This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
मेरा नाम राज है और मेरी उम्र 24 साल है। मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। मैंने अन्तर्वासना की लगभग सभी कहानियाँ पढ़ी हैं। मैं आपके सामने अपनी पहली कहानी को प्रस्तुत करने जा रहा हूँ। यह कहानी मेरे जीवन की सच्ची कहानी है। मुझे आशा है कि आपको मेरी कहानी अच्छी लगेगी। यह बात उन दिनों की है जब मेरी शादी की तारीख तय हो गई थी। हमारे परिवार के दो घर हैं.. हम पहले हमारे पुराने घर पर रह रहे थे। जब शादी की तारीख तय हो गई तो मेरे घर वालों ने नए मकान में जाने की सोची क्योंकि मेरे पुराने घर में जगह बहुत कम थी.. जिससे शादी में आने वाले मेहमानों को होने वाली परेशानी से से बचने के लिए नए घर पर ही ठहराया जा सके।
जब मेरे नए घर का काम चल रहा था.. तब मेरे नए घर के पास एक लड़की रहती थी.. जिसका नाम रिचा है। रिचा देखने में एक सुन्दर व बहुत ही स्मार्ट लड़की थी.. जिसके शरीर को मानो भगवान ने बड़ी ही फुरसत से बनाया हो।
उसकी लम्बाई.. जिस्म की कसावट.. सभी एकदम मस्त था। मैं रिचा को बहुत चाहता था और रोज रात को सपने में रिचा की गांड मारता था।
बहुत ही जल्दी किस्मत ने करवट ली और जब मैं एक दिन मैं अपने नए घर पर कुछ काम कर रहा था.. तभी रिचा वहाँ पर आई और उसने मेरी ओर इशारा करके एक चिठ्ठी फेंक दी और वहाँ से भाग गई। मैंने वो कागज उठाया और उसे पढ़ा तो मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था कि ये सब रिचा ने लिखा है। उसने लिखा था- मैं आपको बहुत ही चाहती हूँ.. पर मैं आज बड़ी हिम्मत से आप को ‘आई लव यू’ कह रही हूँ.. अगर आप का जवाब ‘हाँ’ है.. तो मुझे मिस काल कर देना और यदि आपका जवाब ‘ना’ है.. तो मेरी नादानी समझ कर मुझे माफ कर देना तुम्हारी प्यारी रिचा..
अब मेरे मन में उसको पाने की चाह थी.. मैंने तुरन्त ही उसके नम्बर पर मिस काल कर दी.. तो उसने मुझे वापस फोन करके ‘थैंक्स’ कहा। मैंने उसे वापस मेरे पास आने को कहा.. तो उसने मुझे थोड़ी देर बाद आने की बात कही। थोड़ी देर बाद वो मेरे पास आई तो मैंने उससे कहा- तुम्हारे मन में कब से ये राज कैद है? तो उसने कहा- बहुत समय से.. पर मैं आप से डरती थी.. पर मैंने आपकी शादी से पहले आपको ये बताना उचित समझा.. नहीं तो ये राज.. राज ही रह जाता और मेरे आपके मन में हमेशा के लिए यह प्यार मर जाता.. इसलिए मैंने बड़ी हिम्मत से आपको बताया है।
मैंने भी उससे ‘आई लव यू’ कही। फिर मैंने उससे पूछा- हम लोग प्यार करने के लिए कब मिल रहे हैं? तो उसने कहा- हम लोग आज रात को ही मिल सकते हैं। मैं रोज अपनी छत पर सोती हूँ। यदि आज रात को अपने भैया की जगह तुम इस घर पर सोने आ जाओ.. तो हम लोगों की ख्वाहिश आज रात को ही पूरी हो जाएगी। मैं आज भी छत पर ही सोऊँगी और तुम्हारा इन्तजार करूँगी।
मैंने भी उससे कहा- ठीक है मैं देखता हूँ। फिर वो चली गई। अब मेरे पास समस्या यह थी कि कैसे भैया की जगह मैं नए घर में सोने जाऊँ।
रात के 8 बजे घर के सभी लोगों ने खाना खाया.. तभी संयोग से मेरे भैया के दोस्त का फोन आया कि उसके पापा की तबियत बिगड़ गई और उसे साथ में बड़ोदा ले जाना है। तो भैया को उनके साथ जाना था.. भैया ने मुझसे कहा- छोटे नए घर पर बहुत सामान रखा है.. तो तू रात को वहीं पर सोने के लिए चला जाना। तो मैंने भी कहा- ठीक है भैया तुम जाओ.. मैं नए घर सोने के लिए चला जाऊँगा। मेरे मन में तो अब लड्डू फूटने लगे और मैं उसी समय नए घर पर सोने के लिए चला गया।
मैंने छत के नीचे एक बिस्तर लगा कर सारा काम जमा कर ऊपर चला गया। मैं ऊपर केवल खटिया के ऊपर ही सोया रहा.. क्योंकि बिस्तर तो मैं नीचे लगा आया था। अब मैं रिचा का इन्तजार कर रहा था कि कब वो ऊपर सोने के लिए आए।
रात के 11 बजे रिचा का भाई उसकी बहन छत पर आ गए.. वो लोग कुछ देर तक बातें करते रहे और थोड़ी देर बाद उन लोगों की आवाजें आना बन्द हो गईं.. तो मैंने रिचा को मिस काल कर दी।
वो समझ गई और रात के 12 बजे के बाद वो मेरे पास आ गई और कहने लगी- चलो जल्दी करो.. कहीं रीना और अनिल न जाग जाएं। मैं भी देर न करते हुए उसे नीचे लेकर आ गया।
अब मैं आपको उस रात को क्या हुआ बताने जा रहा हूँ। हम दोनों नीचे आ गए और वो मुझसे लिपट गई। मैंने उसे अपनी बाँहों में ले लिया और उसे उठा कर बिस्तर तक ले गया.. जहाँ मैंने पहले से ही चुदाई की व्यवस्था कर रखी थी।
उसने मुझसे कहा- राज मुझे बहुत डर लग रहा है.. कहीं रीना और अनिल जाग गए तो क्या होगा। मैंने उससे कहा- तुम डरो मत.. हम लोग जल्दी ही अपना काम कर लेते हैं। तो उसने कहा- ठीक है.. जरा जल्दी करना।
उस की बात सुनकर मैंने उसे खड़े-खड़े ही चूमना शुरू कर दिया और वो भी मुझे चूमने लगी। हम दोनों ने एक-दूसरे को चुम्बन किया और एक-दूसरे को खूब प्यार किया। उसके बाद उसने कहा- राज मुझे अब चलना चाहिए।
मैंने उसकी एक ना सुनी और अपना काम करता रहा.. वो मुझे बार-बार कहती- राज बस बहुत हो गया.. मुझे जाने दो। मैं अपने लण्ड को ठण्डा किए बगैर.. उसे कैसे छोड़ देता। मैंने उसके मम्मे दबाना शुरू किए तो उसने भी मुझे कस कर अपनी बाँहों में भर लिया फिर मैंने धीरे-धीरे उसके कपड़े उतारना शुरू कर दिए। अब वो भी मस्त होती जा रही थी और उसने मेरी पैन्ट का हुक खोल दिया और मेरी चड्डी में हाथ डाल दिया और लण्ड को सहलाने लगी। मैंने भी उसकी नाइटी ऊपर करके मम्मों को खूब सहलाया और उसके मम्मों को ब्रा से आजाद कर दिया। फिर मैंने उसकी नाइटी को धीरे से नीचे खिसका दिया और उसकी पैण्टी में हाथ डाल दिया।
तो उसने मुझसे कहा- राज अब देर ना करो और तुम्हें जो भी करना है.. जरा जल्दी करो मेरी साँसें फूली जा रही हैं।
तो मैंने भी अब ज्यादा देर न करते हुए उसे बिस्तर पर लेटा दिया और अपने सारे कपड़े उतार कर उसके ऊपर चढ़ गया। मैंने लण्ड को उसके मुँह के पास रख कर उसे मुँह में लेने को कहा तो उसने मना कर दिया। फिर मैंने अपना मुँह उसकी चूत के पास ले जाकर उसकी चूत चाटने लगा.. उसकी चूत एकदम गोरी और साफ थी।
उसकी चूत से पानी निकलने लगा और वो जोर-जोर से सिसकारियाँ लेने लगी- हा..आह.. आह.. ओ नो राज आह.. राज.. प्लीज राज कुछ करो.. मुझसे अब रहा नहीं जा रहा है राज आह.. प्लीज कुछ करो ना..
मैंने उसकी चूत चाटना जारी रखा तो उसने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपने ऊपर खींच लिया और मुझे नीचे धक्का देकर मेरे ऊपर चढ़ गई और मेरे लण्ड को जोर-जोर से हिलाने लगी। मैंने उसका हाथ पकड़ लिया तो उसने अपने मुँह में मेरा लवड़ा लेकर उसे खूब चूसने लगी। थोड़ी देर लण्ड चूसने के बाद वह फिर से नीचे आ गई और मैं उसके ऊपर आ गया और उसके मम्मों को दोनों हाथों से दबाने लगा।
तो उसने फिर मुझसे कहा- राज अब देर मत करो प्लीज और जल्दी से पूरा लण्ड अन्दर कर दो। तो मैंने जैसे ही उसकी चूत पर अपना लण्ड रखा तो वो कहने लगी- राज मेरी नाईटी में कण्डोम रखा है.. पहले लगा लो.. फिर करना। तो मैंने उससे कहा- नहीं यार.. ये सब तुम कहाँ से उठा लाईं? तो कहने लगी- इन सब बातों का अभी समय नहीं है.. बस तुम जरा जल्दी से काम कर लो।
मैंने उसकी नाईटी से कण्डोम निकाला और लण्ड पर चढ़ा लिया और एक बार फिर से चूत के मुँह पर सुपारा रख कर उसके मम्मे सहलाते-सहलाते धीरे-धीरे से लण्ड को अन्दर धक्का देता चला गया।
जब आधा लण्ड गया तो रिचा कहने लगी- राज बहुत दर्द हो रहा है.. जरा धीरे-धीरे करो।
फिर मैंने जोर से धक्का दे दिया तो रिचा जोर से चिल्लाई और मैंने उसका मुँह दबा दिया। उसकी आँखों से पानी आ गया। मैंने उससे ‘सॉरी’ कहा तो वो कहने लगी- कोई बात नहीं.. तुम जरा धीरे से करो ना मुझे बहुत ही दर्द हो रहा है। मैं थोड़ी देर तक बिना लण्ड को हिलाए उसके ऊपर पड़ा रहा और उसके मम्मों को सहलाता रहा। वो फिर से कहने लगी- राज मेरा दर्द कम हो गया है.. तुम धीरे से करना।
मैं फिर से लण्ड को धीरे-धीरे से ऊपर-नीचे करने लगा तो उसके मुँह से आवाजें आने लगीं- आहह.. आहह.. राज.. आई लव यू.. ओह.. नो.. मैं गई राज.. आई नो.. आहह.. शायद वो झड़ गई थी।
थोड़ी देर तक मैं धीरे-धीरे से और फिर अपनी पूरी ताकत के साथ जोर-जोर से उसको चोदने लगा। वो भी मेरा हाथ पकड़ कर मेरा पूरा साथ देने लगी। फिर कुछ देर के बाद वो और मैं दोनों झड़ गए और एक-दूसरे के ऊपर ही पड़े रहे। फिर वो मुझसे कहने लगी- राज बहुत देर हो गई है.. मुझे अब जाना चाहिए।
फिर मैंने उसे कपड़े पहनाए और उसने मुझे। फिर वो मुझे चुम्बन करके चली गई और मैं भी अपना बिस्तर ऊपर लेकर आ गया। दोस्तो, आपको मेरी यह कहानी कैसे लगी, मुझे जरूर बताना। आपका राज
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000