप में एक-दूसरे से उलट है। गजेन्द्र जहाँ एक शानदार गबरू जवान है.. वहीं मेघा एक दुबली-पतली मुरदैली टाइप की औरत है। गजेन्द्र गठीले और कसरती जिस्म का मालिक है। मैं गजेन्द्र को देखकर बड़ा प्रभावित हो जाता था, उसकी मर्दानगी उसके रोम-रोम से टपकती थी। लेकिन मुझे ज़रा सा अंदाज़ा ना था कि गजेन्द्र की निगाह मेरी बीवी शबनम पर है। यह मैं कभी नहीं जान पाता.. लेकिन एक रात सारा भांड फूट गया।
दरअसल दिल्ली की मेरी ट्रेन देर रात को थी। मैं स्टेशन पहुँच कर इंतज़ार करता रहा.. बाद में किसी वजह से ट्रेन ही कैंसिल हो गई। रात के दो बजे जब मैं वापस घर पहुँचा तो चौंक गया। मेरे घर के सामने गजेन्द्र की ऑडी कार खड़ी हुई थी।
अब मुझे सारा माजरा समझ में आ गया, मेरे दिल की धड़कन बढ़ने लगीं, मैंने अपने घर के दरवाजे की दूसरी चाबी निकाली.. जो मेरे पास होती है। दरवाजा खोल कर मैं चुपचाप अन्दर घुस गया। मैंने छुप कर जो अन्दर का नज़ारा देखा तो मेरी आँखें फट गईं.. वो पूरा वाकिया मैं आपको बता रहा हूँ।
मेरे बेडरूम में गजेन्द्र और शबनम एकदम नंगे थे।
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