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लगभग 30 मिनट बाद मुझे फिर से जोश चढ़ने लगा और शायद उसे भी मस्ती छाने लगी थी।
अब वो मेरे ऊपर आ गई और मेरे होंठों को चूसने लगी। मैंने अपना घुटना उसकी चूत पर लगा दिया और सहलाने लगा।
उसने मेरा होंठ काट लिया मैंने उसे उठा कर बाजू में किया और उसके ऊपर हो गया।
अब मैं उसके होंठ चबा रहा था और मेरे दोनों हाथ उसके स्तनों को निचोड़ रहे थे।
उसने पूछा- हम सेक्स नहीं करेंगे क्या?
मैंने कहा- मैं कोई प्रोटेक्शन नहीं लाया हूँ.. पूजा के साथ उसकी जरूरत नहीं पड़ी और मुझे नहीं पता था कि आज तुम मिलोगी।
उसने कहा- आज योगिता तुम्हारी है तो किस प्रोटेक्शन की जरुरत? अब मत तड़पाओ और बुझा दो मेरी प्यास..
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मैं उसकी टाँगें खोलीं और उसकी चूत पर अपने लंड को रखा.. घुसाने की कोशिश की.. पर नहीं घुसा.. मैंने फिर से उसकी चूत चाटनी शुरू की।
थोड़ा सा चिकनापन हुआ तो मैंने फिर कोशिश की।
अबकी से मैंने एक झटके में अपना लंड उसकी चूत में बिठा दिया।
अभी भी पूरा नहीं गया था.. पर 75% चला गया होगा लेकिन उसकी एक जोर की चीख निकली और मैं रुक गया।
थोड़ी देर मैं ऐसे ही रुका रहा और फिर मैंने अपने लंड को घुमाना शुरू किया और फिर एक और धक्का दिया।
अब उसे ठीक लग रहा था।
उसके गाल पर आंसू बह रहे थे.. जिन्हें मैं पी गया।
मैंने धक्के देने शुरू किए.. मैंने उसे गोद में उठा लिया और उसे गोद में लेकर ही धक्के लगाने लगा।
वो थोड़ी बेसुध सी थी।
थोड़ी देर बाद उसकी चूत से तरल पानी सा आने लगा और मैं चिकनाई पाकर मजे से धक्के लगाने लगा।
मैं मिशनरी अवस्था में था और उसे चोद रहा था।
वो आवाजें करने लगी- बस धीरे.. धीरे.. हाँ.. बस ऐसे ही.. ओह अह हह.. आऽऽह.. आऽऽह… धीरे…आऽऽह… हाँ… आऽऽह…आऽऽह्…जोर से..
मैं धक्कों की रफ़्तार बढ़ा रहा था, वो भी उछल रही थी और मेरे लंड को अपनी चूत से खा लेना चाहती थी। मैं उसे काट रहा था और वो मुझे भींच रही थी।
मैंने उसकी गर्दन पर चूसा तो ‘लव बाईट’ बन गया।
योगिता ने ही मुझे बताया कि ये ‘लव बाईट’ क्या होता है।
उसने भी मेरी छाती पर काफी सारे ‘लव बाईट’ बना दिए।
अचानक से वो चिल्लाई और झड़ गई।
मैं फिर भी लगा रहा।
वो थकने लगी थी।
मैंने उसे घुमाया और उसकी कमर खूब चाटा और कुछ दांत से काटा भी।
इस बार मैं ‘डौगी स्टाइल’ में था। मैंने उसकी चूत पर लंड रखा और घुसाने की कोशिश की.. कुछ नहीं हुआ।
मैं पहली बार इस तरह से कुतिया बना कर चुदाई कर रहा था। उसने मेरे हाथ अपने दोनों चूतड़ों पर लगाए और अपनी गांड को उठा दिया।
फिर उसने मेरा लंड पकड़ा और अपनी चूत पे’ लगाया और बोली- अब करो। मैं थोड़ा सा झुका और एक ही झटके में उसकी चूत में अपना लंड उतार दिया।
उसने कहा- स्पेंक करो।
मतलब वो मुझे चूतड़ों को थप्पड़ लगाने को कह रही थी।
मैंने उसके स्पेंक किया.. एक ही हाथ में उसकी गांड लाल हो गई।
वो बोली- डरो मत.. करो.. मजा आ रहा है।
पर मेरा उसे स्पेंक करने का मन नहीं किया और मैं उसे चोदता रहा।
वो फिर से चिल्लाई और एक बार फिर झड़ गई।
उसके चूतरस की वजह से मेरा लंड बाहर आ गया और उसके उसके सफ़ेद पानी से मेरा पूरा लंड में रस में भिड़ा हुआ था।
वो बोली- बस करो.. मेरी जान लोगे क्या?
मैंने कहा- अब क्या करूँ.. तुम्हारे नशे में मेरा डिस्चार्ज ही नहीं हो रहा।
उसने शरारती स्माइल दी और मेरे लंड को कस कर पकड़ लिया और बोली- आज तो तू गया राज़।
उसने इतनी सख्ती से मेरे लौड़े को पकड़ा कि मेरे लंड में दर्द होने लगा।
वो बोली- बहुत तेज़ है न ये तेरा शेर.. आज शेर का शिकार करुँगी।
ऐसा कह कर वो मेरी गोद में आ गई और मुझे चूमने लगी.. मेरे कान में तो कभी गले पर..
वो पूरे अरमान निकाल लेना चाहती थी। फिर वो नीचे गई और बोली- अभी बताती हूँ इस शेर को…
ऐसा कह कर उसने मेरा लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी।
काफी देर तक चूसने के बाद बोली- क्या हुआ है तुझे.. तू झड़ क्यूँ नहीं रहा।
मैं बोला- ज्यादा जल्दी है क्या.. या और करने का मन नहीं है?
वो बोली- बताऊँ अभी..
और लपक कर मेरे लंड पर चढ़ गई।
वो मेरी गोद में थी और हम एक-दूसरे की गर्दन को चूस रहे थे।
वो मेरी गोद में उछल रही थी।
मैंने उसको कस कर पकड़ा और पीछे गिरा दिया।
मैं फिर से मिशनरी अवस्था में उसके ऊपर आ गया.. वो थकने लगी थी।
उसकी आवाज धीमी पड़ने लगी और वो करहाने लगी।
वो सिसकारियां निकाल रही थी जो कि मुझे और ज्यादा जोश दे रही थीं।
मैं और जोर से धक्के लगाने लगा और उसने अचानक से शरीर को अकड़ लिया और मुझे जोर से पकड़ लिया।
वो फिर से झड़ने वाली थी, वो चिल्लाई और बोली- बस राज़… बस… बस..
मैं भी एक-दो धक्कों में उसी के अन्दर झड़ गया।
उसने मुझे जकड़ रखा था.. हम दोनों की साँसें टकरा रही थीं।
इस दो घंटे की चुदाई में तो वो 3 बार झड़ गई थी।
मेरा लंड उसी के अन्दर पड़ा रहा। मैं उसके होंठों को चूस रहा था। मैंने हटने की कोशिश की.. पर उसने मुझे नहीं छोड़ा।
हम थोड़ी देर तक ऐसे ही पड़े रहे। उसे थोड़ी देर में अपनी पकड़ ढीली की, मैं अभी भी उसके ऊपर था।
वो भावुक हो रही थी.. मैंने पूछा- क्या हुआ?
वो बोली- मैं अपनी शादी को लेकर हमेशा से ही उत्साहित रही थी.. पर मेरा नसीब देखो.. ऐसा पति मिला जो मुझे संतुष्ट भी नहीं कर सकता।
मैंने कहा- क्यूँ परेशान हो रही हो.. मैं हूँ ना.. जब तक मैं हूँ.. तब तक तुम्हें चिंता करने की जरुरत नहीं है।
वो बोली- कुछ वक्त में तुम भी बदल जाओगे.. कोई गर्ल-फ्रेंड बनेगी तो तुम मेरी तरफ देखोगे तक नहीं।
मैंने कहा- गर्ल-फ्रेंड मेरा लंड काट कर थोड़े न रख लेगी। मैं हमेशा तुम्हारे लिए तैयार रहूँगा।
ऐसा कह कर मैंने उसको एक गहरा चुम्बन ले लिया।
अभी रात के 12.30 हुए थे.. मुझे भूख लग रही थी।
हमने फिर से थोड़ा सा खाना खाया। यह हमारा ‘न्यूड-डिनर’ था।
रात को कोई 3 बजे के आस-पास एक बार और धमाकेदार चुदाई हुई। हम चार बजे सोए.. तो सुबह 10 बजे आँख खुली।
मेरा उससे हटने का मन नहीं कर रहा था। मैंने उसके लिए चाय बनाई और उसे जगाया।
इतने में दरवाजे पर घन्टी बजी और देखा कि पूजा वापस आ गई थी।
उसने हँस कर पूछा- कैसी रही तुम्हारी रात?
योगिता ने पूजा से कहा- राज़ अब मेरा है.. मैं इसे तुम्हें नहीं दूँगी।
पूजा बोली- रख लो.. लेकिन जब मेरा मन करेगा तो थोड़ी देर के लिए तो मिलेगा ना।
योगिता बोली- हाँ.. लेकिन थोड़ी देर के लिए और ये कह कर उसके मुझे गले से लगा लिया।
चलते समय उसने मुझे 10000 रूपए दिए।
मैंने मना किया तो उसने बोला- मैं जानती हूँ.. तुम नहीं लोगे, पर मेरे लिए ये रख लो.. अब तुम मेरे राज़ हो।
मैं पूजा और योगिता दोनों के साथ चुदाई के रिश्तों में काफी वक्त तक रहा।
फिर पूजा के पति का कोलकाता ट्रान्सफर हो गया और वो चली गई।
जब पूजा को मेरी जरूरत होती है वो मुझे बुला लेती है।
योगिता से आज भी मेरा रिश्ता है।
पूजा ने अपनी और सहेलियों को भी मेरी ग्राहक बनाया.. वो मैं अपनी अगली कहानी में बताऊँगा।
तब तक के लिए राज़ को इजाजत दीजिए। मुझे ईमेल करके अपने विचार व्यक्त करना ना भूलें।
मुझे आपके कमेंट्स और सलाह का इन्तजार रहेगा। [email protected]
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