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नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम रंजीत वालिया है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ.. मैं एक कंप्यूटर इंजीनियर हूँ। मैं अन्तर्वासना वेबसाइट को बहुत समय से पढ़ रहा हूँ। मैं आपको अपने दिल में बसी एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ। यह मेरी पहली कहानी है इसलिए लिखने में अगर कोई गलती हो जाए तो क्षमा कर दीजिएगा।
बात उस समय की है जब मेरे सम्बन्ध मेरी पत्नी से ठीक नहीं थे। मैं बहुत परेशान रहता था। उस वक्त मैं किसी ऐसे साथी की तलाश में था.. जो मुझे सहारा दे सके और मेरी दोस्त बन सके।
उसी दौरान मेरा ट्रान्सफर दिल्ली से गुड़गाँव हेड ऑफिस में हो गया था.. वहाँ मेरी मुलाकात एक लड़की से हुई जिसका नाम था नीलू.. वो बहुत ज्यादा सुंदर तो नहीं थी.. पर क्या फिगर था उसका.. 28-24-28.. एकदम मस्त माल लगती थी। उसका और मेरा डिपार्टमेंट साथ-साथ थे तो अक्सर एक-दूसरे से काम पड़ जाता था।
ऐसे में हम दोनों में बातचीत शुरू हो गई और कुछ दिनों में हम अच्छे दोस्त बन गए। बातों ही बातों में मुझे उसने बताया कि वो तलाकशुदा है और उसका एक बेटा है, उसके पति ने उसको शादी के दो साल बाद ही छोड़ दिया।
उससे बात करके मुझे ऐसा लगता था कि वो भी किसी की तलाश में है.. जो उसे प्यार कर सके। यह जानने के बाद मुझे लगा कि हम दोनों एक-दूसरे के जीवन की कमी को पूरा कर सकते हैं। मैंने उसको पटाने की तरकीब सोचने लगा और एक दिन उसको लंच पर बाहर ले गया। हम लोगों ने लंच के साथ-साथ यहाँ-वहाँ की बातें की.. और वापस आ गए। बस यह मिलने का सिलसिला रोज़ चलने लगा और हम लोग रोज़ घंटों ऑनलाइन चैट करने लगे।
एक दिन हमने डिस्को जाने का प्रोग्राम बनाया। हम लोग तय समय से ऑफिस से निकल कर डिस्को चले गए.. वहाँ हम दोनों ने जम कर बियर पी। कुछ देर के बाद वहाँ लाइट्स एकदम ना के बराबर हो गई और हम लोग नाचने के लिए फ्लोर पर चले गए। वहाँ वो मुझसे चिपकने लगी.. तो मैं समझ गया कि लोहा एकदम गरम है।
मैं भी उससे चिपकने लगा और उसकी कमर को कस कर पकड़ लिया.. उसे मैंने अपनी बाँहों में भर लिया.. उसके मम्मे मेरी छाती से चिपके हुए थे। वो गरम होने लगी थी.. तो मैंने उसके मम्मों को मसल दिया.. वो मचल सी गई फिर मैं उसको साइड में ले गया। वहाँ आस-पास और लड़के-लड़कियाँ चूमा चाटी करने में लगे हुए थे। मैंने भी उसको पकड़ कर चूमना शुरू कर दिया।
पहले तो वो नखरे करने लगी.. पर मैंने उसको अपने सीने से लगाकर अपनी बाँहों में भर लिया और किस करने लगा। अब वो भी मुझे किस करने लगी और मेरे मुँह को अपनी जुबान से अन्दर तक चाटने लगी।
हम दोनों ने जमकर एक-दूसरे को किस किया और मैं अपने हाथों से उसके मम्मों को दबाने लगा.. तो वो ‘आमम्म.. आआम्म…’ करने लगी। वो मादक स्वर में बोली- सब कुछ यहीं कर लोगे क्या?
हम दोनों डिस्को से निकल कर कार में आकर बैठ गए और मैंने उसकी टी-शर्ट के अन्दर हाथ डाल दिया और उसकी ब्रा के ऊपर से उसके दोनों मम्मों को दबाने लगा। तो वो कुछ देर बाद बोली- चलो कहीं और चलते हैं। मैंने अपने दोस्त को फ़ोन मिलाया और उसके कमरे की मांग की.. तो दोस्त ने आकर चाबी दे दी। अब मैं उसको लेकर अपने दोस्त के कमरे पर चला गया।
कमरे में जाते ही मैंने उसको पीछे से पकड़ लिया और उसकी गर्दन पर किस करने लगा तो वो मचलने लगी। उसने मुझसे कहा- मैं बहुत दिनों से प्यासी हूँ.. और तुम मेरी प्यास बुझा दो.. यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
हम दोनों एक-दूजे को बेतहाशा चूमना शुरू किया। मेरा लण्ड जो पहले से ही खड़ा था.. वो पैन्ट को फाड़ कर निकलना चाह रहा था। मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी.. उसने काले रंग की ब्रा पहनी हुई थी। मैं ब्रा के ऊपर से ही उसकी चूचियाँ दबाने लगा और उसको उठा कर बिस्तर पर ले आया और उसकी जीन्स भी उतार दी।
अब वो सिर्फ ब्लैक ब्रा और पैन्टी में थी। उसने आँख बंद कर रखी थीं। मेरा हाथ उसके निप्पलों पर था। मैंने उसकी ब्रा उतार दी.. उसके निप्पल तन कर सख्त हो गए थे। मैंने उसके निप्पल को अपने दाँतों से दबाना शुरू कर दिया.. तो वो ‘आह.. ओह..’ की आवाज़ करने लगी और सिसकियाँ भरने लगी।
मैं उसके होंठों को अपने होंठों से चूसने लगा और मैं किस के साथ-साथ उसकी जांघें और उसकी कमर पर भी हाथ फिरा कर सहला रहा था। फिर मैंने धीरे से उसकी पैंटी को नीचे सरकाया और उसकी मुलायम गोरी चूत को देख कर पागल हो गया। मैंने चूत को ऊपर से चूमना शुरू किया उसकी चूत गीली हो गई थी।
मैं उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा जिससे वो तो मचलती जा रही थी और उसने मेरे अन्डरवियर के अन्दर हाथ डाल कर मेरे लण्ड को सहलाना शुरू कर दिया। फिर उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और अब वो मेरे लण्ड को मुँह में ले कर बेतहाशा चूसने लगी।
मैं उसके मम्मों को हाथ में लेकर दबाने लगा और एक मुँह में ले लिया और उस पर अपनी जीभ से चाटने लगा और जोर से उसके निप्पल को अपने दांत से दबा दिया तो वो चिल्ला उठी। अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था।
उसको बिस्तर पर लिटा कर मैं उसके ऊपर आ गया और अपने लण्ड का सुपारा उसके रसीली चूत के मुँह पर रखा और एक झटका मारा.. तो लण्ड आधा उसकी चूत में उतर गया।
उसकी चीख निकल गई.. पर वो उसके गले में ही घुट कर रह गई.. क्योंकि मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से दबा रखा था। उसकी चूत बहुत टाइट थी.. क्योंकि वो बहुत टाइम से चुदी नहीं थी, उसने मुझे रुकने को कहा।
जब उसका दर्द कुछ कम हुआ.. तो मैंने एक और जोर का धक्का लगाया तो पूरा का पूरा लण्ड गीली चूत में गहराई तक उतर गया। अब मैंने धीरे-धीरे आगे-पीछे करना शुरू किया.. अब वो भी मेरा साथ देने लगी और अपनी चूत को ऊपर-नीचे हिलाने लगी। कुछ देर मैंने उसको ऐसे ही चोदा।
फिर मैंने उसे घोड़ी बना कर चोदा और कुछ देर में वो और मैं एक साथ झड़ गए। हम दोनों निढाल होकर एक-दूसरे के शरीर से चिपके हुए थे और नीलू ने मुझे कस कर पकड़ रखा था।
कुछ देर बाद हम दोनों एक-दूसरे से अलग हुए और बाथरूम में नहा कर फ्रेश हो गए और कमरे लॉक करके पास के एक रेस्टोरेंट में डिनर करने चले गए। डिनर के बाद मैंने उसको उसके घर तक ड्राप किया और अपने घर चला गया।
उस दिन से ले कर अगले एक साल तक हम दोनों आपस में अपना सुख-दुःख बांटते रहे और खूब चुदाई की।
हम दोनों के जीवन में जो खालीपन था.. वो जाता हुआ महसूस हुआ.. पर यह रिश्ता एक साल से ज्यादा नहीं चला क्योंकि वो अपने घर वालों के साथ जालंधर चली गई।
मेरा वही खालीपन फिर वापिस आ गया.. जो आज भी कायम है। मैं अभी भी किसी साथी की तलाश में हूँ।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी.. जरूर बताईएगा। [email protected]
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