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शालिनी की कहानी शालिनी की ज़ुबानी…
दोस्तो, मेरा नाम शालिनी है। आज मैं अपनी सेक्स लाइफ के बारे में लिख रही हूँ।
कहानी थोड़ी लंबी है इसलिए कई भागों में है, पर मेरा वादा है कि हर भाग आपको एक नये रोमांच का अनुभव करायेगा…
मेरी शादी को दो साल हो चुके है, मेरे पति का नाम रजत है।
मैं बहुत ही सेक्सी हूँ, जब मेरी शादी हुई थी तब मैं एकदम दुबली-पतली थी, लेकिन अब कुछ मोटी हो गई हूँ, पर आज भी मैं बहुत ही ज़्यादा सेक्सी हूँ और खूब मज़े ले-ले कर चुदवाती हूँ।
मेरी उम्र अब चौबीस साल है। जब मेरी शादी हुई थी तब मेरी उम्र बाईस साल और उनकी उम्र पच्चीस साल की थी।
दोस्तो, मेरी मुश्किल ये है कि मेरे पति का लण्ड बहुत ही छोटा है। उनका लण्ड खड़ा होने के बाद भी केवल चार या साढ़े चार इंच लंबा और बस डेढ़ इंच मोटा हो पाता है।
जब मेरी शादी हुई थी तब मेरी चूत बहुत टाइट और छोटी थी।
सुहाग-रात को जब उन्होंने अपने छोटे से लण्ड से मुझे चोदा तो भी मेरी चूत से खून आ गया था। सुहाग-रात को उन्होंने मुझे पांच बार चोदा था।
जैसा कि मैंने आपको बताया, मैं बहुत ही सेक्सी औरत हूँ। उनके छोटे से लण्ड से मेरी प्यास नहीं बुझ पाती थी। मैं खूब मोटा और लंबा लण्ड अपनी चूत में लेना चाहती थी। लेकिन शरम के मारे कुछ कह नहीं पाती थी।
लगभग डेढ़ साल तक मैं उनसे खूब चुदवाती रही, लेकिन मुझे पूरी तरह मज़ा नहीं आता था। वो मुझको चोदते समय बहुत जल्दी झड़ जाते थे, मेरी चुदाई कभी भी पांच-दस मिनट से ज़्यादा नहीं कर पाते थे।
मैं इस बात को समझती थी कि उनका लण्ड छोटा है, इसलिए वो मुझे पूरी तरह से संतुष्ट नहीं कर पाते थे।
और एक दिन आख़िरकार मैंने उनसे हिम्मत करके कहा- रजत, प्लीज़ बुरा मत मानना, तुम्हारा लण्ड तो किसी बच्चे की तरह है और बहुत ही छोटा है… मुझे तुम्हारे लण्ड से पूरा मज़ा नहीं आता और मैं भूखी ही रह जाती हूँ… मैंने कई मर्दों को पेशाब करते हुए देखा है, उन सबका लण्ड ढीला रहने पर भी तुम्हारे लण्ड से बहुत लंबा और मोटा था… मैं सोचती हूँ, वो जब खड़ा होता होगा तब कितना लंबा और मोटा हो जाता होगा, शायद इसीलिए मुझे तुम्हारे लण्ड से चुदवाने में मज़ा नहीं आता… रजत प्लीज़, मैं अपनी चूत में और ज़्यादा लंबे और मोटे लण्ड को अंदर लेना चाहती हूँ… अपनी शादी को अब डेढ़ साल हो गए हैं, मैं अब तक शरम के मारे तुमसे कुछ बोल नहीं पा रही थी, लेकिन अब मैं अपनी भूख को ज़्यादा दिन बर्दाश्त नहीं कर पा रही हूँ… जब तुमने मुझे सुहाग-रात के दिन चोदा था तब मेरी चूत एकदम टाइट थी और मुझे केवल दो-चार दिनों तक ही थोड़ा बहुत मज़ा आया… जान, मैं कई दिनों से ही तुम्हारे छोटे लण्ड के बारे में कहना चाहती थी, लेकिन मैं शरम के मारे और तुम्हे बुरा ना लगे इसलिए कुछ भी नहीं बोली… अब हमारी शादी को डेढ़ साल हो गए हैं और मैं तुमसे खुल कर बात कर सकती हूँ, इसलिए मैं आज तुमसे तुम्हारे लण्ड के बारे में कह रही हूँ…
उन्होंने कहा – शालिनी मेरी जान, मैं अपनी कमी जानता हूँ और तुम्हारे दर्द को भी समझ सकता हूँ… मैंने बहुत इलाज़ कराया, लेकिन ये नहीं बढ़ा… मैं क्या करूँ, तुम ही कुछ बताओ? मैं तुम्हें तलाक़ नहीं दे सकता, क्यूंकि मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ… तुम मुझे छोड़ कर मत जाना, नहीं तो मैं मर जाऊँगा…
मैंने कहा- मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और तुम्हारा दर्द समझ सकती हूँ, लेकिन क्या करूँ, तुम्हारी चुदाई से मेरी भूख शांत नहीं होती… पहले थोड़ा-बहुत मज़ा भी आता था लेकिन अब तो वो भी नहीं आता…
वो सोच में पड़ गए…
मैं बहुत अच्छे से जानती हूँ दोस्तो, आप ये जानने के लिए बहुत उत्सुक होंगे कि मेरे पति रजत ने आखिर मुझसे फिर क्या कहा?
सभी औरतें ये भी सोच रही होंगी कि क्या सही में कोई औरत इतनी हिम्मत कर सकती है कि अपने पति से ये सब बोल सके, तो मेरी प्यारी सहेलियों मैं आपको बताना चाहूंगी कि पति को धोखा देकर गैर मर्द से चुदने से कहीं अच्छा है उसका विश्वास हासिल करके अपनी समस्याओं का निराकरण करना।
अगर कोई छोटे लण्ड वाले पति की पत्नी ये कहे कि उसकी चूत प्यासी नहीं है तो हम सभी जानते है ये सफ़ेद झूठ होगा…
तो मेरे प्यारे दोस्तो, और मेरी सहेलियों मुझे जरूर बताएं कि क्या मैं गलत थी?
आपकी बहुमूल्य राय का मैं बेसब्री से इंतज़ार करुँगी। कुछ देर बाद वो बोले- अगर मैं एक मोटी मोमबत्ती ला कर तुम्हें मोमबत्ती से चोद दूँ, तो कैसा रहेगा? मैं कुछ देर सोचने के बाद राज़ी हो गई।
दूसरे दिन वो बाज़ार से एक मोमबत्ती ले आए।
जब उन्होंने मुझे वो मोमबत्ती दिखाई, तो मैंने कहा- ठीक तो है।
वो मोमबत्ती लगभग आठ इंच लंबी और डेढ़ इंच मोटी थी।
फिर मैंने कहा– लेकिन, ये तो आदमियों के लण्ड से बहुत पतली है… चलो फिर भी, इस से मेरी भूख कुछ हद तक तो शांत हो ही जाएगी… आओ बेडरूम में चलते हैं… तुम ये मोमबत्ती मेरी चूत में डाल कर खूब चोदो मुझे आज…
इसके बाद हम बेडरूम में आ गए और मैं बेड पर लेट गई।
उन्होंने मेरी साड़ी उठाई और मेरी पैंटी उतार कर मेरी चूत को चाटने लगे।
मेरी चूत में तो हमेशा ही आग लगी रहती थी, दो-तीन मिनट में ही मैं पूरे जोश में आ गई और सिसकारियाँ भरने लगी।
फिर मैं बोली- रजत, अब देर मत करो। मैं बहुत दिनों से भूखी हूँ। डाल दो पूरी मोमबत्ती मेरी चूत में और ज़ोर-ज़ोर से चोदो इस मोमबत्ती से मुझको।
वो बोले- ठीक है, मेरी जान मैं तुम्हारी चूत में ये मोमबत्ती डाल कर चोदता हूँ और तुम मेरा लण्ड चूसो।
वो फ़ौरन नंगे होकर मेरे ऊपर 69 की पोज़िशन में हो गए।
मैं उनका लण्ड चूसने लगी और उन्होंने मोमबत्ती को मेरी चूत में डालना शुरू कर दिया।
मोमबत्ती उनके लण्ड से बहुत ज़्यादा मोटी नहीं थी इसलिए आराम से मेरी चूत में लगभग पांच इंच तक घुस गई।
मेरे मुँह से केवल एक हल्की सी सिसकारी भर निकली। उन्होंने मोमबत्ती को मेरी चूत में और ज़्यादा नहीं डाला और अंदर-बाहर करने लगे।
मैं सिसकारियाँ भरने लगी। पांच मिनट तक वो मोमबत्ती को मेरी चूत में अंदर-बाहर करते रहे। मैं बहुत ज़्यादा जोश में आ गई और उनके लण्ड को और तेज़ी के साथ चूसने लगी।
वो समझ गए कि अब मैं झड़ने वाली हूँ और दो मिनट में ही मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया।
मैंने कहा- रजत, मुझे बहुत मज़ा आ रहा है, पूरा अंदर डालो ना इस मोमबत्ती को मेरी चूत में।
उन्होंने मोमबत्ती को थोड़ा और ज़्यादा मेरी चूत के अंदर डाला तो मुझे कुछ दर्द महसूस हुआ। वो मोमबत्ती अब तक मेरी चूत में छः इंच तक घुस चुकी थी।
मैंने कहा- रुक जाओ, रजत, अब और ज़्यादा मत डालो… दर्द हो रहा है… इतना ही अंदर डाल कर चोदो मुझे।
उन्होंने मोमबत्ती को तेज़ी से मेरी चूत में अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया। मैं सिसकारियाँ भरने लगी। वो भी बहुत जोश में आ गए थे और मेरे मुँह में ही झड़ गए।
मैंने उनके लण्ड का सारा पानी निगल लिया। वो मोमबत्ती को मेरी चूत में और ज़्यादा तेज़ी के साथ अंदर-बाहर करने लगे।
आठ-दस मिनट बाद ही मैं फिर से झड़ गई और बोली- रजत, बहुत मज़ा आ रहा है… काश, तुम पहले ही ये मोमबत्ती ले आते और मेरी चूत में डालकर चोदते तो मैं इतने दिन भूखी ना रहती… रजत, अब देर ना करो, डाल दो पूरी मोमबत्ती मेरी चूत में और खूब ज़ोर-ज़ोर से अंदर-बाहर करो…
उन्होंने उस मोमबत्ती को मेरी चूत में पूरा अंदर डाल दिया और तेज़ी से अंदर-बाहर करने लगे।
मुझे थोड़ी देर के लिए कुछ दर्द हुआ, लेकिन बाद में मज़ा भी आने लगा। थोड़ी ही देर में मैं और ज़्यादा जोश में आ गई और अपना चुत्तड़ उछाल-उछाल कर मोमबत्ती को पूरा अंदर लेने लगी।
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। अभी दस मिनट भी नहीं बीते थे कि मैं फिर से एक बार झड़ गई। अब तक मैं तीन बार झड़ चुकी थी।
झड़ने के बाद मैं और जोश में आ गई और ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगी – रजत, मुझ से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है। खूब तेज़ी के साथ अंदर-बाहर करो इस मोमबत्ती को मेरी चूत में।
वो भी जोश में आ गए थे और उनका लण्ड दूसरी बार फिर से एक दम तन गया था।
वो बोले- शालिनी, मैं भी बहुत जोश में आ गया हूँ और मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया है, अगर तुम कहो तो मैं एक बार चोद लूँ।
मैंने कहा- मुझे इस मोमबत्ती से बहुत मज़ा आ रहा है… मेरा मज़ा बीच में मत खराब करो, प्लीज… अभी मुझे मोमबत्ती से ही चोदो, बाद में तुम चाहे जितनी बार चोद लेना…
वो मेरे जोश को देखकर एकदम हक्के-बक्के हो गए और उन्होंने मुझे उस मोमबत्ती से चोदना ज़ारी रखा।
मैं पूरे मज़े के साथ मोमबत्ती को अपने चूत के अंदर ले रही थी। उन्होंने और तेज़ी के साथ मोमबत्ती को मेरी चूत में अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया।
पांच मिनट भी नहीं गुज़रे कि मैं एक बार फिर से झड़ गई। मैं अब तक चार बार झड़ चुकी थी।
वो मुझे तीस-पैंतीस मिनट में चार बार झड़ता हुआ देखकर सोच में पड़ गए।
पिछले डेढ़ साल की चुदाई में मैं कभी-कभी ही झड़ती थी।
अपने पति से हुई बातचीत ने मेरे डेढ़ साल की अनबुझी प्यास तो बुझा दी थी पर क्या मैं ऐसे ही मोमबत्ती से चुदवा कर अपनी प्यास बुझती रही या आगे मेरी जिंदगी ने कोई और मोड़ भी लिया…
अपनी आगे की दास्तान ले कर मैं फिर से जल्द ही हाज़िर हूँगी…
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