This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
अन्तर्वासना के सभी पाठक पाठिकाओं को अरुण का नमस्कार!
मेरे ये लेख ‘यौन परिकल्पना सेक्स फ़ैंटेसी’ सभी को बहुत पसंद आ रहे हैं और ऐसा शायद इस लिए कि जैसे अपनी ज़िंदगी को लेकर सभी के कोई न कोई सपने होते है, ठीक वैसे ही यौन उत्कंठा को लेकर भी सबके कुछ न सपने और फैन्टसी जरूर होती हैं, और मैं इसे गलत भी नहीं मानता क्योंकि सब को अपनी मन चाही चीज़ें हमेशा नहीं मिलती हैं।
पहले भाग में मैंने जो फैन्टसी लिखी थी वो बहुत सी लड़कियों को बिल्कुल उनके अपने जैसी ही लगी, लेकिन दूसरे भाग की जो फैन्टसी थी (कोई मेरी माँ की चुदाई करे और मुझे कोई मेरे पति के सामने चोदे) वो मात्र कुछ लोगों की ही थी, फैन्टसी भी लोगों की मानसिक स्थिति पर निर्भर करती है। जैसे आज जो फैन्टसी में आपको बताने जा रहा हूँ, वो मुझे महाराष्ट्र से एक अविवाहित लड़की जिसका नाम सुनीता है उसने भेजी है।
यह एक रोमांटिक फैन्टसी है, और सुनीता ने जब यह प्यारी सी रोमांटिक फैन्टसी मुझे डिटेल में सुनाई तो मैंने इसे आप लोगों के लिए लिखने का फैसला कर लिया। इसे मैं उसी के शब्दों में लिखता हूँ तो आप लोगों को पढ़ने में मज़ा आएगा।
‘हाय अरुण, मेरा नाम सुनीता है, मेरी उम्र 25 साल है। मैं बी एस सी हूँ और एक निजी स्कूल में मैथ्स की टीचर हूँ, ना जाने क्या बात है लेकिन मुझे लगता है कि मेरे में सेक्स की इच्छा बहुत ज्यादा है और यह दिन पे दिन बढ़ती ही जा रही है।
आज मैं आपको अपनी एक फैन्टसी लिख रही हूँ जिसे में अक्सर महसूस करती हूँ और बहुत ज्यादा उत्तेजक और गीली हो जाती हूँ।
मैं जिस एरिया में रहती हूँ, वहाँ मकान बहुत ही पास-पास हैं, छतें आपस में मिली हुई हैं। हमारा घर बहुत बड़ा है तीन मंज़िल का और खूब बड़ी छत है और सिर्फ दो मकान छोड़ कर मेरा बॉयफ्रेंड रहता है, वो एक बड़ी कम्पनी में जॉब करता है, हमारी सिर्फ दोस्ती है, हमारे बीच का रिश्ता आपस में घंटों बातें, आलिंगन और कभी कभार चुम्बन तक ही सीमित था, इससे आगे कुछ नहीं!
मेरा कमरा सबसे ऊपर है, अलग है बाकी घर वाले नीचे रहते हैं, मैं देर रात तक अपने कम्प्यूटर में अन्तर्वासना की कहानियाँ पढ़ती हूँ, एक रात 11 बजे के आस पास अचानक मौसम बदल गया, ठंडी हवाएँ चलने लगी, मैं एक रोमांटिक सेक्सी कहानी पढ़ कर उत्तेजित हो चुकी थी तो अपना ध्यान दूसरी और लगाने और ताज़ी हवा लेने के लिए ऊपर छत पर चली गई।
वहाँ जाकर मुझे और भी अच्छा लगा, बारिश के आसार लग रहे थे। तभी मैंने देखा कि मेरे दोस्त के कमरे की लाइट भी जल रही है, मैंने उसे मोबाइल पर फोन किया ऊपर आने को बोला।
और जब तक वो अपनी छत पर आया, बारिश शुरू हो गई! रात का सन्नाटा, आसपास किसी के भी देखे जाने का डर नहीं, अन्तर्वासना की कहानी का असर और सामने मेरा बॉयफ्रेंड, इन सब बातों ने मेरे तन-बदन में आग लगा दी और मुझे बहुत ज़्यादा उत्तेजक और बेशर्म बना दिया।
मैं बारिश में भीगने लगी घूम घूम के हाथ फैला कर, वो अपनी छत से एक आड़ में खड़ा मुझे देख रहा था और इशारे कर कर के भीगने से मना कर रहा था लेकिन आज मुझे अपने मन की करनी थी, मुझे हमेशा से बारिश में अकेले उन्मुक्त भीगने का बहुत मन करता था और आज मौका मिल गया था, कोई रोकने टोकने वाला या देखने वाला नहीं था, सिवाए मेरे राजा के…
मैं उसे इशारे से अपने पास बुलाने लगी, वो ना नुकर कर रहा था, अब मैं उत्तेजक अंगड़ाइयाँ लेने लगी, अब वो अपनी जगह से हिला, उसके मकान से मेरे मकान तक आना मुश्किल नहीं था, उसने भी आसपास का जायज़ा लिया और जब वो निश्चिन्त हो गया कि सच में कोई देखने वाला नहीं है, तो वो सावधानी से चल दिया।
और जब तक वो मेरे पास पहुँचा, खुद भी पूरा भीग चुका था, उसे ऐसे माहौल में अकेले अपने साथ देख कर मेरे सीने की धड़कनें बढ़ गई, मैं पूरी तरह से भीग चुकी थी, मेरे कपरे मेरे बदन से गीले होकर चिपक गए थे, मैं हमेशा सोते समय अपनी ब्रा उतार देती हूँ क्योंकि रात में वो फंस जाती है, करवट बदलने में दिक्कत आती है। आज यह गलती बहुत ही कामुक गलती हो गई क्योंकि मैंने सफ़ेद कुर्ता पहन रखा था और अब गीला होने से मेरे वक्ष-उभार साफ़ साफ़ दिखने लगे थे, गहरे गुलाबी नुकीले निप्पल भी…
वो एकटक मुझे ही देखे जा रहा था, शर्मा तो मैं भी गई थी, लेकिन सामान्य बनने का नाटक करते हुए मैंने उसे अपने नज़दीक खींच लिया और अपने साथ रेन डांस करवाने लगी।
सच में मुझे तो जैसे जन्नत ही मिल गई, हम दोनों झूम झूम कर घूम घूम कर नाचने लगे।
अब वो मुझसे लिपट सा गया, उसने मेरे बाल खोल दिए और मेरे चेहरे को पकड़ कर मेरे होंठों को चूम लिया। मेरे पूरे बदन में एक उत्तेजक सी झुरझुरी आ गई, बस फिर वो रुका नहीं, उसने मेरी कमर में हाथ डाल दिए और मेरे बदन पे फिसलते हुए उसके हाथों ने धीरे धीरे मेरा कुर्ता मेरे बदन से अलग कर दिया और मैं मदहोश अब ऊपर से पूरी तरह से अनावृत हो अपने वक्ष को उछालती हिलाती नाचे जा रही थी।
अब वो नज़दीक आकर मेरे उन्नत उभारों से बह कर आने वाले बरसाती पानी को पीने लगा, मुझे ये सब बहुत अच्छा लग रहा था, अब उसके हाथ मेरे कूल्हों पर जा पहुँचे थे, बहुत ज्यादा गीले होने की वजह से मेरा पायज़ामा मय अंडरवियर के मेरे चूतड़ों की खांच में घुस गया था जिसे उसने बड़ी बेशर्मी से अंदर उंगली घुसा के बाहर खींच दिया, मुझे उसकी यह गंदी हरकत भी अच्छी लगी।
फिर अचानक से मैं कुछ समझ पाती, उससे पहले ही उसने मेरे पायजामे और अंडरवियर को एक साथ नीचे सरका के मुझे पूर्ण नग्न कर दिया और सारे कपड़े समेट के दूर फेंक दिए और अब मैं हक्की-बक्की रह गई, मैं खुले आसमान के नीचे एकदम निर्वस्त्र हो चुकी थी और एकदम नग्नावस्था में उसने मुझे अपने बाहुपाश में जकड़ रखा था।
अब मैंने घबरा कर इधर उधर देखा, दूर दूर तक हमें देखने वाला कोई नहीं था, इस अहसास से मैं थोड़ी सी निश्चिन्त हुई, वो मुझे पागलों की तरह से चूमे जा रहा था। अब वो भी पूरे रंग में आ चुका था, मेरे जिस्म से बहते हुए पानी को वो जगह जगह से पी रहा था, नाभि से, कूल्हों से… और मेरे लिए बहुत शर्मनाक स्थिति यह हुई कि मेरी योनि पर ज्यादा बहुत ज्यादा झांटें बढ़ी हुई थी जो पानी में गीली होकर बालों को चोटी जैसी हो गई थी, पूरे बदन का पानी मेरी झान्टों से होता हुआ नीचे गिर रहा था जैसे कोई नल चल रहा हो। उसने बड़ी बेशर्मी से मेरी उस ‘झांट जल-धारा’ के नीचे अपना मुख खोल लिया, अब वो पानी की धार सीधे उसके मुख में ही जा रही थी। उफ्फ्फ अरुण, मेरी क्या हालत हुई… मैं बता नहीं सकती…
फिर उसने मुझे डांस करने को कहा, और जब तक मैं डांस करती रही, वो अपने कपड़े खोलता गया एक एक कर के, उसका नग्न शरीर मेरे सामने आता गया और कुछ ही देर में वो एकदम नंग-धड़ंग मेरे सामने था, उसका लंड एकदम कड़क और खड़ा हुआ था, उसके लंड के सुपाड़े पर स्किन नहीं थी तो बहुत मस्त था और गीला होने की वजह से वो चमक रहा था।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
एक चीज़ उसके और मेरे एक जैसी थी वो यह कि उसके लंड पर भी बहुत घनी झांटें थी!
अब इसके बाद हम रुक नहीं पाये और फिर हम दोनों के बीच सेक्स का खेल शुरू हो गया जिस लंड के सपने में दिन-रात देखा करती थी, अब वो मेरे हाथ में था, मेरे होंठों में था, मेरे मुँह में था और कुछ ही देर में हम छत पर बनी कोठरी में चले गए और वो ‘सब कुछ’ हो गया और बहुत ही मज़ेदार हुआ।
तो दोस्तो, यह है उस सुनीता की फैन्टसी, प्लीज़ ज्यादा से ज्यादा मेल कर के बताना कि आपको कैसी लगी।
और हाँ सुनीता खुद आपके मेल का इंतज़ार कर रही है, अन्तर्वासना के नियमानुसार में यहाँ उसका मेल आई डी यहाँ नहीं दे सकता हूँ लेकिन मुझे मेल कर के सुनीता का मेल आई डी ले सकते हो। और हाँ, अपनी अपनी सेक्स फैन्टसी शेयर करते रहना… आपका अरुण
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000