This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
Malkin ke Sath Naukrani ko bhi Choda-1 नमस्कार दोस्तो, अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार।
मैं इस वेबसाइट का प्रशंसक हूँ।
आज मैं आप लोगों के साथ अपने साथ घटित एक वाकिया पेश कर रहा हूँ लेकिन उससे पहले मैं आपको अपने बारे में बता दूँ।
मेरा नाम श्लोक है, मैं अहमदाबाद में रहता हूँ। अब अपने बारे में अधिक क्या बताऊँ यारों..
सभी यही कहते हैं कि मैं स्मार्ट हूँ।
मेरा लन्ड 7 इन्च है या 9 इन्च है.. मैं इस तरह से झूठ नहीं बोलने वाला हूँ.. मुझे लगता है कि ये तय करने का मौका तो लड़कियों को ही देना चाहिए।
फिर भी अपने बारे में थोड़ा बता देता हूँ। मैं दिखने में ठीक हूँ, पर लोग मुझे सेक्सीबॉय कहते हैं।
मुझे चोदने का हुनर.. मेरी बहुत सारी गर्लफ्रेंड्स से मिला है।
आज तक ये सुख मुझे नए-नए तरीकों से मिल रहा है, तो उनको मेरी तरफ़ से शुक्रिया।
अब मैं अब कहानी पर आता हूँ।
मैं कॉलबॉय कैसे बना.. इसके पीछे मेरी एक पुरानी गर्ल-फ्रेंड थी.. उसका नाम पायल था।
वो मेरी चुदाई से परिचित थी.. पर उसकी शादी हो गई और वो अपने ससुराल सूरत चली गई.. पर फिर भी हम कभी फोन पर बात कर लेते और जब भी वो अहमदाबाद आती तो कुछ जुगाड़ करके हम दोनों चुदाई भी कर लेते थे।
मैंने उससे कहा था- कोई लड़की तो सैट करवा दो।
उसने कहा- मैं तो हूँ किसी की तुमको क्या जरुरत है?
तो मैंने उससे कहा- यार तू महीने में दो-तीन दिन के लिए आती है और कभी तो तीन-चार महीने भी लग जाते हैं.. तब तक क्या मैं मुठ ही मारता रहूँ?
हालांकि उसे यह नहीं पता था कि उसके जाने के बाद कितनी लड़कियों को ठोक चुका हूँ।
एक बार पायल का फोन आया, उसने मुझसे पूछा- एक शादीशुदा लड़की है.. चोदना चाहोगे?
मैंने उससे कहा- मेरे साथ मजाक मत करो… तुम मुझे किसी को ठोकने का कह रही हो और शादीशुदा लड़की.. लड़की नहीं होती औरत होती है।
तो पायल ने कहा- मैं सच कह रही हूँ.. मेरी एक सहेली है मानसी.. उसकी शादी अहमदाबाद में ही हुई है.. और उसकी शादी को तीन महीने ही हुए हैं। उसका पति शादी के दो महीने बाद ही अमेरिका चला गया है। मानसी ने मुझे कॉल करके सब बताया है कि उसका चुदवाने का बहुत मन करता है.. पर वो कुछ कर नहीं सकती.. वो बड़ी ही रॉयल फैमिली से है.. कहीं बाहर चुदवाने जाए और किसी को पता चल गया.. तो बदनामी हो सकती है। वो कहती है कि दिन तो कैसे भी निकल जाता है.. पर रात को चूत को लंड की याद आ ही जाती है और रात को ऊँगली डाल-डाल कर थक गई है। मानसी का मुझसे यही कहना है कि अब उससे नहीं रहा जा रहा है और मैं उसके लिए कुछ कर सकती होऊँ तो जल्दी करे।
मैंने कहा- हम्म.. फिर..?
फिर पायल बोली- मैंने सोचा.. कि कभी मेरे पति भी ऑफिस के काम से तीन-चार दिन बाहर रहते हैं तो मुझे भी चूत में ऊँगली डालनी पड़ती है.. पर उसमें लंड से चुदवाने जितना मजा कहाँ मिलता है, सो मैंने उसकी परेशानी समझी और मैंने उसको तुम्हारे बारे में बताया है.. क्या तुम उसकी मदद करोगे?
मेरे मन में तो बहुत सारे लड्डू फूटने लगे.. पर मैंने अपने जोश को होश से सम्भाला और नाटक करने लगा- जान, मैंने तुम्हारे अलावा किसी के साथ मैंने चुदाई नहीं की है और अब तुम ही मुझको किसी को चोदने का कह रही हो?
पायल ने मुझसे कहा- नाटक मत करो.. मुझे पता है कि तुम उसको चोदना चाहते हो और मेरी शादी होने के बाद तुमको भी चुदाई के लिए चूत चाहिए.. इसलिए मैंने तुम्हारा नाम लिया है।
मैंने उससे कहा- तुमने मेरे बारे में सोचा.. यही बहुत है.. तुम उसको मेरा फोन नम्बर दे देना और कॉल करने का बोलना।
फिर पायल ने कहा- ठीक है.. पर देखना इस बात का किसी को पता ना चले।
मैंने कहा- कोई पागल ही होगा.. जो मुँह तक आया लड्डू ना खाए.. फ़िक्र मत करो.. मैं किसी को नहीं बताऊँगा।
फिर एक रात दो बजे किसी का फोन आया.. मैं तुरन्त समझ गया था कि ये मानसी का ही फोन होगा।
फिर भी मैंने फोन उठा कर कहा- कौन बोल रहा है?
तो उसने कहा- मैं मानसी बात कर रही हूँ मुझे पायल ने आपका नम्बर दिया है।
मैंने कहा- हाँ हाँ… मानसी जी.. आप फोन काटिए.. मैं आपको फोन करता हूँ।
मैंने फोन काट कर उसी नम्बर पर वापिस कॉल लगाई।
फिर हमने बात की।
मैं- जी मानसी जी.. कैसी हो आप?
मानसी- कुछ ठीक नहीं है श्लोक.. आपको तो पायल ने मेरे बारे में सब बताया ही होगा और मुझे सिर्फ मानसी ही कहो।
मैं- हाँ मानसी.. मुझे पायल ने सब बताया है.. तुम फ़िक्र मत करो.. मैं तुमको निराश नहीं करूँगा और तुम मुझ पर पूरा भरोसा कर सकती हो डियर.. पर हम कब मिल सकते हैं?
मानसी- हम तीन दिन के बाद मिलेंगे.. मेरे ससुराल के लोग सूरत जा रहे हैं.. उधर एक रिश्तेदार की शादी है.. पर मैं कुछ भी बहाना बना कर यहीं पर रुक जाऊँगी।
मैं- ठीक है.. मैं उस पल का इन्तजार करूँगा डियर..
उस रात हम दोनों ने फोन पर ही कामुक बातें करते-करते अपना पानी भी गिराया और कब सुबह हो गई.. पता ही नहीं चला।
फिर हम सो गए।
मुझे अब उस दिन का इन्तजार था कि कब मैं उसको मिलूँ और उसको चोदूँ।
हमारी हर रात को फोन पर बात होने लगी और फोन पर ही चुदाई करने लगे।
फिर जिस दिन का हम दोनों को इंतजार था.. वो आ ही गया।
मानसी का सुबह कॉल आया और उसने कहा- सब सूरत जाने के लिए निकल गए हैं… तुम दस बजे तक मेरे घर पर आ जाना.. मैं तुमको पता मैसेज करती हूँ।
मैंने कहा- तुमने यही पर रहने के लिए सबको कैसे मना लिया?
उसने कहा- मेरी तबीयत ठीक नहीं है मैंने यही बहाना बना दिया.. पर उन्होंने मेरी नौकरानी को मेरे पास रहने का बोल कर गए हैं। तुम चिंता मत करो वो मैं देख लूँगी.. तुम सिर्फ वक्त से आ जाना।
मैंने मानसी की कैसे चुदाई की.. इसका रस आपको अगले भाग में मिलेगा। हजारों कहानियाँ हैं.. अन्तर्वासना डॉट कॉम पर।
दोस्तों.. मेरी कहानी आपको कैसी लगी.. मेरी कहानी पर अपने विचार मुझे जरूर बतायें। मुझे जरूर मेल करें। कहानी जारी रहेगी।
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000