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Fufaji ne Meri Maa Chod Di-3 मैं मोनू एक बार फिर आप लोगों को मेरी मम्मी की कहानी बता रहा हूँ।
मेरी माँ एक बेहद ही खूबसूरत और काफ़ी आकर्षक महिला हैं। उनका रंग गोरा और चेहरा इतना सुन्दर है कि जो भी उनको देखता है बस देखता ही रह जाता है।
मेरे फूफाजी के साथ उनके जिस्मानी रिश्ते थे, जो सिर्फ उन दोनों के अलावा शायद मुझे ही पता है।
फूफाजी हमारे घर आते-जाते हैं और मौका मिलने पर मम्मी और फूफाजी चुदाई जरूर करते हैं ऐसा मैंने कई बार देखा है।
अब मैं आपको उस दिन की कहानी को बताने जा रहा हूँ, जब मेरे पापा ने मेरे दादा जी को हॉस्पिटल में भर्ती करवा रखा था।
पापा और दादी उनके पास ही रात को रुकते थे।
रात को हमें डर नहीं लगे इसलिए बुआ और फूफाजी हमारे घर सोते थे।
फूफा जी दिन में दादा जी के पास रहते थे और पापा और दादी रात को वहाँ सोते थे।
एक दिन फूफाजी रात को आए, पर बुआ को नहीं लाए थे।
बस अपने बेटे को लाए थे।
बुआ को घर में किसी काम के बहाने छोड़ आए थे, घर पर रात को बस में, मम्मी और मेरी बहन और मेरा भाई थे।
हम सबको एक कमरे में सोना था और फूफाजी को दूसरे कमरे में सोना था।
हम लोग शाम को खूब खेले और मम्मी घर के काम में व्यस्त थीं और फूफाजी टीवी देख रहे थे।
रात में जब खाना खाने के बाद मैं अपने कमरे में गया तो मैंने अपने बगल वाले कमरे में कुछ बातें होते हुए सुनी, मैं समझ गया कि ये आवाजें फूफाजी और मेरी मम्मी की हैं।
मैंने ध्यान से सुना तो पाया कि फूफाजी मम्मी से कह रहे थे- रात में जब बच्चे सो जाएँ, तो तुम मेरे कमरे में आ जाना.. मैं दरवाजा खुला छोड़ कर सोऊँगा.. बस पूरे कपड़े उतार कर आना.. मजा आएगा.. आते ही चुदाई करेंगे।
सबके सो जाने के बाद मैंने मम्मी को अपने सारे कपड़े उतारते हुए देखा तो समझ गया कि आज की रात मम्मी फूफाजी के साथ बितायेंगी।
मम्मी अपने सारे कपड़े उतारने के बाद बगल के कमरे में चली गईं।
जब मम्मी कमरे में गईं उस समय फूफाजी बाथरूम में गए हुए थे।
मम्मी कमरे में जाकर खड़ी हो गईं। तभी फूफाजी बाथरूम से निकले।
उस समय वो भी पूरी तरह से निर्वस्त्र थे।
जब मैंने उनके लण्ड को देखा तो उसकी लम्बाई को देख कर मैं समझ गया कि उसकी लम्बाई साढ़े सात से आठ इन्च की होगी। फूफाजी का लण्ड पूरी तरह से तना हुआ था।
फूफाजी मम्मी के पीछे आकर खड़े हो गए, मम्मी फूफाजी को देख कर मुस्कुराईं और उनके गले से चिपक गईं।
मम्मी के चिपकने के बाद फूफाजी ने मम्मी की गाण्ड पर एक हाथ को रखते हुए सहलाया।
इसके बाद फूफाजी ने मम्मी को पकड़ कर पीछे घुमा दिया और मम्मी की गाण्ड से अपने लण्ड को सटा दिया।
फूफाजी ने क्रीम को अपने लण्ड पर लगा कर मम्मी से कुछ कहने लगे, जो मैं सुन नहीं पा रहा था।
शायद मम्मी फूफाजी को किसी बात के लिए मना कर रही थीं, पर फूफाजी मान नहीं रहे थे।
वो तो बस अपने लंड पर क्रीम लगा रहे थे।
फिर उन्होंने लंड मम्मी की गाण्ड पर लंड लगा कर और एक जोर से झटका मारा, तो मम्मी के मुँह से जोर से आवाज निकली, जो कि मेरे कान तक पहुँचने के लिए काफ़ी थी।
फूफाजी ने एक हाथ से मम्मी के कमर को पकड़ लिया और अपने कमर को हिलाने लगे।
अब फूफाजी ने अपने कमर को हिलाते हुए मम्मी से पूछा- दर्द तो नहीं हो रहा?
तो मम्मी ने कराहते हुए बताया- हो रहा है…
इतना सुन कर फूफाजी ने एक जोर का झटका मारा तो मम्मी जैसे उछल पड़ीं।
मम्मी ने फूफाजी से कराहते हुए धीरे-धीरे झटके मारने के लिए बोला लेकिन उनकी इस बात का फूफाजी पर कोई भी असर नहीं पड़ा और वो मम्मी को वैसे ही पेलते रहे।
वैसे तो वो अपनी कमर को जोर-जोर से ही हिला रहे थे लेकिन जब अपने कमर को थोड़ा और तेजी से झटका लगाते तो मम्मी की हालत देखते ही बनती थी।
कुछ देर के बाद फूफाजी ने मम्मी को ड्रेसिंग-टेबल के सामने खड़ा कर दिया और मम्मी की चूत को देख-देख कर पेलने लगे।
मम्मी की चूत पर अपने हाथ रखने के बाद वो मम्मी को वैसे ही झटके लगाते रहे और मम्मी की गाण्ड में अपने पूरे लण्ड को घुसा दिया।
अब उनका पूरा लण्ड मम्मी की गाण्ड में चला गया था।
कुछ देर तक उसी तरह से झटका लगाने के बाद फूफाजी की कमर की रफ्तार बढ़ने लगी..
तो मैं समझ गया कि उनका सब अब अन्तिम चरण पर था।
मेरा सोचना बिलकुल ही सही था क्योंकि कुछ देर के बाद देर तक फूफाजी मम्मी के कन्धे पर अपना सर टिका कर शान्त पड़े रहे।
मम्मी और फूफाजी की साँसें बहुत जोर से चल रही थीं।
कुछ देर तक वैसे खड़े रहने के बाद फूफाजी ने अपने लण्ड को मम्मी के गाण्ड से निकाल दिया। अब मम्मी बाथरूम में चली गईं। फूफाजी भी उनके पीछे चले गए।
कुछ देर के बाद जब दोनों बाहर निकले तो मैंने देखा कि मम्मी ने फूफाजी के लण्ड को अपने एक हाथ से पकड़ रखा था।
कमरे में आने के बाद दोनों बिस्तर पर बैठ गए।
अब फूफाजी ने मम्मी को इशारे से लण्ड को चाटने के लिए बोला।
मम्मी फ़र्श पर बैठ गईं और फूफाजी के लण्ड को अपने मुँह में लेकर चाटने लगीं।
फूफाजी मम्मी की चूचियों को अपने हाथ में लेकर धीरे-धीरे दबाने लगे।
लगभग पांच मिनट के बाद जब फूफाजी पूरी तरह से गरम हो गए तो मम्मी को लण्ड को छोड़ने के लिए बोला।
मम्मी ने जब लण्ड को मुँह से निकाला तो फूफाजी का लण्ड पूरी तरह से तन चुका था।
अब फूफाजी का लण्ड मम्मी की चूत में जाने के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुका था।
अब फूफाजी ने मम्मी को बिस्तर पर लेटने के लिए बोला, मम्मी बिस्तर पर लेट गईं।
फूफाजी ने मम्मी की चूत के बालों को सहलाना शुरू किया।
इसी बीच फूफाजी ने मम्मी की चूत पर काट भी लिया।
मम्मी ने दर्द के मारे अपनी आँखें बंद कर लीं और जोर-जोर से साँसें खींचने लगीं।
इसके बाद फूफाजी ने मम्मी की चूत को अपने दोनों हाथों से फ़ैलाया और बोले- य झांटें तो बहुत ही ज्यादा हैं।
फूफाजी ने बगल की टेबल से पापा का शेविंग किट निकाल कर मम्मी की चूत के बाल साफ़ कर दिए।
इसके बाद फूफाजी मम्मी की जांघ पर बैठ गए, अब उनके लिए बर्दाश्त करना जैसे मुश्किल हो रहा था।
फूफाजी ने अपने लण्ड को एक हाथ से पकड़ कर मम्मी की चूत पर सटाया और दूसरे हाथ से मम्मी की चूत को फ़ैलाया।
फूफाजी ने अपने लण्ड को मम्मी की चूत के छेद पे रख कर अपनी कमर को हल्का सा आगे की तरफ़ धकेला, तो मम्मी के मुँह से हल्की सी सिसकी निकली।
मैं समझ गया कि मम्मी की चूत में उनका लण्ड का लाल टोपा भीतर चला गया होगा, लेकिन ऐसा नहीं था। मम्मी की चूत फूफाजी के लण्ड के लिए छोटी थी।
अब फूफाजी ने मम्मी के दोनों पैरों को मोड़ करके फ़ैला दिया और दोनों पैरों के बीच में आ गए।
अब मम्मी की चूत पर अपने लण्ड को सटा कर रगड़ने लगे।
दो मिनट तक ऐसा करने से मम्मी धीरे-धीरे गरम होने लगीं और तेज साँसें लेने लगीं।
कुछ देर के बाद मम्मी ने अपनी चूत को अपने दोनों हाथों से फ़ैला दिया और फूफाजी को लण्ड को घुसवाने के लिए बोलीं और कहा- अब बर्दाश्त नहीं हो रहा.. जल्दी डाल कर मुझे शांत करो।
फूफाजी ने अपने लण्ड को मम्मी की चूत के छेद पर रख कर जोर से झटका मारा तो मम्मी अपनी जगह से दो इन्च ऊपर खिसक गईं।
मैंने ध्यान से देखा तो पाया कि फूफाजी का लण्ड मम्मी की चूत में चला गया था।
अब फूफाजी अपनी कमर को धीरे-धीरे हिलाने लगे और मम्मी उनके हर झटके के साथ हिलने लगीं।
मम्मी के मम्मे हर झटके के साथ आगे-पीछे हिल रहे थे।
बीच-बीच में फूफाजी उनको मुँह में लेकर चूस रहे थे।
मम्मी कभी आँखें बंद करके सिसकारी लेतीं, तो कभी-कभी खुद के मम्मों को दबातीं।
मम्मी के दोनों हाथ फूफाजी की कमर और गाण्ड व सर के बालों पर फिर रहे थे।
फूफाजी ने मम्मी की चूत में से लंड निकाल कर उन्हें घोड़ी बना दिया और पीछे से चूत में लंड डाल दिया।
फूफाजी मम्मी की कमर पकड़ कर जोर-जोर से झटके मार रहे थे।
मम्मी बुरी तरह से सिसिया रही थी, मम्मी के मम्मे लटक कर हिल रहे थे और ऐसे लग रहे थे जैसे बस अभी टपक जायेंगे।
थोड़ी देर बाद फूफाजी ने मम्मी को सीधा लेटाया और मम्मी के ऊपर चढ़ गए और दोनों एक-दूसरे को अपनी बांहों में कस लिया। फूफाजी ने मम्मी के गाल पर एक पप्पी ली और एक जोर का झटका मारा तो मम्मी कराह उठीं। फूफाजी ने पूछा- दर्द कर रहा है? तो मम्मी ने कराहते हुए जवाब दिया- हां आऔऊऊऊऊऊ आह्हह्हइइ..।
अब फूफाजी ने मम्मी की दोनों कलाईयों को पकड़ कर एक जोर से झटका मारा तो मम्मी तो जैसे पूरी तरह से कांप गईं।
अब फूफाजी मम्मी की चूचियों को मुँह से पकड़ कर धीरे-धीरे पीने लगे और अपने कमर को धीरे-धीरे हिलाने लगे।
मम्मी अब पूरी मस्ती के साथ ‘आहें’ भरने लगीं।
अब फूफाजी ने अपने लंड को मम्मी के पूरा अन्दर ले जाने के लिए जोर-जोर से दो-तीन झटके मारे।
उनके तेज झटकों से ऐसा लगा रहा था, जैसे वो बस लंड आर-पार कर देंगे।
इस झटकों से तो मम्मी पूरी तरह से कांपते हुए मुँह से सिर्फ ‘आऊऊउ आह्हफ़’ की आवाज निकाल पा रही थीं और उधर फूफाजी अपने कमर को जोर-जोर से हिला रहे थे।
तभी मम्मी ने बोला- थोड़ा धीरे-धीरे अन्दर डालिए न आआ.. अह्हह्हह्हह्हह्ह।
अब फूफाजी ने मम्मी को बोला- अभी तो आधा ही अन्दर गया है। आज तो बस तुम्हारी चूत की ऐसी-तैसी करनी है, कई दिनों बाद मिली है.. आज इसको ऐसे ही दो दिन तक चोदूँगा।
यह कहते हुए फूफाजी ने जोर-जोर से तीन-चार झटके लगाए तो मम्मी ‘आआआऐईईईईईइ औआआआ’ की आवाज के साथ जैसे धीमी आवाज में चीख पड़ीं।
फूफाजी ने अपने लण्ड को थोड़ा बाहर निकाल दिया और मम्मी के दोनों चूचियों को फ़िर से मसलना शुरू कर दिया।
कुछ देर के बाद फूफाजी ने अपनी कमर को जोर-जोर से हिलाना शुरू कर दिया और मम्मी की “आअह्हह्हह्हह्हह ऊऊऊओह्ह” कराहती हुई आवाज आने लगी।
फूफाजी ने अपने होंठों को मम्मी के होंठों को कस लिया और जोर-जोर से झटके मारने लगे।
तब मम्मी अपने होंठों को आजाद करते हुए पूछा- अभी और कितना बाहर है राजा?
फूफाजी ने बोला- थोड़ा सा ही रहा गया है.. डाल दूँ पूरा?
तो मम्मी ने ‘हामी’ में अपने सर को हिलाया।
फूफाजी ने अपने कमर को जोर के झटके के साथ अपने लण्ड को पूरा अन्दर कर दिया।
कुछ देर तक जोर के झटके मारने के बाद फूफाजी ने एक तरफ़ से मम्मी के मम्मों को जोर से मसलना शुरू किया तो दूसरी तरफ़ मम्मी के होंठों को चूसना शुरू किया।
अब वो भी फूफाजी के सुर के साथ अपना ताल मिलाने लगी थीं। फूफाजी ने पूछा- मजा आ रहा है?
तो मम्मी ने सर ‘हां’ में हिलाया।
कुछ देर के बाद फूफाजी शरीर ऐंठने सा लगा और उन्होंने मम्मी को कस कर पकड़ लिया।
मम्मी भी उनसे चिपक गईं और दोनों टांगों से फूफाजी को कस लिया।
थोड़ी देर बाद फूफाजी मम्मी की चूत में लंड अन्दर तक डालने लगे और मम्मी इसमें उनका सहयोग करने लगीं।
उनका पूरा वीर्य मम्मी की चूत को गीला करने लगा तो मम्मी ‘आई लव यू मेरी जान आह्हह..’ करके अपने दोनों हाथों को फूफाजी के पीठ पर रगड़ते हुए पूरी तरह से फूफाजी के आगोश में खो गईं।
फूफाजी मम्मी के ऊपर निढाल हो कर पसर गए।
कुछ देर तक वैसे ही पड़े रहने के बाद फूफाजी ने उठ कर अपने लण्ड को निकाला फूफाजी ने मम्मी की चूत को देखा तो वो काफ़ी फ़ूल चुकी थी।
मम्मी थोड़ी देर चुपचाप वैसे ही लेटी रहीं और थोड़ी देर बाद उठ कर बाथरूम में गईं.. वहां फ्रेश होने के बाद वो जब बाहर आईं तो मुस्कुराते हुए फूफाजी की तरफ़ देखती रहीं।
फूफाजी ने पूछा- मजा आया?
तो बोलीं- बड़ा मजा आया.. पर आज तो तुमने मेरी चूत को और गाण्ड को सुजा दिया…
फूफाजी ने अपने लंड को सहलाते हुए कहा- कई दिनों बाद तुम्हारी चूत मिली थी तो क्या करता..
ऐसा कह कर उन्होंने मम्मी को अपनी और खींच लिया और इसके बाद मम्मी की एक बार और जबरदस्त चुदाई की।
इस बार तो मम्मी की आँखों से आंसू ही निकल गए थे।
यह पता नहीं कि वो ख़ुशी के थे या दर्द के थे।
मेरी मम्मी और फूफाजी की चुदाई के अभी और भी किस्से हैं मैं आपको और भी लिखूँगा।
आपके विचारों का मेरी ईमेल आईडी पर स्वागत है।
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