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दोस्तो, आपने मेरी पिछली कहानी गोरी की कोरी चुदाई पढ़ी.. मुझे बहुत सारे मेल आए.. तो मेरा मन किया कि मैं आपके साथ दूसरी कहानी भी साझा करूँ।
मेरे बारे में तो आप सब जानते ही हैं मैं यूपी का रहने वाला हूँ। लेकिन मैं अब दिल्ली में पढ़ाई कर रहा हूँ। मेरी उम्र 23 साल है और मेरा कद 5 फुट 9 इन्च का है।
अब मैं सीधे अपनी कहानी पर आता हूँ।
कुछ दिन शिवानी के साथ बिताने के बाद उसके पापा का ट्रान्सफर हो गया और वो सपरिवार दूसरे शहर चले गए। तब मैं अकेला रह गया और नई-नई चूतों के सपने देखने लगा।
तभी मैंने एक दिन अपनी दूध वाली आन्टी की लड़की देखी।
वो दिखने में एकदम मस्त थी.. उसका रंग साफ था और उसकी छवि बहुत ही अच्छी थी। उसका फिगर 32-26-34 का था। उसके होंठ एकदम गुलाबी थे और दोस्तों उसकी पिछाड़ी तो एकदम मस्त थी.. जब वो मटक-मटक कर चलती थी तो किसी का भी लण्ड सलामी देने लगता।
आप ये सोच रहे होंगे कि मैं उससे मिला कैसे.. तो मैं आपको बताता हूँ।
एक दिन दूध वाली आन्टी को बुखार आ गया.. तो उनकी जगह उनकी लड़की दूध देने आई।
मैं तो बहुत दिनों का प्यासा था। मैं उसे घूर कर देखने लगा।
मैंने उससे पूछा- आन्टी नहीं आईं।
तो उसने कहा- मम्मी को बुखार आ गया और पापा नौकरी पर चले गए.. इसलिए मैं आ गई।
मैंने उससे उसका नाम पूछा.. उसने अपना नाम काजल बताया और वो चली गई।
मैं बहुत खुश था। मैं नई चूत के सपने देखने लगा। उस दिन मैंने उसके बारे में सोच कर दो बार मुठ मारी और अगले दिन का इन्तजार करने लगा।
अगले दिन वो फिर आई.. मैं तो पहले से तैयार था।
दोस्तों क्या मस्त माल लग रही थी वो.. उसने लाल रंग का सलवार-सूट पहना हुआ था.. जो उस पर बहुत अच्छा लग रहा था।
मैंने उससे कहा- आज तुम बहुत सुन्दर लग रही हो।
उसने ‘थैंक यू’ कहा और मेरी तरफ मुस्कुरा कर देखने लगी।
मेरा तो उसको देखते ही लण्ड तम्बू बनकर लोअर से बाहर झाँकने लगा। मैंने उसे छुपाने की बहुत कोशिश की लेकिन उसने वो देख लिया।
उसके चेहरे पर मुझे अजीब से भाव दिखाई दिए। फिर वो शरारत से हँस कर दूध देकर जाने लगी।
मैंने ना चाहते हुए भी उसे पीछे से जाकर पकड़ लिया। वो छूटने का नाटक करने लगी।
मैंने उससे कहा- तुम मुझे अच्छी लगती हो..
मैं उसे होंठों पर चुम्बन करने लगा।
पहले तो उसने थोड़ा विरोध किया लेकिन बाद मैं वो मेरा साथ देने लगी। मैं उसे गोद में उठा कर कमरे में ले आया और उसे बिस्तर पर लिटा दिया। उसके विरोध न करने से ये तय हो चुका था कि उसका मन भी चुदने का था।
हम दोनों एक-दूसरे को चुम्बन करने लगे। मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया.. उसने कच्छी नहीं पहनी थी। साली की चूत भी सफाचट थी।
मैंने उससे पूछा- आज ही साफ़ की?
वो मुस्कुरा कर बोली- हाँ.. तुम्हारे ही लिए की।
मैं उसकी बात सुन कर मस्त हो गया और उसका कुरता भी उतार दिया।
नीचे ब्रा भी नहीं थी।
उसके ठोस मम्मे देख कर मैं शिवानी की चूचियाँ भूल गया।
मैंने उसके आम जैसे मम्मों को चूसने के लिए अपना मुँह आगे को बढ़ाया और उससे कहा- आज मुझे अपना ही दूध पिला दो।
उसने कुछ नहीं कहा.. बस वो शरमा गई।
फिर मैं उसके स्तनों को चूसने लगा। मुझे बहुत मजा आ रहा था और मैं एक हाथ से उसकी चूत में ऊँगली करने लगा। उसकी चूत गीली हो चुकी थी।
मैंने उससे लण्ड चूसने को कहा.. लेकिन पहले तो उसने शर्मा कर मना कर दिया, पर मेरे थोड़ा कहने पर वो मान गई।
फिर वो मेरे लण्ड को चूम कर चूसने लगी और मैं उसकी चूत में ऊँगली कर रहा था। उसके मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं.. वो मेरे लण्ड को मजे से चूस रही थी।
लगभग 10 मिनट के बाद मैं उसके मुँह में ही झड़ गया उधर उसकी चूत ने भी पानी छोड़ दिया।
फिर हम ऐसे ही लेटे रहे। मैं उसके स्तनों से खेल रहा था।
मैं फिर से दूसरे राउंड के लिए तैयार था। मैंने उसे उठाया और उसके चूतड़ों के नीचे दो तकिए लगा दिए।
मैं लण्ड को उसकी चूत के ऊपर रगड़ने लगा..
वो मचलने लगी और कहने लगी- जल्दी डालो ना प्लीज.. अब मत तड़फाओ.. डाल दो न..
मैंने पोजीशन सैट की और लण्ड को उसकी चूत पर लण्ड लगा कर अन्दर की ओर हल्का सा धक्का लगाया। लण्ड का सुपारा उसकी चूत में चला गया, उसके मुँह से हल्की सी कराहने की आवाज आई।
मैंने दूसरे धक्के में पूरा का पूरा लण्ड उसकी चूत में पेल दिया.. अब वो दर्द से छटपटाने लगी और लण्ड को निकालने की कोशिश करने लगी। मैंने उसके होंठों पर होंठ रख दिए और चूसने लगा। उसकी आँखों से आंसू आने लगे।
मैं कुछ देर तक रुका रहा.. जब वो कुछ नार्मल हुई.. तो मैंने धक्के लगाने शुरू कर दिए।
लगभग 7-8 मिनट के बाद वो दूसरी बार झड़ गई। मैंने अपनी रफ्तार बढ़ा दी और कुछ देर बाद वो फिर से अकड़ गई.. उसी के साथ उसने मुझ कस कर पकड़ लिया.. और वो झड़ गई। फिर वो निढाल होकर शान्त हो गई। कुछ और झटकों के बाद मैं भी झड़ गया और उसी के ऊपर गिर गया। हम कुछ देर ऐसे ही लेटे रहे फिर हम फ्रेश हुए और फिर वो चली गई।
फिर वो अगले 5 दिनों तक रोज आई और हम ऐसे ही चुदाई करते रहे।
फिर जब कभी उसे मौका मिलता.. वो दूध देने के बहाने आ जाती और हम चुदाई करते।
कुछ महीने बाद उसकी शादी हो गई और वो अपने ससुराल चली गई।
अब मैं फिर से अकेला हो गया और नई चूत को खोजने में लग गया। आपको मेरी कहानी कैसी लगी.. प्लीज़ मुझे मेल जरूर करना.. भूलना नहीं..
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