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दोस्तो, आप सभी को मेरा नमस्कार और सभी मोटे-मोटे मस्त मम्मों वाली भाभियों आंटियों और मेरे लंड की दीवानी लड़कियों को मेरे लंड की सलामी देता हूँ। कहानी का दूसरा भाग पेश है.. इसके बाद जब हम दोनों फिर से गरम हो गए तो मैंने उसकी टाँगें फैलाईं और अपना सुपारा उसकी चूत के मुँह पर लगा दिया.. उसकी चूत गीली थी और वो भी चुदासी थी.. सो उसने मेरे लौड़े को अपनी चूत में ले लिया। उसकी एक हल्की सी ‘आह’ निकली और फिर एक-दो धक्कों में ही लवड़ा चूत की गहराइयों में गोता लगाने लगा।
बीस मिनट की धकापेल चुदाई के बाद उसने अपना रज छोड़ दिया और मुझसे लिपट गई उसके माल की गर्मी से मेरा माल भी उसकी चूत में ही टपक गया।
हम दोनों एक-दूसरे को बाँहों में भींचे हुए जीजा-साली की चुदाई की कथा बांच रहे थे।
ये अभी तक आपने मेरे पिछले भाग में पढ़ा था।
तो मित्रों.. किस तरह मैंने अपनी साली के साथ चुदाई का पहला शॉट मारा.. उसके बाद तो अभी पूरी रात ही बाकी थी।
चुदाई के बाद बात करते-करते उसने मेरे लंड को फिर से सहलाना शुरू कर दिया, फिर मेरे लंड को मुँह में भर कर चूसने लगी। मैंने भी उसको मस्त मम्मों को अपने मुँह में भर कर चूसना शुरू कर दिया। कुछ देर बाद हम दोनों फिर से गरम होने लगे। मेरा लंड एकदम लोहे की रॉड जैसा सख़्त हो गया था.. तो मैंने भी उसको पकड़ा ओर जबरदस्त तरीके से उसके मुँह में अपना मोटा ओर लंबा लंड पेलना शुरू कर दिया। वो भी किसी मंजी हुई राण्ड की तरह बड़े मज़े से मेरे लंड को अपने हलक तक लेकर चूस रही थी।
कुछ देर बाद लंड चुसवाने के बाद मैंने उसे सीधा पलंग पर लिटा दिया और उसकी दोनों टांगों को खोल कर.. उसकी चूत पर अपना मुँह रख कर.. उसकी चूत को चूसने ओर चाटने लगा।
मुझे उसकी गुदगुदी चूत चाटने में बड़ा मज़ा आ रहा था। उसकी चूत से निकलता हुआ रस.. जो उसकी चूत से होकर मेरे मुँह में जा रहा था.. जो बहुत ही मजेदार था। कुछ देर चूत चाटने के बाद मैंने उसे ऊपर की ओर उठा कर उसे उल्टा लिटा दिया और उसकी कमर को चूमने लगा।
मैंने उसे चुम्बन करते-करते.. उसकी गाण्ड को अपने दोनों हाथों से उठाकर उसे कुतिया बना दिया।
अब मैं उसकी चूत पर अपने लंड के टोपे को उसकी गाण्ड के छेद पर रगड़ने लगा। मन तो हुआ कि इस बार इसकी गाण्ड मारी जाए.. पर फिर चूत की चुदास ने मेरा मन पलट दिया तो मैंने सोचा अभी तो पूरी रात पड़ी है साली साहिबा की गाण्ड भी बजा ही लूँगा।
वो बहुत ही गर्म हो रही थी.. वो बोलने लगी- साले हरामी जीजा.. अब मत तड़पा.. घुसा दे लौड़ा और फाड़ दे मेरी चिकनी चूत को.. डाल दे भोसड़ी के.. अपना लौड़ा.. ओह्ह.. उसने अपने हाथों में मेरा लंड लेकर ज़बरदस्ती अपने भोसड़े में घुसेड़ना शुरू कर दिया।
मैंने अपने एक हाथ से उसके मम्मे को कसकर पकड़ा और एक जोरदार धक्का मारा.. मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ.. उसकी बच्चेदानी में जाकर लगा.. और उसे बहुत ज़ोर से दर्द हुआ।
वो एकदम से कलप गई.. पर उसकी चीख को मैंने अपने हाथों से उसका मुँह बन्द करके रोक लिया।
अब मैं कुछ देर के लिए रुक गया और उसके झूलते मम्मों को दोनों हाथों से पकड़कर धीरे-धीरे सहलाना शुरू किया। कुछ पलों बाद.. जब वो सैट सी हो गई.. तब मैंने फिर से धीरे-धीरे से उसकी चूत में अपना लंड पेलना शुरू किया।
कुछ ही देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा और मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। वो भी अपनी मस्त गाण्ड को खुद ही आगे-पीछे करके मेरे लंड का पूरा मज़ा लेने लगी।
अब मैं भी अपना पूरा ज़ोर लगाकर उसकी चूत को चोद रहा था। कुछ देर की चुदाई के बाद उसने अपना पानी छोड़ दिया.. जिससे मेरा लंड बिल्कुल गीला हो चुका था।
अब लौड़े की ठापों से पूरे कमरे में ‘फ़च.. फ़च..’ की आवाजें गूँज रही थीं।
करीब 20 से 25 मिनट की चुदाई के बाद वो दोबारा अकड़ गई और इस बार उसके झड़ने के साथ ही मैंने भी अपना गरम-गरम पानी उसकी चूत में छोड़ दिया।
झड़ने के बाद मैं वैसे ही उसको उल्टा लिटाकर उसके ऊपर ही लेट गया। फिर हम दोनों सीधे हुए और अगल-बगल में लेट गए।
हम दोनों की साँसें बहुत ही तेज़ी से चल रही थीं और वो मेरे होंठों को अपने होंठों में लेकर उन्हें चूसे जा रही थी। अब दोनों थक चुके थे.. तो हम दोनों कुछ देर ऐसे ही लेटे रहे और एक-दूसरे के अंगों को छेड़ने लगे।
फिर मैंने उससे पानी लाने के लिए कहा.. तो वो वैसे ही अपनी मैक्सी पहन कर चुपके से बाहर गई और मेरे लिए पानी के साथ-साथ गरम दूध भी लेकर आई।
सबसे पहले मैंने पानी पिया और फिर मैं बाथरूम में जाकर मूत कर आया..
उसने मुझे बड़ा गिलास भर कर दूध दिया। मैंने दूध पीना शुरू किया और उसने फिर से मेरे लण्ड के साथ खेलना शुरू कर दिया।
वो मेरे लंड को मुँह मे लेकर कुतिया की तरह चूसने लगी। मुझे फिर से मज़ा आने लगा और मेरा लंड फिर से चुदाई के लिए तैयार हो गया और मैंने उसको फिर से कुतिया बनाकर उसकी गाण्ड के छेद पर थूक लगाकर अपना लंड उसकी गाण्ड के छेद पर रखकर एक धक्का मारा और मेरा टोपा गाण्ड में अन्दर जाते ही उसकी ज़ोर से चीख निकल गई।
मैंने अपने हाथ से उसके मुँह को बंद कर दिया… वो दर्द के मारे रोने लगी पर मैंने रहम ना खाते हुए एक और जोरदार धक्का मारा.. जिससे मेरा पूरा लंड उसकी गाण्ड में अन्दर तक चला गया। वो मुझे अलग हटाने की कोशिश करने लगी.. पर मैंने अपना पूरा ज़ोर उसकी शरीर पर डाला हुआ था तो वो हिलने में नाकाम रही।
फिर मैंने धक्के लगाने शुरू किए.. कुछ देर लण्ड जब अन्दर-बाहर होता रहा.. तो लंड ने उसकी गाण्ड में अपनी जगह बना ली और फिर उसे भी मज़ा आने लगा।
अब वो भी मेरा साथ देने लगी। मैं अपने एक हाथ से उसकी चूत में उंगली कर रहा था और धबाधब उसकी गाण्ड को पेल रहा था।
करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद अब मैं अपने पूरे जोश में आ चुका था.. तो मैंने रफ़्तार काफ़ी तेज कर दी और वो भी अपनी गाण्ड को हिला हिला कर मुझे चुदवा रही थी.. मगर मैं झड़ने का नाम ही नही ले रहा था।
कुछ देर उसकी चुदाई के बाद मैं पलंग पर सीधा लेट गया और वो मेरे ऊपर आ गई। उसने मेरे लंड को अपने हाथों में लेकर अपनी गाण्ड के छेद पर सैट किया और मेरा लंड एक धक्के में ही सीधा अन्दर चला गया।
वो मेरे खड़े लण्ड पर बैठ कर ज़ोर-ज़ोर से उछल-उछल कर कूदने लगी।
मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था। मैं उसके दोनों चूतड़ों को हाथों में लेकर ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था।
कुछ देर बाद अब मैं अपनी चरम सीमा पर आ चुका था.. तो मैंने उसकी गाण्ड को अपने दोनों हाथों से ऊपर किया ओर ज़ोर से पेलना शुरू कर दिया।
फिर 3-4 धक्के के बाद मैंने अपना सारा माल उसकी गाण्ड में छोड़ दिया। कुछ देर वो मेरे लंड पर ऐसे ही बैठी रही और फिर मेरा लंड अपने आप सिकुड़ कर बाहर आ गया।
अब हम दोनों कुछ देर ऐसे ही लेट गए और एक-दूसरे को चूमते और चाटते रहे। फिर मैंने अपने आप को साफ़ किया और उसे एक लंबा चुम्बन करके अपने कमरे में चला गया।
उस रात मैंने उसको 3 से 4 बार पेला था। वो भी पूरी चुदक्कड़ थी उसने भी मुझे खूब चूस लिया था।
तो दोस्तो, आपको मेरी ये सच्ची कहानी कैसी लगी.. कृपया मुझे ईमेल करके ज़रूर बताएं।
फिर शादी वाले दिन क्या हुआ.. आपको मैं अपनी अगली कहानी में बताऊँगा।
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