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हाय दोस्तो, मैं अनिल 28 साल का इंदौर से आप अभी से मुखातिब हूँ। मैं अपने जीवन के अनछुए पहलुओं को अन्तर्वासना पर आपसे साझा कर रहा हूँ।
असल में मैं गाहे बगाहे मौका मिलने पर एक पड़ोसन आंटी को चोदा करता था, आंटी का परिवार और मैं एक बड़े से घर में किरायेदार थे। यह घटना भी एक बहुत ही मजेदार थी जो उन्हीं आंटी और मेरे बीच हुई थी।
एक शाम को जब मैं आंटी के कमरे में गया.. तो आंटी फोन पर बात कर रही थीं, उनकी बात खत्म होने के बाद मैंने आंटी को बोला- बहुत बातें हो रही थीं.. किस से बात कर रही थीं?
तो आंटी ने कहा- अपनी बहन से… मैंने कहा- क्यों क्या हुआ? वो कहने लगीं- अभी अंकल जाते समय कह गए कि उन्हें 15 से 30 दिनों के लिए शहर से बाहर किसी ट्रेनिंग के लिए जाना है। तो मैंने कहा- यह तो हमारे लिए अच्छी बात है। आंटी ने कहा- पर उन्होंने कहा है कि जब तक मैं वापिस नहीं आता.. तुम अपनी बहन निधि को बुला लो… मैं यह सुन कर बहुत परेशान हो गया और सोफे पर बैठ कर सोचने लगा।
आंटी मेरे लिए चाय लाईं।
फिर मैंने सोचा कि जब तक अंकल नहीं आते.. तब तक अगर मैं आंटी को चोद नहीं पाया और आने के बाद अंकल का ट्रान्स्फर हो गया.. तो मेरे लिए तो टेन्शन हो जाएगी।
अचानक मेरे दिमाग में एक आइडिया आया.. पर पहले मैंने आंटी से पूछा- आपके पास इस मुसीबत से बचने का कोई आइडिया है?
आंटी बोलीं- नहीं..
मैंने आंटी से कहा- आपकी बहन की उम्र क्या है? वो बोलीं- क्यों? मैंने कहा- ऐसे ही.. उन्होंने कहा- 29.. वो मुझसे सिर्फ़ 2 साल छोटी है।
फिर मैंने पूछा- क्या वो शादीशुदा हैं? उन्होंने कहा- अभी सिर्फ़ सगाई हुई है। मैंने कहा- ओके..
वो मेरी तरफ ताकने लगीं।
आंटी से मैंने फिर पूछा- आंटी अगर मैं आपसे कुछ कहूँ.. तो आप नाराज़ तो नहीं होगीं? वो बोलीं- नहीं.. तू पूछ.. मैंने कहा- अगर आपकी बहन को हम सेक्स के लिए तैयार कर लें तो?
उन्होंने कहा- ये नामुमकिन है.. 6 महीने बाद उसकी शादी है और मैं नहीं चाहती कि उसका कौमार्य शादी के पहले खंडित हो.. मैंने कहा- अरे आंटी.. क्या फरक पड़ता है…
तो उन्होंने कहा- उसके पति को जब पता चलेगा कि ये कुँवारी नहीं है.. तो वो क्या सोचेगा?
मैंने कहा- आंटी आजकल तो कौमार्य लौड़े से भी टूट जाने के अलावा ज़्यादा करसत करने से भी टूट जाता है.. एक-दो बार चोदूँगा तो चूत ढीली नहीं हो जाएगी और आने वाले 5 महीनों में तो अगर वो बिना चुदी रही.. तो उसकी चूत फिर से टाइट हो जाएगी।
खैर साब.. मैंने आंटी को जैसे-तैसे मना लिया।
आंटी मुझसे पूछने लगीं- मैं उसे तुमसे चुदवाने के लिए क्या बोलूँगी?
मैंने कहा- आप उससे शादी की बातें करना और कहना कि अब तो तेरी शादी हो रही है.. तेरी सारी ज़रूरतें पूरी होगीं.. फिर उससे पूछना कि क्या उसने कभी चुदाई की है.. और बताना की पहली बार बहुत दर्द होता है.. उसे चुदाई के बारे में सब कुछ खुल कर बताना और अगर वो ज़्यादा पूछे तो एकाध ब्लू-फिल्म भी दिखा देना।
आंटी मान गईं।
अब रात के 9:30 बज रहे थे.. मैंने कहा- आंटी भूख लगी है।
आंटी ने खाना लगाया और हम दोनों ने जल्दी-जल्दी खाना खाया।
फिर डीवीडी पर फ़िल्म देखने लगे।
कुछ देर बाद हम मेरा मन चुदाई करने को होने लगा, मैंने आंटी की कमीज़ में हाथ डाला और मम्मों को दबाने लगा। मैं उनके मम्मों को दबाता रहा.. मुझे मम्मों को दबाने में दिक्कत हो रही थी.. मैंने आंटी की कमीज़ उतार दी और उन्हें लिटा कर मम्मों को चूसने लगा।
मैंने जैसे ही चूत में ऊँगली डाली.. मुझे चूत गीली सी लगी.. मैं समझ गया कि आंटी की चूत से चूतरस निकल रहा है, मैं अपना मुँह वहाँ ले गया और चूत चाटने लगा। आंटी मेरे बाल पकड़ कर सर को अन्दर धकेल रही थीं।
मैं समझ गया कि आंटी फुल फॉर्म में हैं, मैं उनकी चूत को ज़ोर-ज़ोर से चाटने लगा। मैं अपनी जीभ आंटी के चूत के अन्दर डालने लगा, आंटी जम कर मेरा सर दबाने लगी.. थोड़ी देर के बाद आंटी ने रस छोड़ दिया।
अब उन्होंने मेरा लंड पकड़ा और हिलाने लगीं। थोड़ी देर में उन्होंने लण्ड मुठियाने की रफ़्तार बढ़ा दी। मुझे दर्द हो रहा था.. और वो ज़ोर से हिला रही थीं। लौड़े को हिलाते-हिलाते 15 मिनट हो चुके थे और मेरा पानी निकलने वाला था।
मैंने कहा- आंटी निकल रहा है।
आंटी ने मेरा सारा माल अपने मुँह में गटक लिया और पूरा पी गईं। फिर हम लेटे रहे..
अचानक आंटी फिर मेरा लंड पकड़ कर चूसने लगीं।
मैंने कहा- आंटी अब नहीं हो पाएगा।
तो आंटी ने कहा- ऐसे कैसे नहीं होगा.. रुक… आंटी अन्दर गईं और मेरे लिए दूध गरम करके और काजू बादाम का चूड़ा लेकर आ गईं और कहा- इसे खा ले और थोड़ा आराम कर ले.. तुझमें 1 घन्टे तक चोदने की ताक़त आ जाएगी।
बस उन्होंने मुझसे जैसा बोला.. मैंने ही वैसा किया और सो गया। एक घन्टे बाद उन्होंने मुझे उठाया और और मेरा लंड अपनी चूत पर रगड़ने लगीं।
मैंने कहा- आंटी आज मैं आपकी गाण्ड मारना चाहता हूँ। उन्होंने साफ़ मना कर दिया.. बोलीं- बहुत दर्द होता है। मैंने कहा- प्लीज़..
वो जैसे-तैसे मान गईं।
मैंने देखा कि वहाँ सरसों के तेल की शीशी रखी थी.. मैंने शीशी उठाई और उनके गाण्ड के छेद में तेल डाला। तेल पूरी तरह से लग जाना चाहिए.. इसलिए मैंने एक ऊँगली भी उनकी गाण्ड में डाली और ऊँगली से छेद फैला कर तेल डाला और फिर अपने लंड पर भी तेल लगा लिया।
अपना लंड मैंने उनकी गाण्ड पर रखा और थोड़ा रगड़ा.. फिर धीरे से छेद पर नोक रख कर एक धक्का मारा.. पर लंड फिसल गया।
मैंने लंड को फिर छेद पर रखा और ज़ोर से धक्का मारा.. वो चीख पड़ीं। मेरी भी दर्द के मारे जान निकल गई क्योंकि गाण्ड का गड्डा बड़ा टाइट था और और अन्दर जाते ही लंड की हालत खराब हो गई। मैं कुछ देर तक बिना हलचल किए वैसे ही लगा रहा।
आंटी दर्द के मारे कराह रही थीं।
मैंने धीरे धीरे उनकी गाण्ड मारना शुरू किया.. थोड़ी देर में मैंने रफ्तार बढ़ाई और अब आंटी को भी मज़ा आने लगा। लगभग दस मिनट के बाद मैं झड़ गया, मैंने सारा माल उनकी गाण्ड में ही छोड़ दिया और मैं निढाल होकर सो गया.. पर मेरी नींद बीच रात में ही खुल गई।
अब मैंने आंटी की चूत में दो ऊँगलियाँ डाल दीं.. आंटी चिहुंक कर उठ कर बैठ गईं.. और बोलीं- धीरे कर..
मैंने आंटी से कहा- मेरे ऊपर बैठो।
तब आंटी ने लंड को चूत में सैट किया और ‘गच’ से मेरे लवड़े को चूत में खा लिया। फिर मैंने आंटी की जम कर चुदाई की। अब तक सुबह के 5 बज चुके थे। मैं उठा और अपने कमरे में आकर सो गया।
मैं उस दिन सुबह 10:30 बजे उठा.. फ्रेश हुआ और दूध लेकर आया और गरम करने लगा।
मैंने फिर दूध पिया.. तभी आंटी की बहन मुझे खाना खाने को बुलाने आ गई। मैं तो उसे देखता ही रह गया.. कितनी खूबसूरत थी। जब वो पलटी तो मैं उसकी गाण्ड देख कर पागल हो गया…
मैं उठा अच्छे कपड़े पहने और उनके यहाँ खाना खाने चला गया।
फिर मैंने खाना खत्म किया और अपने कमरे में आ गया।
पीछे से आंटी काजू-बादाम मिक्स मिल्क शेक लेकर आईं और कहने लगीं- निधि लगभग मान गई है.. अब जल्दी से एक ब्लू-फिल्म की डीवीडी दो।
मैंने तुरंत उन्हें सीडी राइट करके दी। मैंने आंटी से कहा- आज मैं बाहर खाना खाने जा रहा हूँ.. रात को 11 बजे तक आऊँगा.. सब तैयार रखना।
आंटी ने कहा- ठीक है…
मैं अपने दोस्तों के साथ ढाबे पर गया। वहाँ हमने नॉनवेज खाया.. मेरे साथी ड्रिंक करने लगे और मुझे ये सब पसंद नहीं इसलिए मैं वापस आ गया।
अब रात के 11:30 हो रहे थे.. आंटी के कमरे की बत्ती बुझी हुई थी।
मैंने जब की-होल में से देखा तो टीवी पर ब्लू-फिल्म चल रही थी और आंटी अपनी बहन के साथ फिल्म देख रही थीं।
आंटी को मैंने मिस कॉल मारा.. आंटी ने मैसेज किया- शायद आज रिस्क नहीं लेना चाहिए। मैंने कहा- ठीक है..
मैं अपने कमरे में आकर सो गया।
अगले दिन मैंने आंटी से पूछा- कल मना क्यों किया था?
तो उन्होंने कहा- मैं निधि को पहले तड़पाना चाहती थी.. जानते हो रात को मुझे उसकी चूत में ऊँगली भी करनी पड़ी.. तब जाकर वो सो पाई।
मैंने कहा- क्या आपने उसे मेरे बारे में बताया?
उन्होंने कहा- हाँ.. और वो मान भी गई.. आज शाम को आना।
मैं शाम को अपने कमरे को बन्द करके उनके कमरे में गया.. तो निधि खाना बना रही थी।
मैंने दरवाजे बंद किए और आंटी की सलवार उतार कर चूत चाटने लगा।
आंटी ने भी मेरा लोवर उतार दिया और लंड को हाथ से सहलाने लगीं।
फिर उन्होंने मेरा सर पकड़ लिया और चुम्बन करने लगीं।
तभी पीछे से निधि आई और कपड़े उतार कर खड़ी हो गई और मेरा लंड हिलाने लगी.. मुझे तो पता भी नहीं चला।
मैंने आंटी से कहा- आंटी रुकिए..
जब मैंने पीछे देखा तो वो निधि थी।
मैं आपको निधि के बारे में बता दूँ.. निधि थोड़ी मोटी है.. उसका फिगर 34-30-36 है.. जब मैंने उसकी गाण्ड देखी तो मेरा दिल खुश हो गया।
मैंने उसे अपनी बाँहों में जकड़ा और चुम्बन करने लगा। इधर आंटी ने मुझे उससे हटाया और लेटने को कहा। मैं लेट गया.. निधि 69 की अवस्था में आ गई और हम दोनों चूसने लगे। आंटी निधि के मम्मों को दबाने लगीं। कुछ देर बाद मैं झड़ गया और साइड में हो गया।
आंटी ने निधि को लेटने को कहा।
थोड़ी देर के बाद आंटी ने कहा- चलो खाना खाते हैं। मैंने कहा- ठीक है..
हम सबने हाथ धोए और भरपेट खाना खाया।
आज हम तीनों ने बिना कपड़े पहने ही खाना खाया।
फिर आंटी मेरे लिए वही मिल्क-शेक लेकर आईं और मैंने शेक पीने के बाद आंटी से कहा- चलो 2-3 घंटे सोते हैं।
आंटी ने कहा- ठीक है..
अब हम सब सो गए.. करीब 4 घंटों के बाद मुझे आंटी ने उठाया।
अभी सुबह के 3 बज रहे थे। निधि भी उठ गई.. मैंने आंटी को उल्टा किया और उनके ऊपर चढ़ गया। मैं उनके मम्मों को दबाने लगा.. निधि मेरी गाण्ड के साथ खेल रही थी।
थोड़ी देर के बाद आंटी ने कहा- उठो..
मैं उठ गया और आंटी रसोई में चली गई और अन्दर से लंबा बैगन लेकर आईं और निधि से कहने लगीं- लेट जा..
निधि मना करने लगी.. मैंने उसे मनाया, आंटी ने बैगन को तेल लगाया और निधि की चूत में डाल दिया, निधि ज़ोर से चीख पड़ी। तब मैंने उसे चुम्बन करना चालू किया और आंटी ने धीरे-धीरे चोदना शुरू किया।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं ! मैं उठा और अपना लंड निधि के मुँह में डाल दिया और अन्दर-बाहर करने लगा।
मैंने आंटी से कहा- आंटी अब आप बैंगन निकाल लो। उन्होंने बैगन निकाल लिया। जब मैंने निधि की चूत देखी तो उसमें से खून निकल रहा था और चूत फूल गई थी.. पर निधि को लंड चूसने में मज़ा आ रहा था।
अचानक आंटी ने पीछे से उसकी गाण्ड में ऊँगली डाल दी और अचानक हुए इस हमले से उसकी आँखों से आँसू निकल आए.. यह मुझसे देखा नहीं गया, मैंने आंटी को मना किया तो आंटी में मुझ लिटाया और मेरा लंड चूसने लगी और मैं निधि की चूत को चूसने लगा।
अब सुबह हो चुकी थी.. मैंने कहा- आज बहुत हो गया.. अब हम आराम करना चाहिए…
तब निधि कहने लगी- अनिल.. क्या मुझे नहीं चोदोगे?
मैंने आंटी से कहा- मैं निधि को अपने कमरे में लेकर जा रहा हूँ.. आप बाहर से लॉक लगा दो.. यदि कोई आए तो कहना वो बाहर गया है।
फिर मैं और निधि पूरे नंगे एक बजे तक साथ रहे, चोदम-चोद की, साथ में नहाए और उस दिन पूरे दिन नंगे रहे और नंगे ही खाना खाया। [email protected]
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