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मैं फिर अनुराग को ढूंढने लगी कि तभी उसका लण्ड मेरे हाथों में आया और मैं उसके लण्ड को अपने मुँह में भर कर लण्ड को चूसने लगी। तभी मुझे लण्ड में कुछ फर्क महसूस हुआ तो मैंने कहा- अनुराग तुम्हारा लण्ड कुछ बदला बदला लग रहा है।
तो अनुराग ने कहा- नहीं तो रोमा डार्लिंग, चूसो लण्ड।
तो फिर मैंने कहा- तुम्हारी आवाज भी दूर से क्यूँ आ रही है?
मैंने अपने आँखों पर से रुमाल को खोल दिया। एक मिनट के लिए तो मुझे कुछ साफ साफ दिखाई ही नहीं दिया और जब दिखाई दिया तो मेरे सामने अनुराग नहीं था, मैं जिसका लण्ड चूस रही थी वो अनुराग का दोस्त अजय था।
मैंने अपने मुँह उसका लण्ड बहार निकल कर अनुराग के ऊपर गुस्सा करने लगी। तब अनुराग ने कहा- क्या हो जाएगा अगर तुम मेरे दोस्त से भी चुद लोगी तो? यह भी तुम्हें चोदना चाहता है… चुद लो न अजय से भी!
तब अजय ने मेरा मुँह अपनी तरफ घुमाया और अपना लण्ड फिर से मेरे मुँह में डाल दिया। मैं उसके लण्ड को नहीं चूस रही थी फिर भी वह अपने लण्ड को मेरे मुँह में डाल कर मेरे मुँह की चुदाई करने लगा।
फिर मैंने अजय को धक्का मार कर अपने से अलग कर दिया तो अनुराग ने मुझे अपनी गोद में उठा लिया और वो मुझे बाथरूम लेकर गया।
बाथरूम में अनुराग ने शावर को चालू कर दिया और मुझे शावर के नीचे खड़ा कर मेरे बूब्स दबाते हुए मुझे चूमने लगा।
तभी बाथरूम में अजय भी गया और वो भी मेरे बूब्स दबाने लगा। मैं मन ही मन सोचने लगी कि अजय का लण्ड भी अनुराग के जैसा ही है आज तो दो लण्ड से चुदने में बहुत मजा आएगा।
तभी अजय ने मुझे नीचे बैठा कर अपना लण्ड फिर से मेरे मुँह में भर दिया और कहने लगा- लो चूसो रोमा!
इस बार मैं अजय का लण्ड मजे ले लेकर चूसने लगी, मेरे सामने दो लण्ड थे, एक अनुराग का और एक अजय का…
मैं अभी अजय का लण्ड चूसती तो कभी अनुराग का… फिर अजय और अनुराग ने मिल कर मेरी ब्रा और पेंटी भी उतार दी, वो दोनों तो पहले से ही नंगे थे। फिर अनुराग शावर बंद कर दिया और बाथरूम के फर्श पर लेट गया, उसने मुझे अपने मुँह पर बैठा लिया और मेरी चूत चूसने लगा। अजय खड़ा था तो मैं उसका लण्ड चूसने लगी। काफी देर तक मैं अजय का लण्ड चूसती रही, फिर अजय ज़ोर ज़ोर से ‘आआअह्हह उउफ्फ्फ’ करते हुए उसने अपना सारा माल मेरे मुँह में ही भर दिया। फिर अजय बाथरूम से बाहर चला गया, अनुराग अभी भी मेरी चूत चूस रहा था और अब मेरे मुँह से भी सिसकारियाँ निकलने लगी, मैं आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आआअह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह करने लगी, तभी मेरा बदन अकड़ने लगा तो मैंने कहा कि मैं छूटने वाली हूँ। तो अनुराग ने कहा- मेरे मुंह पर ही छूटना!
मैं जब छूटी तो अनुराग ने सारा पानी पी लिया, अजय ये सब बाथरूम के बाहर खड़े होकर देख रहा था।
फिर हम तीनो बेड पर आकर लेट गए। मेरी चूत में बहुत खुजली हो रही थी क्योंकि मैं अभी न तो अनुराग से चुदी थी और न ही अजय से अब मेरा मन चुदने का कर रहा था। अजय का लण्ड थोड़ा सिकुड़ा हुआ था क्योंकि वो एक बार झड़ चुका था पर अनुराग अभी तक नहीं झड़ा था तो उसका लण्ड अभी भी खड़ा था। अब अनुराग मेरी चूत पर अपना लण्ड रख कर लण्ड से मेरी चूत को सहलाने लगा, फिर अनुराग ने अचानक मेरी चूत में एक ज़ोर के धक्के के साथ अपना आधा लण्ड मेरी चूत में डाल दिया।
मैं जोर से चिल्लाई ‘आआअह्ह्ह ह्ह्ह्ह्ह’ कर के तो अजय ने अपना एक हाथ मेरे मुँह के ऊपर रख दिया और दूसरे हाथ से मेरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा।
अनुराग ने एक और धक्के अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया और मुझे चोदने लगा।
कुछ देर बाद अजय ने अपना लण्ड फिर से मेरे मुँह में डाल दिया, मैं लण्ड चूसने लगी, इससे अजय लण्ड फिर से खड़ा हो गया।
इधर मैं अजय का लण्ड चूस रही थी और उधर अनुराग मेरी चूत चोद रहा था, जब अजय का लण्ड खड़ा हो गया था तो अजय ने अनुराग से कहा- अब मुझे रोमा की चूत चोदनी है।
तो अनुराग ने अपना लण्ड मेरी चूत में से निकल लिया और फिर अजय ने मेरी चूत में अपना लण्ड टिका दिया और लण्ड को चूत के अंदर डालने लगा।
तब तक अनुराग ने मेरे बूब्स को अपने मुँह में ले लिया और मेरे बूब्स चूसने लगा। अब अजय का लण्ड भी मेरी चूत में पूरी तरह से घुस चुका था और अजय ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा। मेरे मुँह से आअह्हह्ह उउउफ्फ्फ उउइइ इइइ आआअह्हह्हह की आवाज निकलने लगी।
अजय मुझे ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था और अनुराग देख कर मजा लेने लगा, कुछ देर बाद अजय ने अनुराग से कहा- अनुराग, तू रोमा डार्लिंग की गांड मार और मैं चूत मार ही रहा हूँ।
तो मैं डर गई और मैंने साफ साफ मना कर दिया क्योंकि इससे पहले मैंने कभी गांड नहीं मरवाई थी।
तब अनुराग और अजय मुझे बहुत फ़ोर्स करने लगे तो मैं मान गई और एक करवट लेकर लेट गई। अजय ने सामने से, मेरी चूत जो पहले से गीली थी, उसमें अपना लण्ड डाला और चोदने लगा तो पीछे से अनुराग मेरी गाण्ड चोदने के लिए तैयारी कर रहा था, उसने अपने लण्ड पर तेल लगाया और कुछ तेल मेरी गांड के छेद पर भी लगाया और लण्ड घुसाने लगा।
मैं चिल्लाने लगी, तभी अजय ने लिप किस करके मेरा मुँह बंद कर दिया और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा, अनुसग पीछे से झटके मार रहा था तो अजय को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी, अपने आप अजय का लण्ड मेरी चूत में घुस जा रहा था।
वो दोनों ऐसे ही मुझे चोदते रहे, तभी अजय कहने लगा- रोमा डार्लिंग… तुम्हारी चूत में जाने क्या जादू है, कब से तुम्हें चोद रहा हूँ पर अभी तक मेरा लण्ड अकड़ा नहीं !
तभी अनुराग ने कहा कि वो छूटने वाला है और फिर वो छूट गया और हमसे अलग हो गया, अब सारी मेहनत अजय को ही करनी थी तो अजय ने मुझे ऊपर आने को कहा और वो नीचे लेट गया। अब मैं अजय के लण्ड के ऊपर उछलने लगी और अनुराग वहीं बेड पर लेटे लेटे अजय और मेरी चुदाई देख कर मजे ले रहा था।
कुछ देर बाद अजय ने कहा- मेरा छूटने वाला है।
तो मैंने भी अजय को बताया- मैं भी छूटने वाली हूँ।
तब अजय ने अपना सारा माल मेरी चूत में ही छोड़ दिया और मैं भी सुस्त होकर अजय के ऊपर ही लेट गई और कहने लगी- बड़े ज़ालिम हो तुम लोग… आज पता चला कि दो मोटे लण्डों से एक साथ चुदने में कितना मजा आता है। पहली बार इतने जानदार मर्दों से चुदी हूँ।
मेरी चूत पूरी तरह फूल चुकी थी, मेरी चूत से रस नीचे बह रहा था।
तभी अजय बोला- अभी तो शुरूआत है, आज हम तुम्हें पूरी तरह से मजा देंगे, तुम आज का दिन जिंदगी भर नहीं भूल पाऊँगी… तुम्हारी चूत को पूरी तरह से फ़ाड़ कर उसका भोंसड़ा बना देंगे, आज से तुम हम दोनों की रखैल बन कर रहोगी… कुतिया… ज़िंदगी भर।
हम तीनो थक चुके थे, पता नहीं चला कि कब हमारी आँख लग गई और हम तीनों सो गए। कहानी जारी रहेगी।
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