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दोस्तो, आज पेश है शादी से पहले सुहागरात की एक सच्ची कहानी आपके लिए!
मेरा नाम राजीव है, 20 साल का हूँ और लुधियाना, पंजाब में रहता हूँ।
बात दो साल पहले की है, जब मैं 18 साल का हुआ तो यार दोस्तों ने कहा- बर्थडे की पार्टी दे। मैंने कहाँ मना करना था, मैंने पार्टी के लिए हामी भर दी।
हम 5 दोस्त थे। पार्टी की जगह आदिल के घर पर तय हुई क्योंकि उस दिन उसके घर में कोई नहीं था, यह हमारे लिए अच्छा था। हम सब यार दोस्त घर वालों से चोरी चोरी सिगरेट और शराब का शौक फरमा लेते थे इसलिए प्रोग्राम यह बनाया कि आदिल के घर सारी रात पार्टी करेंगे और अगर किसी को ज़्यादा हो गई तो वहीं पर सो जाएँगे।
पार्टी के लिए हम सबने 1000/- प्रति मेम्बर डाले। मुझे हैरानी हुई क्योंकि तब से पहले तो हम सब 500/- प्रति मेम्बर डालते थे।
मैंने आदिल से पूछा तो वो बोला- तेरे लिए सर्प्राइज़ गिफ्ट है।
मुझे बड़ी हैरानी हुई, पर सोचा कि चलो देखते हैं, क्या सर्प्राइज़ गिफ्ट है।
तय तारीख पर हम सब आदिल के घर पहुँच गए, शाम को केक काटा, उसके बाद सबने बीयर शुरू कर दी, नाच गाना शुरु हुआ, हम पाँचों बहुत खुश थे, मगर गिफ्ट मुझे किसी ने नहीं दिया। मैं भी सोच रहा था कि यार ऐसा कौन सा गिफ्ट है, जो अभी तक नहीं दिया।
खैर 9 बजे तक हमने खाना भी खा लिया। उसके बाद सबने बैठ कर फिल्में देखनी शुरू कर दी, साथ-साथ बीयर भी चल रही थी।
सब के सब पूरे सुरूर में थे, तब आदिल बोला- देखो भाई लोग आज हमारे प्यारे दोस्त, चूतिया नंबर 1, श्री श्री राजीव कुमार जी का जन्मदिन है, आज से 18 साल पहले इसकी माँ ने जोरदार चीख मार कर सारी दुनिया को बताया था कि उसने हिंदुस्तान की आबादी में एक और इजाफा कर दिया। आज हम सब यहाँ पर इसका चूतियापा करने के लिए इक्कठे हुए हैं। मगर क्योंकि आज के दिन इसने धरती को ग्रहण लगाया था, इसी खुशी में आज हम इसको एक सर्प्राइज़ गिफ्ट देंगे, मगर बदले में इसे भी कुछ देना पड़ेगा। बोल बे घोंचू… तू क्या देगा।
मैं हैरान था कि यह क्या बात हुई, कि गिफ्ट लेने के लिए कुछ देना भी पड़ेगा, मैं बोला- मैं क्या दे सकता हूँ।
आदिल बोला- चल ऐसा कर, आज तू हमे अपनी इज्ज़त दे दे।
मैंने भी फिल्मी स्टाइल जोरदार चीख मारी- नहीं….!!!!!
तो आदिल बोला- भोंसड़ी के, अभी तो तेरे अंदर घुसा भी नहीं और तू चीख भी पड़ा, पहले तेरी फटने तो दे!
सब हंस रहे थे।
मैंने कहा- तो बोलो, क्या चाहते हो? मैंने भी ब्लाईंड खेली।
‘अबे तू तो सच में चूतिया है, साला एकदम से तैयार हो गया, चल ठीक है आज तेरी इज्ज़त ही उतारेंगे।’
मुझे थोड़ा डर भी लगा, साले हैं तो सब कमीने, कहीं सच में मेरी गाण्ड ही न मार लें।
आदिल बोला- चलो सब साथी लोग, आज सब मज़े करेंगे।
यह कह कर वो हमे अपने साथ पीछे वाले बेडरूम के पास ले गया- अब सब सुनो, सब अपने आप पर काबू रखें, बारी बारी सब एंजॉय करेंगे, इस बेडरूम में आज राजीव भाई की इज्ज़त लुटने वाली है।
यह सुन कर मेरी थोड़ी और फट गई मगर मैं फिर भी उनके बीच खड़ा मुसकुराता रहा।
जब आदिल ने कमरे का दरवाजा खोला तो हम सबकी तो बांछें खिल गई। कमरे में बेड पर एक 35-36 साल की औरत बैठी थी। हम सब आपस में खुसर फुसर करते एक दूसरे को देख कर मुस्कुराते हुये अंदर दाखिल हुए। हमारे अंदर आते ही वो औरत उठ कर खड़ी हो गई, अच्छी ख़ासी हेल्दी औरत थी, पंजाबी चूड़ीदार सूट में वो सुंदर दिख रही थी, लो कट गले में से उसका छोटा सा क्लीवेज दिख रहा था।
आदिल बोला- क्यों भाई, बर्थडे बॉय, लुटवायेगा इज्ज़त अपनी?
मैंने भी खुशी से कह दिया- अगर ये लूटेंगी तो ज़रूर लुटवाऊँगा।
वो भी बड़े प्यार से बोली- मैं आपकी इज्ज़त नहीं लूटूंगी। हम सिर्फ प्यार करेंगे।
मुझे उसकी आवाज़ भी बड़ी प्यारी लगी। हम सब उसके आस पास बेड पर बैठ गए।
आदिल ने उससे कहा- सिमरन थोड़ा थोड़ा प्रसाद तो बाँट दो सबको।
मुझे बड़ी हैरानी हुई कि यह कौन सा प्रसाद बांटेगी सबको।
‘शुरुआत बर्थडे बॉय से करूँ?’ उसने पूछा, तो सबने ‘हाँ हाँ’ कह दिया। जैसे हम सब उसको चारों तरफ से घेर कर बैठे थे, वो बस थोड़ा सा उठी और उठ कर मेरी गोद में आकर बैठ गई, उसने अपना दुपट्टा उतार के साइड पे रख दिया और मेरा एक हाथ पकड़ के अपने बूब पे रखा और खुद दबाया, बेशक उसने दबाया पर ज़िंदगी में पहली बार किसी औरत का बूब दबाने का मज़ा मुझे बहुत आया।
उसके बाद उसने एक हाथ मेरे सर के पीछे से घुमाया और मेरे होंठों को अपने होंठों से लगा कर एक भरपूर चुम्बन दिया। सच कहता हूँ, उसके बूब की नरमी और उसकी लिपस्टिक का टेस्ट और पहली बार किसी औरत के स्पर्श ने मेरे तो रोंगटे खड़े कर दिए, मेरे दिल की धड़कन बढ़ गई, मेरे चेहरे और कानों से जैसे गर्मी बाहर निकलने लगी। करीब 10 सेकंड तक उसने मेरे होंठ चूसे और फिर बोली- दोनों को पकड़ के दबाओ!
मैंने अपने दोनों हाथों में उसके दोनों बूब्स पकड़े और दबाये, वाह क्या एहसास था।
‘मज़ा आया?’ वो बोली।
‘बहुत, आप पहली औरत हो जिसके बदन को मैंने ऐसे टच किया है।’
वो मुस्कुराई, उठी और एक एक करके सबको वैसे ही चुम्बन का प्रसाद देती हुई आदिल तक पहुँची- तुझे भी प्रसाद दूँ क्या, तू तो पहले भी कई बार सारे का सारा भोग लगा चुका है।
आदिल हंस कर बोला- मेरी जान, मैं तो सबसे आखिर में अपनी गेम खेलता हूँ, इन बच्चों को मर्द बना दे आज, मेरे सिवा किसी ने औरत के साथ सेक्स नहीं किया है, सबके सब कुँवारे हैं।
वो बोली- कोई बात नहीं, मैं आज आप सब को ज़िंदगी का वो एहसास करवाऊँगी जिसे आप सारी उम्र नहीं भूल सकते।
फिर आदिल बोला- तो चलो भाई अपन सब बाहर चलते हैं, पहली बैटिंग राजीव की उसके बाद एक एक करके सब खेलेंगे।
सब बाहर चले गए और हम दोनों अंदर रह गए। मेरा दिल बड़ी ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था। वो दरवाजे की कुंडी लगा कर वापिस आई और मेरे सामने ही बेड पर बैठ गई, मुझे समझ नहीं आ रहा था कि इससे क्या बात करूँ।
वो खुद ही बोली- क्या पसंद करेंगे आप?
मैंने कहा- देखिये सच कहूँ, तो मुझे खुद नहीं पता कि मैं आपके साथ क्या करूँ?
‘ब्लू फिल्में तो देखते होंगे?’ उसने पूछा।
‘हाँ बहुत देखी हैं, पर फिल्म और ज़िंदगी में बहुत फर्क होता है।’ मैंने कहा।
‘ओके फिर मैं ही शुरू करूँ…’ उसने कहा।
मैंने हाँ की तो वो उठ कर अपनी शर्ट उतारने लगी। मैंने कहा- एक मिनट, अभी कपड़े मत उतारो प्लीज।
वो रुक गई- आप यहाँ बेड पे लेट सकती हैं।
वो लेट गई।
‘थोड़ा साइड में…’ मैंने कहा तो वो करवट लेकर लेट गई, अब उसका एक बड़ा सा क्लीवेज बन रहा था।
मैंने उसके क्लीवेज पर हाथ फेर के देखा- मैं अक्सर अपने घर में रिश्तेदारी में औरतों और लड़कियों के क्लीवेज देखता था और छूना चाहता था, पर कभी छू नहीं पाया था, आज मेरी इच्छा पूरी हो गई।
वो मुझे देख कर मुस्कुराती रही और जैसे जैसे मैं उसको कहता गया, वो करती गई। फिर मैंने उसको उल्टा लिटाया और आगे से उसके क्लीवेज को छूकर सहला कर और चूमकर देखा। जब वो उल्टी लेटी थी तो उसके चूतड़ों को भी सहला कर देखा। फिर मैंने उसे अपने ऊपर लिटाया और अपने दोनों हाथों से उसकी पीठ सहलाई, पीठ तो पीठ औरत के ब्रा से स्ट्रैप सहला कर भी बड़ा मज़ा आता है बाई गोड।
‘किस मी…’ मैंने कहा तो उसने दोनों हाथों से मेरा चहरा पकड़ा और खुद मेरे होंठों पे किस किया।
‘इतना छोटा किस नहीं, लंबा किस, चूस जाओ मेरे होंठों को…’ मैंने कहा तो उसने मेरा नीचे वाला होंठ अपने होंठों में ले लिया और चूसने लगी, उसने अपनी जीभ मेरे नीचे वाले होंठ पर फेरी, मैंने भी उसका ऊपर वाला होंठ वैसे ही चूसा और चाटा।
चूमते चूमते उसने अपनी जीभ ही मेरे मुँह में डाल दी। फिल्मों में तो मैंने देखा था, पर असल ज़िंदगी का एहसास वाकई बहुत कमाल का था। मैंने उसकी और उसने मेरी जीभ चूसी। मैंने उसकी पीठ सहलाते सहलाते, उसकी शर्ट के अंदर हाथ डाल कर उसके ब्रा को छूने का आनन्द लिया, उसके चूतड़ सहलाए, उसकी पाजामी के अंदर हाथ डाल कर उसकी पेंटी और उसके नग्न चूतड़ों को दबा दबा कर मज़ा लिया।
फिर मैंने उसे अपने ऊपर से उतार दिया- मैं तुम्हें बिलकुल नंगी देखना चाहता हूँ।
वो उठ कर कपड़े उतारने लगी तो मैंने रोक दिया- नहीं, तुम्हें नंगी भी मैं खुद ही करूँगा।
वो मुस्कुरा पड़ी। मैंने खुद उसकी शर्ट उतरी, फिर अंडरशर्ट भी उतार दी। पहली बार मेरे सामने एक औरत ब्रा में थी, मैंने उसके बूब्स पकड़ लिए, उन्हें चूमा, दाँतो से भी काटा, वो मेरे बाल सहलाती रही।
मैंने उसे घुमाया और पीछे से उसके ब्रा की हुक खोली, फिर मैंने उसकी चूड़ीदार पाजामी का नाड़ा खोला और उसकी पाजामी उतरवा दी। मैंने उसे अपनी गोद में बैठाया और उसकी जांघों, पेट और टाँगों को भी प्यार से सहला कर छू कर चूमकर देखा।
‘बहुत मज़े ले रहे हो?’ वो बोली।
‘सिमरन, तुम मेरी ज़िंदगी की पहली औरत हो, तो मज़े लेने तो बनते हैं।’ मैंने कहा।
‘तो जी भर के लो, मेरा सारा बदन तुम्हारा है, जैसे चाहो जो मर्ज़ी कर लो। मना लो अपनी सुहागरात मेरे साथ !’ उसने मुझे खुली छूट दे दी।
‘तुम क्या क्या करती हो सिमरन?’ मैंने पूछा।
‘सब कुछ करती हूँ, तुम क्या करवाना चाहते हो?’ उसने जवाब में सवाल किया।
‘जो जो ब्लू फिल्मों की हीरोइन करती हैं, वो सब करती हो?’ मैंने बहुत जिज्ञासु होकर पूछा।
‘ हाँ, वो सब करती हूँ, आगे पीछे ऊपर नीचे, सब जगह करती हूँ।’
मुझे उसका जवाब सुन कर बड़ी खुशी हुई। मैंने अपने भी कपड़े उतार दिये सिर्फ चड्डी छोड़ कर, मैंने सिमरन को बेड पे लिटाया और खुद उसके ऊपर लेट गया। उसने भी मुझे बाहों में कस लिया और अपनी टाँगें मेरी कमर के गिर्द लपेट ली, मैं चड्डी में से ही अपना पूरी तरह तना हुआ लण्ड उसकी चूत पे रगड़ने लगा।
उसने अपनी ब्रा उतारी और अपना एक बूब मेरे मुँह में दे दिया- चूसो इसे!
यह काम मुझे मनपसंद लगा, मैंने बारी बारी से उसके दोनों बूब्स खूब चूसे, दबाये, उन्हें जी भर के और पूरे ज़ोर से मसला कि सिमरन के मुँह से सी सी की आवाज़ें निकल पड़ी।
मैं बहुत खुश था। फिर मैं उठा और उठ कर सिमरन की पेंटी उतारी। पेंटी के नीचे एक साफ, शेव की हुई चूत दिखी। मैंने बड़े प्यार से उसकी दोनों टाँगों को चौड़ा किया और खोल कर उसकी चूत देखी, उसे सहला कर, उसके दोनों होंठ खोल कर उसके अंदर देखा, अंदर से गुलाबी फांकें दिख रही थी।
मैंने अपनी एक उंगली उसके अंदर डाल कर देखी, वो थोड़ा सा कसमसाई।
‘मैं इसे चाट सकता हूँ?’ मैंने पूछा।
‘हाँ’ वो बोली- पर पहले मैं इसे धो कर आती हूँ।
वो उठी और बाथरूम में चली गई, मैं उसके जाती हुई के गोल गोल मटकते चूतड़ देखता रहा।
एक मिनट में ही वो अपनी चूत धो कर तौलिये से साफ करती हुई बाहर आ गई और फिर से मेरे सामने बेड पे टाँगें चौड़ी करके लेट गई। मैं भी उसकी टाँगों के बीच लेट गया, पहले मैंने उसकी चूत के आसपास, कमर पर चूमा, थोड़ी से जीभ फेरी, फिर उसकी चूत की दरार पे जीभ फेरी, फिर हल्के जीभ दबा कर फेरी तो जीभ दरार के अंदर चली गई, इस बार पहली बार मुझे चूत के स्वाद का पता चला। बेशक नया था, पर अच्छा लगा।
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मैं जीभ चलाता रहा और उसकी चूत के दाना, और नीचे उसकी चूत का सुराख तक सब चाट गया। मुझे सच में चूत चाटना अच्छा लगा। उसको भी शायद मज़ा आया तो उसने मेरा सर अपनी दोनों जांघों में भींच लिया और एक हाथ से मेरा सर सहलाने लगी और दूसरे हाथ से अपने ही स्तन दबाने लगी।
मुझे लगा जैसे मैं उसे तड़पा रहा हूँ। मैंने और अंदर तक जीभ डाल कर उसकी चूत चाटी। उसकी चूत पानी से भीग गई, मैं उसकी चूत से छूटने वाला पानी भी चाट रहा था। उसने दोनों हाथों से मेरे सर के बाल पकड़े और खींच कर ऊपर ले आई- अब मार ही डालोगे क्या, बस करो। वो तड़प कर बोली।
‘क्यों क्या हुआ?’ मैंने पूछा।
‘बस अब और बर्दाश्त नहीं होता, मैं झड़ जाऊँगी, और अगर मैं झड़ गई तो बाकी जो बाहर बैठे हैं, उनको पूरा मज़ा नहीं दे पाऊँगी।’ यह कह कर उसने मेरी चड्डी उतारनी शुरू कर दी।
मैंने भी झट से चड्डी उतरवा दी, मैं बेड पे टाँगें फैला कर लेट गया। उसने मेरा लण्ड अपने हाथ में पकड़ा और मुँह में लेकर चूसने लगी।
जब औरत के होंठ लण्ड को अपनी गिरफ्त में लेते हैं न, तो सच में बहुत ही कोमल सा एहसास होता है। वो ऊपर से नीचे तक मेरा लण्ड चूस रही थी, अपने मुँह में ही उसने मेरे लण्ड की चमड़ी पीछे हटा दी और लण्ड के टोपे को जीभ से चाट चाट कर चूसा। उसने मेरे आँड और गाँड सब चाट दिये।
मैंने उससे पूछा- मैंने सुना है तुम जो प्रॉफेश्नल होती हो वो सिर्फ 2 मिनट में ही मर्द का पानी छुटवा देती हो?
‘हाँ, बहुतों का तो 1-2 मिनट भी नहीं लगने देती।’
‘सच में? मगर मैं इतनी जल्दी झड़ना नहीं चाहता, मैं तुम्हें जी भर के चोदना चाहता हूँ, प्लीज मेरे साथ ऐसा मत करना।’ मैंने कहा। ‘ठीक है फिर जैसे मैं कहूँगी, वैसे ही करना तुम्हें भरपूर मज़ा मिलेगा।’
मैं राज़ी हो गया।
‘चलो फिर ऐसा करो, ऊपर आ जाओ।’ उसने कहा तो मैं उसके ऊपर लेट गया। उसने अपने पर्स से एक कोंडोम निकाला, मेरा लण्ड पकड़ा, और उस पे चढ़ा दिया, फिर लण्ड को अपनी चूत पे सेट किया और बोली- अब डालो अंदर!
मैंने धक्का सा लगाया तो मेरा लण्ड धीरे से फिसलता हुआ उसकी चूत में समा गया।
मेरे मुँह से ‘आह…’ निकली।
‘मज़ा आया?’ उसने पूछा।
मैंने कहा- बेइंतेहा।
उसने मेरी कमर पकड़ ली और धीरे धीरे आगे पीछे हिलाने लगी। जैसे वो गाइड कर रही थी मैं वैसे ही आराम आराम से उसको चोद रहा था। थोड़ी देर की चुदाई के बाद उसने पूछा- पेशाब तो नहीं आ रहा?
मैंने कहा- आ रहा है।
‘तो जाकर कर आओ।’ उसने कहा।
मैंने कोंडोम उतारा और जाकर मूत कर वापिस आ गया। उसने एक नया कोंडोम मेरे लण्ड पे चढ़ाया और घोड़ी बन गई- लो, अब पीछे से चोदो।
मुझे उसके मुँह से ‘चोदो’ सुनना बड़ा अच्छा लगा। मैंने पीछे से उसकी चूत में अपना लण्ड डाला और फिर से उसकी चुदाई करने लगा। मैंने उसकी कमर पकड़ रखी थी जिस पर मैं ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा रहा था, बीच बीच में उसके गोल गोल मोटे मोटे चूतड़ों पर चपत भी मार देता था।
घोड़ी बना के चोदते हुए मैंने उसे वैसे ही पूछ लिया- सिमरन, क्या तुम गाँड भी मरवा लेती हो?
वो बोली- हाँ, तुमने मारनी है क्या?
मैंने कहा- हाँ।
वो बोली- थोड़ा तेल ले कर आओ।
मैंने आदिल से तेल मांगा और लेकर अंदर आया। सिमरन ने बहुत सारा तेल अपनी गाँड पे और मेरे कोंडोम पे भी लगाया।
जब मैंने डाला तो तेल लगा होने के बाद भी बड़ा टाईट टाईट अंदर गया, मगर मैंने सारा ही अंदर डाल दिया। बेशक सिमरन को तकलीफ हो रही थी पर उसने मेरा साथ दिया, मैंने धीरे धीरे से उसकी गाण्ड मारी। सिमरन ने मुझे हर तरह की चुदाई का सुख दिया था। बीच बीच में वो खुद ही मुझे रोक देती और हम दोनों एक दूसरे को चूमते चाटते मगर चुदाई न करते।
इससे फायदा यह हुआ कि हमारी चुदाई बहुत लंबी चली मगर अब मेरे सब्र का अंत हो चुका था और मैं चाहता था कि अब मैं झड़ जाऊँ क्योंकि अब रोक के रखना मेरे लिए मुश्किल हो चला था, मैंने सिमरन से कहा- जानेमन, अब बहुत हो गया, अब तो मेरा पानी निकलवा दो, अब रोकना मुश्किल हो रहा है।
वो बोली- ठीक है, कहाँ छुड़वाओगे, चूत में या गाँड में?
मैंने कहा- नहीं, तुम्हारे मुँह में, ले लोगी तुम?
वो बोली- हाँ, क्यों नहीं।
‘क्या तुम मेरा वीर्य पी सकती हो?’ मैंने पूछा।
‘नहीं पी नहीं सकती, हाँ मुँह में ले लूँगी, मगर बाद में बाथरूम में थूक आऊँगी।’ उसने कहा तो मैंने अपना लण्ड उसकी गाँड से बाहर निकाल लिया। उसने खुद ही मेरा कोंडोम उतारा और मेरे लण्ड को मुँह में लेकर चूसने लगी।
बस फिर तो एक मिनट भी नहीं लगा और मेरी जवानी का रस पहली बार किसी औरत के जिस्म के अंदर छूटा। मैं निढाल हो गया। कुछ देर वैसे ही लेटा रहा, और सिमरन मेरे बदन पे यहाँ वहाँ चूमती चाटती रही। मुझे इस में भी बड़ा मज़ा आया- सिमरन, थोड़ी देर बाद मैं तुम्हें दोबारा चोदना चाहता हूँ।’
मैंने कहा तो वो बोली- चिंता मत करो, आज सारी रात मैं तुम लोगों के पास, 1 बार 2 बार 3 बार जितना तुम लोगो के लण्ड में दम है उतनी बार चोदो, मैं सारी रात चुदने के लिए तैयार हूँ।
‘अब तक एक रात में ज़्यादा से ज़्यादा कितनी बार चुदी हो?’ मैंने पूछा।
‘एक रात में मैक्सिमम 18 बार चुदी हूँ, 18 लोगों ने एक ही बेडरूम में इकट्ठा ही मुझे चोदा था, उसके बाद तो मैं दो दिन बेड से नहीं उठ पाई थी।’
उसने कहा तो मुझे उस पर बहुत तरस आया और मैंने उसके होंठों को किस किया और कपड़े पहन के बाहर आ गया।
मेरे बाद बाकी सब भी अंदर गए, मगर कोई भी 15-20 मिनट या आधे घंटे से ज़्यादा नहीं रुका, जब सब बाहर आ गए तो मैं फिर से अंदर गया।
अंदर सिमरन पहले ही बिल्कुल नंगी बेड पे लेटी थी, मैंने पूछा- ये सब बड़ी जल्दी फारिग कर दिये?
‘अरे ये सब सिर्फ मुझे चोदने आए थे, प्यार तो किसी ने किया ही नहीं तुम्हारे सिवा, सो मैंने भी जल्दी जल्दी इन का पानी निकाला और चलता किया।’ उसने जवाब दिया।
‘और मेरे बारे में क्या खयाल है?’ मैंने पूछा।
‘अरे तुम तो बहुत बढ़िया हो, खुल के बात करते हो, तुमने मुझे सम्मान दिया, बदले में मैंने तुम्हें सुख दिया, मज़ा दिया, वो तो यह सोच के आए थे कि साली गश्ती है, गाण्ड मारो इसकी और चलते बनो, तो अपन भी उनसे वैसा ही बर्ताव किया, हिसाब बराबर!’ उसने बड़ी बेबाकी से साफ जवाब दिया।
मैंने अपने कपड़े उतारे और नंगा हो कर उसके साथ लेट गया। बाहर तो सब एक एक बार पानी निकाल कर सो गए थे, मगर मैं और सिमरन सारी रात बातें करते रहे और सारी रात में मैंने उसे 3 बार और चोदा, और हर बार मुझे पहले से ज़्यादा मज़ा आया।
उसके बाद तो हमने यह पक्का कर लिया के जिसका भी बर्थडे होगा, चाहे 2-4 दिन आगे पीछे मना ले मगर मनाएंगे ऐसे ही।
उसके बाद सिमरन से कभी भी मुलाकात नहीं हो सकी, हर बार कोई नई लड़की या औरत ही आती। मगर आज भी मैं उसको नहीं भूल पाया हूँ। वो मेरी सच में सेक्स गुरु थी, जिसने मुझे सिखाया कि औरत से सेक्स नहीं करो, प्यार करो, चाहे तुम उसे पैसे से खरीद के ही क्यों न लाएँ हो। [email protected]
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