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हाय मेरा नाम बिन्दू साक्षी है, मेरी शादी आज से 3 साल पहले विमल से हुई थी। विमल मेरी माँ की सहेली का बेटा है.. वो एक बिजनेस कंपनी में जॉब करता है और अक्सर टूर पर रहता है।
हमारी सेक्स लाइफ ठीक-ठाक ही चल रही थी। शादी से पहले मैं बिल्कुल कुँवारी थी.. यानि किसी मर्द ने मुझे चोदा ना था। मेरा रंग गोरा है.. कद 5 फीट 5 इंच और जिस्म भरा हुआ है.. मेरी चूचियाँ 36 सी नाप की हैं.. चूतड़ों का उभार 36 इंच और बलखाती हुई कमर 28 इंच की है।
शादी से पहले मेरी एक सहेली थी शशि.. जो की मेरी सहेली भी थी और विमल की रिश्ते की चचेरी बहन भी थी।
शशि की शादी आज से दो साल पहले अविनाश से हुई थी.. अविनाश भी टूरिंग जॉब पर रहने वाला बन्दा था। शशि एक चालू लड़की थी.. जिसका कई लड़कों के साथ अफेयर चल रहा था। उसकी ससुराल दिल्ली में थी.. लेकिन अब उसके पति का ट्रान्स्फर हमारे शहर यानि गुड़गाँव में ही हो गया था।
उसका ट्रांसफर जब होने वाला था उससे पहले.. एक दिन मुझे शशि का फोन आया- साली बिन्दू.. मैं तेरे शहर आ रही हूँ.. खूब मज़े करेंगे दोनों.. अगर विमल भैया से मन भर गया हो.. तो मेरे पास बहुत हट्टे-कट्टे मुस्टंडे यार हैं.. जो मेरी तस्सली खूब अच्छी तरह करवाते हैं.. अगर विमल भैया के लंड से बोर हो गई हो.. तो बता देना.. मैं इस इतवार को ही पहुँच रही हूँ.. मेरा एड्रेस लिख लो.. वहीं मिलते हैं.. और बता.. विमल भैया का 6 इंच का लंड अभी तक तुझे खुश रख रहा है या नहीं?
मैं शशि की बात सुन कर शरम से लाल हो रही थी और कहीं विमल ना सुन ले.. इस लिए बोली- अच्छा यार.. मिलते हैं..
‘क़िसका फोन था.. बिन्दू..?’ विमल ने पूछा। ‘मेरी सहेली और आपकी बहन शशि का.. वो बता रही थी कि अविनाश का ट्रान्स्फर भी गुड़गाँव में हो गया है.. जल्द ही वो यहाँ रहने आ रहे हैं।’
अचानक ही मेरी नज़र विमल की पैन्ट के सामने वाले हिस्से पर गई.. जहाँ मुझे नज़र आ रहा था कि उसका लंड खड़ा हो रहा था।
‘अच्छा.. तब तो अच्छा है.. तेरी सहेली आ जाएगी और तेरा मन भी बहल जाएगा.. शशि बहुत हँसमुख लड़की है.. अच्छी कंपनी मिल जाएगी हम लोगों को..’ विमल स्वभाविक होकर ही बात कर रहा था लेकिन मुझे लगा कि वो शायद शशि के प्रति आकर्षित हो रहा है।
मेरी आँखों के सामने शशि का मांसल जिस्म उभर आया.. मेरी सहेली के नितंब भरे हुए थे.. जिनको अक्सर मैंने अपने पति को निहारते हुए देखा था।
आज कल मेरी और विमल की सेक्स लाइफ बोरियत भरी हो चुकी थी.. लेकिन शशि के नाम पर मेरे ठरकी पति का लंड तन गया था। खैर.. देखेंगे क्या होता है..
मेरे घर में मेरी माँ और छोटा भाई संजय हैं.. संजय 20 साल का है और माँ का नाम रजनी है.. जो कोई 46 साल की हैं। पिता जी का देहांत हो चुका है.. शशि के घर में उसका भाई जिम्मी था।
इतवार के दिन मैं और विमल.. शशि से मिलने गए।
शशि ने बहुत टाइट जीन्स पहनी हुई थी जिससे उसके नितम्ब बहुत उभरे हुए थे। ब्लू जीन्स के ऊपर उसने सफेद टी-शर्ट पहनी हुई थी.. जिसमें से उसके भारी वक्ष बाहर आने को तड़प रहे थे। उसके निप्पल कपड़े से बाहर निकलने को बेताब दिख रहे थे।
‘विमल भैया.. कैसे हो.. अपनी शशि की कभी याद नहीं आई.. भैया.. ऐसा लगता है.. आप तो हमको भूल ही गए.. लगते हो।’ ये कहते हुए शशि मेरे पति के गले लग गई और विमल ने उसको अपने आलिंगन में ले लिया। दोनों ऐसा मिल रहे थे जैसे बिछड़े आशिक मिल रहे हों..
अविनाश ने इसका बिल्कुल बुरा नहीं माना और वो मेरी तरफ बढ़ा और मैं उसकी बाँहों में समा गई।
‘जीजाजी जी.. क्या हाल हैं? आपने तो कभी फोन भी नहीं किया.. क्या बात है.. शशि ने ऐसा क्या जादू कर दिया है.. जो हम याद ही ना रहे.. जीजाजी जी..?’ जीजा साली आपस में गले मिले !
अविनाश ने मुझे अपने आलिंगन में लेकर प्यार से मेरी पीठ पर हाथ फेरा।
‘क्या बताऊँ बिन्दू.. काम में इतना व्यस्त हो गया था.. कि टाइम ही नहीं मिला.. अब आराम से मिलेंगे.. बस इस हफ्ते मुझे टूर पर जाना है.. फिर अगले हफ्ते मैं फ्री हूँ.. विमल भैया.. क्या आप फ्री होंगे अगले हफ्ते? यार पार्टी करेंगे.. इसी बहाने हमारी बीवियाँ खुश हो जाएँगी और हम भी दो-दो पैग पी लेंगे।’
विमल हंस कर बोला- ठीक है.. मैं भी इस हफ्ते टूर कर लेता हूँ और अगला हफ़्ता फ्री रख लेता हूँ।
मैंने देखा कि विमल का हाथ शशि की चूचियां पर रेंग रहा था.. उधर अविनाश ने भी मेरी चूचियां को अंजाने में दबा दिया।
मेरे जिस्म में एक करेंट सा लगा और मैं थरथरा सी गई.. थोड़ी देर में विमल और अवी पीने लग पड़े और हम दोनों सहेलियां गप्पें मारने में लग गईं।
‘अब बता.. मेरी बन्नो.. कोई नया यार बनाया कि नहीं.. और या फिर सिर्फ़ भैया से ही चुदवा रही है? भैया तो नए शिकार की तलाश में लग रहे हैं.. बिन्दू.. मेरी रानी.. मर्द एक औरत से बंध कर नहीं रह सकता..’
मैं हंस कर बोली- और तेरे जैसी चालू लड़की एक मर्द से खुश नहीं रह सकती.. अब यहाँ मेरे पति को पटाने आई है? साली.. याद रखना.. विमल तेरा भाई भी है.. कहीं अपनी आदत से मजबूर हो कर मेरे पति को बहनचोद ही ना बना देना.. वर्ना मैं भी तेरे पति को पटा लूँगी..’
शशि मेरे गले में बाँहें डालती हुई बोली- बिन्दू.. मेरी रानी.. तेरा पति तो है ही बहनचोद.. ना जाने कब से बहन-बहन बोल कर मेरे साथ ठरक करता रहा है.. अभी भी भैया मेरी चूचियों पर हाथ फेर रहे थे.. और फिर मर्द का कोई धर्म नहीं होता.. जहाँ औरत देखी.. ये लोग चोदने का प्लान बना लेते हैं। अविनाश कौन सा कम है.. अगर मौका मिले तो अभी तुझे चोद डाले.. मर्द ज़ात तो होती ही है कुत्ता.. और मैं हूँ सेक्स से भरी हुई कुतिया.. जिसकी तसल्ली एक लंड नहीं करवा सकता.. खैर छोड़.. मेरी जान तू बता.. कोई यार बनाया है कि नहीं?’
मैंने बता दिया कि विमल के साथ सेक्स में अब वो मज़ा नहीं रहा.. लेकिन मैंने कोई यार नहीं बनाया.. बनाती भी किसे?
‘यार मैं तो चुदाई की भूखी हूँ और अगर तू भी असली औरत है.. तो तेरा भी मन तरह-तरह के लंड लेना चाहता होगा.. हम ऐसा करेंगे कि तू अवी को पटा लेना और मैं विमल भैया को पटा लूँगी.. एक-एक बार चुदवा कर हम परमानेंट स्वैपिंग करने का माहौल बना लेंगे। जब अवी तुझे और विमल मुझे चोदना चाहेगा.. तो हम दोनों ये काम खुल्लम-खुल्ला करने की शर्त रखेंगे.. बस फिर तो सब हमाम में नंगे हो जाएँगे.. उसके बाद हमारी चाँदी हो ज़ायगी मेरी रानी.. दिल्ली में मेरे यार रघु.. जगन.. वीरू और शाहिद रहते हैं.. सभी के साथ ऐश करवाऊँगी तुझे.. रघु और जगन का तो 10-10 इंच का लौड़ा है.. मेरी जान चुदाई क्या होती है.. तुझे सब पटा चल जाएगा.. तेरी चूत का भोसड़ा ना बन जाए तो कहना..’
मैं तो शशि की बात सुन कर दंग ही रह गई.. मेरी चूत से भी पानी बहने लगा और मुझे अपनी चूचियों पर अवी जीजाजी के हाथ अब भी स्पर्श करते महसूस होने लगे।
‘शशि.. साली तू बहुत गंदी है.. बिल्कुल रंडी.. एकदम कुतिया.. तू पटा लेगी विमल को?’
शशि तैश में आकर बोली- साली.. अगर शर्त लगाएगी.. तो 5 मिनट में विमल को बहनचोद ना बना दिया.. तो मेरा नाम बदल देना.. अभी बोल.. वो 5 मिनट में वो मुझे चोदेगा भी.. और दीदी भी बोलेगा.. तू घबरा मत.. बस अपने जीजाजी को पटाने की सोच.. खैर.. एक प्लान है मेरे पास.. हम भी अन्दर जा कर शराब पी लेते हैं.. और नशे का बहाना बना कर.. आज ही पति बदलने का काम कर लेते हैं..’
मैं कुछ समझ ना सकी तो बोली- वो कैसे? शशि बोली- ये मुझ पर छोड़ दे.. अब चल.. मैं मन्त्र-मुग्ध सी उसके पीछे चल दी।
हम दोनों जब अन्दर गईं.. तो शशि शरारत से बोली- अवी.. यार हम को भी महफ़िल में शामिल नहीं करोगे? भैया.. क्या हमको शराब ऑफर नहीं करोगे?
शशि जानबूझ कर अपनी गाण्ड मटकाती हुई विमल के सामने गई और बैठ कर उसकी जांघों पर हाथ फिराती हुई बात करने लगी। मेरा पल्लू भी सरक गया और अवी मेरे नंगे उरोज़ एक भूखे जानवर की तरह देखने लगा।
‘मेरा भी मन कर रहा है कि मैं एक पैग पी ही लूँ.. पीना कोई मर्दों का ही अधिकार नहीं है.. क्यों जीजू?’ ये कहते हुए मैं आगे की तरफ और झुक गई.. जिससे मेरी चूचियां अवी के सामने पूरी नंगी हो गईं।
उधर विमल ने भी शशि को अपनी तरफ खींच लिया और शशि ने अपना सिर उसके सीने पर रख दिया।
‘मुझे कोई एतराज़ नहीं.. अगर तुम लोग पीना चाहते हो.. क्यों अविनाश.. हो जाए थोड़ी सी मस्ती? लेकिन मेरी बहना.. कहीं पी कर बहक मत जाना..’
शशि ने भी अपनी बाँहें विमल के गले में डालते हुए कहा- भैया.. अगर बहक भी गई तो क्या होगा..? यहाँ मैं आपकी बहन हूँ और बिन्दू लगती है.. अवी की साली.. भाई-बहन में कोई भेद होता नहीं और साली तो होती ही आधी घरवाली.. क्यों अवी?’
वो बस हंस पड़ा और मेरे कंधों पर हाथ फेरने लगा। मेरा बदन अब सेक्स की आग से जलने लग पड़ा था।
‘भैया.. हमको भी दो ना.. मैं गिलास ले कर अभी आई..’
शशि रसोई से गिलास लेने चली गई.. जब वो चल रही थी.. तो विमल बिना किसी शरम के शशि के मादक और ठुमकते हुए चूतड़ों को निहार रहा था और ये अवी भी देख रहा था।
‘विमल यार तू तो बहुत बेशरम हो गया है, बहनचोद.. अपनी बहन की ही गाण्ड घूर रहे हो? साले.. शशि मेरी पत्नी है..। तेरी बिन्दू यहाँ है.. उसको देख अच्छी तरह..’
विमल भी हंस कर बोला- अवी.. मेरे यार.. यारों में तेरा क्या और मेरा क्या.. जो मेरा है.. वो तेरा है और जो तेरा है.. वो मेरा है.. अब तेरी पत्नी पर मेरा भी तो कुछ हक है कि नहीं? जब तू बिन्दू को आलिंगन में ले रहा था तो मैंने कुछ बोला? यारों में सब कुछ बाँट लिया जाता है.. अगर किसी को एतराज़ ना हो.. चल एक और पैग बना.. आज का दिन यादगार बना देते हैं..’
यह मदमस्त कहानी आपके जिस्मों की उत्तेजना को और बढ़ाएगी.. बस अपने हाथ चलाते रहो.. और झड़ जाओ तो जल्दी से कमेन्ट लिख देना.. प्लीज़.. [email protected]
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