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नमस्ते दोस्तो.. मेरा नाम अभय राज है। मैं कलकत्ता का रहने वाला हूँ और अन्तर्वासना का बहुत पुराना पाठक हूँ। मुझे यहाँ बहुत सारी कहानियां सच लगीं और बहुत सी झूठ भी लगीं.. पर ये मेरी पहली और सच्ची कहानी है।
चलिए मैं आपका वक़्त गंवाए बिना अपने कहानी पर आता हूँ। मैं एक सामान्य सा दिखने वाला 5 फीट 10 इंच का लड़का हूँ और मेरा लौड़ा आठ इंच का है.. जो अच्छी से अच्छी चूत को बहुत अच्छे से चोद सकता है।
बात एक साल पहले की है.. मेरे यहाँ कपड़ा धोने के लिए बीस साल की एक लड़की आती थी जो दिखने में उतनी अच्छी नहीं थी.. पर फिर भी उसका फिगर बहुत अच्छी थी.. जिसको देख कर किसी का भी लौड़ा खड़ा हो जाएगा।
उसका फिगर 36-28-36 का रहा होगा.. वो सलवार-सूट पहन कर आती थी। उसके कुरते का गला इतना अधिक खुला होता था.. कि वो जब भी वो झुकती.. तो उसकी चूचियां पूरी तरह दिख जाती थीं। उसकी मस्त नारंगियों को देख कर.. उसके बारे में मैं सोच कर मुठ मार लेता था। मुझे सेक्स करने का बहुत मन करता था.. पर मैं कुछ कर नहीं सकता था.. क्योंकि मेरे साथ और भी लोग रहते थे।
एक बार दीवाली की बात है.. मेरे आजू-बाजू के फ्लैट के लोग.. सब अपने-अपने घर चले गए और मैं फ्लैट में अकेला ही रह गया था। तब मैंने सोचा यह सही वक़्त है, किसी तरह लोहा गर्म करना होगा। मैं दिन भर यही सोचता रहा.. कैसे करूँ.. क्या करूँ और रात को उसके बारे में सोच कर फिर मुठ्ठ मारी और ऐसे ही सो गया।
उस रात मैं अपने फ्लैट का गेट भी बंद करना भूल गया था और सुबह जब मेरी आँख़ खुली.. तो मैंने देखा वो काम कर रही थी और जब उसने मुझे देखा.. तो मुस्कुराने लगी। मैं एकदम से डर गया और मैंने पूछा- तुम अन्दर कैसे आईं और क्यों हँस रही हो?
तो वो कुछ नहीं बोली.. तो मैं समझ गया था.. कि वो क्यों मुस्कुरा रही है। क्योंकि उसने मेरा लहराता हुआ खुला लौड़ा देख लिया था।
मैं वहाँ से चला गया और वो अपना काम करके आई और बोली- क्या बाबू कब से ये सब कर रहे हो? तो मैं बोला- क्या? वो बोली- वही.. जो आप शायद रात में करते हुए सो गए थे.. मैंने बोला- तुम्हें उससे क्या मतलब?
तो वो कुछ नहीं बोली.. फिर मैं बोला- तुमने आज तक कभी कोई लौड़ा लिया है? वो कुछ नहीं बोली.. और होंठ काटते हुए अपनी नज़रों को नीचे कर लिया.. मैं समझ गया कि मुझे आज चूत चोदने का मौका मिल सकता है।
मैं बिना एक पल गंवाए सीधे उससे पास गया और उसकी जांघों पर हाथ फेरने लगा और धीरे-धीरे वो गर्म होने लगी। मैं उससे किस करने लगा और किस करते हुए उससे मम्मों को कपड़ों के ऊपर से ही दबाने और मसलने लगा। मैं एक हाथ से उसकी पीठ को सहला रहा था.. इससे वो और गरम हो रही थी।
मैंने किस करते हुए एक हाथ उसके कपड़ों के अन्दर डाल दिया और उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके चूचों को दबाने लगा। वो भी कम नहीं थी.. उसने अपना हाथ मेरे लोअर में डाल कर मेरे लौड़े को पकड़ लिया और उससे खेलने लगी।
मैंने भी कोई कसर ना दिखाते हुए धीरे-धीरे उसके ऊपर के सूट के बटन खोलने लगा और भी पूरा उतार दिया।
अब वो बस ब्रा में थी.. जो लाल रंग की थी.. और उसके चूचियां ब्रा के अन्दर कैद थीं और पूरा कड़ी हो गई थीं और ब्रा से बाहर आने के लिए तड़प रही थी।
अब मैं उसके मम्मों को ब्रा के ऊपर से दबा रहा था.. फिर धीरे से उसके ब्रा को हटाया और उसके मम्मों को बहुत जोर-जोर से दबाने लगा।
वो और गरम हो गई.. और पूरे कमरे में बस उसके ‘आह.. ऊह..’ की आवाज गूंज रही थी।
उसकी ये आवाज़ मेरा और जोश बढ़ा रहे थे.. फिर मैं उसके मम्मों को चूसने लगा। वो भी मेरे लौड़ा से खेल रही थी और शायद इस बीच मैं वो एक बार झड़ चुकी थी।
मैं उसके मम्मों को भूखे कुत्ते की तरह चूस रहा था.. फिर मैंने उससे अपना लौड़ा मुँह में लेने के लिए कहा.. तो उसने मना कर दिया.. पर मेरे जोर देने पर लेने के लिये तैयार हो गई और मेरे लौड़े को मुँह में ले कर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी।
मैं उसकी इस चुसाई के आनन्द से जन्नत की सैर कर रहा था और अब मैं भी झड़ने वाला था। कुछ ही मैं उसके मुँह मैं झड़ गया और उसने मेरे लौड़ा को चूस और चाट कर साफ़ कर दिया।
फिर मैंने उसको ऊपर उठाया और उसके सूट का लोअर नीचे कर दिया। अब वो सिर्फ पैन्टी में थी। फिर मैंने उसके पैन्टी नीचे कर दी.. उसकी चूत पर बाल थे।
मैंने कहा- रुको पहले तुम्हारी झांटें साफ़ कर देता हूँ। मैंने रेजर से उसकी चूत साफ़ की और जब चूत साफ़ हो गई तो मैं देखता रह गया.. क्योंकि मैंने पहली बार किसी की चूत इतने पास से देखा थी।
क्या चूत थी.. उसके गुलाबी दाने को देख कर मुझे और जोश आ गया और मैंने अपनी दो उंगलियों को उसकी कसी हुई चूत में डाल दिया। वो सिहर उठी और बोलने लगी- मुझे और मत तड़पाओ.. पर मैं तो उससे और गर्म करके चोदना चाहता था.. फिर मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया।
वो फिर जल्दी ही झड़ गई और मैं अपनी जीभ से उसकी चूत से निकली हुई पूरी मलाई चाट गया और इस बीच मैं भी एक बार झड़ चुका था।
अब वो चुदने के लिए पूरी तरह तैयार थी। जब उसने कहा ‘ये मेरा पहली बार है..’ तो मैंने तेल लेकर अपने लंड पर लगाया और उसकी चूत में भी लगा दिया।
चोदने की अवस्था में आकर धीरे से अपना लंड उसकी चूत पर रखा और एक जोर से धक्का मारा।
इस कड़क धक्के से मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुसता चला गया। उसकी झल्ली फट गई और खून आने लगा और वो जोर से चीखने लगी। उसके आखँ में आँसू आ गए.. मैं डर गया और मैंने अपना हाथ उसके मुँह पर रख दिया और उसे चूमने लगा, उसके दर्द को कम करने के लिए मैं उसके मम्मों को सहलाने और दबाने लगा।
थोड़ी देर मैंने इंतजार किया फिर जब उसका दर्द कम हुआ तो एक और झटका देकर पूरा लंड अन्दर ठेल दिया। वो फिर कराही तो मैंने उसके दर्द को पूरी तरह खत्म जाने के लिए थोड़ी देर फिर इंतजार किया।
थोड़ी देर बाद जब वो पूरी शांत हुई तो मैं अपना लंड अन्दर-बाहर करने लगा और उसके बाद वो भी अपने चूतड़ों को उठा-उठा कर मेरा साथ देने लगी और फिर हम लोग चुदाई की चरम अवस्था में पहुँच गए थे। मैं उसे जोर-जोर से हचक कर चोद रहा था। अब कमरे में बस ‘आह.. ऊह..’ और ‘छप.. छप.. आह.. ऊह..’ की आवाजें गूंज रही थीं.. जो मुझे और जोशीला बना रही थीं।
मैं अपनी चरम सीमा पर पहुँच गया था और झड़ने वाला था.. पर मैं चांस नहीं लेना चाहता था.. इसी लिए अपना लंड बाहर निकाल कर झाड़ा और अपना पूरा माल उसकी जांघ पर गिरा दिया। मैंने उसे इतनी जोर से चोदा था कि वो ठीक से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी। फिर वो बाथरूम में गई और अपनी चुदी चूत साफ़ करने लगी.. जिस पर खून भिड़ा था।
मैं भी बाथरूम गया और अपना लंड साफ़ किया.. उधर उसकी साफ़ चूत को देख कर एक बार मेरा लंड फिर खड़ा हो गया। मैंने फिर उसे पकड़ लिया और बाथरूम में ही चोद डाला।
उस दिन के बाद जब कभी भी मौका मिला.. उसको हचक चोदा। उसके 6 महीने बाद उसका शादी हो गई और मैं फिर अकेला हो गया और अभी तक अकेला हूँ.. इंतजार कर रहा हूँ कहीं कोई नई चूत मिल जाए.. जिससे मारने में बहुत मज़ा आए।
दोस्तो.. भाभियो.. और प्यारी चूत वाली लड़कियो.. मेरी सच्ची कहानी पसंद आई हो या ना आई हो.. मुझे खुल कर ईमेल कर सकते हैं। [email protected]
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