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Mashuka Ki Saheli Bhi Chud Gai
हैलो दोस्तो, लंड वालों को मेरा सलाम और अगर बुरा ना माने तो.. चूत वालियों की चूत में मेरा लंड..
मेरे नामे शेख अरकान है, मैं फ़ैसलाबाद में रहता हूँ। मेरा जिस्म कसरती है.. कद 5 फीट 10 इंच है मेरे लवड़े का साइज़ 8 इंच और यह 3 इंच मोटा है।
सना मेरी पक्की जुगाड़ थी और एक बार जब मैं सना को चोद रहा था तो उसके घर की घन्टी बजी।
जब मैंने देखा तो वो साथ वाले घर की लड़की इक़रा थी।
हालांकि मेरा मन इस पटाखे को चोदने का था पर अभी यह पटी नहीं थी और सना से मैं इसको चोदने की बात कह भी चुका था।
हमने दरवाजा नहीं खोला और वो वापस चली गई।
फिर मैंने अपने कपड़े पहने और मैं अपने घर चला गया।
उसी रात मुझे सना का फोन आया और कहने लगी- आज तुमने बहुत अच्छी चुदाई करी, मेरी चूत और गाण्ड में काफ़ी दर्द हो रहा है लेकिन मुझे काफ़ी मज़ा भी आया।
मैं सुनता रहा।
उसने बताया- मेरी भाई-भाभीजान के यहाँ लड़का हुआ है।
मैंने उसे मुबारकबाद दी और कहा- अब तो मुझे दावत चाहिए।
उसने कहा- ठीक है तुम दावत ले लेना.. पर ये तो बताओ कि दावत कहाँ चाहिए.. और दावत में क्या चाहिए।
मैंने कहा- मुझे दावत इक़रा के घर चाहिए और इक़रा चाहिए..
पहले तो वो हैरान हुई लेकिन बाद में उसने कहा- ठीक है.. मैं तुमको फोन पर बता दूँगी।
मैं बहुत खुश हुआ।
उसके बाद कई दिन तक सना से बात ना हो सकी।
मुझे काफ़ी परेशानी हुई.. फिर एक दिन दोपहर को मुझे सना का फोन आया।
मैंने उससे पूछा- इक़रा मान गई क्या?
उसने कहा- वो नहीं मानी.. लेकिन तुम अभी मेरे घर आ जाओ.. घर में कोई नहीं है।
मैं फ़ौरन उसके घर गया.. उसके घर पर कोई नहीं था।
मैंने पूछा- सब कहाँ हैं?
तो उसने बताया- चचा का इंतकाल हो गया है.. और सब वहाँ गए हैं.. 4-5 घंटों तक कोई नहीं आएगा।
जब उसने यह कहा.. तो मैंने उसे अपनी बाँहों में ज़ोर से पकड़ लिया और चुम्मा करने लगा।
उसने भी मेरा साथ दिया।
फिर जब मैंने उसकी छाती पर हाथ फेरा.. तो वो पीछे हट गई।
मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो उसने कहा- आज तुम जो भी करोगे.. मेरी मर्ज़ी के मुताबिक करोगे।
मैंने कहा- ठीक है।
उसने मेरी आँखों पर अपना दुपट्टा ज़ोर से बाँध दिया और मेरे कपड़े उतारने लगी।
जब उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए तो उसने मुझे सोफे पर बिठा दिया और खुद नीचे बैठ कर मेरे लण्ड को अपने मुँह में लेने लगी। मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था।
मैंने उससे कहा- आज बड़े ही मूड में हो।
लेकिन उसने कोई जवाब ना दिया और लण्ड को चूसने में ही लगी रही।
मैंने उसके मम्मों को पकड़ा तो मुझे लगा कि जैसे उसके मम्मों का साइज़ 32 से कम हो गया हो।
लेकिन मैं कुछ नहीं बोला। मैं उसके मम्मों के साथ खेल रहा था और फिर उसने मेरा लण्ड चूसना बंद कर दिया और मेरा हाथ पकड़ कर कमरे में ले गई।
उसने कहा- तुम बिस्तर के ऊपर लेट जाओ।
मैं लेट गया और फिर से वो मेरा लण्ड चूसने लगी।
फिर मैंने उससे कहा- वो 69 की अवस्था में हो जाए।
जब उसने अपनी चूत मेरे मुँह के पास की.. तो मैं उसे चाटने लगा।
जब मैंने उससे पहली बार अपनी जुबान लगाई तो उसके जिस्म में जैसे करेंट दौड़ गया हो.. मैं समझ गया था कि वो सना नहीं ही बल्कि वो इक़रा थी।
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मैंने कहा- सना तुम्हारा भी जवाब नहीं.. तुमने मुझे मेरी दावत भी दे दी और मुझे पता भी नहीं चलने दिया।
इसी के साथ मैंने अपनी आँखों पर बंधे हुए दुपट्टे को खोल दिया। मैंने देखा कि सना पास ही बिस्तर पर बैठी मुस्कुरा रही है और साथ में अपनी चूत में ऊँगली कर रही है।
उसने कहा- तुमको कैसे पता चला कि ये मैं नहीं हूँ?
तब मैंने कहा- इसकी चूत बिल्कुल बंद है.. जब कि तेरी चूत तो मैं खोल चुका हूँ.. और तेरे चूचों और इसके मम्मों की साइज़ में बहुत फर्क है।
उसने कहा- मान गए तुम्हें.. पूरे उस्ताद हो।
इस दौरान इक़रा मेरे लण्ड को किसी भूखे जानवर की तरह चाट रही थी।
मैंने सना से पूछा- तुमने इसे कैसे राज़ी किया?
तो उसने कहा- यह तो पहले से ही राज़ी थी.. याद है.. जब उस दिन तुम मुझे चोद रहे थे और दरवाजा पर इक़रा आई थी।
मैंने कहा- हाँ.. याद है..
तो उसने कहा- ये उस दिन भी तुमसे चुदवाने आई थी.. लेकिन उस दिन तुमने मेरी ऐसी हालत कर दी थी कि मुझसे तो हिला भी नहीं जा रहा था। लेकिन आज मैंने प्लान बनाया कि तुम्हारे साथ कैसे चुदाई करवाना है।
हम ये सब बातें कर ही रहे थे.. लेकिन इक़रा अपनी चुसाई के काम में मगन थी.. वो किसी पागल की तरह मेरा लण्ड चूस रही थी।
मैंने भी उसकी चूत में ऊँगली करनी शुरू कर दी। मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था.. फिर मुझे लगा कि मैं खाली होने वाला हूँ और मैं इक़रा के मुँह में ही खाली हो गया।
वो मेरी सारी क्रीम पी गई और उसने मेरे लण्ड को चाट-चाट कर साफ़ कर दिया।
फिर मैंने कहा- तुम दोनों लड़कियाँ एक-दूसरे की चूत को चाटो.. मैं बैठ कर देखूँगा।
फिर वो दोनों 69 की अवस्था में हो गईं और एक-दूसरे की चूत को चाटने लगीं। वो दोनों एक-दूसरे की चूत को किसी पागल की तरह चाट रही थीं।
इधर मेरे लण्ड में फिर से तनाव आ गया और वो फिर से तैयार हो रहा था।
अब वो दोनों बड़ी तेज़ी के साथ एक-दूसरे की चूत को चाटने लगीं और एक साथ ही एक-दूसरे के मुँह में खाली हो गईं।
उन दोनों ने एक-दूसरे की चूत का सारा पानी चाट लिया और उसी तरह पड़ी रहीं।
इतने में मेरा लण्ड भी अंगड़ाइयाँ लेने लगा था। मैंने इक़रा को पकड़ा और सीधा करके उसे चुम्बन करने लगा और उसके मम्मों को दबाने लगा।
मैंने सना से कहा- तू इक़रा की चूत को चाट…
उसने इक़रा की चूत को चाटना शुरू कर दिया।
फिर मैंने अपना लण्ड इक़रा के मम्मों के दरमियान रखा और आगे-पीछे करने लगा।
इक़रा के मुँह में से अजीब तरह की आवाजें आ रही थीं।
फिर वो ज़ोर से चीखी और सना के मुँह में ही खाली हो गई।
मैंने जल्दी से इक़रा की कमर के नीचे तकिया रखा और खुद उसके ऊपर आ गया।
मुझसे सना ने कहा- पहले मुझे चोदो।
लेकिन मैंने कहा- पहले मैं इक़रा को चोदूँगा.. उसके बाद तुझको चोदूँगा। तुम इक़रा को होंठों पर चुम्बन करो.. और उसकी बाँहों को पकड़ कर रखना।
मैंने अपने लण्ड पर कन्डोम चढ़ाया और उसकी चूत पर रगड़ने लगा।
इक़रा की चूत बहुत टाइट थी.. मैंने सना से कहा- कोई चिकनाई वाली चीज़ लेकर आ..
वो एक कोल्डक्रीम लेकर आई।
मैंने इक़रा की चूत के अन्दर और बाहर ढेर सारी क्रीम लगाई और इक़रा की टाँगें उठा कर अपने कन्धों पर रख लीं।
अब मैंने अपने लण्ड को इक़रा की चूत पर रगड़ने लगा।
इक़रा किसी मछली की तरह तड़फ रही थी।
सना उसे लगातार चूम रही थी। मैंने उसके मम्मों को चूसना शुरू कर दिया, अब इक़रा भी मज़े ला रही थी।
मैंने अपने लण्ड को उसकी चूत में डालना शुरू कर दिया। मेरा लण्ड शुरुआत में तो आराम से उसकी चूत में जाने लगा कि अचानक मेरा लण्ड आगे रुक गया.. मैं समझ गया कि ये उसकी सील है।
मैंने अपने लण्ड को थोड़ा सा जोर लगा कर आगे ठेला.. तो इक़रा तड़फने लगी।
मैंने इसी दौरान अपनी पूरी ताक़त से उसकी चूत में धक्का मारा और मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत के अन्दर चला गया।
वो किसी बिन पानी की मछली की तरह तड़फने लगी।
सना उसे चुम्बन कर रही थी और मैं उसके मम्मों को चूस रहा था। मैंने अपना लण्ड बाहर निकाला और फिर एक ज़ोर का धक्का मारा तो इक़रा बुरी तरह तड़फने लगी और साथ ही एकदम बेजान सी हो गई।
मुझे लगा कि जैसे वो मर गई हो.. मेरे तो होश ही उड़ गए।
मैंने सना से कहा- इसे देख.. क्या हुआ है?
सना ने उसके चेहरे पर पानी फेंका तो वो हड़बड़ा कर हिलने लगी। मैंने उसे हिलते देखा तो मेरी जान में जान आ गई। परेशानी की वजह से मेरा लण्ड बैठ गया था।
मैंने सना से कहा- मेरा लौड़ा मुँह में ले.. साला बैठ ही गया।
उसने मेरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी।
मुझे थोड़ा डर भी लग रहा था.. लेकिन आहिस्ता-आहिस्ता मेरा डर खत्म हो गया और मेरा लण्ड दोबारा किसी शेर की तरह खड़ा हो गया था।
इतने में इक़रा भी ठीक हो गई थी।
मैंने सना से कहा- तू एक तरफ हो..
वो तरफ पर हो गई.. तो मैंने इक़रा को पकड़ कर सीधा किया और उसकी चूत में अपना लण्ड डाल दिया।
इस बार मेरा लण्ड बड़े आराम से उसकी चूत की गहराई तक चला गया।
मैंने आहिस्ता-आहिस्ता धक्के मारने शुरू कर दिए.. उसे भी मज़ा आने लगा था।
वो भी नीचे से चूतड़ों को हिला-हिला कर मेरे साथ दे रही थी।
इसी दौरान सना ने अपने होंठ उसकी चूत पर लगा दिए और मेरे लण्ड को भी चाटने लगी।
मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था.. इक़रा भी नीचे से उछल-उछल कर चुदवा रही थी। उसके मुँह से मज़े से भरी आवाज़ें आ रही थीं।
‘आआहह.. आआहह.. औ..रर.. जोर से चोदो..ओद्द्द्द मुझे..’
उसकी मस्त आवाज़ें निकल रही थीं।
मैं उसे 25 मिनट तक इसी तरह चोदता रहा।
फिर मैंने सना को कहा- तू बिस्तर पर लेट जा..
वो लेट गई।
मैंने इक़रा से कहा- इक़रा, तू कुतिया बन कर सना की चूत को चाट।
इक़रा ने वैसे ही किया।
मैंने इक़रा की चूत में पीछे से लण्ड डाला और उसे चोदने लगा।
मैं इक़रा को तक़रीबन बीस मिनट तक चोदता रहा.. इस दौरान वो 2 बार झड़ चुकी थी और अब मुझे लग रहा था कि मैं भी फारिग होने वाला हूँ। मैंने अपनी रफ्तार बढ़ा दी और मेरा जोश भी बढ़ गया।
मैंने अपना लण्ड उसकी चूत से निकाला और उसकी गाण्ड में डालने लगा।
वो एकदम से चिहुंक गई और उसने कहा- नहीं.. यहाँ नहीं..
मैंने कहा- ठीक है..
मैंने अपना लण्ड उसके मुँह में दे दिया।
वो मेरे लण्ड को चूसने लगी। मेरा दिल अभी फारिग होने को नहीं कर रहा था। मैंने अपना लण्ड उसके मुँह में से निकाला और सोफे पर जाकर बैठ गया, इक़रा उठ कर बाथरूम में चली गई।
सना जो कि इक़रा के चूत चाटने की वजह से 2 बार फारिग हो चुकी थी, बिस्तर पर लेटी मेरी तरफ देख रही थी।
मैंने उसे बुलाया.. वो उठ कर मेरे पास आई और मेरा लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी।
जो कि कुछ-कुछ ढीला हो चुका था सना ने उसे मुँह में लिया और आगे-पीछे करने लगी।
जल्द ही मेरा लण्ड फिर से तैयार हो गया था।
मैंने सना से कहा- आ जा.. मेरे लण्ड पर बैठ जा..
वो मेरे लण्ड पर बैठ गई और मेरा लण्ड उसकी चूत की गहराई तक पहुँच चुका था।
वो ऊपर-नीचे हो रही थी.. मैं उसके मम्मों से खेल रहा था।
इतने में इक़रा बाथरूम में से बाहर आ गई और बिस्तर पर लेट गई।
मेरी नज़र उसकी चूत पर पड़ी जो कि सूज कर फूली हुई थी।
मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था। सना मुसलसल ऊपर-नीचे हो रही थी हम इसी तरह 15 मिनट तक चुदाई करते रहे।
फिर मैं और सना एक साथ ही फारिग हो गए।
सना उठ कर बाथरूम में चली गई और मैं इक़रा के पास चला गया.. जो कि बिस्तर पर उल्टी लेटी हुई थी।
मैंने उसकी गाण्ड पर ज़ोर से थपकी मारी तो वो डर कर उठ बैठी मैंने कहा- साली मेरे लण्ड को साफ कौन करेगा..
तो उसने मेरा लण्ड मुँह में लेकर साफ कर दिया।
इतने में सना भी आ गई.. फिर हम तीनों इकठ्ठे बाथरूम गए और नहाने लगे।
वहाँ मैंने उनको कुछ नहीं कहा.. सिर्फ उन दोनों की चूचियों को ही मसला और चूसा.. उसके बाद मैं कपड़े पहन कर अपने घर आ गया।
दोस्तो, कैसी थी मेरी आपबीती प्लीज़ मुझे ईमेल कर के बताना।
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