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हाय दोस्तो, मेरा नाम रोहित खत्री है। मैं बी.ए. के दूसरे वर्ष का स्टूडेंट हूँ।
मैं अमृतसर पंजाब का रहने वाला हूँ.. मेरा रंग गोरा और मेरी लंबाई 5 फुट 6 इंच है… मैं न ज़्यादा मोटा हूँ और ना ज़्यादा पतला हूँ.. मतलब औसत जिस्म का हूँ। मेरे लण्ड की लम्बाई 6″ है।
मुझे लड़कियों आंटियों और भाभियों की मसाज करने और उनके साथ सेक्स करने में बहुत मजा आता है। ये तो हुआ मेरा परिचय और आदतें.. अब मैं कहानी शुरू करता हूँ।
बात 6 महीने पहले की है.. जब मेरे पापा को लकवा का आघात हुआ था। ये सब इतना अनायास हुआ कि किसी को कुछ बताने का वक्त भी नहीं मिला।
जैसे-जैसे पापा के साथ हुए इस हादसे की खबर रिश्तेदारों लगती गई.. वो सभी पापा जी का हाल-चाल पूछने आने लगे। डॉक्टर ने पापा को 72 घंटे बाद हॉस्पिटल से छुट्टी देते हुए कहा- इनको जितनी ज़्यादा मसाज दे सकते हैं.. ये उतनी जल्दी ठीक होंगे।
अब मैं रोज़ पापा जी की मसाज करने लगा। उधर मिलने वाले लोग.. पापा जी का हाल-चाल जानने आने लगे।
इसी क्रम में एक दिन मेरी मुँह बोले भाई की पत्नी यानि मेरी भाभी जी आईं.. उस वक़्त मैं पापा जी की मसाज कर रहा था। भाभी जी को देख कर मैं खड़ा हो कर उन्हें मिलने के लिए उनकी तरफ़ जाने लगा.. तो वो मुझे डाँटते हुए कहने लगीं- आपने तो मुझे पराया कर दिया है.. मुझे कोई खबर ही नहीं दी है।
मैंने कहा- भाभी जी.. ऐसी कोई बात नहीं.. मैं आपको टेन्शन नहीं देना चाहता था।
उन्होंने कहा- वैसे तो तुम हर बात मुझको बता देते हो.. अब जब इतनी बड़ी बात हो गई.. तब तुमने बताना भी सही नहीं समझा।
इतनी देर में मम्मी जी कोल्ड ड्रिंक ले कर आ गईं। भाभी जी ने कोल्ड ड्रिंक पी और पापा जी का हाल-चाल पता किया और चली गईं।
जाते वक्त उन्होंने मुझसे कहा- किसी भी चीज़ की जरूरत हो.. तो जरूर बताना..
‘जी जरूर..’
इधर मैं भाभी जी के बारे में कुछ बताना चाहूँगा कि वो अकेली ही रहती हैं। मेरे मुँहबोले भाई यानि उनके पति कनाडा में रहते हैं। मेरा ज़्यादातर वक्त भी भाभी जी के घर ही बीतता है। मैं कॉलेज से सीधा उनके घर चला जाता था और उनके छोटे-मोटे काम यानि बाज़ार से सामान वगैरह ला कर दे देता था। वो भी मेरी पढ़ाई में मदद कर देती थीं।
भाभी जी के बारे में कुछ और भी बताना चाहूँगा। उनका नाम भावना (बदला हुआ नाम) है.. उनकी लम्बाई 5’4” है.. उनका रंग गोरा और उनकी फिगर तो कमाल की है। वह अपने शरीर को बहुत संवार कर रखती हैं। उनकी फिगर का नाप 32-28-34 है.. वो बहुत ही खुले स्वभाव की हैं।
मैं भी बहुत खुली विचारधारा का हूँ.. मैं उनसे अपनी हर बात साझा कर लेता था.. वो चाहे मेरी दोस्तों की बात हो या सेक्स के बारे में कोई बात हो.. हम दोनों सब कुछ खुल कर बात करते थे।
एक दिन मुझे कुछ पैसों की जरूरत पड़ गई। तो मैंने सोचा कि भाभी जी से माँग लेता हूँ.. जब जॉब लगेगी तो वापिस कर दूँगा।
मैंने रात को भाभी जी को फोन किया तो उन्होंने कहा- सुबह आ जाना।
मैं सुबह 9-30 बजे उनके घर पहुँच गया। मैंने घन्टी बजाई तो भाभी जी ने दरवाजा खोला, वो नाइट गाउन में थीं।
क्या बताऊँ यारों.. वो उस गाउन में बहुत ही सेक्सी लग रही थीं।
उन्होंने मुझे अन्दर बुलाया और सोफे पर बैठा कर कहा- तुम बैठो.. मैं तुम्हारे लिए जूस लेकर आती हूँ।
जब वो रसोई की तरफ़ जा रही थीं.. तो उनके चूतड़ 71-72 कर रही थी.. यह देख कर मेरा लण्ड खड़ा हो गया।
थोड़ी देर में वो संतरे का रस लेकर आ गईं और मेरे सामने बैठते हुए बोलीं- लो अभी ‘ताजे संतरों’ का रस निकाला है.. पियो..
मैं उनके कहने के अंदाज से बावला सा हो गया.. मुझे लगा कि शायद ये अपने मम्मों को सन्तरे कह कर मुझे उत्तेजित कर रही हैं। मैं चुप हो कर उनके मम्मों को निहार रहा था।
वो मुझसे पूछने लगीं- पापा का क्या हाल है?
लेकिन मेरा ध्यान तो उनके गाउन के अन्दर उनके मम्मों पर ही टिका था। उन्हें देख कर मेरा लण्ड मेरे ट्रैक-सूट के पज़ामे में ऊपर की और खड़ा हो कर मुँह बाए नज़र आ रहा था।
उन्होंने मुझसे फिर पूछा- तुम्हारे पापा का क्या हाल हैं?
मैंने एकदम से चौंक कर कहा- ज..ज्ज्जी.. ठीक हैं..
फिर वो इधर-उधर की बातें करने लगीं। मुझे ऐसा लगा कि वो मेरे पज़ामे के उभार को देख रही हैं।
उन्होंने कहा- मैंने तुम्हें तुम्हारे पापा की मसाज करते हुए देखा था.. तुम तो मसाज पार्लर वालों से भी अच्छी मसाज कर रहे थे।
‘जी..’
उन्होंने फिर कहा- यदि तुम बुरा ना मानो तो एक बात कहूँ?
मैंने कहा- मैंने आपकी बात का कभी बुरा माना है.. जो अब मानूँगा.. आप कहिए।
उन्होंने कहा- कल से मेरे शरीर में दर्द हो रहा है.. क्या तुम मेरी मसाज कर दोगे?
मैंने कहा- हाँ.. जरूर भाभी जी।
तो मैंने उन्हें जैतून का तेल लाने को कहा क्योंकि जैतून के तेल से एक तो दर्द में जल्दी फ़र्क पड़ता है.. और शरीर में भी चमक आती है। वो तेल लेकर बेडरूम में आ गईं।
मैंने उन्हें गाउन उतारने को कहा.. उन्होंने जब बेहिचक होकर अपना गाउन उतारा…
मैं यह देख कर हैरान हो गया कि उन्होंने नीचे कुछ भी नहीं पहना था।
जब मैं गाउन में उन्हें देख रहा था.. तो मुझे यह तो लग रहा था कि उन्होंने ब्रा नहीं पहनी है… लेकिन जब उन्होंने गाउन उतारा तो मैंने देखा कि उन्होंने नीचे कच्छी भी नहीं पहनी थी।
वो पेट के बाल लेट गईं.. मैं तेल लेकर उनके पास गया और कहा- मसाज करते हुए मेरा ट्रैक-सूट खराब हो जाएगा..
तो उन्होंने कहा- तो उतार लो इसको.. फिर मसाज करना।
मैंने अपना ट्रैक-सूट उतार दिया। अब मैं सिर्फ़ फ्रेंची और बनियान में था। मेरा लण्ड फ्रेंची में तना हुआ दिखाई दे रहा था। मैं तेल लेकर उनकी पीठ पर फैला कर मालिश करने लगा। उनका शरीर इतना नर्म था कि मालिश करते हुए मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। मेरे हाथों का स्पर्श पा कर भाभी भी मस्त हो गई थीं।
मैंने उनके कन्धों और बाँहों की मसाज करनी शुरू कर दी। फिर मैं धीरे-धीरे पीठ की मसाज करते हुए उनके मम्मों की गोलाईयों की मसाज करने लगा।
क्या बताऊँ यारों.. कितनी नर्म गोलाईयाँ थीं.. मसाज करते हुए मैंने जानबूझ कर अपना अंगूठा उनके पीछे के सुराख में डाल दिया.. उसी समय उन्होंने अपनी टाँगें और फैला कर अपनी बुंड और खोल दी।
मेरी हालत इतनी खराब हो गई थी… मैं पूरा पसीने से भीग चुका था और मेरा लंड उनकी बुंड को बार-बार सलामी दे रहा था। मैंने अपने लण्ड से उनकी बुंड पर स्पर्श करना शुरू कर दिया। मेरी फ्रेंची जहाँ से लण्ड के कारण उठी हुई थी। वहाँ से मेरी फ्रेंची उनकी बुंड में तेल से लग कर भीग गई थी।
उनका कोई प्रतिरोध न होते हुए देख कर मैं आश्वस्त हो चुका था कि भाभी जी मूड में हैं और किसी बात का कोई डर नहीं है। फिर मैं उनकी जाँघों और पिण्डलियों की मसाज करने लगा।
मैं बिस्तर से नीचे आया और एक तकिया ले कर पिण्डलियों के नीचे रखा और उनके पैरों की मसाज करने लगा। साथ ही कुछ पॉइंट दबा कर उन्हें आराम दिलाने लगा। फिर मैंने उन्हें सीधा होने को कहा।
वो बेहिचक सीधी हुईं.. उन्होंने मेरी तरफ़ नशीली नजरों से देखा और अपने पैर फिलाते हुए कहा- तुम तो पसीने से भीग गए हो.. तुम अपनी बनियान उतार दो।
मैंने उनकी चूचियों को निहारते हुए अपनी बनियान उतार दी। अब मैं सिर्फ़ फ्रेंची में था। भाभी मेरे लवड़े के फूले हुए हिस्से को बड़े गौर से देख रही थीं। मैंने उनकी एक टांग उठा कर अपने कंधे पर रख लीं।
अब उनकी फुद्दी मेरी आँखों के बिल्कुल सामने थी.. एकदम क्लीन-शेव्ड गुलाबी रंग की फुद्दी.. उसे देख कर मेरे लण्ड ने उसे एक साथ 5 सलामी ठोक दीं।
फिर मैं भाभी की जाँघों को मसाज करने लगा और मसाज करते हुए उनकी फुद्दी की मसाज भी करने लगा।
भाभी इतनी मस्त हो गई थीं कि मस्ती मैं वो अपनी टाँगें फैलाते हुए ‘आअहह ऊऊहह आआहह..’ की आवाजें निकालने लगीं। मैंने उनकी फुद्दी के होंठों को खोल कर अपनी ऊँगली चूत में अन्दर-बाहर करनी शुरू कर दी। उनकी फुद्दी गीली हो गई थी।
फिर मैंने उनके पेट की मसाज शुरू कर दी मैं अब उठा और आगे उनके मुँह के पास आ गया.. और उनके मम्मों की मसाज शुरू कर दी।
उनके मम्मे इतने सख़्त हो गए थे.. जैसे कोई पत्थर हों। उनके निप्पल आसमान की तरफ़ तने हुए थे.. मैं उन्हें मसलने लगा और वो मस्ती में “उई.. आअहह..” की आवाजें निकलते हुए मेरा लण्ड पकड़ कर दबाने लगीं।
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.. मैं भी मस्ती में ‘आआहह.. ऊओह..’ की आवाजें निकालने लगा।
उन्होंने मेरा लण्ड फ्रेंची में से आज़ाद कर दिया और वो इतना कठोर हो चुका था कि दर्द करने लगा था। भाभी ने धीरे-धीरे उसे सहलाना शुरू कर दिया और मेरे लण्ड को आगे-पीछे करने लगीं। उनके नर्म हाथों का स्पर्श पा कर मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था।
फिर मैंने अपने होंठ उनके होंठों पर रख दिए और चुम्बन करने लगा। मैंने अपना एक हाथ उनके सिर के पीछे रख कर उनका चेहरा ऊपर किया हुआ था। मैं अपने दूसरे हाथ से उनके मम्मे मसल रहा था।
उन्होंने अपने हाथ से मेरा सिर दबाया हुआ था और दूसरे हाथ से मेरा लण्ड आगे-पीछे कर रही थीं। मैं उनका कभी ऊपर वाला होंठ चूसता.. तो कभी नीचे वाला.. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं.. वो भी मेरे होंठों को चूस रही थीं और बीच-बीच में हौले-हौले काट रही थीं।
फिर मैं अपनी जीभ उनके मुँह में देकर घुमाने लगा। वो बड़े मजे से मेरी जीभ को चूस रही थीं, उन्होंने अपने जीभ मेरे मुँह में घुमानी शुरू कर दी। मैं भी उनकी जीभ चूस रहा था। मुझे ऐसा करने में बड़ा मज़ा आ रहा था।
फिर मैं अपना मुँह उनके मम्मों के निप्पल पर लगा कर उन्हें चूसने लगा और दूसरे हाथ से दूसरा मम्मा मसलने लगा। वो ‘आअहह.. ऊऊओाअहह..’ की आवाजें निकालने लगीं। मैंने उनके निप्पल के चारों तरफ़ हल्के-हल्के से काटना शुरू कर दिया.. वो मस्ती में ‘उह..आाहह..’ करने लगीं।
फिर मैंने भाभी से कहा- मेरे लण्ड में बहुत दर्द हो रहा है।
उन्होंने कहा- अभी ठीक कर देती हूँ। यह कह कर वो बिस्तर से नीचे उतरीं और घुटनों के बल बैठ कर मेरा लण्ड अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं। मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि मैं बता नहीं सकता। मस्ती में मेरे मुँह से ‘ऊओआहह.. इय्याअ बेब..’ की आवाजें निकल रही थीं। मैं उनके सिर को अपने लौड़े पर दबा रहा रहा था। वो बीच-बीच में मेरे टट्टों को भी चाट रही थीं।
जल्दी ही मेरा माल निकल गया और वो सारा माल पी गईं।
उन्होंने कहा- तू तो झड़ गया.. अब मेरा दर्द कौन ठीक करेगा?
मैंने उन्हें उठाया और एक चुम्बन कर के बिस्तर पर लेटा दिया। मैं उनके पैरों के पास जा कर उनकी दोनों टाँगें उठा कर अपने कन्धों पर रख कर घुटनों के बल बैठ गया। अब उनकी गुलाबी फुद्दी मेरी आँखों के ठीक सामने थी।
मैंने अपनी जीभ उनकी फुद्दी के चारों ओर घुमानी शुरू कर दी जिससे वो बहुत ही मस्त हो गईं। फिर मैं उनकी फुद्दी के होंठों को एक-एक करके चूसने लगा.. जिससे वो चिल्ला उठीं वो मस्ती में सिसिया कर बोल रही थीं- चूस लो इसे.. इसकी सारी गर्मी निकाल दो.. आह्ह..
इसकी उसके बाद मैंने अपनी जीभ उनकी फुद्दी के अन्दर डाल दी.. और अन्दर-बाहर करने लगा.. जिससे वो इतनी मस्त हो गईं कि अपने चूतड़ों को ऊपर-नीचे करने लगीं और ‘आआहह.. ऊऊओह..’ की आवाजें निकालने लगीं। थोड़ी देर बाद उन्होंने अपना माल छोड़ दिया.. मैं उनका सारा माल पी गया और जीभ से ही उनकी फुद्दी चाट कर साफ़ कर दी।
भाभी की फुद्दी चाटने से मेरा लण्ड फिर से एकदम लोहे जैसा सख़्त हो गया था। मैं उठ कर भाभी के पास गया और अपना लण्ड उनके मुँह में डाल कर धक्के मारने लगा। वो भी मजे से मेरे लण्ड को चूसने लगी फिर मैंने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया और उनके मम्मों को चूसने लगा।
वो बहुत ही मस्त हो गईं और चुदासी हो कर ‘उआहह..’ की आवाजें निकालने लगीं। उन्होंने मुझसे कहा- अब मत तड़पा.. मेरी फुद्दी में अपना लण्ड डाल दे।
मैं उनके पैरों के पास गया और टाँगें उठा कर अपने कन्धों पर रख लीं। अब मेरा लण्ड उनकी फुद्दी की दीवार के साथ रगड़ गया। मैंने अपने लण्ड को उनकी फुद्दी के ऊपर घिसने लगा.. वो तड़फ गईं और ज़ोर से बोलीं- अब अन्दर भी डाल दे…
मैंने उनकी फुद्दी की दरार पर लण्ड टिका कर धक्का मारा तो मेरा आधा लण्ड उनकी फुद्दी में चला गया।
वो चिल्लाईं- जरा धीरे कर..
फिर मैंने दूसरा धक्का मारा और अपना पूरा लण्ड उनकी फुद्दी के अन्दर पेल दिया। अब मैं धीरे-धीरे धक्के मारने लगा और वो ‘ऊऊआहह.. उउउइयाआ..’ की आवाजें निकालने लगीं।
मैंने अपने धक्कों की रफ़्तार और बढ़ा दी और दोनों हाथों से उनके मम्मे ज़ोर-ज़ोर से मसलने लगा। मैं ‘आआहह.. ऊऊयय्याआ..’ की आवाजें निकालने लगा और वो भी ‘उआहह.. ऊऊआहह.. और जोर से चोद..’ की आवाजें निकाल रही थीं।
हम दोनों की आवाजों से पूरा कमरा गूँज रहा था और मेरे टट्टे उनकी फुद्दी से टकरा कर “ठप.. ठप..” की आवाजें निकाल रहा था। करीब 5 मिनट बाद भाभी ने अपनी टाँगों से मेरी पीठ पर दबाव बढ़ा दिया और अपना सारा माल छोड़ दिया। मेरे लण्ड से उनका गर्म माल स्पर्श कर रहा था।
मैंने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया और भाभी को घोड़ी बनने के लिए कहा… वो घोड़ी बन गईं। मैंने अपना लण्ड उनकी फुद्दी में डाल कर धक्के मारने शुरू कर दिए और अपने हाथों से उनके चूतड़ों पर ज़ोर डाला हुआ था।
हर धक्के के साथ उनके मम्मे काफ़ी उछल रहे थे.. कुछ ही देर बाद मैं और भाभी ने एक साथ माल छोड़ दिया और मैं हांफते हुए उन्हें सीधा कर के लेट गया। मैं उन्हें चुम्बन करने लगा.. उन्होंने भी मुझे चुम्बन किया।
फिर हम दोनों बाथरूम में चले गए.. वहाँ हम एक साथ नहाए। उस दिन मैंने भाभी के साथ 2 बार और चुदाई की। फिर भाभी जी ने मुझे 10 हज़ार रुपए निकाल कर दिए। मैंने भाभी से कहा- मैंने तो सिर्फ़ 5 हज़ार माँगे थे.. जो मैं बाद में वापिस कर दूँगा।
भाभी ने कहा- ये पैसे तुम्हारी मेहनत के हैं.. तुम ने मेरी बहुत अच्छी मसाज की और साथ ही मेरी प्यास भी बुझा दी।
मैं पैसे लेकर घर वापिस आ गया। उसके बाद भाभी जी ने अपनी 2 और सहेलियों की मसाज करवाई.. वो भी मुझसे बहुत खुश हुईं।
इस तरह मजबूरी और भाभी जी के साथ की बदौलत मैं एक पेशेवर मसाज-ब्वॉय बन गया..
दोस्तो, मेरी कहानी कैसी लगी.. मुझे जरूर बताइएगा। फिर मैं आपको अपनी अगली कहानियाँ भी सुनाऊँगा कि कैसे मैंने भाभी की फ्रेंड की मसाज की..
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