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अब तक आपने पढ़ा..
नीरज उसको अन्दर ले गया और बड़े प्यार से उसको बैठा दिया.. उसकी चूत को पानी से साफ करने लगा.. रोमा- आह्ह.. आराम से.. दर्द होता है.. उई तुम भी अपना लौड़ा साफ कर लो.. कैसे गंदा हो गया है.. नीरज- तो तुम ही कर दो ना.. मेरी जान.. देख क्या रही हो.. रोमा भी लौड़े को साफ करने लगी.. नीरज चूत को अच्छे से साफ कर रहा था। उंगली अन्दर तक घुसा कर चूत को साफ कर रहा था.. जिससे रोमा को दर्द के साथ मज़ा भी आ रहा था। रोमा- आह्ह.. उई.. धीरे से मेरे जानू.. आह्ह.. उई.. आज तो मम्मी मेरी जान ले लेगी.. उनको पता चल जाएगा.. नीरज- एक तरीका है.. जिससे पूरा दर्द निकल जाएगा.. मगर तुम उस बात को मानोगी नहीं। रोमा- मान लूँगी मेरे जानू.. तुम बताओ तो सही.. क्या तरीका है..? नीरज- ठीक है.. बताता हूँ.. पहले तौलिया से अच्छे से चूत साफ कर लो.. रोमा- तुम बाहर जाओ.. मुझे बाथरूम करना है.. उसके बाद जो तरीका है.. बता देना.. नीरज उसकी बात मान कर बाहर आ जाता है और बिस्तर को ठीक करने लगता है.. उसके चेहरे पर एक अलग ही ख़ुशी थी और होगी क्यों नहीं.. कच्ची चूत को जो चोदा था उसने..
अब आगे..
हैलो दोस्तो, मज़ा आ रहा है ना.. आना भी चाहिए.. यहाँ का खेल तो देख लिया.. चलो थोड़ा घूम कर आते हैं। अरे नहीं नहीं.. कोई नई जगह नहीं… अपने राधे के पास ही चलते हैं।
राधे- ममता बहुत भूख लगी है यार.. कुछ खाने का बंदोबस्त कर ना.. ममता- अभी लो मेरे राजा जी.. लेकिन पहले नहा कर अपने कपड़े पहन लेती हूँ.. बीबी जी आने वाली हैं। राधे- ठीक है तब तक मैं थोड़ा सो लेता हूँ.. थक गया हूँ यार.. ममता- बस अभी नहा कर खाना बना देती हूँ आप आराम करो..
ममता उठ कर चली गई और राधे वहीं पड़ा रहा।
दोस्तो, यहाँ भी कुछ नहीं है.. वहाँ भी कुछ नहीं है.. तो चलो आपको एक नई जगह ले चलती हूँ.. बाद में भी वहाँ जाना होगा.. तो अभी फ्री समय में थोड़ा देख आते हैं। दोस्तो, अब वक़्त आ गया है आपको टीना के बारे में बताने का.. यह तो आप जानते हो कि टीना और रोमा दोस्त हैं मगर यह टीना कौन है और कहानी में इसका क्या किरदार है यह आपको बताती हूँ।
टीना का पूरा नाम है टीना यादव.. इसके पापा राजेश यादव साउथ अफ्रीका में किसी कम्पनी में जॉब करते हैं.. जो 2 साल में एक बार आते हैं 2 महीने रुक कर वापस चले जाते हैं। माँ सुमीता यादव बहुत सीधी-शादी घरेलू औरत है.. और टीना का बड़ा भाई आयुष एक सीधा-साधा लड़का है.. वो अपनी बहन टीना से बहुत प्यार करता है, इन दोनों के बीच दोस्तों जैसा रिश्ता है।
आप सोच रहे होंगे कि मैं यह क्या बता रही हूँ.. कहानी को कहाँ से कहाँ ले गई हूँ.. तो दोस्तो, माफ़ करना.. मगर ये सब बताना जरूरी था.. क्योंकि इन सब बातों का कहानी से बहुत गहरा सम्बन्ध है।
चलो अभी इतना जान लिया.. यही काफ़ी है.. अब वापस रोमा और नीरज का हाल जान लेते हैं।
रोमा बाथरूम से बाहर आई तो नीरज बस उसको देख कर मुस्कुरा रहा था। रोमा- हाँ हंस लो.. मेरा हाल से बेहाल हो गया है। नीरज- अरे मेरी भोली रोमा.. मैं हंस नहीं रहा हूँ.. तुम्हें देख कर खुश हो रहा हूँ.. आ जाओ मेरे पास.. अब देखो तुम ठीक से चल पा रही हो। रोमा- नहीं अभी भी दर्द है.. तुम कौन सा तरीका बता रहे थे। नीरज- मेरी जान तुम बिस्तर पर आओ तुम्हें बताता हूँ।
रोमा उसके पास चली गई तो नीरज ने उसको एक चुम्बन किया और उसके बालों को सहलाने लगा।
रोमा- यह क्या कर रहे हो.. मुझे वो तरीका बताओ ना.. जिससे मेरा दर्द कम हो जाए? नीरज- मेरी जान अगर तुम्हारी चूत को में जीभ से हल्के-हल्के चाटूं तो इसका दर्द कम हो जाएगा। रोमा- तो इतना सोच क्या रहे हो.. चाट लो ना.. मुझे बस दर्द कम करना है प्लीज़..
नीरज ने रोमा को लेटा दिया और उसकी चूत को देखा.. थोड़ी सूज कर लाल हो गई थी.. उसने अपने होंठ चूत पर रख दिए और आराम से चाटने लगा। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
रोमा- आह्ह.. उई आराम से चाटो जानू.. आह्ह.. मज़ा आ रहा है उफ़.. आराम भी बहुत मिल रहा है.. आह्ह.. तुम्हारी ये जीभ ही सारे फसाद की जड़ है आह्ह.. इसकी लत ने ही आ..आज मुझे चुदवा दिया आह्ह.. चाटो आह्ह..
दस मिनट तक नीरज बड़े मज़े से चूत को चाटता रहा.. अब रोमा बहुत गर्म हो गई थी.. उसकी उत्तेजना बढ़ गई थी और नीरज का लण्ड भी तन कर खड़ा हो गया था। रोमा- आह्ह.. आई.. जानू आह्ह.. बहुत मज़ा आ रहा है आह्ह.. ज़ोर-ज़ोर से चाटो ना.. आह्ह.. थोड़ी उंगली डालो ना.. उई आह्ह.. प्लीज़ आह्ह..
नीरज ने चाटना बन्द किया और लौड़े पर थूक लगा कर चूत में सीधा ‘घप’ से लौड़ा घुसा दिया।
रोमा- आईईइ आआह्ह.. उफ़फ्फ़.. ये क्या किया.. आह.. उईईइ..
नीरज- मेरी जान उंगली से अब कुछ नहीं होगा.. तुम्हारी चूत को लौड़े की आदत लग गई है और यही वो तरीका है.. जिससे दर्द कम होगा.. ले.. उहह.. उहह.. मैं तुम्हें दोबारा चुदने को कहता.. तो तुम नहीं मानती.. आह्ह.. उहह.. इसलिए चूत चाटने का बहाना करके.. तुम्हें गर्म किया.. आह्ह.. अब बस थोड़ी देर बाद.. आह्ह.. तुम्हें मज़ा आएगा..
रोमा- आह्ह.. आई.. तुम बहुत बदमाश हो आह्ह.. थोड़ी देर बाद क्यों.. आह्ह.. मुझे तो अभी मज़ा आ रहा है.. आह्ह.. चोदो आह्ह.. फास्ट.. आह्ह.. मुझे अब.. आह्ह.. बहुत मज़ा आने लगा है आह्ह..
नीरज स्पीड से चोदने लगा.. अब रोमा पूरी मस्ती पर थी.. उसका दर्द फुर्र… हो गया था.. बस वो तो चुदाई का असीम आनन्द ले रही थी.. किसी तितली की तरह खुले आसमान में उड़ रही थी।
करीब 15 मिनट की चुदाई की इस उड़ान के बाद रोमा को वो अहसास हुआ.. जो पहली बार चुदने में नहीं हुआ था। उसकी चूत में बेहद तेज सनसनी होने लगी.. उसने नीरज को कस कर पकड़ लिया और ज़ोर-ज़ोर से मादक सीत्कारें करने लगी। रोमा के जलते शरीर और गर्म अहसास से नीरज भी पिघल गया।
दोनों का वीर्य व रज एक साथ निकल गया और दोनों ही निढाल से हो गए.. कुछ देर बाद रोमा को कुछ याद आया तो वो झटके से बैठ गई।
नीरज- क्या हुआ मेरी जान? रोमा- ये अपने क्या कर दिया.. मेरे अन्दर ही पानी निकाल दिया.. कहीं बच्चा ठहर गया तो? नीरज- अरे कुछ नहीं होगा.. मेरे पास इसकी गोली है.. अभी खा लेना.. कुछ नहीं होगा.. अब देखो दर्द कम हुआ ना? रोमा- चुदाई के समय तो बिल्कुल दर्द नहीं था.. अब थोड़ा हो रहा है.. नीरज- कुछ नहीं होगा.. इसी कमरे में थोड़ा चल-फिर लो.. फिर तुम ठीक से चल पाओगी और लो.. मैं गोली दे देता हूँ.. खा लो..
नीरज ने रोमा को गोली खिला दी और उसे वहीं चलाता रहा। आधे घंटे में वो नॉर्मल हो गई।
रोमा ने कहा- बहुत समय हो गया.. मुझे मेरी सहेली के घर के पास छोड़ दो.. ताकि वो उसको समझा सके..
नीरज ने रोमा को पक्का समझा दिया कि मेरे बारे में अभी किसी को कुछ मत बताना। दोनों रेडी होकर वहाँ से चले गए।
दोस्तो, टीना की बात आपको अधूरी बताई थी.. अब रोमा भी वहीं जा रही है।
तो चलो यह गाड़ी में जाएगी और मैं आपको पहले ही वहाँ उड़ा कर ले जाती हूँ।
दोस्तो, उम्मीद है कि आप को मेरी कहानी पसंद आ रही होगी.. मैं कहानी के अगले भाग में आपका इन्तजार करूँगी.. पढ़ना न भूलिएगा.. और हाँ आपके पत्रों का भी बेसब्री से इन्तजार है। [email protected]
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