This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
मैं 24 साल का 6 फीट लंबा कुंवारा शहरी लड़का हूँ। मेरा नाम सोमेश है, मैं मेरठ से हूँ।
कुछ दिन पहले तक मैं कुंवारा था पर मेरी किस्मत का ताला खुल गया और मैं भी सौभाग्यशाली लोगों की सूची में आ गया हूँ जिन्होंने किसी लड़की की चूत मारी है।
दोस्तो, कुछ दिन पहले मेरे घर पर मरम्मत के लिए काम चल रहा था, हमने काम एक ठेकेदार को दिया जिसने काम शुरू कर दिया। पहले हफ्ते तो केवल मर्द मजदूर ही थे और काम जल्दी जल्दी हो रहा था पर एक दिन एक मजदूर हरिया कुछ बीमार हो गया।
उन दिनों मजदूरों की कमी चल रही थी और कोई मजदूर 1-2 दिन के लिए काम नहीं करना चाहता था, ऐसी स्थिति में हरिया ने अपनी जगह बचाने के लिए ठेकेदार से बात करके अपनी जगह अपनी कुंवारी साली को काम पर भेज दिया।
जब मेरी नज़र पहली बार उस पर पड़ी तो मैंने देखा कि वो एक साँवली-सी तीखे नैन नक्श वाली लड़की थी। उसका नाम सोना था और फिगर कमाल का था और वो किसी मॉडल से कम नहीं लग रही थी। हालाँकि काम करने से उसकी जवानी मुरझा सी रही थी।
दोपहर में उसने अपनी बोतल मेरी तरफ बढ़ाते हुए मेरे से पानी माँगा।
बोतल देते समय मेरा हाथ उसके हाथ से छू गया, मुझे तो मानो कर्रेंट सा लग गया मैं मन ही मन उसे चोदने के सपने देखने लगा।
शाम को जब ठेकेदार और बाकी मजदूर जाने लगे तो सोना मेरे पास आकर बोली- साहब, जरा कुछ रुपये चाहिए थे, जीजा बीमार हैं और ठेकेदार ने कल पैसे देने को कहा है, आप कुछ उधार दे दीजिए, हम चुका देंगे।
इतना कहकर उसने नज़र नीचे कर ली।
मैंने उस पर दया करते हुए उसे 200 रुपल्ली दे दिए।
कुछ दिन तक सोना ही काम पे आती रही, मैंने धीरे धीरे उससे बोल चाल शुरू कर दी थी।
एक दिन ठेकेदार और बाकी मजदूरों के जाने के बाद सोना को रुका देख कर मैंने कारण पूछा तो उसने फिर से पैसे की जरूरत बताई। मैंने कहा कि बार बार ऐसे ही पैसे नहीं दिए जा सकते।
उसने बदले में मेरे घर के बाकी काम करने की बात कही।
मैंने सोचा कि चलो इसी बहाने सोना के बदन के दर्शन और देर तक करने को मिलेंगे।
मैं मान गया और 200 रुपए देकर उसे कल आने को कह दिया।
अगले दिन देर शाम को काम खत्म करने के बाद वो रुक गई और बाकी का काम समझने के लिए मेरे कमरे में आ गई।
मैं उस समय कपड़े बदल रहा था और पूरा नंगा था। यह देखते ही सोना बुरी तरह चौंक गई। मैं भी बुरी तरह सकपका गया क्यूंकि मेरा 8 इंच लंबा लंड सोना ने देख लिया था।
पर सोना वहीं पर खड़ी रही और मेरे लंड को निहार रही थी।
यह देख कर मेरा भी हौंसला बढ़ गया और मैं सोना की तरफ बढ़ने लगा।
सोना ने मुझे अपनी ओर बढ़ते हुए देख ‘नहीं बाबूजी, नहीं बाबूजी…’ बुदबुदाने लगी।
पर मेरे दिमाग में सोना की जवानी पीने का प्लान बन चुका था। सोना को मैंने अपनी बाहों में भर लिया।
इसके साथ ही मुझे यह देख कर खुशी और हैरानी भी हुई के सोना ने भी मुझे जकड़ लिया है।
मैंने उसके होंठों को चूमने लगा और वो भी मदमस्त होने लगी।
अचानक दरवाजे की घंटी बजी और सोना मुझसे हटकर मुस्कुराते हुए दरवाजे की तरफ चली गई।
अब मुझे भी पक्का यकीन हो गया था कि सोना मुझसे चुदने के लिए बेताब हो रही है।
दरवाज़े पर डाकिया कुछ पार्सल लाया था, उसको निपटाने के बाद मैं सोना के पीछे पीछे किचन में चला गया और उसे अपनी बाहों में भर लिया, उसके गालों को चूमते हुए मैं बोल पड़ा- जो काम अधूरा रह गया है उसे पूरा कर लिया जाए…
सोना हंस पड़ी और बोली- साब जी, मैं थोड़ा नहा लूँ फिर…!
मैंने उसे तौलिया देते हुए हामी भर दी।
तकरीबन आधे घंटे के बाद सोना बाथरूम से तौलिये में निकली, पूरी निखरी हुई।
मैं उसे देख के पागल हुआ जा रहा था। में उसके पास पहुंचा और उसे गोद में उठा कर बेडरूम की तरफ चल दिया। बेड पे लिटाने के बाद मैंने उसे बेतरतीब चूमना शुरू किया।
उसके मुलायम होठों को मैंने मसलना शुरू किया तो वो आहें भरने लग गयी। इसके बाद मैंने उसके स्तनों को दबाना शुरू किया, सोना को भी खूब मजा आ रहा था और वो भी मेरे लंड को अपने हाथों से सहला रही थी। मैंने उसकी नाभि चूमना शुरू किया तो वो बुरी तरह से काँप गयी।
तभी सोना बोली- मेरे बाबू, आज मेरी अगन शांत कर दो।
मैंने भी अपनी शर्ट उतर दी और अपना लंड सोना के मुंह में देते हुए कहा- इसे जन्नत की सैर करा दे सोना।
सोना न नुकुर करने लगी- नहीं साब जी, ये कैसे होगा, मुझे अजीब सा लग रहा है, कुछ और करते हैं।
‘अरे मेरी रानी, इसे चूसना शुरू तो कर, एक बार ले फिर तू खुद नहीं छोड़ेगी।’ यह कहते हुए मैंने लंड उसके मुंह में डाल दिया।
उसने धीरे धीरे चूसना शुरू किया और फिर स्पीड पकड़ ली।
मैं समझ गया कि अब सोना को मज़ा आने लगा है।
कुछ देर के बाद मैंने अपना लंड निकाल लिया और अपना लंड उसकी चूत में डालने लगा। काफी टाईट चूत थी, तभी वो जोर से चीख पड़ी- आईईईई… अरे ! अआहा… नहीईई…
मैंने उसकी जांघों को सहलाना शुरू किया ताकि वो कुछ और गर्म हो जाए और चूत का दर्द भूल जाये।
धीमे से मैंने अपना लंड उसकी चूत में और अंदर खिसका दिया और फिर आगे पीछे करने लगा।
इतने से सोना को दिक्कत नहीं हो रही थी। फिर मैंने अपना लंड और अंदर ठेलना शुरू किया।
तभी सोना चीख पड़ी- नहीईई ईईईई… मर गई… आईईई ईईईई!
इस बार सोना की चीख से मैं खुद डर गया पर मेरा लंड पूरी तरह से अंदर जा चुका था।
मैंने अपने लंड को पीछे किया तो देखता क्या हूँ कि मेरे लण्ड पे खून लगा है। अब मुझे सोना की चीख का मतलब समझ में आ गया। मुझे खुशी हुई कि मुझे पहली ही बार में नयी नवेली चूत मिली जिसकी सील भी मैंने ही तोड़ी।
अब मैंने अपने लंड को चूत के अंदर धक्के देना शुरू किया, सोना जोर जोर से ‘आहहह… उईई… ईईई…’ की आवाज़ निकाल रही थी। पांच मिनट के बाद सोना की चूत पानी छोड़ने लगी और उसे भी अब भरपूर मज़ा आ रहा था, वो अपनी गांड उठा उठा के लंड के मज़े ले रही थी।
तकरीबन पन्द्रह मिनट चुदने के बाद सोना झड़ गई और उसने पानी छोड़ दिया।
कुछ देर के बाद मैं लेट गया और उसे अपने ऊपर बैठा दिया, कहा- अब मेरे लंड की सवारी करो डार्लिंग!
सोना ने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत में डाल दिया और ऊपर-नीचे होने लगी। सोना खूब मौज में थी क्योंकि मेरे लंड का कितना भाग उसकी चूत में जाए, इस पोजिशन में वो तय कर रही थी।
मैं अब झड़ने वाला था पर मैंने इसे थोड़ा टालने की सोची।
मैं सोना के मम्मों को मुंह में रख चूसने लगा। फिर सोना को उछाल के नीचे किया और अपने लंड को उसके गांड के छेद में डाल दिया। मैंने उसकी गांड जम के मारी।
‘सोना, अब मैं झड़ने वाला हूँ…’
इसके बाद हम दोनों निढाल होकर गिर गये। उसके बाद अगले कुछ दिन यह सिलसिला यूँ ही चलता रहा और हम दोनों ने खूब मज़े किये।
आप लोगों को यह सेक्स कथा कैसी लगी, जरूर बताइयेगा।
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000