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मामा भांजी की चुदाई देखी मैंने अपने ननिहाल में. रात में मैंने मामा को मेरी बहन के चूचे दबाते देखा. मैं हैरान था. उसके बाद मैंने क्या देखा? और मेरे साथ क्या हुआ?
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार। मैं आपको अपनी बहन की चुदाई की कहानी बताने जा रहा हूं. मैंने मेरी बहन की चुदाई अपनी आंखों से देखी थी. उसकी चुदाई किसने की और कैसे की; यही मैं आपको इस कहानी के माध्यम से बताऊंगा.
मैं उम्मीद करता हूं कि आप कहानी को ध्यान से पढ़ेंगे और अपने सुझाव मुझे बतायेंगे। मैं अब कहानी की शुरूआत करता हूं. अगर कुछ कमी रह जाये तो नजरअंदाज करना।
दोस्तो, ये मेरी आंखों देखी कहानी है. मेरी बहन का नाम मीनू है। मीनू का रंग गोरा है. वो उस वक्त बीस साल की थी। वह तब नई नई जवान हुई थी।
मैंने इससे पहले उस पर कभी ध्यान नहीं दिया था. मगर उस दिन मैंने जब उसको चुदते हुए नंगी देखा तो तब से मेरा ध्यान भी उस पर जाने लगा।
मीनू की कॉलेज की छुट्टियां चल रही थीं। उसके कॉलेज का वो पहला साल था। हम लोग मेरे मामा के यहां गये हुए थे।
मेरे दो मामा हैं. मेरे छोटे मामा मीनू से 15 साल बड़े हैं।
मेरी मामी उस वक्त अपने मायके में गयी हुई थी. मेरे ममेरे भाई और बहन शहर में रहकर पढ़ाई करते थे और बड़े मामा दूसरे मकान में रहते थे।
गर्मियों का मौसम था। घर में मेरे नाना-नानी थे लेकिन वो लोग नीचे सोये हुए थे.
मैं, छोटे मामा, मेरी छोटी मौसी और मीनू हम चारों छत पर सो रहे थे।
रात को 12 बजे के करीब मेरी आंख एकदम से खुल गयी.
मेरी नजर बगल में लेटी मीनू पर गयी और फिर उनके साथ ही लेटे छोटे मामा पर गयी. मैंने देखा कि मामा का हाथ उनके पजामे में अंदर गया हुआ था. वो अपने हाथ को तेजी से चला रहे थे और पजामा तेज तेज हिल रहा था।
जब मेरा ध्यान मीनू की छाती पर गया तो मैंने पाया कि मामा का हाथ मीनू की छाती पर था। वो उसकी चूची को हाथ से सहला रहे थे. मीनू नींद में थी और मामा का हाथ उसकी चूची पर चल रहा था।
उधर मामा का दूसरा हाथ उनके पजामे में तेजी से उनके लंड पर चल रहा था. मुझे अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था कि मामा अपनी बेटी जैसी भान्जी मीनू के साथ कैसे ऐसा कर सकते हैं.
मैंने मेरी बगल में दूसरी तरफ सो रही छोटी मौसी को देखा. वो नींद में थी. कुछ हरकत नहीं कर रही थी.
तो मैंने सोचा कि मामा मेरी बहन का फायदा उठा रहे हैं. मुझे भी उत्तेजना सी होने लगी। मैं मामा की हरकतें देखने लगा.
दो मिनट हुए थे कि मीनू जाग गयी और मामा ने एकदम से अपना हाथ उसकी चूचियों से हटा लिया.
दीदी उठ बैठी और उसने मेरी ओर देखा.
चूंकि छत पर अंधेरा था तो पता नहीं लग सकता था कि कोई इन्सान सो रहा है या जाग रहा है। दीदी ने देखने की कोशिश तो की और मैंने सोने का नाटक किया।
मैंने सोचा कि दीदी अब मामा को कुछ बोलेगी. मगर दीदी ने कुछ बोलने की बजाय मामा का हाथ पकड़ लिया और मामा ने दीदी को गले से लगा लिया. वो दोनों एक दूसरे को किस करने लगे.
ये देखकर मेरी तो धड़कन धक धक होने लगी. मुझे नहीं पता था कि मीनू का मामा के साथ ऐसा चक्कर भी चल रहा है।
फिर उन दोनों की कुछ बात हुई.
उन्होंने एक दूसरे के कान में कुछ फुसफुसाया और फिर वो उठकर नीचे चली गयी। मुझे लगा कि मीनू नाराज होकर नीचे गयी है।
दो मिनट के बाद मामा भी उठकर नीचे चले गये.
मैं वहीं पर लेटा हुआ पड़ा रहा। मेरा लंड खड़ा हो चुका था. हालांकि मेरी बहन के साथ ये सब हो रहा था फिर भी मुझे उत्तेजना हो रही थी.
काफी देर तक मैं लेटा रहा. अपने लंड को सहलाता रहा। उन दोनों में से कोई भी वापस ऊपर नहीं आया तो फिर मैंने बात की पड़ताल करने की सोची।
मैं चुपके से उठकर नीचे चला गया। नीचे वाले रूम में जाकर देखा तो मामा ने दीदी को अपनी गोद में बैठा रखा था। उसका टॉप और ब्रा दोनों उतरे हुए थे.
मामाजी दोनों हाथों से बहन के बूब्स मसल रहे थे। मीनू की आँखें बंद थीं और लग रहा था कि वो पूरे मज़े में है। मैं वहीं पर खड़ा होकर वो नजारा देखने लगा.
दो मिनट के बाद मामा ने दीदी को नीचे लिटा लिया. उसके चूचे पूरे खड़े हो चुके थे. नीचे लेटी हुई के निप्पल एकदम नुकीले होकर उसकी चूचियों पर साफ देखे जा सकते थे।
मामा उसके निप्पलों को चूसने लगे। मीनू अब सिसकारियां लेने लगी. मैं सोच रहा था कि ये दोनों बिल्कुल भी नहीं डर रहे हैं. नाना-नानी अपने कमरे में बगल में ही सो रहे थे।
मीनू आनंद में आह्ह … आह्ह … स्स … करके मस्त सिसकार रही थी और मामाजी के बालों में हाथ फिरा रही थी. मामाजी पूरी मस्ती में मेरी बहन के निप्पलों को चूस रहे थे.
ये देखकर मेरे लंड में भी झटके लगने लगे थे। मुझसे भी रहा नहीं गया और मैं अपने लंड को वहीं पर खड़ा हुआ सहलाने लगा।
मेरी बहन के छोटे-छोटे गोल-गोल सफ़ेद बूब्स और उस पर गहरे भूरे रंग के निप्पल बहुत ही शानदार लग रहे थे।
मामा उसके बूब्स को काट रहे थे, चूस रहे थे और मसल रहे थे। मीनू उनके नीचे दबी हुई थी और उसकी साँसें तेज होने लगी थीं.
अब मामा ने उसकी लोअर को उतार दिया. वो पैंटी के ऊपर से दीदी की चूत रगड़ने लगे।
दीदी अपनी चूचियों को मसलने लगी। फिर मामा ने उसकी पैंटी को भी उतार दिया. मेरी बहन पूरी नंगी हो गयी थी।
अब मामा उसकी चूत को सहलाने लगे। मीनू और तेज तेज सिसकारियां लेने लगी. उसकी चूत पर मामा का हाथ तेजी से रगड़ रहा था.
फिर एकदम से मामा ने उसकी चूत में उंगली दे दी और अंदर बाहर करने लगे।
दीदी मदहोश सी होने लगी थी. उसने अपने पैर पूरे खोल दिये और अपने बूब्स को अपने हाथों से जोर जोर से मसलने लगी।
अब मामा ने भी अपनी उंगली की स्पीड बढ़ा दी।
मीनू की सिसकारियां अब रूम के बाहर तक आने लगीं. वो जोर जोर से आवाजें कर रही थी- आह्ह … मामाजी … आह्ह … ईईस्स … ऊईई … आह्ह … नहीं … ऐसे मत करो … आई … आह्ह … मेरी चूत … आह्ह … मर जाऊंगी … आह्ह … मामाजी.
इधर छोटे मामा उसके चेहरे को देखते हुए और अंदर तक उंगली को घुसाने लगे थे. उनको मीनू की ये हालत देखने में शायद बहुत मजा आ रहा था और वो तेजी से उसकी चूत को अपनी उंगली से चोदे जा रहे थे।
अब मीनू से रुका नहीं जा रहा था; वो मामा को अपनी ओर खींचने लगी. मामा उसकी बात समझ गये. मामा ने अपना पजामा खोला और उसको जांघों तक नीचे करके मीनू के ऊपर लेट गये.
अब मामा का लंड मेरी बहन की चूत पर रगड़ रहा था. वो दोनों एक दूसरे को होंठों को जोर से चूस रहे थे.
मीनू की हालत देखने लायक थी. मैं सोच नहीं पा रहा था कि मीनू इतनी गर्म हो रही है। वो जोर जोर से मामा के होंठों को चूस रही थी और उनकी पीठ को सहला रही थी.
अब मामा की गांड ने हरकत करनी शुरू कर दी थी। वो मीनू की चूत पर लंड को रगड़ते हुए आगे पीछे हो रहे थे।
जब मीनू से रुका नहीं गया तो उसने मामा की टांगों के नीचे हाथ ले जाकर उनका लंड पकड़ा और उसको अपनी चूत में डलवा लिया. मामा भी तैयार थे.
लंड अंदर जाते ही मीनू ने फिर से मामा को चूमना शुरू कर दिया और मामा मेरी बहन की चूत में धक्के लगाने लगे. मीनू चुदने लगी और मामा मेरी बहन की चुदाई करने लगे.
मैं ऐसा भाई था जो अपनी बहन को अपने मामा से चुदते हुए वहीं खड़ा खड़ा देख रहा था. मगर मुझे मजा आ रहा था. मैं वहीं पर खड़ा हुआ उनकी चुदाई देखता रहा और अपने लंड को सहलाता रहा।
जब जब मीनू आह्ह … आह्ह … करके मामा की गांड पर टांगें लपेट रही थी तो मेरे लंड पर मेरे हाथ की पकड़ और ज्यादा तेज हो जाती थी.
मुझसे भी रुका नहीं जा रहा था और मैं मुठ मारे जा रहा था।
मीनू भी अब अपनी गाँड को नीचे से हिला रही थी. मामा उसको पेलने में लगे हुए थे.
मीनू भी मामा के बालों को सहलाते हुए उनको चूम रही थी. मामा की गांड तेजी से ऊपर नीचे हो रही थी.
अब मीनू मामा के नीचे दोनों पैर खोलकर लेटी थी और मामा अपनी पूरी ताक़त से उसकी चूत पर अपने लण्ड का प्रहार कर रहे थे, चूत भी लण्ड को झट से अंदर कर लेती थी।
मामा जी के हर धक्के के साथ मीनू के चेहरे पर दर्द और आनंद के मिले जुले भाव आ रहे थे। कुछ देर तक इसी तरह चोदने के बाद अब मामा ने चुदाई रोक दी.
अब मीनू के दोनों पैरों को मामा ने अपने कंधे पर रख लिया. इससे मीनू की चूत ऊपर आ गयी. मामा ने फिर से लंड को चूत पर टिकाया और एक धक्का दे दिया.
फिर से मीनू की चीख निकली जिसे मामा ने अपने हाथ से दबा दिया और फिर पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया.
अब मामा ने फिर से पेलमपेल चालू कर दी और मीनू की चूत में फिर से लंड के धक्के लगाने लगे। कुछ देर के बाद मीनू फिर से मजे में सिसकारने लगी- आह्ह … आआह् … चोदो … आह्ह … चोदो मामाजी … आह्ह … और जोर से … आह्ह आईई … आह्ह स्स … चोदते रहो।
मामा जोर से उसके बूब्स को मसल रहे थे और दूसरे हाथ से उसकी टांगों को थामे हुए उसकी चूत को पेल रहे थे. वो भी मजे से चुद रही थी.
मेरा वीर्य भी निकलने वाला था. मैं तेजी से अपने लंड की मुठ मार रहा था.
बहुत मजा आ रहा था इस नजारे में … सामने मेरी नंगी बहन चुद रही थी और मैं अपने लंड को सहलाकर इस मजे को दोगुना कर रहा था.
अब मामा के झटके और भी गहरे हो गये. मीनू की कमसिन चूत अब मामा के धक्के झेल नहीं पा रही थी. वो दर्द में कराहने लगी. वो चिल्लाती, इससे पहले मामा ने उसके मुंह पर हाथ रख लिया और उसी स्पीड से पेलते रहे।
अब मीनू के चेहरे पर दर्द साफ देखा जा सकता था. मामा चोदने में मग्न थे।
फिर मीनू ने अपनी टांगों से मामा की गांड को कस कर पकड़ लिया; उसकी टांगें मामा की गांड पर लिपट गयी थीं।
मीनू का बदन एकदम से अकड़ गया और वो मामा से चिपट गयी।
ये देखकर मेरा वीर्य निकलने को हो गया. मगर मैं झड़ना नहीं चाहता था।
इतने में ही मामा ने भी दो चार धक्के लगाये और वो भी रुकने लगे।
धीरे धीरे मामा की स्पीड एकदम से कम हो गयी और वो मीनू के ऊपर ढेर हो गये. वो दोनों ही झड़ चुके थे शायद.
इधर मेरा माल निकलने के कगार पर था, मैंने अपना हाथ वहीं रोक दिया. मैं सतर्क हो गया था।
मामा ने अपना सारा रस मीनू की चूत में ही छोड़ दिया था। मामा भांजी की चुदाई संपन्न हो गयी. दो मिनट बाद वो दोनों अलग हुए। उन्होंने अपने अपने कपड़े पहने.
और फिर मैं चुपके से वहां से आ गया. मैं धीरे से दबे पांव ऊपर छत पर आकर लेट गया. मैं लेटकर सोने का नाटक करने लगा.
मुझे लेटे हुए एक मिनट ही हुआ था कि तभी मौसी ने करवट ली और मेरी तरफ हो गयी।
वो एकदम से बोली- देख आया मामा भांजी की चुदाई? मैं एकदम से चौंक गया. मैंने कहा- मौसी, मैं तो नीचे पेशाब करने गया था.
उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपने बूब्स को मेरे हाथ से दबवाते हुए बोली- इतना भोला क्यों बन रहा है रे? जो तूने आज देखा है वो मैं कई बार देख चुकी हूं. मुझे सब पता है कि भैया मीनू को चोदते हैं।
इतना कहना था कि मौसी ने मेरा लंड पकड़ लिया और मेरी लोअर के ऊपर से सहलाने लगी। मेरा लंड पहले से ही अकड़ा हुआ था.
मौसी ये देखकर खुश हो गयी और बोली- तू भी जवान हो गया है।
ये बोलकर मौसी ने मेरी लोअर मेरे अंडरवियर समेत नीचे कर दी और मेरे लंड को मुंह में भर लिया. मैं सोच नहीं पा रहा था कि ये सब क्या चल रहा है यहां.
मौसी मेरे लंड को जोर जोर से चूसने लगी. मैं बहन की चुदाई देखकर पहले ही अपने चरम पर पहुंच चुका था. मैं कुछ विरोध नहीं कर पाया और मजे से लंड को चुसवाने लगा.
मगर दो मिनट में ही मेरा माल मौसी के मुंह में निकल गया. मेरे लंड को चूसते हुए मौसी मेरे माल को भी पी गयी.
तभी किसी के पैरों की आहट हुई और हम दोनों अलग होकर जल्दी से लेट गये. मैंने लोअर ऊपर खींच ली और दोनों सोने का नाटक करने लगे.
मामाजी और मीनू दोनों ही बारी बारी से ऊपर आ गये और अपनी अपनी जगह पर लेट गये.
दोस्तो, ये थी मेरी आंखों देखी मेरी बहन की चुदाई की कहानी। आपको ये मामा भांजी की चुदाई कैसी लगी मुझे जरूर बताना. आपका रेस्पोन्स अच्छा रहा तो जल्द ही मेरी और मौसी की चुदाई स्टोरी भी आपके लिए लेकर आऊंगा।
मेरा ईमेल आईडी है [email protected]
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