This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
मैं हैप्पी सिंह हूँ.. यह मेरी पहली कहानी है। मुझे उम्मीद है कि कहानी आपको पसंद आएगी। एक साल पहले जब मेरी उम्र 23 साल थी.. उस वक्त सेक्स क्या होता है.. यह तो मैं जानता था.. पर कभी किया नहीं था।
मेरे पड़ोस में एक भाभी रहती है.. वह शायद मेरी जवानी देख कर मचलने लगी थी। वैसे उसका पति है.. पर शायद उसका पति लम्बाई में तो अपनी पत्नी से छोटा तो था ही.. पर शायद उसका हथियार भी छोटा था। इसीलिए भाभी संतुष्ट नहीं हो पाती थी और दूसरे लण्ड की तलाश में रहती।
मेरी जवानी उसे पसंद आ गई और मैं भी सेक्स की चाहत के कारण उसके जाल में आ गया। उसने मुझे एक रात पेट दर्द के बहाने बुलाया.. मैं दवा लेकर पहुँचा.. उसे दवा दी और उसके कहने पर कुछ देर रुका रहा। जब उसका दर्द कुछ कम हुआ तो अचानक वो उठी और उसने मुझे किस कर लिया और बोली- देवर जी.. क्या दवा दी है कि रोग ही ठीक हो गया। मैंने तुझे बदले में जो इनाम दिया.. कहीं तुझे बुरा तो नहीं लगा?
मैंने कहा- नहीं भाभी जान.. बिल्कुल नहीं.. उसका मन बढ़ गया और उसने कहा- तब तो देवर राजा और कुछ दूँगी तो बुरा नहीं मानोगे ना? मैंने कहा- नहीं.. बिल्कुल नहीं..
उसने मुझे कुछ देर सहलाया जो मुझे बहुत अच्छा लगा। सहलाते-सहलाते उसने मेरी जिप खोलकर अंडरवियर के अन्दर हाथ डाला और मेरा हथियार निकाल लिया। मुझे यह बहुत अच्छा लगा.. पर वह इसे देख कर आश्चर्य भरी निगाहों से देख रही थी।
उसने कहा- जानू.. इतना बड़ा..! ये तो तेरे भाई के लौड़े से दुगना बड़ा है.. उनका तो किसी पतली गाजर के जैसा छोटा और पतला है.. क्या मैं इसे भी चूस लूँ? मैं भी जोश में आ गया था.. सो उसके दूध दबाते हुए बोला- भाभी जान.. अभी ये तेरी अमानत है.. इसे जो भी उपहार देना है.. दे दो।
वो मेरा लण्ड चूसने लगी.. मुझे और अधिक जोश आ गया और मैंने उसकी साड़ी खोल कर कहा- मैं भी तेरे सामान को चुम्मी करना चाहता हूँ। तो बोली- करो न.. किसने रोका है।
अब हम दोनों 69 के जैसे हो गए.. उसने अपना पेटीकोट और ब्लाऊज़.. ब्रा, पैन्टी सब उतार दिया। विपरीत 69 के कारण हम दोनों एक-दूसरे का सामान चूसने लगे। लौड़ा चूसते-चूसते उसने मेरा माल निकाल दिया और पी गई। मैं भी कहाँ मानने वाला था। मैंने भी उसकी बुर चूस कर उसे झाड़ दिया और सारा रस जीभ से चाट गया।
इतने में उसने कहा- राजा.. अब मेरी बुर को चोदो.. मैं तेरा लण्ड चूसकर खड़ा किए देती हूँ। यह कह कर वो मेरा मुरझाया लण्ड फिर से चूसने लगी और कुछ देर चूसने के बाद ही मेरा लण्ड फनफनाने लगा।
मैंने कहा- चल चित्त हो जा.. मेरी रंडी चुदक्कड़ भाभी.. अपने पति के लण्ड से तुझे तृप्ति नहीं मिली ना.. भैन की लौड़ी.. आज बताता हूँ कि कुंवारे लण्ड से बुर का क्या हाल होता है।
उसने कहा- हाय राजा.. यही तो मैं चाहती हूँ.. आज इस हरामजादी बुर को ऐसा मज़ा चखाओ कि यह भोसड़ी हमेशा तेरे ही लण्ड से चुदवाने के लिए तड़पे.. अपने भरतार के लण्ड को हमेशा के लिए भूल जाए.. मेरे पति ने तो कभी मुझे पूरा सुख दिया ही नहीं। यह कह कर उसने बिल्कुल रंडी की तरह अपने चूतड़ फैला दिए।
उसे इस हालत में देख मुझे भी ताव आ गया.. मैंने अपने लण्ड को उसकी बुर के ऊपर रखा और धक्का लगा दिया। लण्ड भीतर नहीं गया बाहर ही फिसल गया.. इस पर वो हंसने लगी और बोली- राजा तुम बिल्कुल अनाड़ी हो.. तुमने आज तक किसी को नहीं चोदा है? लाओ मैं तेरे लण्ड को अपनी बुर के छेद पर लगाती हूँ।
उसने ऐसा ही किया और मुझे धक्का लगाने को कहा.. मैंने भी एक जोर का धक्का दिया..
मेरा ये धक्का करारा था इसलिए वो चिल्ला उठी और गन्दी गालियां बकने लगी- साले मादरचोद.. खेत समझा है क्या.. कि चाहे जैसे जोत दिया? ओह… आह.. हाय.. ऊह.. आ साले हरामी ने फाड़ दिया रे.. मेरी बुर को फाड़ दिया उई मम्मी.. साले भाभीचोद.. फाड़ दे अपनी गीता रानी की बुर को.. कचूमर निकाल दे इसका.. आह्ह.. मेरे मर्द देवर और जोर से चोद.. भैन के लण्ड.. मुझे तृप्त कर दे.. अब मेरी बुर का दूसरा कोई मालिक नहीं बनेगा.. मेरा गांडू भरतार भी नहीं.. अब तो मैं अपने भरतार के सामने भी तुझसे ही चुदवाऊँगी.. आह्ह.. तब उस साले को पता चलेगा कि मर्द क्या होता है?
इतना सुनकर मैंने और जोर से चुदाई शुरू कर दी। वो चिल्लाने लगी- हाय.. ओह.. ओह.. मैं अब पूरे जोश में था.. एक हाथ से उसकी चूची मसल रहा था और धकाधक अपने लण्ड को अन्दर-बाहर कर रहा था। मेरे मुँह से गन्दी-गन्दी गालियाँ निकलने लगीं- साली रंडी.. तेरी बुर ने मेरे लण्ड को फंसा ही लिया.. मादरचोदी.. आज तेरी बुर को भोसड़ा नहीं बनाया तो मेरा नाम नहीं.. आज तो तेरी बुर की खैर नहीं.. आज तो इतनी बार चोदूँगा कि तेरी बुर फ़ूल कर पावरोटी बन जाए। उसने कहा- ओह्ह.. हाँ राजा.. जोर से.. और जोर से चोदो.. मेरे दुद्धू को चूसकर उससे दूध निकाल दो..
ऐसी गन्दी बातें करते हुए हमने 30 मिनट तक हचक कर चुदाई की.. फिर मैंने कहा- रानी मेरे लण्ड से कुछ निकलने वाला है।
इस पर उसने भी कहा- मैं भी झड़ने वाली हूँ.. पर राजा.. तुम अपने लण्ड के फव्वारे से ही मेरी बुर की प्यास बुझाना। इतना कहते-कहते मेरे लण्ड ने झटका देना चालू कर दिया.. वो अपनी बुर उठा उठा कर मेरे लण्ड का सारा रस अपनी बुर में लेने लगी।
वो मदहोशी में कहे जा रही थी- ओह.. आह.. ओह.. मेरे देवर राजा आज मैं तृप्त हुई.. अब इस बुर के मालिक तुम हो.. इसे चोदते रहना.. आह्ह.. रोज रात को आना.. मैं तुम्हें नए-नए स्टाइल सिखाऊँगी.. तुझे चुदाई का मास्टर बना दूँगी।
मैंने भी कहा- हाँ मेरी गीता रानी.. अब तुम ही मुझे चुदाई का सारा तरीका सिखाओ। अब मुझे तेरी ही बुर चोदनी है पर कंडोम मँगा लेना.. कहीं कोई बच्चा रह गया तो.. अभी तेरी उम्र ही क्या है। वो बोली- ठीक है.. पर अगर तेरे बच्चे की माँ बन भी गई तो कोई गम नहीं।
ये मदमस्त कहानी कैसी लगी.. मुझे ईमेल जरूर करें.. ताकि मैं आपके लिए लिखता रहूँ। [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000