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अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्रणाम! दोस्तो, मेरी पिछली कहानी पहला सामूहिक चोदन-आनन्द अन्तर्वासना पर प्रकाशित होने के बाद मैं बहुत व्यस्त रही, आपके बहुत मेल आये किन्तु सबका जवाब भी न दे सकी, क्षमा कीजियेगा।
आप सब पाठकों के सस्नेह-आग्रह से मैं विवश हो गई और समय निकाल कर आगे की घटना लिख रही हूँ।
आपने पिछली कहानी में पढ़ा कि कैसे जीवन में पहली बार हमने सामूहिक रूप से संसर्ग सुख प्राप्त किया और दूध के गिलास से अदला-बदली की शुरूआत हुई।
दोनों दम्पति अपने-अपने बिस्तर पर आराम कर रहे थे किन्तु किसी को भी नींद नहीं आ रही थी।
मैंने गौर किया कि नेहा भाभी सामूहिक सुख के बाद बहुत खुश थीं और दूध की अदला-बदली के बाद तो उनकी प्रसन्नता छिपाए नहीं छिप रही थी, उनके अंग-प्रत्यंग से मादकता टपक रही थी, वे कुछ अधिक ही उत्सुक लग रही थीं।
नींद न आने से हम लोगों ने बातचीत शुरू कर दी।
नेहा भाभी- हम लोगों ने जीवन में सम्भोग तो बहुत किया और मजा भी बहुत लिया, किन्तु आज जैसा मजा कभी भी नहीं आया, ऐसा क्यों शीलू?
कमल- भाभी, संसार के सभी मनुष्यों को सम्भोग की क्रिया देखने में करने से अधिक मजा आता है चाहे उसकी उम्र कुछ भी हो… दो साल का बच्चा भी किसी को सेक्स करते देखे तो स्तब्ध रह जाता है। हम किसी पशु या पक्षी को भी सेक्स करते देखें तो मजा आता है फिर अपने सामने दोस्तों का नग्न चोदन यानि सेक्स इतने पास से देखने में तो इतना मजा आना ही था।
नेहा- दूर से बात करना ठीक नहीं लग रहा, क्यों ना दोनों बिस्तर जोड़ लें?
कमल- हाँ ये ठीक रहेगा।
फिर हम लोगों ने दोनों बिस्तर एक साथ जोड़ लिए और एकदम पास-पास हो गए, एक किनारे मैं थी फिर कमल उनके बगल में नेहा भाभी और फिर राजन! अब हम सब एक दूसरे से सटे हुए थे और फिर से रोमांचित होने लगे थे।
मैं- यदि एक दूसरे को दूर से देखते हुए सेक्स में इतना मजा आता है तो एक दूसरे को छूते हुए और पार्टनर बदल कर सेक्स में कितना आएगा? राजन- इसमें तो इतना मजा आएगा कि किसी ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी।
नेहा- लिंग और योनि तो वही होती है तो साथी बदलने से क्या फर्क पड़ता है?
राजन- हर योनि की बनावट और कसावट में अंतर होता है, इसी तरह हर लिंग के आकार और सुपाड़े की बनावट में बहुत अंतर होता है जो अलग तरह का स्पर्श सुख देता है। जैसे मेरा लिंग कुछ अधिक लम्बा है और उसका नोकदार सुपाड़ा योनि में क्रमशः जगह बनाते हुए घुसता है तो अलग मजा देता है, पर कमल के लिंग की मोटाई अद्भुत है और उसका मशरूम जैसा सुपाड़ा पूरी मोटाई से घुसता है और योनि की गहराइयों में जाकर ऐसा फिट होता है कि योनि को पूरा भर देता है। फिर साथी बदलने का बिलकुल ही अलग अहसास होता है जो मनुष्य को अद्भुत रोमांच से भर देता है, स्वाद बदलना सभी को रोमांचित करता है।
इतनी बातों से हम सभी गर्म होने लगे थे और अपने-अपने साथी के साथ अठखेलियाँ करने लगे। कमल और मैं आपस में चिपके हुए एक दूसरे को चूम, चाट व सहला रहे थे तो राजन व नेहा दोगुने जोश में वही सब कर रहे थे। धीरे-धीरे हम सब एक बार फिर एक दूसरे के कपड़े उतार कर नग्न हो गए।
बीच-बीच में हमारा बदन दूसरे जोड़े के बदन से छू जाता तो रोमांच और बढ़ जाता था। नेहा भाभी तो जानबूझ कर कमल को छू रही थी और उनसे चिपकने की कोशिश करती थी। कमरे का वातावरण बहुत कामुक हो गया था, चार जवां बदन कामुकता के खेल में लीन थे। नेहा भाभी अधिक ही गर्म हो चुकी थीं, वे बार-बार कमल से चिपकने लगती थीं।
सही मौका देख राजन ने कमल का हाथ पकड़ कर नेहा के स्तनों पर लगा दिया। कमल अपने कलात्मक अंदाज में उनके स्तनों को सहलाने व दबाने लगे।
नेहा की मस्ती और बढ़ गई, वो आँखें बंद कर कमल का चुम्बन लेने लगी। थोड़ी ही देर में नेहा का हाथ कमल के लिंग पर आ गया और उसे मस्ती से सहलाने लगी।
कमल नेहा के स्तन चूसने लगे तो नेहा मस्ती में आकर कमल का मस्त मोटा लंड जोर से दबाने लगी। फिर वो कमल के मस्त लौड़े को चूमने, चाटने लगी तो राजन मेरी ओर आ गए और मेरी रसीली चूत चाटने लगे।
क्या अद्भुत दृश्य था! एक ही बिस्तर पर नेहा भाभी कमल का लंड चूस रही थीं तो राजन मेरी चूत चाट रहे थे।
फिर राजन और मैं 69 की अवस्था में आ गए तो नेहा कमल भी इसी पोजीशन में हो लिए। मैं नीचे से राजन का 7 इन्च का मस्त नोकदार लंड चूस रही थी तो राजन ऊपर से मेरी रसभरी चूत चाट रहे थे।
उधर कमल नीचे और नेहा ऊपर से एक दूसरे को मुखमैथुन का आनन्द दे रहे थे। मैं तो यह मजेदार दृश्य देख कर ही झड़ने लगी थी, यही स्थिति नेहा भाभी की हो रही थी। हमारी उत्तेजना बढती जा रही थी, अब वो पल दूर नहीं था जिसका हम सबको बेसब्री से इन्तजार था यानि हमारा पहला अदला-बदली परमानन्दम्…
मैंने गौर किया कि राजन का लिंग आज पहले की अपेक्षा ज्यादा लम्बा, मोटा और सख्त हो गया था। शायद अपनी आँखों के सामने अपनी प्यारी पत्नी को अपने प्रिय मित्र के साथ मजा लेते हुए देखने के कारण वो अपने जीवन के सर्वाधिक उत्तेजना के शिखर पर था।
नेहा भाभी तो उत्तेजना के चरमोत्कर्ष पर थीं, आज वे ऐसा आनन्द ले रही थीं जिसकी उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की होगी। यह नेहा भाभी के जीवन का प्रथम अवसर था जब वे अपने पति के अलावा किसी और मर्द के साथ संसर्ग कर रही थीं।
ठीक यही स्थिति कमल की भी थी।
राजन उन दोनों को बहुत बारीकी से वाच कर रहे थे, वे दोनों उत्तेजना के चरम पर थे अतः उन्होंने सही मौका देखा तो मेरे से अलग हो गए और कमल-नेहा का सहयोग करने में लग गए। राजन ने बड़े प्यार से नेहा भाभी को उनके मस्तक, नेत्रों और गालों पर चूमा, उनका सिर गोदी में लेकर बैठ गए और बड़े प्यार से उनके स्तनों को सहलाने लगे फिर मुझे इशारा किया तो मैंने कमल को प्यार किया उनके मद-मस्त हो रहे लिंग को प्यार से चूमा।
मुझे महसूस हुआ कि उनका लंड आज जीवन के सर्वाधिक उभार पर था आज तक कभी भी कमल का लंड इतना मस्त और सख्त नहीं हुआ था।
कमल के मस्त लंड को बड़े ही प्यार से चूमते-चाटते हुए मैंने अपने हाथों से नेहा भाभी की आमंत्रित करती हुई रसीली छबीली चूत के खुले मुंह में लगा दिया।
नेहा भाभी का चेहरा मस्ती व उत्तेजना में लाल सुर्ख हो गया था।
फिर कमल ने राजन और मेरी ओर देखा तो हमने सहमति में सिर हिला दिया, जो कमल के लिए हरी झंडी थी। उन्होंने धीरे-धीरे नेहा भाभी की चूत महारानी में अपने लंड महाराज का प्रवेश कराना शुरू किया, नेहा भाभी थोड़ी कसमसाई तो राजन ने उनको जकड़ लिया और प्यार करने लगे। जब पूरा लिंग प्रवेश हो गया तो नेहा भाभी मुस्कुराईं और हमें इशारा किया, अब वे खुद चुदाई का आनन्द लेने के साथ हमारी चुदाई देखने का भी आनन्द लेना चाह रही थीं। उन्होंने मुझे व राजन को चूमा और चुदाई शुरू करने की अनुमति दी।
राजन ने अपना मस्त मजेदार 8 इंची नोकदार लंड नेहा भाभी को चुसाया तो कमल ने मेरी रसभरी चूत को बड़े ही प्यार से चाट कर मुझे राजन का लंड लेने की अनुमति दी।
अब राजन ने मुझे नेहा भाभी के बगल में लिटाया और प्यार से अपना मतवाला लंड मेरी प्यासी चूत के हवाले कर दिया जो गपक-गपक कर बड़ी मस्ती से उसको अपने अन्दर समा लेने की कोशिश करने लगी।
अब बिस्तर में बड़ा ही मस्त नजारा था, मैं और नेहा भाभी एक दूसरे से बिल्कुल सट कर लेटी हुई थीं, मेरे पतिदेव का मस्त लंड नेहा भाभी की रसीली शर्मीली चूत को जन्नत का मजा दे रहा था तो उनके पतिदेव का जानदार शानदार लंड मेरी रसभरी प्यासी चूत को सातों स्वर्गों का अपूर्व सुख प्रदान कर रहा था।
मैं और नेहा भाभी आपस में एक दूसरे का हाथ पकड़े हुए थीं। तो कमल व राजन भी बीच-बीच में एक दूसरे को ठोंक कर एक दूजे का उत्साह बढ़ा रहे थे।
चुदाई का रोमांच चरम पर था, दोनों मर्द तूफानी गति से धक्के पर धक्के लगा रहे थे तो नीचे से मैं व नेहा भाभी भी ताल से ताल मिलाकर उनका भरपूर साथ दे रहे थे।
मैं तो कई बार झड़ चुकी थी, नेहा भाभी की शर्मीली चूत भी किसी पहाड़ी झरने की तरह रस बहा रही थी, किन्तु लगता था कि दोनों मर्द शर्त लगाकर चोद रहे थे और कोई भी हार मानने को तैयार नहीं था।
कुछ देर बाद कमल थकने लगे तो राजन बोले- अब हम दोनों नीचे लेटते हैं और हमारी पत्नियाँ ऊपर से चुदाई करेंगी।
अब मैं व नेहा भाभी ऊपर आ गईं एवं एक दूजे के पतियों के लंड अपनी चूतों में ले कर ऊपर से चुदाई करने लगीं। कभी हम ऊपर से चोदते तो कभी हमारे पति! दोस्तो, इस तरह उस रात जिंदगी की सबसे लम्बी चुदाई चली। चुदाई में इतना आनन्द परमानन्द प्राप्त हो रहा था कि उसका शब्दों में वर्णन कर पाना असंभव है। अंत में सब लोग झड़े और थक कर एक साथ लिपट के सोने लगे, अब हम चारों में कोई भेद नहीं था, कोई भी नहीं समझ सकता था कि कौन किसका पति और कौन किसकी पत्नी है।
इस तरह उस रात हमारी जिंदगी की पहला अदला-बदली चुदाई हुई। उसके बाद वे लोग और दो दिन रुके उन रातों में कुछ अलग तरह का आनन्द हुआ, उसके बारे में फिर कभी बात होगी।
दोस्तो, मेरी यह सामूहिक चोदन की नई घटना आपको कैसी लगी, अपनी राय जरूर बताइयेगा। आपकी शीलू
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