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हैलो दोस्तो, आप सभी ने मेरी पिछली कहानी दोस्त की लिव-इन तो पढ़ी होगी.. यह उसके बाद की कहानी है।
बी.टेक की पढ़ाई खत्म होने के बाद मैं एक कमरा किराए पर लेकर दिल्ली में ही रहने लगा। अब मैं सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहा था।
यह बात बहुत पुरानी है.. मेरी एक स्कूल की दोस्त अपर्णा.. जिसे मैं बहुत प्यार करता था और वो भी मुझे पसन्द करती थी लेकिन वो मेरी गर्ल-फ्रेण्ड ना बन सकी.. क्योंकि वो इस सबसे बहुत डरती थी।
हमारा स्कूल टाइम खत्म हो गया.. मैं और वो दूसरे कॉलेज में चले गए और उधर उसका ब्वॉय-फ्रेण्ड भी बन गया था लेकिन उसके ब्वॉय-फ्रेण्ड ने उसको चोद-चाद कर छोड़ दिया था।
फिर एक दिन जून में जब मेरी छुट्टी थी और मैं बी.टेक. के दूसरे साल में था.. उस समय एक दिन उसका मैसेज आया और वो अपनी चुदाई की पूरी कहानी बता कर रोने लगी।
उसके मैसेज को पढ़ कर मैंने उससे बात की और फिर हमारी बातचीत शुरू हो गई। बातचीत से मालूम हुआ कि वो एक अच्छी कंपनी में पोस्टेड है।
आज भी मैं और वो एक-दूसरे को बहुत याद करते हैं। लेकिन हम अभी भी ब्वॉय-फ्रेण्ड और गर्ल-फ्रेण्ड नहीं हैं।
अभी कुछ दिन पहले अपने दोस्तों के साथ वो दिल्ली घूमने आई थी.. तब उसने मुझे मिलने के लिए बुलाया।
वो अब काफ़ी खूबसूरत लग रही थी। मुझे देख कर उसने अपने दोस्तों से मुझे मिलाया। उसके बाद हम बातें करने लगे बातों ही बातों में उसने मुझे बताया कि उसके एक सहेली जो उसके साथ आई है.. वो अपने ब्वॉय-फ्रेण्ड के यहाँ रुकेगी और वो होटल में कमरा लेकर रहेगी।
मैंने उसको अपने यहाँ रुकने के लिए मना लिया.. क्योंकि वो मुझसे कहा करती थी- तुम खाना काफ़ी अच्छा बनाते हो.. कब खिला रहे हो?
आख़िर वो मेरे हाथ का खाना खाने के लिए मेरे कमरे पर रुकने को तैयार हो गई। रात में खाना खाने के बाद हम लेट कर पुरानी बातें याद करने लगे।
बात करते-करते मैंने उससे कहा- मैं हमेशा से तुम एक चुम्बन करना चाहता था.. लेकिन कभी कर नहीं पाया।
तो वो बस मुस्कुरा दी।
फिर मैंने उससे कहा- क्या मैं तुम्हें एक चुम्बन कर लूँ?
उसने मुस्कुराते हुए कहा- ठीक है.. लेकिन सिर्फ़ एक..
फिर मैंने उसके होंठों पर एक प्यारा सा और लंबा चुम्बन किया।
चूमने के बाद मैंने उससे पूछा- कैसा लगा?
तो उसने शर्माते हुए कहा- अच्छा लगा..
फिर मैंने उससे कहा- एक और..
तो उसने कुछ नहीं बोला.. मैं समझ गया कि लोहा गर्म है.. और मैंने अपने होंठों को उसके होंठों पर रख दिए।
अब हमारा अधर-मिलन आरम्भ हो गया.. मैं उसके होंठों को अपने होंठों से रगड़ कर रसपान करने लगा और फिर धीरे से अपने हाथों को उसके मम्मों पर फिराने लगा.. वो भी मेरा साथ देने लगी।
देखते ही देखते कब हमारे कपड़े उतर गए.. हमको पता ही नहीं चला।
मैंने उसके मदमस्त जिस्म को एक भरपूर नजर से देखा तो उसने लज्जा से अपनी निगाहें नीचे कर लीं और फिर वो मेरी बाँहों में सिमट गई।
हम दोनों ने एक-दूसरे को कस कर पकड़ लिया, हम दोनों एक-दूसरे के होंठों को ऐसे चूस रहे थे.. जैसे कोई आइसक्रीम चूस रहे हों।
उसके बाद में मैं उसके मम्मों को कभी चूसता.. कभी दबाता और फिर मैंने अपने हाथों से उसकी चूत को सहलाना चालू कर दिया और वो जोर-जोर से सिसकारियाँ लेने लगी।
मैं अपना एक हाथ उसकी चूत पर फेरता हुआ सहला रहा था और वो चुदाई की चाहत में मस्त हो रही थी। फिर मैंने अपनी दो उंगलियाँ उसकी चूत में डालीं और उसको ऊँगली से चोदने लगा। थोड़ी ही देर में वो झड़ गई।
उसके बाद मैंने अपना 7 इंच लंबा लंड उससे चूसने के लिए बोला और वो मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी।
मैं उसके कामुक अंदाज से अपना लौड़ा चुसवाने से मस्त हो गया।
उसके बाद मैंने उसको उठा कर बिस्तर पर पटक दिया और उसको बेतहाशा चूमने लगा। मैं अपने लंड को उसके मम्मों के बीच में रख कर उसके मम्मों को चोदने लगा।
वो मस्त हो गई और मुझसे बोलने लगी- प्लीज़.. अब मत तड़पाओ.. मुझे चोद दो.. प्लीज़ अजय..
उसके बाद मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और ऊपर से ही चूत की दरार के ऊपर रगड़ने लगा।
वो एकदम से बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी, उसने चुदासी होकर पूरी रण्डी की तरह अपनी टाँगें खोल दीं।
उसके बाद मैंने अपना लंड एक झटके में उसकी चूत में ठोक दिया।
मेरे इस अचानक के प्रहार से उसके मुँह से एक जोरदार चीख निकल गई.. लेकिन मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिया और उसको हचक कर चोदने लगा।
उसके बाद मैंने उसके उल्टा किया और उसकी कमर को ऐसे उठाया कि उसकी चूत पीछे से उभर कर दिखने लगे।
फिर मैंने अपने लंड को उसकी चूत में डाल कर उसके जोर-जोर से चोदने लगा।
वो भी मस्ती से मुझे पीछे धकेल कर चुद रही थी। मैंने भी उसकी लटकती नारंगियों को अपनी मुठ्ठियों में दबोच लिया और किसी कुतिया की उसकी चुदाई करने लगा।
कुछ ही मिनटों में वो एकदम से सीत्कारने लगी और निढाल होकर झड़ गई व नीचे लेट गई। मैं अब भी उसे चोद रहा था।
उसके एकदम से नीचे लेट जाने से उसकी बुर और भी कसी सी हो गई और मैं भी अब झड़ने के कगार पर आ गया था.. तो मैंने भी तेज तेज शॉट मारे और अपना अपना पानी उसकी बुर में ही छोड़ दिया।
इस के बाद मैंने उस रात उसको कई बार चोदा.. लेकिन उसकी गाण्ड नहीं मारी।
उसके बाद अगले दिन वो अपनी सहेली के साथ बंगलुरू चली गई।
दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी कहानी.. मुझे ईमेल करके प्लीज़ अपने विचार लिखें।
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