This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
अब तक अपने इस कहानी में पढ़ा – ऋचा- भैया आप मेरे लिए क्या लाये, और आपसे और माँ से इतनी बदबू क्यों आ रही है?
सुमित- पगली तेरे लिए तरह तरह के टॉप, जीन्स, शॉर्ट्स लेकर आया हूँ, और बदबू पसीने की है, सफ़र की वजह से आ रही है, अभी नहाऊंगा चली जायेगी.
अब आगे..
(ऋचा बहुत खुश हो जाती है, वहीँ दूसरी और भावना नहाने चली जाती है, ऋचा जब अपने भैया सुमित द्वारा लाये गए छोटे छोटे साइज के जालीदार ब्रा और पेंटी देखती है तो चौंक जाती है और शरमा भी जाती है)
ऋचा- अरे भैया, ये क्या लाये आप मेरे लिए, मैं नहीं पहनती हूँ ये सब, ये सब तो माँ पहनती है.
सुमित- सिस्टर अब तू जवान हो रही है, इन सब चीजों की तुझे जरुरत है, लेकिन माँ को मत बताना कि मैं तेरे लिए ये सब लाया हूँ, वो गुस्सा करेगी.
ऋचा- हाँ लेकिन मैं कैसे पहनू ये सब, माँ को दिख जायेगी तो.
सुमित- पगली अगर माँ देख भी ले तो कहना तू अपनी फ्रेंड के साथ मार्किट से ये सब लायी.
ऋचा- ओके भैया, थैंक यू सो मच, आई लव यू भैया.
सुमित- आई लव यू टू बेबी.
(और ऋचा बहुत ही खुश होती है और सुमित के गले लग जाती है, जिस वजह से उसकी बनियान के अंदर सख्त गुठली से बने कच्चे बूब्स और उनके निप्पल सुमित की छाती में टच हो जाते हैं और सुमित का पूरा बदन सिहर जाता है, लण्ड खड़ा हो जाता है और जोर जोर से झटके मारने लगता है, उसके बाद सुमित और ऋचा अलग होते हैं)
ऋचा- भैया, आज मुझे मैथ्स के कुछ सवाल सिखाना, आपकी मैथ्स काफी अच्छी है.
सुमित- ठीक है बहना, मैं सब कुछ सीखा दूंगा तुझे, अभी नहा लेता हूँ, बहुत बदबू आ रही है.
(सुमित से भी माल की काफी बदबू आ रही थी, भावना नहा कर अपनी जालीदार नाईटी पहन लेती है, जिसमें से उसके बड़े बड़े तरबूज जैसे स्तन काफी विशाल लग रहे थे..
नाईटी के अंदर ब्रा न पहनने के कारण उसके निप्प्ल्स का उभार स्पष्ट प्रतीत हो रहा था जिसे देखकर सुमित का लण्ड अपनी माँ के हुस्न से भरे हुए कामुक सुडौल बदन को सलामी देने लगा, और जब भावना ने सुमित की ये हालत देखी तो एक कुटिल कामुक मुस्कान उसके चेहरे पर आई, अब सुमित और उसकी माँ भावना के रिश्तों में थोड़ा परिवर्तन दिखाई दे रहा था..
भावना का सुमित के प्रति बर्ताव बदल रहा था, और सुमित भी अपनी माँ को माँ की नज़र से नहीं बल्कि किसी वैश्या की नज़र से देखने लगा था, ट्रेन की घटना के बाद ज्यादातर टाइम सुमित का लण्ड अपनी माँ के ख्यालों में खड़ा रहता था और घर में पैजामे के ऊपर लण्ड का उभार साफ दिखाई देता था, और भावना सुमित के लण्ड के उभार को हमेशा घूर घूर के देखा करती थी और मंद मंद कामुक हरामी वाली हंसी देती थी, धीरे धीरे सुमित का हौसला भी बुलंद होता चला गया..
कभी कभी सुमित अपनी माँ के सामने पैजामे के अंदर अपने लण्ड को इतना खड़ा कर देता था की साफ साफ उभार दिखाई देता था और झटके मारते हुए हिलता भी था, लेकिन भावना का कोई विरोध नहीं था)
(रात का समय था, ऋचा ने सुमित को उसे मैथ्स पढ़ाने को कहा)
ऋचा- भैया, प्लीज समझा दो कुछ सवाल. मेरे कमरे में चलो.
सुमित- चल बहना.
(सुमित और ऋचा कमरे में जाते हैं, ऋचा ने एक टाइट लाल रंग का टॉप पहना हुआ था, जिसके अंदर गुलाबी रंग की उसके भाई सुमित द्वारा लायी हुयी जालीदार ब्रा पहनी थी, और उसके बूब्स पहले से थोडा सा बड़े लग रहे थे..
टॉप इतना छोटा था की उसका पेट साफ साफ दिख रहा था, ** साल की उम्र की गोरी लड़की की गहरी नाभि भी दिख रही थी, नीचे उसने एक जीन्स की नेकर पहनी थी और उसके अंदर भी गुलाबी पेंटी पहनी थी जो उसके पिछवाड़े के ऊपर से दिखाई दे रही थी..
उसकी गोरी चिकनी मोटी झांघें बहुत ही सेक्सी लग रही थी जिसमे हलके हलके सुनहरे भूरे रंग के बाल सुमित का लण्ड खड़ा कर रहे थे, बुरी नजर से बचने के लिए दोनों पैरों में बंधा हुआ काला धागा उसकी गोरी टांगों के सेक्सिपन की शोभा बढ़ा रहा था..
अपनी बहन को इस वेशभूषा में देखकर उसे उसको पढ़ाने का मन नहीं बल्कि चोदने का मन ज्यादा कर रहा था, सुमित की हालत खराब थी, लेकिन उसकी भोली भाली बहन उसके इरादों से वाकिफ नहीं थी, सुमित उसे सवाल समझने लगा)
सुमित- बहना तूने कपडे पहन लिए जो मैं लाया था, बहुत अच्छी लग रही है तू कसम से.
ऋचा- झूठ बोल रहे हो भैया. सच सच बताओ.
सुमित- माँ की कसम, बहुत ज्यादा हॉट और सेक्सी लग रही है.
ऋचा- बहुत गंदे हो आप भैया, कोई अपनी बहन के लिए ऐसे बोलता है.
सुमित- इसमें क्या बुरा है, तू सही में गजब लग रही है, मेने तो बस सच बोला बहना.
ऋचा- चलो कोई बात नहीं, थैंक्स.
सुमित- अब तू सारे सवाल कर तब तक मैं कंप्यूटर में गेम खेलता हूँ.
ऋचा- ठीक है भैया.
(सुमित गेम खेलने लगता है, ऋचा पढ़ाई करती है, तभी भावना कमरे में आती है और ऋचा और सुमित को कोल्ड्रिंक देती है, भावना ऋचा के छोटे कपडे देखती है, ऋचा की गुलाबी ब्रा की स्ट्रिप उसके टॉप से साफ दिखाई दे रही थी और, पेंटी भी दिखाई दे रही थी, भावना ऋचा को डाँटते हुए पूछती है)
भावना- ये क्या है ऋचा, कैसे कपडे पहने है, आजकल के बच्चों को पता नहीं क्या हो गया, कौन लाया ये तेरे लिए, इतने छोटे कपडे हमारी संस्कृति में नहीं पहनते.
ऋचा- माँ… आप भी ना पुराने जमाने की औरत हो, मैं अपनी दोस्त सुरभि के साथ बाजार से लायी ये सब, उसने भी अपने लिए खरीदे ऐसे कपडे, आजकल सब यही पहनते हैं.
भावना- सूट सलवार पहना कर, ये सब अच्छा नहीं है, कल से ऐसे नहीं दिखनी चाहिए तू, समझी??
सुमित- अरे माँ, जाने दो, जमाना बदल गया है, आजकल सभी ऐसे ही कपडे पहनते हैं, मेरे कॉलेज में भी सब लड़कियां छोटे छोटे कपडे पहनती है.
भावना- तू चुप कर, क्या खेल रहा है तू कंप्यूटर में, कभी अपनी माँ को भी कंप्यूटर चलाना सीखा दे.
सुमित- आज सीख लो, आ जाओ.
(वहां केवल 1 ही कुर्सी थी तो सुमित उठने लगा)
भावना- अरे बैठे रह तू, तेरी गोद में बैठ जाऊंगी, ट्रेन में भी तो ऐसे ही बैठी थी.
ऋचा- हा हा हा, माँ आप क्या भैया की गोद में बैठकर आई, भैया तो पिचक गए होंगे.
भावना- तू पढ़ाई में ध्यान लगा, ज्यादा शैतानी मत कर.
(भावना सुमित की गोद में बैठ जाती है, भावना ने नाईटी के अंदर कुछ नहीं पहना था, उसका पूरा नंगा बदन वैसे ही नाईटी के बाहर से दिख रहा था, और अब वो सुमित की गोद में बैठ गयी थी..
सुमित ने पैजामा पहना हुआ था, जिसके अंदर उसने कच्छा नहीं पहना था, ऊपर केवल बनियान डाली हुयी थी, जिसमे उसके छाती के बड़े बड़े बाल दिखाई दे रहे थे, सुमित का लण्ड अपनी माँ की गांड के स्पर्श से खड़ा हो गया और भावना की गांड में झटके मारने लगा जिसका अहसास भावना को हो रहा था)
भावना- सीधे बैठे रह, ऐसे हिल मत.
सुमित- माँ मैं कहाँ हिल रहा हूँ.
भावना- तो कौन हिल रहा है फिर?
सुमित- छोड़ो अब, मैं आपको एक गेम खिलाता हूँ.
(सुमित भावना को गेम लगा कर देता है, भावना को गेम खेलना नहीं आता, तो सुमित खुद ही गेम खेलता है, उसकी गोद में उसकी माँ बैठी थी, अपनी माँ के बगल से हाथ बाहर निकालकर, अपनी छाती माँ की पीठ से सटाकर सुमित गेम खेलता है और लण्ड से भावना की गांड में झटके भी देता है, भावना भी उछल रही थी और सुमित का साथ दे रही थी, ऋचा ये सब देखे जा रही थी)
ऋचा- माँ-भैया आप ऐसे उछल क्यों रहे हो.
भावना- ये सुमित उछल रहा है गेम खेलकर और मुझे भी उछाल रहा है.
सुमित- गेम ही इतना खतरनाक है माँ, कहीं आउट न हो जाऊं इसलिए उछल रहा हूँ.
(और ऐसे ही उछलते उछलते झटके मारते मारते सुमित गेम में तो आउट हो ही जाता है लेकिन असली गेम में भी आउट हो जाता है और उसका सफेद वीर्य पैजामे में निकल जाता है जिसका साफ साफ गीलापन दिखाई दे रहा था और बदबू भी आ रही थी, कुछ वीर्य का गीलापन भावना की नाईटी में भी लग जाता है)
सुमित- अह्ह्ह्ह…. ओह माँ… आउट हो गया मैं तो… अह्ह्ह्ह्ह..
भावना- इतनी जल्दी आउट हो गया, क्या होगा तेरा.
(और भावना हँसते हुए सुमित की गोद से खड़ी हो जाती है और सुमित के पैजामे में लण्ड की तरफ देखकर मुस्कान देती है और कमरे से बाहर चली जाती है, भावना और सुमित दोनों एक दूसरे के इरादों को भांप लेते हैं लेकिन अभी भी कहीं न कहीं दोनों के बीच में माँ-बेटे के रिश्ते की शर्म थी इसलिए दोनों खुल नहीं पा रहे थे लेकिन अनऔपचारिक रूप से दोनों मजे ले रहे थे..
भावना के बाहर जाते ही ऋचा सीधे दौड़ी दौड़ी गेम खेलने के लिए सुमित की गोद में बैठ जाती है, सुमित का लण्ड अभी भी कड़क था और पूरा गीला था जो सीधा ऋचा के नेकर में गांड में घुसता है और ऋचा को झटका लगता है)
ऋचा- उईई माँ, आऊच…. ये क्या है भैया, आपने तो सुसु कर दिया पैजामे में, गीला हो रखा है.
सुमित- सुसु नही है बहना, ये तो पसीना है, जब ज्यादा गर्मी लगती है तो अपनेआप निकल आता है, तू बैठ जा आजा, भैया की गोद में बैठ जा.
ऋचा- और ये खड़ी कैसे हुयी है आपकी नुन्नू?
सुमित- बहना, तू कितनी भोली है, तुझे सब समझाना पड़ता है, ये नुन्नू जब किसी सुन्दर लड़की को देखती है तो ऐसे ही खड़ी हो जाती है.
ऋचा- अच्छा ऐसा होता है, जैसे मैं सुन्दर हूँ, ये नुन्नू मुझे देखकर खड़ी हो गयी? स्कूल में तो फिर मुझे देखकर सब की नुन्नू खड़ी हो जाती होगी.
सुमित- हाँ बहना तुझे देखकर खड़ी तो हो गयी लेकिन तुझ से पहले इस कमरे में एक और सुन्दर औरत थी, ये नुन्नू उसी ने खड़ी करी है.
ऋचा- माँ ने ?
सुमित- हाँ बहना, माँ अभी मेरी गोद में बैठी थी ना, तब में उछल रहा था तो ये खड़ी हो गयी, आजा अब तू भैया की गोद में बैठकर गेम खेल, तेरे बैठने से कुछ देर बाद ये खुद ब खुद बैठ जायेगी.
ऋचा- ठीक है भैया, मैं बैठ जाती हूँ आपकी गोद में.
(ऋचा सुमित की गोद में बैठती है लेकिन उसकी गांड में अभी भी सुमित का लण्ड चुभ रहा था)
ऋचा- भैया ये चुभ रही है, आपने तो कहा था ये बैठ जायेगी, लेकिन ये तो बहुत ज्यादा टाइट हो गयी, प्लीज भैया इसे बैठाओ आप किसी भी तरह.
सुमित- तू गेम खेलते रह, थोड़ी देर में बैठ जायेगी, जैसे मैं माँ को गोद में बैठाकर उछल रहा था वैसे ही उछलना पड़ेगा, तुझे परेशानी तो नहीं होगी ?
ऋचा- नहीं भैया, आप उछल लो, कोई परेशानी नहीं होगी.
(फिर सुमित धीरे धीरे अपना लण्ड ऋचा की गांड में रगड़ने लगता है, ऋचा सुमित की गोद में बैठकर गेम खेल रही थी)
सुमित- बहना तू कितनी गोरी है, और तेरी ब्रा तेरे कन्धों पर दिख रही है बहना जो मैं तेरे लिए लाया था, तूने सही से नहीं पहनी, तभी माँ को तेरी ब्रा और पेंटी दिख गयी.
ऋचा- भैया अभी मुझे पहनना नहीं आया, धीरे धीरे सिख जाउंगी.
सुमित- बहना तू बहुत मस्त है सही में, सेक्सी है.
ऋचा- भाई चुप कर, फिर शुरू हो गया, मुझे ऐसे शब्द अच्छे नही लगते, मेने पहले भी कहा था.
सुमित- लेकिन जब तू परी जैसे लग रही है तो मैं बोलूंगा ही, अच्छा एक बात पूछूँ?
ऋचा- हाँ पूछो भैया.
सुमित- तेरे गले में एक तिल है, उसमे मुझे किस करने का मन है कर लूँ?
ऋचा- ये भी कोई पूछने की बात है भैया, आप मेरे बड़े भैया हो, अपनी बहन को किस कर सकते हो आप.
सुमित- थैंक यू बेबी, आई लव यू.
ऋचा- आई लव यू टू भैया.
कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार निचे कोममेंट सेक्शन में जरुर लिखे.. ताकि देसी कहानी पर कहानियों का ये दोर आपके लिए यूँ ही चलता रहे।
(भोली भाली ** साल की पतली दुबली, गोरी चिट्टी, कच्ची कली सुमित की बहन ऋचा को सुमित के इरादों के बारे में पता नहीं था, उसे लगा उसका भाई उसे बहन की तरह प्यार करेगा, लेकिन सुमित ने अपनी लंबी जीभ जब ऋचा के गले में फेरी तो ऋचा सिहर गयी)
पढ़ते रहिये.. क्योकि ये हिन्दी सेक्स कहानी अभी जारी रहेगी और कृपया कमेंट जरूर करें..
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000