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मेरा नाम महेश है, दिल्ली में रहता हूँ, उम्र अभी 22 साल है। मैं 5’8” का हूँ। मेरे लंड का साइज़ 7″ के करीब है और मोटाई 2″ है। मैं अभी आजकल कॉल-सेंटर जॉब कर रहा हूँ।
आज मैं आप लोगों को अपनी पहली कहानी सुनाता हूँ।
यह मेरी सच्ची कहानी है, मैं कहानी पहली बार लिख रहा हूँ इसलिए हो सकता है कि कुछ गलती भी हो जाए और कोई चीज छूट भी जाए तो उसके लिए मैं आप सबसे पहले ही क्षमा मांगता हूँ।
उसका नाम पूजा है जो मेरे कमरे के बगल में किराए से रहती थी। उसकी लम्बाई भी मेरे जितनी ही है। वो ज्यादा गोरी तो नहीं थोड़ी सांवली है, लेकिन वो दिखती मस्त है, उसके मम्मों की साइज़ 30” है और शरीर से बहुत मादक लगती है। उसकी गाण्ड भी बहुत मस्त है, दिल करता है कि उसे सहलाता ही रहूँ और हमेशा उसकी गाण्ड में अपना लंड डाले रहूँ।
जब पहली बार मैंने उसे देखा तो उसी वक्त उससे मुझे प्यार हो गया और उसे भी मुझसे प्यार हो गया था।
एक ही उम्र होने के कारण वो हमेशा मुझे नाम से बुलाती थी। मेरे हंसमुख स्वभाव वह मुझसे खुल गई थी और हम सब हर एक बात साझा करने लगे थे।
बात आज से 6-7 महीने पहले की है, एक दिन मकान-मालिक की बहन की शादी थी तो मैंने और पूजा ने बियर का इन्तज़ाम किया था। जब सब लोग सोने जा रहे थे तो वो मुझसे बोली- चलो सोने चलते हैं, आज तुम मेरे ही कमरे पर सो जाओ।
मैंने सोचा कि इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा, तो मैं उसके साथ सोने चल दिया। रात के करीब 2 बजे उसका हाथ मेरे लंड पर था और मुझे छेड़ने लगी। मैं नीद में सोने का नाटक करते हुए मैं चुप था। कभी वो मेरी बांह में चुटकी काटती तो कभी मेरी कमर में।
अब मुझसे नहीं रहा गया। फिर मैंने पहली बार उसकी बांह में चुटकी काटी। वो कुछ नहीं बोली। फिर मैंने उसके गाल पर चुटकी काटी। वो फिर भी कुछ नहीं बोली। फिर मैंने हिम्मत करके उसकी समीज़ के ऊपर से ही उसके मम्मे पर चुटकी काटी, वो कुछ नहीं बोली तो मैं समझ गया कि आज ये लड़की देने के मूड में है।
फिर मैं उसकी समीज़ के ऊपर से ही उसके मम्मे दबाने लगा और चूमने लगा। फिर मैंने उसकी होंठों की चुम्मी ली। कम से कम 5 मिनट तक मैं उसके होंठों का चुम्बन करता रहा। वो कुछ नहीं बोल रही थी, सिर्फ़ मुझे अपनी बाँहों में कसे हुए थी।
मैं उसके दोनों मम्मों को बारी-बारी से चूसता रहा, कभी मैं उसके होंठ को चूम लेता तो कभी मैं उसके मम्मों को चूसता। एक हाथ से मैं उसके दूसरे मम्मे को दबा रहा था, तो दूसरे हाथ से मैं उसकी चूत में ऊँगली कर रहा था।
उसकी चूत गीली हो चुकी थी। उसने पैंटी भी नहीं पहन रखी थी तो मेरी ऊँगली आसानी से सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत में जा रही थी।
अब उसे मजा आने लगा था, वो बहुत जोर से आवाज करने लगी थी- उन्नह्हह.. चूसो ज्जूऊऊओर से! वो जोर जोर से चिल्ला रही थी।
फिर मैंने उसके मम्मों को चूसना छोड़ कर उसके होंठ को अपने होंठों में लेना शुरु कर दिया। उसकी तेज सिसकारियों से मुझे डर लग रहा था कि कहीं नीचे से मकान-मालिक न सुन ले।
मैंने दरवाजा बंद किया और फिर से उसके मम्मे दबाने शुरु कर दिए और चूसता भी रहा।
कुछ देर के बाद वो फिर से गर्म हो गई।
फिर मैंने अपना पैंट खोला और अपना लंड उसके हाथ में थमा दिया। मेरा लंड अब तन गया था।
मैंने अपना लंड उसके हाथों में पकड़ा दिया। वो पहले तो शरमाई। लेकिन कुछ देर के बाद जब मैंने फिर से पकड़ाया तो उसने पकड़ लिया।
मैंने उससे बोला- इसे सहलाओ और आगे-पीछे करो।
वो वैसा ही करने लगी। मैंने फिर उसकी चूत में एक ऊँगली डाल दी, वो जोर-जोर से आवाज करने लगी, “आह्हह्ह..”
वो मेरे लंड को जोर-जोर से आगे-पीछे करने लगी और मैं उसकी चूत में जोर-जोर से ऊँगली करने लगा।
कुछ ही पलों में वह जोर से चिल्लाने लगी।
फिर मैंने कुछ देर के बाद मैंने उसकी सलवार भी उतार दी। वाह… क्या मस्त चूत थी.. चूत पूरी भीगी हुई थी।
उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था, लगता था कि उसने आजकल में ही शेव किया हो, चूत पूरी पावरोटी की तरह फूली हुई थी।
फिर मैंने उसे अपना लंड चूसने के लिए बोला।
उसने मेरा लंड चूसना शुरु कर दिया। थोड़ी देर बाद मैंने उसकी चूत को चूसना शुरु कर दिया। वो चिल्लाने लगी- आह्हह्हह..
मैं अपनी जीभ से उसे चोद रहा था, वो जोर से आवाज कर रही थी- ये.. तूने यययईईईह क्कक्या कर दिया.. मेरी चूत में आग लग रही है.. कुछ कर!
मैं लगातार उसे चूसता रहा। वो जोर से चिल्ला रही थी और अपना हाथ से मेरे सिर को अपनी चूत के ऊपर धकेल रही थी।
कभी-कभी वो मेरा सर दोनों जांघों में जोर से दबा रही थी।
कुछ देर के बाद उसने अपनी चूत से पानी छोड़ दिया। मैंने सारा का सारा पानी पी लिया।
वो मुझे देख रही थी और जोर से हाँफ़ रही थी। जैसे वो कई मील से दौड़ कर आई हो।
फिर मैंने उसे पीठ के बल लिटाया और उसके गाण्ड के नीचे तकिया लगा दिया और उसके पैरों को फैलाया।
फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत में फंसा दिया। जब मेरा लंड का सुपाड़ा ही उसकी चूत में गया तो वो जोर से चिल्लाने लगी।
‘नहीं.. मुझे छोड़.. दोओ.. आआहह अपना लंड निकाल लो।’
लेकिन मैंने अनसुना करते हुए एक जोर का धक्का लगाया। वो और जोर से चिल्लाई।
फिर मैंने उसके होंठ पर चुम्बन करते हुए उसके मुँह को बंद किया और धक्का लगाता गया।
वो छटपटा रही थी और अपने बदन को इधर से उधर करने लगी लेकिन मैं माना नहीं और मैं धक्का पर धक्का लगाते गया।
उसके आंखों से आंसू निकल रहे थे। कुछ देर के बाद मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया। फिर मैं कुछ देर के लिए उसके ऊपर ही पड़ा रहा।
कुछ देर के बाद वो शांत हुई और मैंने अपना लंड निकाला।
वह कहने लगी- मुझे नहीं चुदवाना..
तो मैंने अपना लंड निकाल लिया और मैं उसके मम्मों को चूसने लगा और एक हाथ से उसके बालों और कानों के पास सहलाने लगा। कुछ देर के बाद मैंने उसके कानों को भी चूमना शुरु कर दिया।
तो फिर कुछ देर के बाद वो फिर से गरम हो गई। फिर मैंने धीरे-धीरे धक्का लगाना शुरु किया। पहले तो वो चिल्लाई लेकिन कुछ देर के बाद जब उसकी कमर हिलने लगी तो मैंने पूछा- मजा आ रहा है?
वो बोली- हाँ महेश, बहुत मजा आआआआ राआआअ हा हाआइ…
कुछ देर के बाद मैंने अपनी रफ्तार बढ़ा दी।
अब पूरी मस्ती में थी, वो इतनी मस्ती में थी कि पूरे शब्द भी नहीं बोल पा रही थी।
मैं अपनी रफ्तार धीरे-धीरे बढ़ाता जा रहा था।
‘हाआआअन राआ.. ऐसीईईए और जोर से चोदो.. फाड़ दो चूत को आज.. आज कुछ भी हो जाए लेकिन मेरी चूत फाआआड़े बगैर मत छोड़ना.. आआआअह..’
मैंने उससे कहा- मेरा निकलने वाला है।
तो उसने कहा- मैं भी आने वाली हूँ।
हम दोनों एक साथ अपना लावा निकालने की तैयारी में आ गए और मैंने उससे पूछा- मैं कहाँ निकालूँ?
तो उसने कहा- अन्दर ही निकाल दो और कल मेरे लिए दवा भी लेते आना आआ और जोर स्सीईईए म्मम्मा..
कुछ देर के बाद मैंने पाया कि मेरा लंड पानी से भीग रहा है और मुझे लगा कि वह पानी छोड़ रही है।
वो नीचे से कमर उठा-उठा कर चिल्ला रही थी और बड़बड़ा रही थी- हाआआअन और चोदो.. मेरी चूत को आज मत छोड़ना.. इसे भोसड़ा बना देना.. हाय महेश मैं झड़ने वाली हूँ..
मैं भी झड़ने के करीब पहुँच गया था क्योंकि हम लोग लगातार पंद्रह-बीस मिनट से चुदाई कर रहे थे।
मैंने बोला- ले.. मैं भी झड़ने वाला हूँ..
मैंने एकदम से अपनी रफ्तार बढ़ा दी, वो कुछ देर में वह झड़ गई।
कुछ देर के बाद मैं भी झड़ गया। उसने मुझे कस कर बाँहों में जकड़ लिया। मैं भी उसके मम्मों के ऊपर पड़ा रहा।
कुछ देर के बाद उसने मेरा लंड और मैंने उसकी चूत को साफ़ किया।
फिर हम लोगों ने कपड़े पहने और कुछ देर तक एक-दूसरे के बाँहों में पड़े रहे हम लोग !
सुबह 6 बजे मैं अपने कमरे पर आ गया।
उसके बाद हम लोगों को जब भी मौका मिलता था हम लोग चुदाई कर लिया करते थे।
उसके कुछ दिन के बाद उसकी शादी हो गई। वो अपनी ससुराल चली गई।
कैसी लगी आपको यह कहानी, मुझे आप लोगों का मेल का इन्तज़ार करूँगा। अच्छा और बुरा जैसा भी लगे, मुझे मेल जरूर करिएगा, मुझे आपके कमेंट्स का बड़ी बेसब्री से इन्तजार रहेगा।
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