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मैंने समीर को बताया कि मैं भोपाल तीन दिन के लिए आया हूँ और पूरी कोशिश करूँगा कि श्रुति समीर से चुदवा ले, पर बदले में समीर को भी मेरी मदद करनी होगी रोशनी की चूत दिलवाने में।
मुझे पहले तो लगा था की समीर अपनी माँ की चुदाई की बात सुनकर कहीं भड़क ना जाए पर श्रुति की चूत की आस में वो समझ ही नहीं पाया कि मैं क्या चाहता हूँ।
लगभग चार बजे तक वो मुझ से बातें करता रहा और फिर सो गया पर मेरी नींद तो मेरी नीयत की तरह ख़राब हो गई थी, मेरे दिमाग में तो रोशनी और श्रुति की चूत के सपने घूमने लगे थे। करीब पाँच बजे घर में कुछ हलचल सी महसूस हुई। पानी आ गया था और रोशनी नाईट सूट में ही पानी की बाल्टियाँ और दूसरे बर्तन भर रही थी। मैं उठ कर उसके पास जाकर खड़ा हो गया। उसका ध्यान अभी पानी की तरफ ही था, मैंने थोड़ा खांस कर रोशनी को बोला- सुनिए.. ये बाथरूम किस तरफ है?
मेरी आवाज सुनकर वो थोड़ा घबरा सा गई और एकदम से मुड़ी तो थोड़ा सा फिसल गई। ऐसा नहीं था कि वो फिसल कर गिरने वाली थी पर फिर भी मैंने मौका छोड़ना ठीक नहीं समझा और झट से उसकी बाजू पकड़ के दूसरा हाथ उसकी कमर में ऐसे डाला जैसे कि मैं उसको गिरने से बचा रहा हूँ। वैसे वो शायद ना गिरती पर मेरे बाजू पकड़ने से उसका बैलेंस बिगड़ गया और वो सीधा मेरे ऊपर गिर गई। मैंने भी अपनी मजबूत बाहों में रोशनी के खूबसूरत बदन को समेट लिया।
देखने में बिल्कुल किसी फिल्म का सीन लग रहा था। रोशनी ने अपने आप को छुड़वाने की कोशिश की तो मुझे एहसास हुआ कि क्या हो रहा है। रोशनी ने मेरी बाहों से छुट कर मुझे धन्यवाद कहा तो मेरे मुंह से सिर्फ इंतना निकला- रोशनी जी, आप बहुत खूबसूरत हैं।
मेरी बात सुन कर वो चौंक गई। एक बार तो मैंने रोशनी के चेहरे पर गुस्से के भाव देखे पर अगले ही पल वो मुस्कुराई और एक बार फिर से उसने मेरा धन्यवाद किया। मैंने फिर से रोशनी को बाथरूम के बारे में पूछा तो वो मुझे बाथरूम तक छोड़ने मेरे साथ ही चल दी। बाथरूम मकान के पिछले हिस्से में था। वो मेरे आगे आगे चल रही थी और उसकी मटकते चूतड़ देख कर मेरा मन मचल रहा था। रोशनी ने मुझे बाथरूम बताया और वापिस जाने लगी। मुझे ना जाने क्या सूझी की मैंने रोशनी का हाथ पकड़ा और उसको अपनी तरफ खींचा, वो एकदम से सकपकाई और दबी आवाज में बोली– यह आप क्या कर रहे हैं, छोड़िये मुझे।
मैं अपनी भावनाओं पर काबू करने में असमर्थ महसूस कर रहा था, मैंने रोशनी को बाहों में भर लिया और एक हाथ से उसकी बड़ी सी चूची को हाथ में पकड़ कर मसल दिया। मेरी इस हरकत से वो घबरा सा गई थी और मेरी पकड़ से छूटने का प्रयत्न करने लगी, वो बोल कुछ नहीं रही थी, बस छूटने के लिए हाथ पैर मार रही थी।
मैंने भी मजबूती से उसकी कमर को पकड़ा हुआ था और दूसरे हाथ से उसकी नारियल के आकार की चूची को मसल रहा था। ‘छोड़ो तो प्लीज… कोई आ गया तो बहुत बदनामी हो जायेगी।’
मैंने रोशनी की बात को अनसुना कर दिया और उसका सर पकड़ कर अपने होंठ रोशनी के होंठों पर रख दिए। होंठों से होंठ मिलते ही रोशनी का शरीर जैसे समर्पण के लिए तैयार हो गया, उसका अपने आप को छुड़वाने का प्रयास एकदम से लगभग खत्म सा हो गया था। मैंने रोशनी को बाथरूम के अन्दर खींच लिया और दिल से उसके रसीले होंठों का रसपान करने लगा। दूसरा हाथ रोशनी के नाईट सूट के अन्दर डाला और उसकी चूची को पकड़ कर मसलने लगा। नंगी चूची पर मेरे हाथ का एहसास मिलते ही रोशनी मुझसे लिपट गई। समर्पण हो चुका था पर बाकी सब कुछ करने के लिए यह जगह उपयुक्त नहीं थी। चुदाई ना सही फ़िलहाल ऊपरी मजे ही ले लिए जाएँ… यह सोच कर मैंने रोशनी के नाईट सूट का कमीज ऊपर उठाना शुरू किया तो पहले तो रोशनी ने थोड़ा विरोध किया पर फिर बदन एकदम से ढीला छोड़ दिया।
कमीज ऊपर करने के बाद जब रोशनी की गोल गोल नारियल के आकार की चूचियों को देखा तो देखता ही रह गया। एकदम गोरी गोरी बड़ी बड़ी सुडौल चूचियाँ मेरे सामने थी जिनके निप्पल एकदम से तन कर कड़क हो चुके थे। यह निशानी थी कि रोशनी की चूत को अब लंड की जरूरत थी।
मैंने रोशनी की चूची को मुंह में लेकर चूसना शुरू किया तो रोशनी खुद अपनी चूची को पकड़ कर मेरे मुंह में देने लगी। मैं जीभ घुमा घुमा कर मस्ती में चूची चूसने का आनन्द ले रहा था। लंड महाराज पेशाब के जोर में दर्द करने लगे थे, मैंने चूची छोड़ी और रोशनी को अपने से अलग किया। रोशनी ने पूछा- क्या हुआ? तो मैंने पेशाब का बोला तो वो बाथरूम से बाहर जाने लगी।
मैंने उसका हाथ पकड़ कर उसको वही रुकने को कहा और अपने लोअर को नीचे करके अपने तनतनाये हुए लंड को बाहर निकाला तो देखते ही रोशनी के मुंह से जो शब्द निकले वो हर चूत का रसिया सुनने के लिए बेक़रार रहता है।
‘हाय राम… इतना बड़ा…!’ कह कर उसने शर्माते हुए अपने मुंह पर हाथ रख लिए।
पेशाब का बहुत जोर हो रहा था तो मैंने लंड हाथ में पकड़ा और मूतने लगा। लंड से मोटी धार निकली जिसे रोशनी अपनी उँगलियों के बीच की जगह से देखती रही।
रोशनी वाली लाइन अब क्लियर थी। मैंने रोशनी को बेडरूम में चलने को कहा तो उसने बताया कि उसके बेडरूम में श्रुति भी सो रही है। मैंने उसे समीर के बेडरूम में चलने को कहा तो वो घबरा कर बोली- समीर के कमरे में डर लगता है, कही समीर उठ कर आ गया तो मुसीबत हो जायेगी। मैंने उसे समझाया कि कुछ नहीं होगा और अगर कुछ होता भी है तो मैं सब संभाल लूँगा।
वो डरते डरते मेरे साथ समीर के बेडरूम में आ गई। बेडरूम में घुसते ही मैंने रोशनी को बाहों में भरा और उसका नाईट सूट उतारने लगा। वो पूरे कपड़े उतारने से मना कर रही थी पर मैं रोशनी के गदराये बदन को पूरा नंगा देखना चाहता था तो मैंने बिना देर किये रोशनी के बदन से पूरा नाईट सूट अलग कर दिया।
रोशनी का रंग एकदम गोरा गोरा था, गोरा गोरा नंगा बदन देख कर लंड फिर से अकड़ कर सलामी देने लगा। रोशनी की चूत पर बहुत घनी झांटें थी जिनसे चूत पूरी तरह से ढकी हुई थी… तनी हुई बड़ी बड़ी चूचियाँ सपाट पेट केले के तने जैसी मस्त चिकनी टाँगें और झांटों से ढकी चूत सामने देख कर चूत चोदने की भूख जाग उठी थी।
मैंने भी झट से अपना लोअर नीचे किया और रोशनी का हाथ पकड़ कर लंड पर रख दिया। रोशनी खुद ही आगे बढ़ी और उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए। उसके हाथ मेरा लंड सहला रहे थे और उसके होंठ मेरे होंठों की प्यास बुझाने की कोशिश कर रहे थे।
इसी बीच मेरा एक हाथ उसकी चूची को मसलने और दूसरा उसकी चूत को सहलाने में व्यस्त हो चुका था।
थोड़ी देर ऐसे ही मजे लेने के बाद मैंने रोशनी को समीर के बेड पर लेटाया और दोनों टाँगें ऊपर करके उसकी झांटों में छुपी चूत की खुशबू लेने लगा। झांटों को साइड में करने के बाद नीचे से लाल लाल चूत के दर्शन हुए… चूत पूरी गीली थी और भरपूर पानी छोड़ रही थी, चूत से निकले पानी से झांटें भी गीली हो गई थी।
मैंने झांटे साइड में की और अपनी जीभ रोशनी की चूत के ऊपर को उभरे हुए दाने पर रख दी। जीभ का एहसास पाते ही रोशनी सीत्कार उठी और उसकी चूत ने ढेर सारा पानी उगल दिया। वो उतेजना को सम्भाल नहीं पाई थी। चूत का रस बहुत स्वादिष्ट था, मैं सारा चाट गया।
चूत चाटने के बाद मैं उठा और मैंने अपना लंड रोशनी के होंठों से लगाया तो उसने चूसने से मना कर दिया। रोशनी के मुताबिक़ उसने पहले कभी लंड चूसा नहीं था।
बहुत जोर देने पर भी वो चूसने को राज़ी नहीं हुई और बोली– राज जी, जो करना है जल्दी से कर लो, अगर बच्चे उठ गए तो मुसीबत हो जायेगी। मैंने भी घड़ी की तरफ देखा तो छ: बजने वाले थे, मैंने भी देर करना उचित नहीं समझा और अपना लंड रोशनी की चूत पर रख दिया और सुपाड़ा चूत पर रगड़ने लगा। रोशनी लंड को चूत के अन्दर लेने के लिए बेचैन हो रही थी। तभी तो वो बार बार गांड उछाल उछाल कर लंड को चूत में घुसाने की कोशिश कर रही थी। चार साल से प्यासी चूत अब लंड मांग रही थी।
‘अब डाल भी दो मेरे राजा… क्यों तडपा रहा है। डाल दे जल्दी से नहीं तो मर जाऊँगी।’ रोशनी लंड लेने को बेचैन थी और मैं उसको जानबूझ कर तड़पा रहा था।
रोशनी लगभग गिड़गिड़ा कर बोली– बहनचोद, अब डाल दे अन्दर।
रोशनी के मुख से गाली सुनते ही मैंने एक जोर दार धक्का लगाया और आधे से ज्यादा लंड रोशनी की चूत में उतार दिया।
रोशनी एकदम से चिल्ला उठी… वो तो मैंने समय पर उसके मुंह अपने होंठों से बंद कर दिया, नहीं तो उसकी चीख आधे भोपाल को हिला देती। रोशनी बहुत लम्बे अरसे से चुदी नहीं थी तो चूत थोड़ी टाइट हो गई थी। और फिर अपना लंड भी तो मस्त पहलवान था, चूत की बैंड तो बजनी ही थी।
‘आराम से कर ना बहनचोद… चूत फाड़ने का इरादा है क्या? साले ऐसे चोदेगा तो दो दिन में ही भोसड़ा बना देगा तू तो!’
मैंने उसकी बात अनसुनी की और एक और धक्का लगा कर लगभग पूरा लंड रोशनी की चूत में बैठा दिया, फिर बिना रुके ही एक और जोरदार धक्के के साथ पूरा लंड चूत के अन्दर था, लंड सीधा बच्चादानी से जाकर टकराया था, रोशनी चिंहुक उठी थी।
उसके बाद तो जैसे कमरे में भूचाल आ गया। मैं अपनी पूरी मस्ती में रोशनी की चूत चोदने लगा और रोशनी भी अपनी मोटी गांड उछाल उछाल कर लंड चूत में लेने लगी। दस मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद रोशनी की चूत झम झम करके झड़ने लगी और उसका बदन ढीला पड़ गया।
मैंने रोशनी को घोड़ी बनाया और पीछे से लंड दुबारा उसकी चूत में उतार दिया और लगभग बारह मिनट की जबरदस्त चुदाई की। रोशनी दो बार झड़ गई थी इस दौरान। अब मेरा लंड भी रोशनी की चूत की प्यास बुझाने के लिए तैयार था, मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी। करीब दो मिनट और चोदने के बाद मेरे लंड ने गर्म गर्म लावा रोशनी की चूत में भरना शुरू किया तो माल की गर्मी से रोशनी एक बार फिर झड़ गई थी।
माल निकलते ही मैं रोशनी के ऊपर ही लेट गया। पाँच मिनट के बाद रोशनी ने मुझे अपने ऊपर से उठाया और मेरे गले लग के चुदाई के लिए मुझे धन्यवाद कहा। मैंने भी उसके होंठों पर चुम्बन किया और उसको चूत के लिए धन्यवाद कहा। कहानी जारी रहेगी। [email protected]
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