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दोस्तो, मेरा नाम राहुल है, मैं उदयपुर राजस्थान से हूँ। मेरी उम्र 23 साल है और मेरा कद 5 फुट 8 इंच का है, मैं बहुत अच्छे परिवार से हूँ।
मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। आज मैं आपको अपनी सच्ची घटना बता रहा हूँ इस घटना के बाद मेरी जिन्दगी ही बदल गई।
आशा करता हूँ आप सभी को अच्छी लगेगी।
ये बात 6 महीने पहले की है.. मेरे पिताजी के बचपन के दोस्त की बेटी की शादी थी। पिताजी को व्यापार के सिलसिले में मुम्बई जाना था तो उन्होंने मुझे शादी में जाने को कहा.. मैं तैयार हो गया।
अगले दिन सुबह ड्राईवर के साथ जयपुर के लिए रवाना हो गया। मैं उधर दिन में ही पहुँच गया।
वहाँ पर मेरी बहुत आवभगत हुई, क्योंकि मैं बहुत दिनों बाद उनके घर गया था.. बचपन में मैं बहुत जाता था।
अंकल के एक बेटा और बेटी हैं.. उन्हें मैं अपना भाई-बहन ही मानता हूँ।
फिर भाई से मिल कर दीदी के पास गया.. उनसे बातें कीं.. दीदी बहुत खुश हुईं.. हमने खूब बातें की.. उसके बाद साथ में ही खाना खाया।
दीदी ने मुझसे कहा- तुम आराम करो.. शाम को डांस का प्रोग्राम है।
मैं अपने कमरे में जाकर सो गया।
शाम को 7 बजे नीचे आया.. खाना खाकर डांस प्रोग्राम देखने लगा।
दीदी की नजर मुझ पर पड़ी.. तो उन्होंने मुझे बुलाया।
मैं उनके पास गया.. दीदी ने मुझे डांस के लिए कहा, मैं मना कर रहा था.. पर वो नहीं मानी.. क्योंकि उनको पता था कि मैं डांस बहुत अच्छा करता हूँ और खास तौर पर राजस्थानी।
मैं राजस्थानी गाने पर डांस करने लगा.. वहाँ पर मौजूद सभी लोग मुझे देखने लगे।
फिर मैंने दीदी को भी साथ में ले लिया और हम दोनों डांस करने लगे। फिर तो बहुत सी लड़कियां भी आ गईं।
उन में से एक भाभी थीं.. जो मुझसे काफी चिपक रही थीं। मेरा हाथ पकड़ कर डांस करने लगीं। वे कभी मेरे बदन पर हाथ घुमातीं.. तो कभी अपनी गाण्ड मेरे लंड पर रगड़तीं।
उसकी हरकतों से मेरा लंड खड़ा हो गया.. आखिर मैं भी एक नौजवान हूँ.. कब तक अपने आपको संभालता। मेरा खड़ा लंड वो अपनी गाण्ड पर महसूस कर रही थी।
मैंने ‘सॉरी’ कहा.. तो उसने कहा- कोई बात नहीं..
फिर उसने मेरा हाथ पकड़ा और हाथ उठा कर डांस करने लगी।
उसने मेरा हाथ अचानक छोड़ दिया जिससे मेरा हाथ उसके मम्मों पर गिर गया।
मैं हाथ हटाने लगा.. तो उसने अपना हाथ मेरे हाथ पर रख कर दबा दिया। ये सब इतना जल्दी हुआ कि मुझे पता ही नहीं चला।
मैं उनसे ‘सॉरी’ कह कर दूर हो गया.. उसने मेरी आँखों में देखा और मुस्कुरा कर चली गई।
वो जाकर अपनी जगह पर बैठ गई।
फिर मैंने उसे ध्यान से देखा.. क्या मस्त भाभी थी.. उसकी 34-28-34 की फिगर.. मस्त गुलाबी होंठ.. खुले बाल.. और गुलाबी साड़ी में कयामत ढा रही थी।
मेरी और उसकी आँखें टकराईं.. उसने मुझे आँख मारी।
मैं दूसरी ओर देखने लगा।
वो मुझे बार-बार अपनी कातिल निगाहों से देख रही थी.. मानो मुझे कुछ इशारा कर रही हो।
पूरे प्रोग्राम में यह सब चलता रहा.. पर मैं कुछ समझ नहीं पाया।
प्रोग्राम करीब 11 बजे खत्म होने के बाद मैं अपने कमरे में आ गया।
मैंने अपने कपड़े खोले.. मैं अंडरवियर और बनियान में ही सोने लगा.. पर थकान के कारण नींद नहीं आई, तो मैंने कॉल करके वेटर से एक बीयर मंगवा ली।
वेटर बीयर दे कर चला गया.. वैसे मैं रोजाना नहीं पीता हूँ.. कभी-कभी पी लेता हूँ।
मैं बीयर पीकर सोने लगा और मैं दरवाजा अन्दर से बन्द करना भूल गया।
थकान के कारण मुझे कब नींद आई.. पता ही नहीं चला।
रात को करीब एक बजे मुझे अपने शरीर पर कुछ महसूस हुआ.. मैंने आँख खोल कर देखा तो वो ही भाभी मेरे बेड’ पर मेरे साथ थीं.. उन्होंने मेरे लंड को मुँह में ले रखा था और जोर-जोर से चूस रही थीं और मेरा 8 इंच का लंड पूरा तन चुका था।
मैंने अपने आपको उनसे दूर किया और भाभी को कहने लगा- यह आप क्या कर रही हैं भाभी जी?
तो वो मेरे ऊपर आ गई और मुझे चूमने लगी.. फिर मेरे होंठों को अपने होंठों पर लगा कर चूमने लगी।
मैंने भाभी को पकड़ कर दूर किया और उनसे कहा- ये आप क्या कर रही हो? आप शादीशुदा हो.. ये सब गलत है।
तो उनका चेहरा उतर गया.. उनकी आँखें भर आईं.. वो रोने लगी।
मुझे कहने लगी- मेरी शादी को एक साल होने को आया है.. पर मेरे पति ने सुहागरात को ही एक बार सम्भोग किया और उनका ‘वो’ छोटा भी है.. उन्होंने मुझे सन्तुष्ट भी नहीं किया और अगले ही दिन विदेश चले गए। मैं कब से प्यासी हूँ.. मेरी प्यास बुझा दो।
फिर मैंने उनको बाँहों में लिया चुप कराने लगा और भाभी को चूमने लगा।
उनके होंठों पर अपने होंठ रख कर चुम्बन करने लगा।
क्या होंठ थे उनके… मैं मदहोशी से उनके होंठों का रस-पान करने लगा।
उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी.. मैं उसकी जीभ को चूसने लगा।
कभी वो मेरी जीभ को चूसती.. कभी मैं उसकी जीभ को चूसता।
मैंने उनकी साड़ी उतारी और उनके गले पर.. कंधे पर.. कान के पीछे.. चूमने लगा।
फिर उनके मम्मों पर ब्लाउज के ऊपर से चुम्बन करने लगा।
उसके बाद उनका ब्लाउज खोल दिया। गुलाबी रंग की ब्रा में कैद मम्मे बहुत मस्त लग रहे थे।
मैं उनके मम्मों को दबाने लगा। फिर उनकी ब्रा को भी उतार दिया.. उनके मम्मे अब आजाद हो गए।
क्या मस्त मम्मे थे.. और उन पर गुलाबी निप्पल.. हय.. मैं उनके एक मम्मे को मुँह में लेकर चूसने लगा और दूसरे को दबाने लगा। उनके मुँह से सिसकारीयाँ निकलने लगीं- आह.. आ… आह ह सी.. चूसो.. और जोर से चूसो.. सारा दूध पी लो।
मैंने भाभी के निप्पल चूस-चूस कर लाल कर दिए.. फिर उनके पेट को चूमने लगा और उनका पेटीकोट भी उतार दिया।
भाभी ने गुलाबी रंग की ही पैन्टी पहनी थी। क्या लग रही थी वो.. उनकी पैन्टी चूत के रस से गीली हो गई थी।
मैं उनकी चूत पैन्टी के ऊपर से ही चाटने लगा। फिर एक झटके मे मैंने पैन्टी उतार दी।
भाभी की मस्त क्लीन-शेव कुँवारी गुलाबी चूत देखकर मैं दंग रह गया।
उनकी चूत को निहारने लगा तो भाभी ने पूछा- क्या देख रहा है?
तो मैंने कहा- आप की चूत तो बिल्कुल कुँवारी है।
‘इसीलिए तो तुम्हारे पास आई हूँ.. ताकि तुम्हारा लंड लेकर अपनी चूत की आग को शान्त कर सकूँ..’
मैं उनकी चूत को एकटक देख रहा था।
भाभी ने कहा- अब सिर्फ देखते ही रहोगे या प्यार भी करोगे।
उनकी चूत के पास गया.. क्या महक आ रही थी..
फिर मैं भाभी की चूत को चूमने लगा, अपनी जीभ से चूत को चुभलाने लगा।
उनके मुँह से मीठी-मीठी सिसकारियाँ निकलने लगीं- आआहह आआय सीसीसीसी…
उन्होंने अपना हाथ मेरे सिर पर रखा और अपनी चूत पर मेरे मुँह पर दबाने लगीं।
करीब 5 मिनट उनकी चूत चाटने के बाद वो अकड़ने लगी और उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया.. जिसे मैं पी गया।
उन्होंने मेरे लंड को अपने कोमल हाथों में लिया और प्यार से सहलाने लगी।
फिर 8 इंच के लंड को मुँह में लेकर चाटने लगी। वो मेरा लंड लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी.. मैं तो जैसे जन्नत की सैर करने लगा। कभी मेरे लंड को चूसती.. तो कभी मेरे अंडकोषों को मुँह में लेकर चूसती.. और कभी मेरे लंड को मम्मों पर रगड़ती।
थोड़ी देर मेरा लंड चूसने के बाद मुझे लगा मैं झड़ने वाला हूँ.. तो मैंने भाभी से कहा.. तो वो ओर जोर से मेरा लंड चूसने लगीं। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं ! तभी एक जोर की पिचकारी मेरे लंड से निकली और मैं झड़ने लगा।
मेरा सारा पानी वो मजे लेकर पीने लगी और मेरे लंड को चाट-चाट कर साफ कर दिया।
पूरा पानी चूसने के बाद भी वो मेरे लंड को चूसती रही।
मेरा लंड 2 मिनट में फिर से खड़ा हो गया।
भाभी मुझसे कहने लगी- मेरी जान… अब मुझसे और सहन नहीं होता.. चोद दो मुझे.. मेरी सारी प्यास बुझा दो.. अपने फौलादी लंड से..
मैंने भाभी के पैरों को अपने कन्धों पर लिया और उनकी चूत पर लंड को रगड़ने लगा।
वो गरम हो कर कहने लगी- अब और मत तड़पाओ.. जल्दी से पेल दो..
मैंने लंड को चूत पर सैट किया और एक झटका दिया.. मेरा आधा लंड चूत में चला गया और उनके मुँह से चीख निकल गई। ‘आआआआ मार डाला… लंड को बाहर निकालो.. मुझे नहीं चुदना.. बहुत दर्द हो रहा..’
साली की चुदास खत्म हो गई थी और मेरी बढ़ गई थी।
मैं उनके मम्मों को दबाने लगा.. चुम्बन करने लगा।
कुछ देर बाद उनका दर्द कम हुआ और वो अपनी गाण्ड उठाने लगी.. तो मैं समझ गया और पूरा लंड चूत में ठेल दिया.. उसकी फिर से चीख निकल गई।
मैं फिर से उन्हें चूमने लगा।
थोड़ी देर बाद वो मस्ती में आ गई और कहने लगी- चोदो मुझे और जोर से चोदो…
मैं जोर-जोर से उसे चोदने लगा.. वो मादक सिसकारियाँ लेने लगी।
‘आआअआअ..’
करीब 5 मिनट चोदने के बाद मैंने आसन बदलने के लिए बोला.. तो वो घोड़ी बन गई और मैंने पीछे से लंड पेल दिया और दनादन चोदने लगा।
लगभग 20 मिनट की जोरदार चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था.. मैंने उससे कहा- मैं झड़ने वाला हूँ..
तो वो बोली- मेरी चूत बहुत प्यासी है.. अपने लंड के पानी से मेरी चूत भर दो।
वो एक बार पहले झड़ चुकी थी और दुबारा हम साथ साथ झड़ने लगे।
मैं उसके ऊपर ढेर हो गया। कुछ देर ऐसे ही लेटे रहे।
मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा। वो हँसने लगी और मुझसे कहने लगी- तुम्हारे लंड में बहुत जान है।
उस रात मैंने उनको 4 बार चोदा.. वो मुझसे बहुत खुश हो गई थी।
हम दोनों साथ में ही सो गए। अगले दिन भी मैंने उनकी चुदाई की। वो मेरे लंड की दीवानी हो गई। उसके बाद भी मैंने कई बार उनको चोदा।
उसके बाद मैंने उनकी सहेली के साथ भी मजे लिए.. वो अगली कहानी मैं आपको बताऊँगा।
कैसी लगी दोस्तो मेरी सच्ची घटना.. मुझे ईमेल करके बताइएगा। आप सभी के ईमेल का मुझे इंतजार रहेगा। [email protected]
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